tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post2620394711507295248..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: ब्लॉग पोस्ट का टॉपिक, बालकिशन और विदेशी कविGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-32774961251331238512008-09-03T14:51:00.000+05:302008-09-03T14:51:00.000+05:30काफी के बहाने ब्लॉग जगत के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र हा...काफी के बहाने ब्लॉग जगत के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र हाथ लगे। विदेशी कवि वाला आइडिया इतना भी बुरा नहीं। सारी झिझक छोड कर आजमा ही डालिए। मेरी ओर से एक टिप्पणी गारन्टीड।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-31556205159822372732008-09-03T14:09:00.000+05:302008-09-03T14:09:00.000+05:30अरे.. आपके पास कहां से वो किताब पहूंच गई..वो तो मे...अरे.. आपके पास कहां से वो किताब पहूंच गई..<BR/>वो तो मेरे पुज्य पिताजी ने मुझे 18वीं सालगिरह पर मुझे भेंट की थी.. और आशीर्वाद दिया था की जल्दी ही तुम ब्लौगर बनोगे तब ये काम आयेगा..<BR/>फिर मुझे ब्लौगर बनने में 7 साल की देरी हो गई.. इस बीच वो किताब गुम हो गई..<BR/>अब जल्दी से मेरी अमानत मुझे दे जाईये.. नहीं तो अच्छा ना होगा..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-25556487295662866852008-09-03T11:07:00.000+05:302008-09-03T11:07:00.000+05:30सर जी पोस्ट और टिपणी , सब कुछ मजेदार !परम आनंद आया...सर जी पोस्ट और टिपणी , सब कुछ मजेदार !<BR/>परम आनंद आया ! धन्यवाद !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-87900919272362411252008-09-03T05:49:00.000+05:302008-09-03T05:49:00.000+05:30.टिप्पणी मिले___________ शिरी बालकीसन जी को,______....<BR/><BR/><I>टिप्पणी मिले<BR/>___________ <BR/>शिरी बालकीसन जी को,<BR/>________________<BR/>मारफ़त,<BR/>_________<BR/>श्री (?) शिवकुमार मिश्रा<BR/>_________________<BR/>पता महतो डाकिया से पुछ लेना<BR/>______________<BR/>मुकाम नीवास - कलकत्ता<BR/>बन्गाल<BR/><BR/><BR/>परमपूज्य बालकिशन जी,<BR/>प्रभु के चरणों में सादर दंडवत स्वीकारें<BR/>( अब उठें ? )<BR/>श्रीमान जी की चर्चा भी इतनी चर्चित हो गयी है, कि मैं आपके <BR/>चरणबिवाइयों में हठात यह पत्र प्रेसित करने का साहस कड़ रहा हूँ, <BR/>इसे अन्यथा ही लें पर पत्रलेखक को उपकृत करें । अकींचन को पूर्न <BR/>बिस्वास है कि आप किसी को निरास नहीं कर पाते । यदी आप <BR/>सिवकुँआर जी को उपकृत कर सकते हैं, तो हमको भी करीए । <BR/>हमको भी सिवकुँआर जी का भाईये बूझिये, <BR/>दूर का मौसियाउत रिस्तेदारी लगेगा ।<BR/>सो हमको भी एगो दुगो आइडीआ दिजीए ।<BR/> आप तो अपने खुपड़िया में सहस्त्रों आइडीआ लादे घूमते हैं, <BR/>अबहिं काम चलाने भर का देंगे तो भी चलेगा । ऊ तो काफीयो <BR/>पीये अऊर एगो किताबो पा गये, हम गड़ीब के पास अकाल पड़ा है, <BR/>सो तनि किरपा करीएगा । आप उनको झेलते हैं, इहाँ हम तो रीकुएस्टे कर रह हैं । <BR/>तनि इधरो निगाह करीएगा । हाथी को उबारे हैं त कछूआ काहे नहिं उबारीएगा ? <BR/>दया करीये । हमरा असीरबाद है की हमाड़ी कमेन्टिया तोहे लग जाये<BR/>आपक खुरसेवक - दास अमर्कुमार</I>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-13346054291808928222008-09-03T02:14:00.000+05:302008-09-03T02:14:00.000+05:30काफ़ी तो हम दिन में ४-५ चढा ही लेते हैं पर कभी कुछ ...काफ़ी तो हम दिन में ४-५ चढा ही लेते हैं पर कभी कुछ उगला नहीं :-)<BR/><BR/>लगता है अब बालकिशन जी को हमें भी फोन लगाना पड़ेगा... पूरे आईडिया की चलती-फिरती दूकान है !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-45889173501918410832008-09-02T23:47:00.000+05:302008-09-02T23:47:00.000+05:30वो कुश वाली किताब हमें भी थोड़े दिन के लिए चाहिए जी...वो कुश वाली किताब हमें भी थोड़े दिन के लिए चाहिए जी।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-77899210077129635662008-09-02T23:09:00.000+05:302008-09-02T23:09:00.000+05:30अचानक आइडिया का अकाल कैसे आ गया भाई साहब?...मेरे ख...अचानक आइडिया का अकाल कैसे आ गया भाई साहब?<BR/>...मेरे खयाल से कुश भाई की कॉफ़ी का सैम्पल तत्काल किसी प्रयोगशाला में जाँच के लिए भेजना चाहिए। मुझे उड़ती खबर मिली है कि एक ऐसी दवा मार्केट में आ गयी है जिसे पिलाकर किसी के दिमाग की सारी आइडियाज़ अपने दिमाग में ट्रान्सफर की जा सकती हैं।<BR/><BR/>मैने तो पहले विश्वास ही नहीं किया था, लेकिन श्रीमान कुश जी की आइडियाज के निरन्तर चढ़ते भाव को देखने के बाद मेरा शक गहराता जा रहा है।<BR/><BR/>रिकॉर्ड जब एकाएक छलांग लगाते हैं तो डोपिंग का शक तो होता है भाई...।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62740507607977923812008-09-02T19:41:00.000+05:302008-09-02T19:41:00.000+05:30mai poori videshi naa sahi , videsh me rehne ke ka...mai poori videshi naa sahi , videsh me rehne ke kaaran aadhi videshi to hui naa ......aur phir aapke kalkatta ki hi rehne waali hun ,, to taras khaiye, aur kabhi koi videshi ki kavita thelni ho to meri kavitaon ko bhi yaad kar lijiyegaarthttps://www.blogger.com/profile/12939686404150553798noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-53465054514716596362008-09-02T19:39:00.000+05:302008-09-02T19:39:00.000+05:30कविता डालने से पहले पढ़नी पढेगी मिश्रा जी...क्यूंक...कविता डालने से पहले पढ़नी पढेगी मिश्रा जी...क्यूंकि कही ग़लत सलत डाल दी तो मुश्किल में फंस जायेगे ...कॉलेज के संस्मरण में गर कुछ ज्यादा ही झूठ लिख गए तो पुराने यार दोस्त पकड़ लेगे.......हाँ यात्रा लिखो चाहे ऑफिस के बाहर पान के गल्ले का किस्सा ................."लिखना " पड़ेगा....<BR/><BR/><BR/><BR/><BR/>हमें कुछ वैसे ही शक हो रहा है.....<BR/>लगता है आप ने मिलकर सांठ गाँठ कर ली है की भैय्ये दो दिन बाद मै तुम्हारा नाम डालूँगा .तीन दिन बाद तुम मेरा डाल देनाडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-58788055692688706142008-09-02T19:31:00.000+05:302008-09-02T19:31:00.000+05:30हमारे साथ उल्टा हुआ...इस बार जयपुर प्रवास के दौरान...हमारे साथ उल्टा हुआ...इस बार जयपुर प्रवास के दौरान हमने कुश को कॉफी पिला दी...और भाई ने कॉफी से टुन्न हो कर आप के बारे में जो बोला वो हम आप को लिख कर नहीं ना बता सकते कभी जब मिलिएगा तब बताएँगे...आख़िर आप की तारीफ लिखित में कैसे दे दें? कहीं मेरे लिखे को आपने चरित्र प्रमाण पत्र की तरह इस्तेमाल कर लिया तो???...उस दिन कुश जी के मुहं से आप के बारे में जो उदगार सुनने को मिले उससे ये बात पक्की हो गई की इंसान कॉफी पे कर होश खो देता है...देखिये ना कॉफी पिला हम रहे थे और गुणगान वो आप का कर रहे थे...<BR/>हमें जो गिफ्ट हम्पर में मिला वो हम सार्वजनिक नहीं कर सकते...मजबूरी है...मिलने पर बताएँगे.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-46770888920460159252008-09-02T19:25:00.000+05:302008-09-02T19:25:00.000+05:30अच्छा; आइडिया नम्बर ६७७ का प्रयोग किया है। वैसे ३८...अच्छा; आइडिया नम्बर ६७७ का प्रयोग किया है। वैसे ३८२ नम्बर आइडिया भी धांसू है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62100273160723686822008-09-02T18:59:00.000+05:302008-09-02T18:59:00.000+05:30AB AUR KUCH LIKHANE KE LIYE NAHIN BACHA HAI KYA?SA...AB AUR KUCH LIKHANE KE LIYE NAHIN BACHA HAI KYA?<BR/>SAARE VYANGYA BAAN KHATAM HO GAYE HAIN KYA?<BR/>SHAYAD ISILIYE YE SADI HUI SI POST THELI HAI AAPNE.<BR/>KYON APANE SAATH-SAATH DUSARON KA SAMAY KHARAB KAR RAHEN HAIN.झालकवि 'वियोगी'https://www.blogger.com/profile/14643097937523209476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-24282266698312080592008-09-02T18:21:00.000+05:302008-09-02T18:21:00.000+05:30इस किताब पर लेखक का नाम तो पढ़ लो किस का है। मेरी ...इस किताब पर लेखक का नाम तो पढ़ लो किस का है। मेरी इसी शीर्षक की एक पाण्डुलिपि गायब है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-68406271614561172532008-09-02T18:16:00.000+05:302008-09-02T18:16:00.000+05:30कुश से बात करनी पड़ेगी :) हमारे गिफ्ट हेम्पर में तो...कुश से बात करनी पड़ेगी :) हमारे गिफ्ट हेम्पर में तो सिर्फ़ कुछ रंग बिरंगे कागज से भरे हुए थे :) उस में भी कुछ "कुश आईडिया ""नही थे :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-22106503258248230632008-09-02T18:09:00.000+05:302008-09-02T18:09:00.000+05:30कुछ दिनो के लिए किताब उधार दी जाय, बदले में आपकी क...कुछ दिनो के लिए किताब उधार दी जाय, बदले में आपकी कविता पर भी टिप्पीया देगें. :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-52310978021153315452008-09-02T17:42:00.000+05:302008-09-02T17:42:00.000+05:30सही है ये किताब कुश मेरे यहा से उठा ले गये थे,अब त...सही है ये किताब कुश मेरे यहा से उठा ले गये थे,अब तुम्हे ठेल दी है .<BR/>मै ज्ञान दादा के यहा से उठा लाया था वे फ़ुरसतिया मिलन समारोह मे कानपुर से उठा लाये थे.जहा ये प्रमोद भुल गये थे.<BR/>अब कविता झेलिये <BR/><BR/>"कुंद हो चुका है दिल<BR/>मंद हो चुकी बुद्धी<BR/>शुद्ध हुई आत्मा हमारी<BR/>लिखने से मिली छुट्टी"Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-81255673142507468272008-09-02T17:35:00.000+05:302008-09-02T17:35:00.000+05:30" कविता छाप रहे हो, वो भी किसी कवि की नहीं है. एक ..." कविता छाप रहे हो, वो भी किसी कवि की नहीं है. एक आदमी की है. "<BR/><BR/>आदमी की तुलना कवि से कर रहे हैं ... बाअदब बामुलाहिज़ा होशियार !Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-9349613929903352162008-09-02T17:27:00.000+05:302008-09-02T17:27:00.000+05:30अब तो तुम मुझे कोई रोयल्टी-सोयल्ती देने की व्यवस्थ...अब तो तुम मुझे कोई रोयल्टी-सोयल्ती देने की व्यवस्था करो भाई.<BR/>बहुत इस्तेमाल कर रहे हो मेरे नाम का, मेरे आइडियास का.<BR/>सियामा तो अब.... मेरा मतलब है कि सियामा की कविता तो अब तुम्हारी हो गई है.<BR/>सो जब चाहे जब ठेल सकते हो.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.com