tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post1255598253503954742..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: ऐ मेरे दाता.....Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-74862590154187808842011-09-28T01:36:49.937+05:302011-09-28T01:36:49.937+05:30गुरुदेव, सच कह रहे हैं - आपका यह लेख पढ़कर हमारी आ...गुरुदेव, सच कह रहे हैं - आपका यह लेख पढ़कर हमारी आँखें खुल गयी.<br />कुछ साल पहले जो एक बच्ची इसी तरह के रियलिटी शो के बाद डिप्रेशन में चली गयी थी (जिस पर आपने पहले भी लेख लिखा था). तबसे हमने ऐसे शो देखने बंद कर दिए थे. पर इस बार ऐसा लगा की बच्चों पर कोई प्रेशर नहीं है, और वे बढे खुश भी लगते थे, सो हम स-परिवार इस कार्यक्रम का मनोरंजन उठाते थे.<br />परन्तु यह लेख पढ़ कर समझ आ गया की बच्चों की तुतलाहट और मासूमियत ही उन्हें बच्चा बनाते हैं. वही इम्पेर्फेक्शन अनमोल है. परफेक्शन के लिए जीवन पढ़ा है. और भी बहुत कुछ. इनके लिए धन्यवाद करते हैं.<br />पी.एस. - कैलाश जी की दाता-पुकारों का अर्थ भी समझ आ गया :)mepretentioushttps://www.blogger.com/profile/08330058555798814638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-13826190311034469752011-09-24T10:47:01.391+05:302011-09-24T10:47:01.391+05:30गज़ब गुरुदेव !
कमाल का व्यंग्य लेखन और एकाग्रता है...गज़ब गुरुदेव !<br />कमाल का व्यंग्य लेखन और एकाग्रता है आपकी !<br />आभार आनंद दिलाने के लिए !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-3430970661835615102011-09-24T00:31:39.745+05:302011-09-24T00:31:39.745+05:30आदरणीय, आप वाकई महान हो इतना ज्वलंत विषय बिना किसी...आदरणीय, आप वाकई महान हो इतना ज्वलंत विषय बिना किसी व्यावसायिकता के उठाने के लिए आपको कोटिश धन्यवाद.....राजेंद्र अवस्थी.https://www.blogger.com/profile/07787603885536719123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-37481867150413646772011-09-23T20:44:43.712+05:302011-09-23T20:44:43.712+05:30सच कहा । छोटे छोटे बच्चों को अपने उम्र से आगे के ग...सच कहा । छोटे छोटे बच्चों को अपने उम्र से आगे के गीत और विक्षिप्त हाव भावों वाले नृत्य (?) करते देख कर क्षोभ होता है और मां बाप की सोच पर आश्चर्य कि क्यूं ये इन कच्चे फलों को दबा दबा कर पक्व बनाने के लिये उद्युक्त हैं ? उनका बचपन गिरवी नही रखा बेच खा गये ये लोग ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-70032915292540957842011-09-23T14:51:55.143+05:302011-09-23T14:51:55.143+05:30आपने करारा और मजबूत प्रहार किया है, हालाँकि अब कई ...आपने करारा और मजबूत प्रहार किया है, हालाँकि अब कई महीनो से टेलीविजन देखना सम्पूर्ण बंद हो गया है ..इस तरह के अनगिनत कार्यक्रम देखे याद नहीं आ रहा है किंतने विजेता को गवाया गया हो ( बच्चो के आलावा भी ) | सख्त सेंसरशिप की जरुरत है |<br />बचपन अगर हम दे नहीं पा रहे है तो उसे छिनने का हमें कोई अधिकार नहीं है | यह सारे<br />कार्यक्रम मदारी की तरह और लोगो को शामिल करने का षड़यंत्र कर रहे है | माता पिता <br />को संज्ञान लेने की आवश्यकता है बचपन को गर्त में डालने के होड़ में जाने की कोई जरुरत <br />नहीं है |गिरीशhttps://www.blogger.com/profile/02347926344164654287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-45935126241520581582011-09-23T07:32:16.711+05:302011-09-23T07:32:16.711+05:30सुंदर बात! ये रियलिटी शो सही में बड़ा बवाल काटे हैं...सुंदर बात! ये रियलिटी शो सही में बड़ा बवाल काटे हैं।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-46162156228753330302011-09-22T23:59:33.873+05:302011-09-22T23:59:33.873+05:30सत्यवचन!! For the same reasons I don't like wa...सत्यवचन!! For the same reasons I don't like watching circuses that have animal shows!Giribalahttps://www.blogger.com/profile/11481010044909052232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-1786851685116009142011-09-22T23:57:34.952+05:302011-09-22T23:57:34.952+05:30हाँ, परफेक्ट होने के चक्कर में इन बच्चों ने अपना ब...हाँ, परफेक्ट होने के चक्कर में इन बच्चों ने अपना बचपना कहाँ और किसके पास गिरवी रख छोड़ा है वह शोध और जांच, दोनों का विषय है. अगर शोध या जांच के बाद यह पता चल भी जाए कि कहाँ और किसके पास रखा गया है तो भी उस बचपने को वापस पाने का कोई अर्थ नहीं क्योंकि तबतक ये इतने उस्ताद हो चुके होते हैं कि इन्हें बचपने और मासूमियत के तीर-कमान की ज़रुरत ही नहीं रहती.<br /><br />बहुत जोर लिखें हैं बंधू...रियलिटी शो की धज्जियाँ बिखेर के रख दी हैं आपने...भाई वाह...आपकी पैनी नज़र को सलाम...<br /><br />मुझे अपना एक पुराना शेर याद आ गया:<br /><br />मंजिल को पहले छूने की कोशिश में देखिये<br />बच्चों ने अपना बचपना कुर्बान कर दिया <br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-15827829283551797642011-09-22T22:13:01.637+05:302011-09-22T22:13:01.637+05:30बहुत की सटीक व्यंग्य किया है, शिव-ज्ञान द्वय ने..र...बहुत की सटीक व्यंग्य किया है, शिव-ज्ञान द्वय ने..रियलिटी शो आजकल बचपन चुरा कर उसकी जगह क्षणिक शोहरत बाँट रहे हैं - जो भले ही टीवी चेनल्स को मालामाल कर रहा हो, बच्चो के लिए बड़ा ही घाटे का सौदा है. <br />काफी समय से शिव-ज्ञान का प्रशंसक रहा हूँ - परसाई जी के सही उत्तराधिकारी आप दोनों ही नज़र आते हैं मुझे. साधुवाद.hemanthttps://www.blogger.com/profile/08450614884538210224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-18951663447359540682011-09-22T21:29:03.286+05:302011-09-22T21:29:03.286+05:30अच्छा हुआ कि हम गुरुडम से बच गए वर्ना रियलटी की पल...अच्छा हुआ कि हम गुरुडम से बच गए वर्ना रियलटी की पलटी हो जाती:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-27891713610876277022011-09-22T20:49:30.509+05:302011-09-22T20:49:30.509+05:30बचपने के ये उदग्र प्रॉडीगल कुछ ही सालों में चुक चु...बचपने के ये उदग्र प्रॉडीगल कुछ ही सालों में चुक चुका जाते हैं। :(Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-23606795148099142522011-09-22T19:53:24.329+05:302011-09-22T19:53:24.329+05:30बच्चा आदमी का बाप होता है. और बाप की कमाई पर सबका ...बच्चा आदमी का बाप होता है. और बाप की कमाई पर सबका हक है, चैनल वालों का भी.<br /><br />जो मारे सो मीर, जो बेचे सो वीर.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-5303044220421564972011-09-22T19:26:29.070+05:302011-09-22T19:26:29.070+05:30मनुष्य तो बार्न टैलेंटड है फिर यह फिकर क्यूं?मनुष्य तो बार्न टैलेंटड है फिर यह फिकर क्यूं?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-87568459552753952172011-09-22T16:28:20.859+05:302011-09-22T16:28:20.859+05:30कमाल की पोस्ट है.
हमारे भूगोल के टीचर कहा करते थे...कमाल की पोस्ट है.<br /> हमारे भूगोल के टीचर कहा करते थे कि झारखण्ड के एक सुदूर गाँव में जब पहले पहल गाडी आई थी तो हरे-भरे गाँव के लोगों को फूलों की खुशबू के बीच गाडी में जला पेट्रोल-डीजल का धुंआ बहुत अच्छा लगता था और वो पास जा-जाकर सूंघते... और अब तो...Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-32243971699254397972011-09-22T15:53:31.323+05:302011-09-22T15:53:31.323+05:30हर कुछ अच्छी दिखने या सुनने वाली वस्तु को जो गला फ...हर कुछ अच्छी दिखने या सुनने वाली वस्तु को जो गला फाड़ फाड़ कर प्रसारित किया जा रहा है कि आलौकिक अनुभूति होती जा रही है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-67782203741169718512011-09-22T15:41:25.317+05:302011-09-22T15:41:25.317+05:30बहुत गंभीर मुद्दा उठाया है ....
इतने छोटे उम्र में...बहुत गंभीर मुद्दा उठाया है ....<br />इतने छोटे उम्र में कला की प्रतिस्पर्धा मुझे तो लगता है बिलकुल ही नहीं होना चाहिए...शीर्ष पर स्थान तो केवल एक ही होता है किसी भी प्रतिस्पर्धा में, तो एक के अलावे बाकियों की मनः स्थिति किसी ने देखी है,मंच के पीछे जाकर...<br />क्या गज़ब की तृष्णा है,दौड़ है, अतृप्त भूख है..पैसा प्रसिद्धि की यह अंधी दौड़ कहाँ लिए जा रही है...कुछ नहीं दिखाई देता किसी को...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-17751646505369982972011-09-22T14:19:58.669+05:302011-09-22T14:19:58.669+05:30हमारे यहाँ रिअलिटी प्रोडक्ट (शो) की आजकल भरमार है ...हमारे यहाँ रिअलिटी प्रोडक्ट (शो) की आजकल भरमार है सो चैनल वाले उससे अपनी जेब भर रहे है :), रही बात इन नन्हे वीरो की तो ,इनके लिए शब्द ही नहीं बयां करने के लिए इतने कम उम्र कितने अदभुत टलेंट सजोये हुए है . माता-पिता से यही आशा करते है की उनका ध्यान रखे.The Innovatorhttps://www.blogger.com/profile/09616751595799690484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-29381097984715165802011-09-22T13:34:36.558+05:302011-09-22T13:34:36.558+05:30अति-उत्तम सर;
इन रिएलिटी कार्यक्रमों ने लोगो का रि...अति-उत्तम सर;<br />इन रिएलिटी कार्यक्रमों ने लोगो का रियल लाइफ छीन लिया है, मैं मेरे दाता से कहूँगा कि ऐ मेरे दाता हमें फिर से राम-राज्य में पहुंचा दे....Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/07567097099727459898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-63846693127623741812011-09-22T13:12:19.152+05:302011-09-22T13:12:19.152+05:30अब पता चलता है भारत में कितनी भीषण प्रतिभाएं छिपी ...अब पता चलता है भारत में कितनी भीषण प्रतिभाएं छिपी हुई थी और कितने भंयकर गुरूओ से भरा हुआ है भारत.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-8049100169991845872011-09-22T13:10:23.721+05:302011-09-22T13:10:23.721+05:30अद्भुत शिव भैया ... सत्य में, जिस सरलता से आपने इस...अद्भुत शिव भैया ... सत्य में, जिस सरलता से आपने इस गंभीर विषय को प्रस्तुत किया है वह प्रशंशनीय है| जब मैं देखता हूँ छोटे छोटे बच्चों को भागम भाग में लगे हुए तो बड़ी पीड़ा होती है, और इसके उत्तरदायी माता पिता ही हैं| वे अपने को दिलासा देने के लिए "आजकल ये सब ज़रुरी है" की फिलोसोफी पर चलते हुए बच्चों का बचपन छीन लेते है ... बहुत अच्छा लगा पढ़ के <br /><br />शैलेशshailesh pandey BJPhttps://www.blogger.com/profile/05792655715233151615noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-32269915613685515602011-09-22T12:58:04.421+05:302011-09-22T12:58:04.421+05:30बिग बॉस सीजन -5 के बारे में सोचकर अभी से हलकान हुए...बिग बॉस सीजन -5 के बारे में सोचकर अभी से हलकान हुए जा रहे हैं। कितनों की मासूमियत तार-तार होगी।<br /><br />आपका लेखन भी उन बच्चों की तरह चमत्कृत करता है।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-37824583059278898692011-09-22T12:26:18.294+05:302011-09-22T12:26:18.294+05:30केवल एक विद्या या कला में पारंगत होने से जीवन में ...केवल एक विद्या या कला में पारंगत होने से जीवन में बहुत कुछ छूट जाता है। जब वहाँ कार्य नहीं मिलता तो नैराश्य का भाव जागृत होता है और इसके परिणाम कभी बहुत दुखद भी होते हैं। इसलिए हर चीज उम्र के साथ हो, सम्पूर्ण जीवन जीया जाए तो मानसिक विकास चौतरफा होता है। आपने सहजता से बहुत ही मौलिक बिन्दु उठाया है, बधाई।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com