tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post112183717579494331..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: वसन्त, विद्यापति, नायिका और परसाईGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-73313465320809699752010-02-14T23:56:11.685+05:302010-02-14T23:56:11.685+05:30जाते हुए बसन्त की विदाई है क्या ये? शानदार तो है ह...जाते हुए बसन्त की विदाई है क्या ये? शानदार तो है ही.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-887587278739062772010-02-14T18:00:47.349+05:302010-02-14T18:00:47.349+05:30आप बसंत की चपेट में हालाकान हुए कि परसाई जी की..जो...आप बसंत की चपेट में हालाकान हुए कि परसाई जी की..जो भी हो, परसाई जी को कभी पढ़ा जा सकता है संपूर्ण आनन्द की स्थिति में सो ही आपको. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-9759819011698156852010-02-13T15:39:14.897+05:302010-02-13T15:39:14.897+05:30बसंत पर अद्भुत पोस्ट है बंधू...हम तो पढ़ते पढ़ते ह...बसंत पर अद्भुत पोस्ट है बंधू...हम तो पढ़ते पढ़ते ही पीत वर्ण को प्राप्त हो गए...पत्नी घबराई, समझ न पायी, डाक्टर के पास ले गयी, डाक्टर बोला इन्हें पीलिया हुआ है ...हम बोले रे मूर्ख डाक्टर पीलिया नहीं हुआ रे ये उस पोस्ट का असर है जो शिव ने परसाई जी की बसंत पर लिखी पढवाई है,और क्या तू अभी अँधा हुआ है? वो बोला क्यूँ? हम बोले बसंत के अंधे को पीला ही पीला दिखाई देता है...डाक्टर नाराज़ हो गया...हमने उसे आपकी पोस्ट की कापी दे दी जिसे पढ़ कर वो भी पीतवर्ण को प्राप्त हो गया...अब उसकी पत्नी भी घबरा कर उसे किसी दूसरे डाक्टर के पास ले गयी है...लगता है ये श्रृंखला अब सब डाक्टरों के पीतवर्ण प्राप्त करने के बाद ही रुकेगी...जय हो...वीरों का कैसा हो बसंत?<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-60550882623399234112010-02-13T14:08:44.856+05:302010-02-13T14:08:44.856+05:30इस ठेलमठेल के लिए शुक्रिया.इस ठेलमठेल के लिए शुक्रिया.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-40527168076320431622010-02-13T09:02:42.356+05:302010-02-13T09:02:42.356+05:30बहुत आनन्द आया। व्यंग्य - चिकोटी काटता और गुदगुदात...बहुत आनन्द आया। व्यंग्य - चिकोटी काटता और गुदगुदाता हुआ भी।<br /> <br />परसाई जी की बात ही अलग है।<br />कहीं कहीं वर्तनी की त्रुटियाँ रह गई हैं - सुधार लीजिए न !गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-8362828520003976922010-02-12T23:28:20.619+05:302010-02-12T23:28:20.619+05:309-10 की हिंदी की पुस्तक में ये व्यंग्य था.. तभ भी ...9-10 की हिंदी की पुस्तक में ये व्यंग्य था.. तभ भी बहुत पसंद था और आज भी....रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-71551180046699434242010-02-12T22:58:21.232+05:302010-02-12T22:58:21.232+05:30परसाईजी की जय हो!परसाईजी की जय हो!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-19442131354841028932010-02-12T22:45:33.626+05:302010-02-12T22:45:33.626+05:30Posted by ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandey at 1:1...Posted by ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandey at 1:10 PM<br /><br />इस बाईलाइन के बावजूद हम इस धाँसू आलेख की क्रेडिट शिवकुमार जी को ही देंगे। गुरुदेव ने उत्प्रेरक का कार्य भले ही किया हो।:)<br /><br />बेहतरीन लिखा है आपने हमेशा की तरह। आप का टीन टप्पर अब लिण्टर हो गया।:) बहुत बधाई।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-34664969290695436112010-02-12T19:59:28.534+05:302010-02-12T19:59:28.534+05:30बहुत अच्छी रचना।
इसे 13.02.10 की चिट्ठा चर्चा (सुब...बहुत अच्छी रचना।<br />इसे 13.02.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।<br />http://chitthacharcha.blogspot.com/मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-51825281311878794172010-02-12T16:48:27.964+05:302010-02-12T16:48:27.964+05:30अभी एकदम निःशब्दता की स्थिति में हूँ...कुछ भी नहीं...अभी एकदम निःशब्दता की स्थिति में हूँ...कुछ भी नहीं आ रहा दिमाग में सिवाय इसके कि ..." क्या लिखते थे ये लोग भी...उफ्फ्फ !!!ऐसा व्यंग्य जो हंसा हंसकर रुला दे...गंभीर चिंतन को विवश कर दे..."रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-49491080232116527562010-02-12T15:26:05.868+05:302010-02-12T15:26:05.868+05:30जी समझ गए वसंत आ गया है.
खिड़की से झाँका, बाहरी वा...जी समझ गए वसंत आ गया है. <br />खिड़की से झाँका, बाहरी वातावरण में अंतर नहीं दिखा. कोंक्रिट के जंगल में रहने का यही फायदा है. वसंत प्रुफ होता है. वसंत आए-जाए हमारी बला से. वियाग्रा का विज्ञापन देख मादकता का अनुभव होता है, जब चाहो मादक हो लो. साल भर. <br /><br />टिप्पणी को लेख की तोहिन न समझा जाय. हमारे स्वतंत्र विचार है, रख दिये. <br /><br />लेख पसन्द आया. लम्बाई थोड़ी ज्यादा लगी. बोल्ड लाइने पसन्द आई. वाकई बॉल्ड है! :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62932639227504459702010-02-12T14:10:12.465+05:302010-02-12T14:10:12.465+05:30यह वाकई आपका उपालम्भ है ? टीन छप्पर उड़े कैसे जब ज...यह वाकई आपका उपालम्भ है ? टीन छप्पर उड़े कैसे जब ज्ञान हनुमान खुद यहाँ विराजे हैं! कोई ब्लॉग कर्ण भी क्या डिगा पायेगा इस कृष्ण -अर्जुन /शिव ज्ञान रूपी जोड़ी को .....बम भोले ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-13226093703460753692010-02-12T14:04:27.666+05:302010-02-12T14:04:27.666+05:30अब तो कन्फर्म हो गया कि बसन्त आ गया है.अब तो कन्फर्म हो गया कि बसन्त आ गया है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com