tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post4304222948350549599..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: काकेश जी, ये आपके (?) लिएGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-41854368572448618762008-01-31T22:08:00.000+05:302008-01-31T22:08:00.000+05:30बड़िया है बीच बीच में ऐसे ही कविताएं सुनाते रहिएबड़िया है बीच बीच में ऐसे ही कविताएं सुनाते रहिएAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-91679929848776151042008-01-31T10:07:00.000+05:302008-01-31T10:07:00.000+05:30बढिया है जी। शान धारम्।बढिया है जी। शान धारम्।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-86908134774728072812008-01-31T06:44:00.000+05:302008-01-31T06:44:00.000+05:30कवियित्रियों से दिनकर जी पर लाये? और लाये भी तो यु...कवियित्रियों से दिनकर जी पर लाये? और लाये भी तो युद्ध में? दिनकर जी पर भी लाये तो ऊर्वशी पर लाये होते। <BR/>और वे अंश जहां पुरुरवा अपनी कमजोरियों के वश में विलाप कर रहा है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-27436696699909353092008-01-31T06:41:00.000+05:302008-01-31T06:41:00.000+05:30रहेगा अभिमान जब तक अभिशाप से न बच पाएगा।रहेगा अभिमान जब तक <BR/>अभिशाप से न बच पाएगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-56905694800603207772008-01-30T23:16:00.000+05:302008-01-30T23:16:00.000+05:30बहुत खूब.कोटी-कोटी साधुवाद.गुजारिश तो हमसे की गई थ...बहुत खूब.<BR/>कोटी-कोटी साधुवाद.<BR/>गुजारिश तो हमसे की गई थी पर पूरी आपने की.<BR/>लगे रहो मुन्ना भाई इसी तरह हमरे काम करते रहो.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-70446752148680967742008-01-30T20:53:00.000+05:302008-01-30T20:53:00.000+05:30धन्यवाद जी. मजा आ गया.सबकी सुबुद्धि पितामह, हाय, म...धन्यवाद जी. मजा आ गया.<BR/><BR/>सबकी सुबुद्धि पितामह, हाय, मारी गई<BR/>सबको विनष्ट किया एक अभिमान ने।<BR/><BR/>बहुत सही बात कह दी दिनकर जी. बीच बीच में पढ़ाते रहिये.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.com