tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post3699924593837797975..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: ब्रोकर, एनॉलिस्ट, आलोक पुरणिक और मैंGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-68608666121716075392007-11-26T11:07:00.000+05:302007-11-26T11:07:00.000+05:30दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है सोच समझ वा...दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है <BR/>सोच समझ वालों को थोडी नादानी दे मौला <BR/>नादाँ लोग ही नोट छापते हैं और समझदार सिर्फ़ ब्लोक बनाते रह जाते हैं. ज्ञान भाई का ओब्जेक्शन जायज है.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-15027048791379558622007-11-22T20:29:00.000+05:302007-11-22T20:29:00.000+05:30सही है। शानदार है। :)सही है। शानदार है। :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-60413465836386765942007-11-22T16:36:00.000+05:302007-11-22T16:36:00.000+05:30थोड़े में बहुत कुछ कह दियाआपने तो बिना कैल्कुलेट क...थोड़े में बहुत कुछ कह दिया<BR/>आपने तो बिना कैल्कुलेट किए <BR/>सो काल्ड एनालिसटों को फ़्लैट कर दिया <BR/>आप्का ब्लाग पहली बार पढा <BR/>बार बार पढेगे <BR/>डिसाइड क्र लियाKrishan lal "krishan"https://www.blogger.com/profile/12663970434075261890noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-75590054361099214102007-11-22T14:04:00.000+05:302007-11-22T14:04:00.000+05:30खतरनाक है जी.इस ब्लॉग में भी ज्ञान है जो नोटों की ...खतरनाक है जी.<BR/><BR/>इस ब्लॉग में भी ज्ञान है जो नोटों की राह में रोड़ा हो सकता है. इसलिये ऎसी ज्ञान युक्त मानसिक हलचल से बचते रहें. :-)काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-70211453595857183672007-11-22T14:03:00.000+05:302007-11-22T14:03:00.000+05:30हा हा!! क्या शानदार पकड़ा है!!@ज्ञान दद्दा, ये आलोक...हा हा!! क्या शानदार पकड़ा है!!<BR/><BR/>@ज्ञान दद्दा, ये आलोक पुराणिक जी तो मेरे और नोटों के बीच आपको ही रोड़ा बता रहे हैं, आप तो ऐसे न थे!! ;)<BR/><BR/>वैसे पुराणिक जी एक्दमै सही कह रहे हैं!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-69575477157301180482007-11-22T13:27:00.000+05:302007-11-22T13:27:00.000+05:30आलोक पुराणिक>नोटों और अपने बीच ज्ञान को ना आने दें...<B>आलोक पुराणिक><BR/><BR/>नोटों और अपने बीच ज्ञान को ना आने दें।<BR/>नोटों के रास्ते में ज्ञान ही रोड़ा है।<BR/>----------------------------<BR/></B><BR/>आई ऑब्जेट योर ऑनर! ये पर्सनल आक्षेप है! :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-24559094584383968482007-11-22T12:19:00.000+05:302007-11-22T12:19:00.000+05:30झक्कास है जी। नोट कमाने के लिए कैलकुलेशन नहीं थोड़...झक्कास है जी। नोट कमाने के लिए कैलकुलेशन नहीं थोड़ी बेवकूफी मिश्रित हिम्मत की जरुरत होती है। ज्यादा पढ़े-लिखे एनालिस्ट हो जाते हैं, कम पढ़े-लिखे नोट कमा जाते हैं। <BR/>शेयर सूक्तियां-<BR/>नोटों और अपने बीच ज्ञान को ना आने दें। <BR/>नोटों के रास्ते में ज्ञान ही रोड़ा है।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-85772701241778247012007-11-22T12:05:00.000+05:302007-11-22T12:05:00.000+05:30सरजी आपकी इस पोस्टनुमा टिपण्णी अथवा टिपण्णीनुमा पो...सरजी आपकी इस पोस्टनुमा टिपण्णी अथवा टिपण्णीनुमा पोस्ट पर आलोकजी के ब्लॉग पर भी टिपण्णी कर चुका हूँ. मज़ेदार है.Kirtish Bhatthttps://www.blogger.com/profile/10695042291155160289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-34063511659387733592007-11-22T11:55:00.000+05:302007-11-22T11:55:00.000+05:30वाह! वाह! वाह! जवाब नही आपका. सर क्या कमाल की कैला...वाह! वाह! वाह! जवाब नही आपका. सर क्या कमाल की कैलाकुल्तेद पोस्ट सरकाई है. लेकिन मुझे तो शक हो रहा है की ये आपकी ही पोस्ट है. कंही महाशक्ति का क्लेम ना आजाये.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.com