tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post3315985670040669304..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: ब्लॉग महिमाGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-2962109667092682182009-02-26T13:34:00.000+05:302009-02-26T13:34:00.000+05:30ये भी खूब रही .....तपस्या भंग करने का आईडिया ....व...ये भी खूब रही .....तपस्या भंग करने का आईडिया ....वाह वाहअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-82095620078219479372009-02-05T12:19:00.000+05:302009-02-05T12:19:00.000+05:30संकेतों में बात न की जाय साफ़ साफ़ बताया जाय कि वि...संकेतों में बात न की जाय साफ़ साफ़ बताया जाय कि विश्वामित्र , इन्द्र और चन्द्र हैं कौन लोगAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-49746846682614989832009-02-04T12:30:00.000+05:302009-02-04T12:30:00.000+05:30लो भइया, अब तो ब्लॉग का वाइरस देव लोक भी जा पहुंचा...लो भइया, अब तो ब्लॉग का वाइरस देव लोक भी जा पहुंचा। अब हम इंसानों का क्या होगा?Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-33945567816035007672009-02-03T16:17:00.000+05:302009-02-03T16:17:00.000+05:30तो आपने इंद्र से ब्लॉग लिखवा दियाविश्वामित्र से कम...तो आपने इंद्र से ब्लॉग लिखवा दियाविश्वामित्र से कमेंट करवा करवा के उनकी तपस्या भंग करवा दी ।<BR/>कथा का सार तपस्या न ही करो तो अच्छा ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-71385084298862329762009-01-29T12:43:00.000+05:302009-01-29T12:43:00.000+05:30आईला ......हम तो सोचे थे की हनीमून पे निकले होगे ....आईला ......हम तो सोचे थे की हनीमून पे निकले होगे ....आप यहाँ लोगो को मतिभर्म दे रहे है ...कोनू फायदा नही.......न इन्द्र सुधेरेगे न विश्व .....नारद तो वैसे ही अपनी टोली बना रहे है........वो क्या कहते है जी......regards(सुश्री सीमा जी आभार )डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-43149280496152156752009-01-29T10:02:00.000+05:302009-01-29T10:02:00.000+05:30शिव भैया गंभीर दिखने की एक्टिंग करते हुये सोचना पड़...शिव भैया गंभीर दिखने की एक्टिंग करते हुये सोचना पड़ेगा।वैसे इंद्र को प्राब्लम रहे तो ज्यादा अच्छा है,पार्टी-शार्टी चल्ती रहेगी सातो दिन्।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-44771856656656443072009-01-29T06:43:00.000+05:302009-01-29T06:43:00.000+05:30पहिले सोचे कि रात के तीन बजे टिपिया जाये डा.साहब क...पहिले सोचे कि रात के तीन बजे टिपिया जाये डा.साहब की तरह! लेकिन हम सुर्ती खाते नहीं सो सुबह उठकर फ़ुर्ती से टिपिया रहे हैं! आपकी तपस्या भंग तो नहीं हुई न!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-60852544302257420722009-01-29T03:34:00.000+05:302009-01-29T03:34:00.000+05:30शिवकुमारजी! ब्लोगेरिया का रोग ऊपर वालो को भी झकड ...शिवकुमारजी! <BR/>ब्लोगेरिया का रोग ऊपर वालो को भी झकड लिया है लगता है ?<BR/><BR/>ताऊ रामपुरिया said... <BR/>भाई ये तो सोचने वाली बात हो गई.<BR/>ताऊ! काहे खोपडिया पकडकर बैठन हो ? ये मिश्राजी तो तुम्हे डरा रहे है , तुम्हारा कम्पीटेटर तो तिनो लोक मे नाही। और सुन ताऊ आ बात थारे समझणे कि नाही है - क्यु मिश्राजी ? कही पे ईशारा कही पे निशाना, ये अन्दर कि बात है।हें प्रभु यह तेरापंथhttps://www.blogger.com/profile/12518864074743366000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-65596811550264956712009-01-29T00:08:00.000+05:302009-01-29T00:08:00.000+05:30बाकी ई है तो भईय्या अच्छी-खासी राजी खुशी पोस्ट..मु...<I><BR/>बाकी ई है तो भईय्या अच्छी-खासी राजी खुशी पोस्ट..<BR/>मुला स्पष्ट हुई जात कि हम्मैं रतिया के एक बजे वाली पैसिंज़रिया कमेन्ट देनी है, कि तीन बजे की स्पेशल तक सुरती ठोंकिं ठोंकिं के जगार करै के पड़ी ?</I>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-16004589959236246682009-01-28T23:52:00.000+05:302009-01-28T23:52:00.000+05:30फालतू में न चन्द्र, नारद, रम्भा, मेनका सबको परेसान...फालतू में न चन्द्र, नारद, रम्भा, मेनका सबको परेसान किए इन्द्र. अरे अब मेनका-रम्भा के नाचने से तो हमारी-आपकी तपस्या भी भंग नहीं होगी. ऊ सतजुग मॉडल को कौन देखना चाहता है. ऊ अमर सिंह भइया से मिले होते टी बिप्स क जुगाड़ न हो जाता! फ़िर देखते कितने दिन तपस्या कर लेते विश्वमित्र?इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-85602399764072596362009-01-28T22:21:00.000+05:302009-01-28T22:21:00.000+05:30जय ब्लागिया डांस की। ट्युब लाइटों की बत्ती जला दी ...जय ब्लागिया डांस की। ट्युब लाइटों की बत्ती जला दी जाए(मेरी भी)…:) मस्त पोस्टAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62692466669521228922009-01-28T21:00:00.000+05:302009-01-28T21:00:00.000+05:30ब्लाग महिमा का बखान तो आपने बहुत ही बढिया किया है....ब्लाग महिमा का बखान तो आपने बहुत ही बढिया किया है.किन्तु विद्वानों की सभा में आकर हम बुडबक तो इधर उधर मुंडी घुमाकर यही देखने की कौशिश कर रहे हैं कि आपका इशारा किसकी तरफ है.Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-50109909697284433422009-01-28T20:55:00.000+05:302009-01-28T20:55:00.000+05:30उधर विवेक भी ऐसा कुछ पद्य अलापते भये हैं -मैंने ...उधर विवेक भी ऐसा कुछ पद्य अलापते भये हैं -मैंने जो उनसे पूछा वही आपसे भी पूंछता हूँ -कौन है ये इन्द्र और कौन विश्वा ? नारद तो खैर चर्चित हो चुके हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-8701054092819318042009-01-28T20:37:00.000+05:302009-01-28T20:37:00.000+05:30कमेंट और पोस्ट के इस जाल से विश्वामित्र और इंद्र ...कमेंट और पोस्ट के इस जाल से विश्वामित्र और इंद्र भगवान भी नहीं बच सके....संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-17500378227020985462009-01-28T18:36:00.000+05:302009-01-28T18:36:00.000+05:30ओहो तो अब जाकर समझ में आया कि ये 'विश्वामित्र' कौन...ओहो तो अब जाकर समझ में आया कि ये 'विश्वामित्र' कौन हैं...? कस्सम से मगज एकदम्मे लक्ष्मण सिल्वेनिया टुपलाईट के माफिक हुआ जा रहा है...कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)https://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-5748257289970934842009-01-28T18:22:00.000+05:302009-01-28T18:22:00.000+05:30डांस शो फ्लाप होने से विश्वामित्र की तंद्रा टूट गई...डांस शो फ्लाप होने से विश्वामित्र की तंद्रा टूट गई और वे लोटपोट हो गए और इन्द्र के चरणों में ...इन्द्र खुश हुआ हा हा . गजब का लिखते है पंडित जी कहानी रूप में पढ़कर तबियत हरी भरी हो गई . आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62766165037085758812009-01-28T18:08:00.000+05:302009-01-28T18:08:00.000+05:30हमने टीवी में एक विज्ञापन देखा था आप सभी को याद हो...हमने टीवी में एक विज्ञापन देखा था आप सभी को याद होगा <BR/>" वाह सुनील बाबू ! नई बीबी ....." <BR/>वह एक पेण्ट का विज्ञापन था . पर कौन से पेण्ट का यह काफी दिन तक विज्ञापन देखने के बाद भी याद नहीं रहता था जब तक कि उस पर गौर न किया .बाकी पूरा विज्ञापन याद रहता था . <BR/><BR/> पर इस पोस्ट पर तो हमने गौर कर लिया है :)विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-77781106595095220102009-01-28T17:42:00.001+05:302009-01-28T17:42:00.001+05:30ये क्या ऊट पटांग लिख रहे है आप ? उंम्मीद है कि अब ...ये क्या ऊट पटांग लिख रहे है आप ? <BR/>उंम्मीद है कि अब आप हमे निशाना कर एक लंबी पोस्ट ठेलेगे :) जल्दी करे हम जवाब वाली पोस्ट तैयार किये बैठे है :)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-27599176717800486282009-01-28T17:42:00.000+05:302009-01-28T17:42:00.000+05:30आप किसकी और ईशारा कर के ये पोस्ट लिखे हैं बंधू...ह...आप किसकी और ईशारा कर के ये पोस्ट लिखे हैं बंधू...हम इसे ना समझ पाये...बहुत से लोगों ने समझ लिया है की आप का ईशारा किधर है...हमारी जो बात समझ में वो आयी वो ये है की अगर आप ब्लॉग लिखेंगे और टिपियायेंगे तो आप तपस्या नहीं कर सकते...इस बात को कहने के लिए आपने पूरी रामायण महाभारत का सहारा लिया है...धन्य हैं आप....<BR/>(अन्दर की बात ये है की इन्द्र सदियों से इन तीन नर्तकियों के नृत्य देख कर बोर हो चुके हैं उन्हें रूप धरे राखी नहीं असली वाली राखी का डांस देखना है...)<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-91420747804421664412009-01-28T17:39:00.000+05:302009-01-28T17:39:00.000+05:30विश्वामित्र नकली थे। असली होते तो इन की परवाह नहीं...विश्वामित्र नकली थे। असली होते तो इन की परवाह नहीं करते।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-5665847449828238302009-01-28T17:06:00.000+05:302009-01-28T17:06:00.000+05:30अब समझ आ गया कि तपस्या टूटने का राज क्या है. :)बहु...अब समझ आ गया कि तपस्या टूटने का राज क्या है. :)<BR/><BR/>बहुत सटीक - तीर निशाने पर है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-78952204573414507112009-01-28T16:39:00.000+05:302009-01-28T16:39:00.000+05:30आपका इशारा समझ गए हैं| :)आपका इशारा समझ गए हैं| :)sshttps://www.blogger.com/profile/10746526495871896780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-50944849778659179992009-01-28T16:07:00.000+05:302009-01-28T16:07:00.000+05:30बहुत बढीया.. कर दो ्बिजी विश्वामित्र को..बहुत बढीया.. कर दो ्बिजी विश्वामित्र को..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-78181531690152147332009-01-28T15:42:00.000+05:302009-01-28T15:42:00.000+05:30रीठेल पर पुराना वाला कमेण्ट रीठेल: बहुत सुन्दर पोस...रीठेल पर पुराना वाला कमेण्ट रीठेल: <BR/>बहुत सुन्दर पोस्ट - मैं अत्रि के पुत्र चन्द्र के गोत्र में हूं। चान्द्रात्र। अब देखिये मेरे पूर्वज चन्द्र ने ब्लॉग को देवलोक में स्थान दिलाया।<BR/>ब्लॉग का यह महात्म्य मेरे पूर्वज के शोध का परिणाम है - इससे ज्यादा मस्त और क्या बात होगी। :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-82424082242366019192009-01-28T15:18:00.000+05:302009-01-28T15:18:00.000+05:30भाई ये तो सोचने वाली बात हो गई. :)रामराम.भाई ये तो सोचने वाली बात हो गई. :)<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com