tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post3796054888371288410..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: बाँट रहे सर्टिफिकेट गाकर सेकुलर रागGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-69866819643257598832011-06-09T18:58:26.009+05:302011-06-09T18:58:26.009+05:30"सैकुलरिज्म" के ठेकेदारों की थ्योरी बुश ..."सैकुलरिज्म" के ठेकेदारों की थ्योरी बुश (आतंकवाद पर - २००१) जैसी है।<br /><br />अगर आप हमारे साथ नहीं हो तो आप "कम्यूनल" हो।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-66192734549386678482009-06-12T21:55:22.854+05:302009-06-12T21:55:22.854+05:30इतना आप सब ने मिल कर धोया है कि अब मेरे लिए कुछ बा...इतना आप सब ने मिल कर धोया है कि अब मेरे लिए कुछ बाकी नहीं रह गया । वैसे शिव भैया गजब का धोते हैं आप भी । अब तक तो फलाने सूख कर स्त्री भी हो गये होंगे, चकाचक, माड़ी मार के ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-91415923685310156362009-06-10T22:48:49.655+05:302009-06-10T22:48:49.655+05:30भाई आप जितनी सहजता से बातो को कविता मे ढालते है ऐस...भाई आप जितनी सहजता से बातो को कविता मे ढालते है ऐसा लगता है आपके लिए कविता लिखना साँस लेने जितना आसान हैबसंत आर्यhttps://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-83093131709078388282009-06-10T08:00:19.084+05:302009-06-10T08:00:19.084+05:30ab ham murkh agyani kya kahen, hmne to ved padhe k...ab ham murkh agyani kya kahen, hmne to ved padhe kya dekhe bhi nhi hain kabhi ...baki dhoye badhiya the.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-81754088822666269082009-06-09T22:09:23.472+05:302009-06-09T22:09:23.472+05:30दोहों को 'धोयों' कहने की खास वजह समझ में आ...दोहों को 'धोयों' कहने की खास वजह समझ में आ गई..वैसे भी बहुत कठिन तो लिखे नहीं हो कि समझे न पायें. मस्त 'धोयों' की रचना की गई है 'धोयोंकार'द्वारा-धुल कर निकले एकदम झकाझक. बाकी तो मसला-क्या कहें. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-23730099448043561572009-06-09T21:33:34.768+05:302009-06-09T21:33:34.768+05:30आप थोड़ा सा गड़बड़ा गए। मैं कूलर, हीटर कुछ भी न होने ...आप थोड़ा सा गड़बड़ा गए। मैं कूलर, हीटर कुछ भी न होने पर भी 'बात समझ गई' हूँ। ऐसा माना गया है। सो मुझे समझ आने के अपराध में कूलर, हीटर की पंक्ति में मत खड़ा कीजिएगा।<br />दोहे गजब के बने हैं। मैं तो इसकी प्रेरणा देने वाले को बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ। दोहे बनाने की कला की कक्षाएँ कब शुरू कर रहे हैं?<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-73515075461043877962009-06-09T15:11:55.179+05:302009-06-09T15:11:55.179+05:30अरे तो आप उन्हें सेक्युलर घोषित कर दो, दिक्कत क्या...अरे तो आप उन्हें सेक्युलर घोषित कर दो, दिक्कत क्या है?<br /><a href="http://alizakir.blogspot.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://tasliim.blogspot.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sciblogindia.blogspot.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-74038251692962200292009-06-09T14:27:33.876+05:302009-06-09T14:27:33.876+05:30आज तो भाई तुम्हारी पोस्ट पर टिपण्णी करने का मन ही ...आज तो भाई तुम्हारी पोस्ट पर टिपण्णी करने का मन ही नहीं कर रहा......क्योंकि तुम्हारी पोस्ट पढ़कर टिपण्णी देने जा ही रही थी कि सोचा जरा तुम्हारे दिए लिंक पर जाकर देखूं...........<br /><br />और वहां जाकर जो आनंद आया........वाह !!! ...........क्या कहूँ....<br /><br />अरे पोस्ट से नहीं रे.....टिप्पणियों से...<br /><br />कुछ टिप्पणियां तो मैंने सहेज कर रख लिया है....एकदम लाजवाब हैं........अरुण जी ,घुघूती जी,रतनजी....इत्यादि इत्यादि सभी ने जो बातें रखीं हैं....वाह !! <br /><br />हालाँकि मुझे राजनीति में कोई विशेष दिलचस्पी नहीं पर भाई सुरेश जी की पोस्ट तो मैं भी बिना नागा पढ़ती हूँ और टिप्पणियां भी देती हूँ.....मुझे बड़ा ही हर्ष होता है कि देश और देश की ज्वलंत समस्यायों पर जितना निर्भीक होकर वे लिखते हैं,वह ऐसा ही व्यक्ति लिख सकता है जिसके खून में देशभक्ति की मात्रा इतनी है कि वह कम्युनल कहलाने के डर से चुप हो ठंढी पड़ बैठती जमती नहीं.<br /><br />चलो अच्छा ही हुआ ..इसी बहाने एक सार्थक चर्चा हो गयी.....और तुम्हारे अन्दर का कवि हिलोरें मार कर उठ खडा हुआ ....गुड ...कीप इट अप....<br /><br />सतत लिखते रहो...गलत के विरुद्ध...<br />खून में उबाल रहना ही चाहिए...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-39607513662648114762009-06-09T10:50:29.207+05:302009-06-09T10:50:29.207+05:30@ शिवकुमार जी मिश्र
आपके लेख में ऐसा क्या है जो ह...@ शिवकुमार जी मिश्र<br /><br /><b>आपके लेख में ऐसा क्या है जो हमारी समझ में नहीं आ सकता. ये तो अच्छी रही. आपके लेख पर कोई आपसे अलग राय रखे तो आप कहते हैं कि; "पाठकों की समझ में ही नहीं आया."<br /><br />खैर, ये कोई नई बात नहीं है. पहले भी तथाकथित सेकुलर समुदाय यही करता आया है. फट से कहकर निकल लेता है कि वह जो कहना चाहता है किसी की समझ में ही नहीं आया. <br /></b><br /><br />आप समझते क्युं नही? ये स्टाईल है बाबा स्टाईल. समझे क्या?:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-52468819575622982432009-06-09T10:39:31.073+05:302009-06-09T10:39:31.073+05:30@ काशिफ आरिफ
काशिफ साहेब कहते हैं;
"और एक च...@ काशिफ आरिफ <br />काशिफ साहेब कहते हैं;<br /><br />"और एक चीज़ समझ मे नही आती सबकॊ अपना नाम लिखना बुरा लगा लेकिन किसी ने ये देखने की ज़हमत नही की मैरी ये पोस्ट लिखने की मुख्य वजह क्या थी?<br /><br />"इतने बडे-बडे लोग लेकिन किसी को भी मेरी अस्ली वजह नही दिखी?"<br /> <br />भैया, आप क्या खुद को जयशंकर प्रसाद समझते हैं? या अज्ञेय? या फिर आप खुद को शुरुआती दिनों के गालिब समझते हैं जिनके शेर सुनकर मुशायरे में किसी ने कहा था;<br /><br />कलाम-ए-मीर समझे और जुबान-ए-मीरजा समझे <br />मगर इनका कहा ये आप समझें या खुदा समझे <br /><br />आप खुद को क्या ऐसा महान छायावादी लेखक समझते हैं कि आप जो लिखेंगे वो केवल आपकी समझ में आएगा? या फिर कोई विश्वविद्यालय एक कमेटी का गठन करे. यह जानने के लिए कि आपने क्या लिखा है? जो लोग आपकी और आपकी सोच की जय-जयकार कर गए, उनकी समझ में आ गया और जो उनसे हटकर प्रतिक्रिया देते हैं, उनकी समझ में नहीं आया?<br /><br />आपके लेख में ऐसा क्या है जो हमारी समझ में नहीं आ सकता. ये तो अच्छी रही. आपके लेख पर कोई आपसे अलग राय रखे तो आप कहते हैं कि; "पाठकों की समझ में ही नहीं आया."<br /><br />खैर, ये कोई नई बात नहीं है. पहले भी तथाकथित सेकुलर समुदाय यही करता आया है. फट से कहकर निकल लेता है कि वह जो कहना चाहता है किसी की समझ में ही नहीं आया.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-88801465693952235662009-06-09T09:45:13.732+05:302009-06-09T09:45:13.732+05:30@ दीपक
"इतने दिनो बाद इतनी लंबी टिप्पणी लिख...@ दीपक <br /><br />"इतने दिनो बाद इतनी लंबी टिप्पणी लिखने के लिये एक धन्यवाद हम जरुर डिसर्व करते है !!"<br /><br />बिल्कुल डिजर्व करते हैं धन्यवाद. और मैं धन्यवाद दे रहा हूँ.<br /><br />दीपक जी के साथ-साथ आप सभी को धन्यवाद.<br /><br />पोस्ट लिखने के अलावा काशिफ जी से यही कहना है कि; " आपको मुझे कम्यूनल कहने की ज़रुरत क्यों आन पडी? सीधी सी बात है. भाई, जब मैंने आपको कभी सेकुलर नहीं कहा, तो आप मुझे कम्यूनल क्यों कह रहे हैं?"<br /><br />@ प्रशांत <br /><br />ab chahe jo bhi kahalaayiye, kam se kam Secular jaisi Gali se to bach gaye naa.. :)<br /><br />मुझे मालूम हैं प्रशांत. अगर मुझे सेकुलर कहा गया होता तो मुझे बहुत दुःख होता. तब शायद ऐसे दुःख से उबरना आसान नहीं होता....:-)<br /><br />मेरा तो कहना यही है कि न तो मैं सेकुलर हूँ और न ही कम्यूनल. भैया, मैं तो ब्लॉगर हूँ....:-)Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-69490120512173677882009-06-09T08:28:28.257+05:302009-06-09T08:28:28.257+05:30अब क्या कहें तथाकथित सेकुलरों को | मुझे तो ये सेकु...अब क्या कहें तथाकथित सेकुलरों को | मुझे तो ये सेकुलर का सर्टिफिकेट बाँटने वाले सबसे ज्यादा साम्प्रदायिक लगते है | <br />और हाँ किसी ने वेद नहीं पढ़े हो तो उनकी जानकारी कासिफ जी ले ले !Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-81413807962928250262009-06-09T07:25:16.052+05:302009-06-09T07:25:16.052+05:30नाइक की टोली अब सर्टिफेट भी बाँटेगी? यह तो साइबर ट...नाइक की टोली अब सर्टिफेट भी बाँटेगी? यह तो साइबर टेररिज्म है।सुमन्त मिश्र ‘कात्यायन’https://www.blogger.com/profile/14324507646856271888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-3634061376254296082009-06-09T07:24:11.649+05:302009-06-09T07:24:11.649+05:30"सेकुलर साबुन यूज कर छुपा लिए सब दाग"
सा..."सेकुलर साबुन यूज कर छुपा लिए सब दाग"<br />साबुन से धोया जाता है छुपाया नहीं जाता। संगति नहीं बैठती, इसलिए इसे बदल दें, ऐसे:<br />"सेकुलर साबुन यूज कर धोय लिए सब दाग"<br /><br />छुप्पा छुप्पी को कवर करने के लिए एक और दोहे (यहाँ की आम भाषा में कहें तो 'धोये') की आवश्यकता है।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-21112601136698612802009-06-09T04:18:44.496+05:302009-06-09T04:18:44.496+05:30वाह वाह क्या दोहें हैं । पर अभिषेक जी सही कहते हैं...वाह वाह क्या दोहें हैं । पर अभिषेक जी सही कहते हैं इनपर क्या वक्त जाया करना ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-39016074118498381822009-06-09T01:22:08.069+05:302009-06-09T01:22:08.069+05:30शिव कुमार जी छोडे नादन होगा कोई, अगर स्याना होता त...शिव कुमार जी छोडे नादन होगा कोई, अगर स्याना होता तो ऎसी बात ना लिखता, कविता आप ने अच्छी लिखी.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-90518794783120847022009-06-09T00:48:22.661+05:302009-06-09T00:48:22.661+05:30धोये तो धांसू हैं लेकिन इन महोदय पर बर्बाद करने ला...धोये तो धांसू हैं लेकिन इन महोदय पर बर्बाद करने लायक नहीं. अरे दो कौडी के पोस्ट पर आपने लाखों के धोये बर्बाद कर दिए ! हमारा तो कुछ शेयर नहीं है (ज्ञान भैया की तरह) इस ब्लॉग में लेकिन आप का अनुज होने के नाते और इस टिपण्णी के लिए कोई हमें भी कुछ घोषित कर दे तो मजा आ जाए :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-88447865425693422442009-06-09T00:03:48.099+05:302009-06-09T00:03:48.099+05:30कासिफ़ जी क्या करे हम तो पहले ही घोषित कर चुके है क...कासिफ़ जी क्या करे हम तो पहले ही घोषित कर चुके है कि हम पढे लिखे नही है सो आपकी पोस्ट वेदो मे क्या क्या लिखा है का मर्म नही समझ पाये . और अब जरूरी तो नही कि हम उम्र बढने के साथ आप जैसे आलिम फ़ाजिल हो पाये . अब आप ही ब्लोगर समुदाय को संभाले . हम तो यह भी नही कह सकते " जाने कहा कहा से आ जाते है बेअकल हम नासमझो को समझाने :)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-39714464213683730932009-06-08T23:07:09.050+05:302009-06-08T23:07:09.050+05:30अरे गुरुदेव....हम ता समझ रहे थे की ई चिरकुटई ..हम ...अरे गुरुदेव....हम ता समझ रहे थे की ई चिरकुटई ..हम जैसे चिर्कुत्तन ब्लॉगर के साथ ही होता है..सो मजे में झेल जाते थे..मुदा बताइये...अरे सर धो दिए हैं न..ऐसे ही निचोड़ कर सुखा दीजिये...नहीं ता लटका दीजिये चुट्टा लगा के..सूखने के लिए...अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-32275704000507387792009-06-08T23:04:27.569+05:302009-06-08T23:04:27.569+05:30ग़ालिब का शेर याद हो आया, पता नहीं क्यों...
रोने से...ग़ालिब का शेर याद हो आया, पता नहीं क्यों...<br />रोने से और इश्क में बेबाक हो गये<br />धोये गये हम ऐसे कि बस पाक हो गये....<br /><br />छोड़िये इन विद्वानों की बातों को, लेकिन हम तो शुक्रगुजार हैं इनके कि...<br />...इसी बहाने हमें एक जबरदस्त पोस्ट पढ़ने को तो मिलागौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-15092231780646518232009-06-08T21:24:46.828+05:302009-06-08T21:24:46.828+05:30ओये लक्की ..लक्की ओये.. हा हु हुर्र !!
आपको भी क...ओये लक्की ..लक्की ओये.. हा हु हुर्र !! <br /><br />आपको भी कोई गरिया गया क्या ? वो भी व्यक्तीगत तौर पर यह तो और बुरी बात है ,सामुहिक तौर पर हमाम मे सब नंगे है इसलिये सामुहिक बातो पर कोई एतराज नही अलबत्ता व्यक्तिगत आरोप लगाने वाले सेकुलरो से खुदा ही बचाये !<br /><br />लोगो कि छोडीये ...कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना !<br /><br />रोज व्यंग लिखते है और जब व्यंग लिखने का इतना धांसु मौका इन सेकु लड भाई ने दिया तब दोहे सुना रहे है ...टी आर पी बढाने का अच्छा मौका हाथ से खो रहे है :)।<br /><br /><strong>नमाजी सारे उठ कर चले गये मस्जीदो से <br />दहशदगर्दो के हाथ ईस्लाम रह गया !</strong><br /><br />अब देखे हमारे नाम का भी फ़तवा जारी होता है कि नही .....गोया सब विवाद से भागते है ...हम विवादित मुद्दो पर ही पोस्ट लिखते है और टिप्पणी करते है !<br /><br />इतने दिनो बाद इतनी लंबी टिप्पणी लिखने के लिये एक धन्यवाद हम जरुर डिसर्व करते है !!दीपकhttps://www.blogger.com/profile/08603794903246258197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-72242613986881001972009-06-08T21:18:26.378+05:302009-06-08T21:18:26.378+05:30हमारी उमर कितनी भी हो जाये अब हम तड़ाक से "सेक...हमारी उमर कितनी भी हो जाये अब हम तड़ाक से "सेकुलर" न बनेंगे, और भड़ाक से वामपंथी साहित्य भी न पेल सकेंगे… खम ठोंककर "कम्युनल" हैं, कभी तो अखाड़ा मारेंगे ही… :) वैसे आपकी पोस्ट पर और "धोयों" पर, हमारी टिप्पणी - "हा हा हा हा हा हा हा हा…" (इसे बीस बार रिपीट करें…)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-47536677873035975192009-06-08T20:46:06.266+05:302009-06-08T20:46:06.266+05:30भाई ये सेकूलर और कोमूनल का होत है? कोई हमका भी समझ...भाई ये सेकूलर और कोमूनल का होत है? कोई हमका भी समझा दो. ई दोनों नाम कुछ कुछ सुना सुना सा लगता है कहीं पर?<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-63899607159266571692009-06-08T20:37:21.713+05:302009-06-08T20:37:21.713+05:30kahe pareshan hote hain Shiv bhaiya?
Ham to isi ba...kahe pareshan hote hain Shiv bhaiya?<br />Ham to isi baat se khush hain ki aap Secular nahi kahlaye.. ab chahe jo bhi kahalaayiye, kam se kam Secular jaisi Gali se to bach gaye naa.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-6015484662678369692009-06-08T20:01:34.826+05:302009-06-08T20:01:34.826+05:30शिव जी, सबसे पहले काफ़ी अच्छी कविता लिखी है आपने, द...शिव जी, सबसे पहले काफ़ी अच्छी कविता लिखी है आपने, दुसरी बात आपकी टिप्पणी पढ्ने के बाद ही आपका नाम लिखा है। और एक चीज़ समझ मे नही आती सबकॊ अपना नाम लिखना बुरा लगा लेकिन किसी ने ये देखने की ज़हमत नही की मैरी ये पोस्ट लिखने की मुख्य वजह क्या थी?<br /><br />इतने बडे-बडे लोग लेकिन किसी को भी मेरी अस्ली वजह नही दिखी? मैने सुना था उम्र के साथ तजुर्बा आ जाता है लेकिन मुझे तो इस ब्लोग्गर समुदाय मे ऐसा नही दिखा।काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttps://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com