tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post1526752710257508315..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: चेयरमैन फैक्ट्री विजिट पर हैंGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-68451891963929176112011-01-14T16:33:35.457+05:302011-01-14T16:33:35.457+05:30ऐसे ही कुछ उदहारण मुझे भी देखने को मिली आखिर '...ऐसे ही कुछ उदहारण मुझे भी देखने को मिली आखिर 'बिग बॉस' है भाई ! आब वो एम्प्लोयी के सामने 'Rassogoola ' तोह खा नहीं सकते नहीं तोह मंदिर का खर्चा और बढ़ जायेगा ......है जी ! :)The Innovatorhttps://www.blogger.com/profile/09616751595799690484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-39790070353654243282010-04-05T18:01:06.677+05:302010-04-05T18:01:06.677+05:30'चेअर'-मैन जब रात आठ बजे के बाद 'चेअर&...'चेअर'-मैन जब रात आठ बजे के बाद 'चेअर' छोड़ देते हैं, तब कितना 'मैन' रह पाते हैं ये जान पाते तो…<br />और पुरानी पोस्ट का रि-ठेल भी मेरा नाम जोकर की तरह हिट है जनाब।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-28793936198558732010-04-05T16:13:17.476+05:302010-04-05T16:13:17.476+05:30gud one... a breath of fresh air.. reading Hindi!gud one... a breath of fresh air.. reading Hindi!Anurag Kumar Lucknowhttps://www.blogger.com/profile/10955434274032413716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-45483885392684178352010-04-05T15:24:18.548+05:302010-04-05T15:24:18.548+05:30ऊफ्फ्फ....तनाव से तने तंत्रियों पर तुम्हारी यह पोस...ऊफ्फ्फ....तनाव से तने तंत्रियों पर तुम्हारी यह पोस्ट ऐसी ठंडी लेप सी लगी कि दिमाग रहत पा गया...बस यूँ लगा जैसे ४४ डिग्री तापमान में तमतमाए शरीर पर बरखा फुहार पड़ गयी... आह आनंद आ गया...<br />तुम्हारे वर्णन ने सम्पूर्ण दृश्य आँखों से सम्मुख साक्षात् उपस्थित कर दिया.....<br />लाजवाब वर्णन है...लाजवाब !!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-2480067980912557162010-04-05T10:08:23.956+05:302010-04-05T10:08:23.956+05:30मूंगफली भी खाता हूँ तो ख़ुद ही अपने हाथ से तोड़कर ...मूंगफली भी खाता हूँ तो ख़ुद ही अपने हाथ से तोड़कर -<br /><br />इत्ते कर्मठ आदमी को आप बेकार, ठेलुआ कह रहे हैं । खराब बात है । <br />वो बेचारा 8 बजे तक बैठा रहता है । ये कोई काम नहीं है क्या ?कृष्ण मोहन मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14783932323882463991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-68727593757784791972010-04-04T18:49:32.658+05:302010-04-04T18:49:32.658+05:30:) हे हे
मै आपकी पोस्ट, फ़िर अनूप जी की टिप्पणी प...:) हे हे <br />मै आपकी पोस्ट, फ़िर अनूप जी की टिप्पणी पढकर हस रहा हू..Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-90896579665888605362010-04-04T11:17:15.973+05:302010-04-04T11:17:15.973+05:30भारत को ऐसे ही चेयरमैन चला रहे हैं..
सामने गुड़-चबे...भारत को ऐसे ही चेयरमैन चला रहे हैं..<br />सामने गुड़-चबेना,बाद में चिकन चबा रहे हैं..<br />हैं तो कुछ और, लेकिन कुछ और ही दिखा रहे हैं..<br />मर्ज बढ़ती रहे, ऐसे इंजेक्शन लगा रहे हैं...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-7974971824277095982010-04-03T14:04:56.920+05:302010-04-03T14:04:56.920+05:30दो बातें पल्ले बांध ली हैं , चेयरमैन भी गुड से का...<i> <b> दो बातें पल्ले बांध ली हैं , चेयरमैन भी गुड से काम चला रहे हैं का करेंगे अब तो चीनी सिर्फ़ सोफ़ा वालों को नसीब हो रहा है और हिंदी सेवा भाव.... किसी भी पोस्ट ...किसी भी टीप... किसी भी ब्लोग्गर... चाहे वो एलियन हो या इंसान के प्रति उग सकता है ..और एक बार उगने के बाद ..उसे बरगद जैसा संपन्न होने से कोई माई का लाल नहीं रोक सकता ...वैसे हमेशा ही माई के लाल को ही क्यों चैलेंज किया जाता है ...माई के हरे ,पीले, नीले को कोई नहीं ललकारता ..रीठेलमेंट वो भी नए वित्तीय वर्ष में ..सब टैक्स बचाने का जुगाड है जी </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-21902555608583534882010-04-03T07:48:42.026+05:302010-04-03T07:48:42.026+05:30ध्यान रखना शिव..आजकल हम भी सिर्फ कचौड़ी आलू की सब्...ध्यान रखना शिव..आजकल हम भी सिर्फ कचौड़ी आलू की सब्जी खा रहे हैं वो शर्मा वाली जो तुम खिलबाये थे कलकत्ता में..इन्तजाम पुख्ता रहे वरना कलेजा मूँह मे न आ जाये कि अब कहाँ से इन्तजाम हो!! :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-53402313969882038002010-04-03T01:31:08.308+05:302010-04-03T01:31:08.308+05:30"जब परचेज का नकली बिल बनवाकर कम्पनी से कैश नि..."जब परचेज का नकली बिल बनवाकर कम्पनी से कैश निकालता है तो शेयरहोल्डर्स की चिंता नहीं सताती इसे लेकिन प्रसाद में दो की जगह तीन किलो लड्डू आ जाए तो शेयरहोल्डर्स का बहाना करता है." ये जबरदस्त लाइन है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-38331031217213671282010-04-02T22:57:36.328+05:302010-04-02T22:57:36.328+05:30सुन्दर! आपकी यह पोस्ट पढ़कर लगा कि कह दें कि आपका ह...सुन्दर! आपकी यह पोस्ट पढ़कर लगा कि कह दें कि आपका हिन्दी के विकास में योगदान अप्रतिम है।<br />लेकिन नहीं कहा इस डर से कहीं मजाक में कही बात को आप सच मानकर बुरा न मान जायें।<br /><br />आपको वैसे एक ठो डिस्कलेमर और लगा देना चाहिये कि यहां वर्णित और चिंतित पाण्डेयजी का ज्ञानदत्त पाण्डेय जी से कोई लेना-देना नहीं है। ज्ञानजी की टिप्पणी पढ़कर इसकी और आवश्यकता महसूस हो रही है। उनकी टिप्पणी से लगता है कि चेयरमैन महोदय के लिये गुड़-चना का इंतजाम उन्होंने ही किया था।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-52325158792251753462010-04-02T22:50:50.527+05:302010-04-02T22:50:50.527+05:30अब साहब, अस्सी साल के चेयरमैन घर में रहकर भी क्या ...अब साहब, अस्सी साल के चेयरमैन घर में रहकर भी क्या करेंगे? वैसे हैं बहुत सादे आपके चेयरमैन।<br />हमारे भी एक बहुत बड़े एक्सीक्यूटिव एक बार विज़िट पर आये तो चाय पीने से मना कर दिया था, कारण ये बताया कि उनके लिये चाय आयेगी तो पांच छ कप चाय औरों के लिये भी आयेगी(ये घटना बिल्कुल सत्य है)। हम तो जी कभी नहीं बनेंगे चेयरमैन।<br />आभार।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-6533345659356459432010-04-02T20:49:36.206+05:302010-04-02T20:49:36.206+05:30@ नीरज गोस्वामी >...ये तो अच्छा है की चेयरमैन च...<b>@ नीरज गोस्वामी >...ये तो अच्छा है की चेयरमैन चिरकुटों के ब्लॉग नहीं पढ़ते...<br /></b><br />बड़ा चिरकुट है आपका चैयरमैन!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-40318848348070791142010-04-02T20:13:32.094+05:302010-04-02T20:13:32.094+05:30क्या मिसरा जी उस दिन रात दारू के झोंक में आपको ये ...क्या मिसरा जी उस दिन रात दारू के झोंक में आपको ये बात क्या बता दी आपने तो हमारी कंपनी का ससुरा आफिसियल सीक्रेट ही आउट कर दिया...ये तो अच्छा है की चेयरमैन चिरकुटों के ब्लॉग नहीं पढ़ते...(चिरकुटों के ब्लॉग क्या वो तो कुछ भी नहीं पढ़ते...सिर्फ पढ़ाते हैं) , वर्ना अपनी तो नौकरी गयी थी आज...आईंदा आपके साथ पीते समय होश कायम रखना पड़ेगा...पता नहीं कब मरवा दो यार...<br />पाण्डेय जीनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-29584178710438981712010-04-02T19:55:15.132+05:302010-04-02T19:55:15.132+05:30चैयरमैन को आपके घर का पाता दे दिया है.. अब आप निपट...चैयरमैन को आपके घर का पाता दे दिया है.. अब आप निपटिये उनसे हम डिनर लेते है.. गुड चनाकुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-2124409319730068512010-04-02T19:17:31.857+05:302010-04-02T19:17:31.857+05:30चेयरमैन जो खाये, वही सर्वोत्तम आहार । बाकी सोचना भ...चेयरमैन जो खाये, वही सर्वोत्तम आहार । बाकी सोचना भी बेकार ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-85827751423749605282010-04-02T19:04:01.327+05:302010-04-02T19:04:01.327+05:30बेचारे चेयरमैन साहब, घर पर पतोहू ने ठीक समय पर भोज...बेचारे चेयरमैन साहब, घर पर पतोहू ने ठीक समय पर भोजन देने से इन्कार कर दिया होगा, कह रही होगी कि बैठे बैठे क्या करोगे, बच्चों को स्कूल छोड आइये.....शाम के समय बाजार से सब्जी लेते आईये.....यही सब से जान बचाने के लिये सुबह जल्दी चल देते होंगे कि बच्चों के झंझट से मुक्ति मिल जाय और साम को जल्दी न जाते होंगे कि सब्जी न लानी पड जाय। <br /><br /> अब भुगतें कर्मचारीगण। <br /><br /> अपने यहां तो जब चेयरमैंन का दौरा होता था तो जिस मशीन पर चेयरमैन साहब हाथ रख कर धूल वगैरह होने की ताकीद करते अपनी चुटकी साफ करते आगे बढ जाते थे, उस मशीन पर उसी हिस्से को छूते हुए पीछे चलने वाले वीपी वगैरह चलते थे और चेयरमैन की तरह भाव भंगिमा बना कर च च करते थे। शुरूवात चेयरमैन से होती थी और अंत सुपरवाईजर से। <br /><br /> मशीन का वह हिस्सा छूते छूते साफ हो जाता था। :)<br /><br /> उधर चेयरमैंन साहब अगली मशीन छू रहे होते हैं। च च च......<br /><br /><br />बहुत बढिया लिखा है। शानदार विजिट।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-35170116118267611782010-04-02T18:01:52.792+05:302010-04-02T18:01:52.792+05:30चेयरमेन है तो कुर्सी पर ही बैठा रहेगा ना जमकर। हमा...चेयरमेन है तो कुर्सी पर ही बैठा रहेगा ना जमकर। हमारे भाई एक कहावत बड़े चाव से सुनाते हैं कि चना और गुड-धानी, बाकी सब दगाबाजी।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-40400455528597776972010-04-02T17:48:33.704+05:302010-04-02T17:48:33.704+05:30गुड़ और चना !! बहुत ही सादा जीवन है, ठीक वैसा ही जै...गुड़ और चना !! बहुत ही सादा जीवन है, ठीक वैसा ही जैसा बाबा लोग धान नहीं खाते केवल सुखे मेवे से काम चलाते है. :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-43777590468398246622010-04-02T17:33:38.981+05:302010-04-02T17:33:38.981+05:30चने और गुड का आईडिया तो बढ़िया है ..... बड़े साहब ...चने और गुड का आईडिया तो बढ़िया है ..... बड़े साहब का आईडिया है तो बढ़िया तो होना ही है ....अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-4596650853177072932010-04-02T17:12:21.578+05:302010-04-02T17:12:21.578+05:30ओह नौकरी ऐसी ही कुत्ती चीज होती है -कई अपने प्रसंग...ओह नौकरी ऐसी ही कुत्ती चीज होती है -कई अपने प्रसंग याद आ गये ......दुखी भीहूँ मगर गुदगुदी भी छूटी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com