tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post484903433523285211..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: शर्मा जी का डिब्बाGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-74147503115249272162013-03-22T23:49:51.951+05:302013-03-22T23:49:51.951+05:30यह तो है कि सब्जी बिना रोटी सूखी लगती है,मिस्टर शर...यह तो है कि सब्जी बिना रोटी सूखी लगती है,मिस्टर शर्मा जानते हैं तभी मिसेज शर्मा को दाद मन ही मन बड़ी लाउडली देते हैं और जो नहीं देते वो मिसेज शर्मा के स्किल्स आपकी इस पोस्ट से जान चुके होंगे.. मेहता जी को प्यार जताना आता है तभी प्लेट और चम्मच उनके हाथ लगना चाहते हैं..कौन गौतम साहेब के हत्थे चढ़ाना चाहेगा जो कजरारे कजरारे गाकर पहले उनकी बजाते हैं जिनसे बाद में खाते हैं..उत्कृष्ट पोस्ट :)nidhi0081https://www.blogger.com/profile/01571765967013982913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-77774818830162180002011-09-20T17:57:11.828+05:302011-09-20T17:57:11.828+05:30काफ़ी सोच-विचार के बाद सूचना समृद्ध होकर लिखी गई है...काफ़ी सोच-विचार के बाद सूचना समृद्ध होकर लिखी गई है. यह सब्जियों-रोटियों और यहां तक कि बर्तनों के भी प्रति आपकी सहानुभूति का उत्कट उदाहरण है.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-10067293323047282712011-07-12T09:58:02.765+05:302011-07-12T09:58:02.765+05:30आने वाले दिनों में इस विषय पर कोई छात्र पी एचडी कर...आने वाले दिनों में इस विषय पर कोई छात्र पी एचडी कर सकता है, साहित्यकार कहानी लिख सकता है, कवि कविता ठेल सकता है या फिर आई आई टी में पी एचडी की डिग्री की खोज में पहुँचा कोई इंजिनीयर अपनी अपनी थीसिस लिख सकता है. <br />---<br />अरे ये तो भूल ही गए कि इससे प्रेरणा लेकर कोई ब्लोगर पोस्ट लिख सकता है :)<br />बहुत मजेदार पोस्ट...टिफिन बॉक्स का आँखों देखा हाल देख कर आँख में पानी आ गया. :)Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-19797216392780272682011-06-23T20:59:15.609+05:302011-06-23T20:59:15.609+05:30आदरणीय, बहुत कम कहा गया आपके लेख के बारे में, मै आ...आदरणीय, बहुत कम कहा गया आपके लेख के बारे में, मै आदरणीय "नीरज गोस्वामी जी" के कथन से पूर्ण सहमति व्यक्त करता हूँ, कल्पनातीत लेखन है आपका...राजेंद्र अवस्थी.https://www.blogger.com/profile/07787603885536719123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62639009328696374592011-06-23T12:51:02.253+05:302011-06-23T12:51:02.253+05:30उधर टिफिन में ठूंसकर भरी गई रोटियां पिछले चार घंटो...उधर टिफिन में ठूंसकर भरी गई रोटियां पिछले चार घंटों से टिफिन से निकलने के लिए ठीक वैसे ही तड़प रही होती हैं जैसे तिहाड़ से निकलने के लिए कनिमोई.Superb<br />Girishगिरीशhttps://www.blogger.com/profile/02347926344164654287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-35303644163382275562011-06-16T20:29:04.511+05:302011-06-16T20:29:04.511+05:30Simply awesome!!!Simply awesome!!!Amit Singhhttps://www.blogger.com/profile/15669747805294592546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-44138322639679530892011-06-16T05:57:10.600+05:302011-06-16T05:57:10.600+05:30बेहतरीन!बेहतरीन!नितिन | Nitin Vyashttps://www.blogger.com/profile/14367374192560106388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-56406066944673941232011-06-16T02:33:15.284+05:302011-06-16T02:33:15.284+05:30सब्जियां भी शिकायत करती हैं? एक टिफिन के सिवा कौन ...सब्जियां भी शिकायत करती हैं? एक टिफिन के सिवा कौन समझा उनका दर्द.<br />आप टिफिन ही है न?mepretentioushttps://www.blogger.com/profile/08330058555798814638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-9048534630306800652011-06-16T00:45:23.435+05:302011-06-16T00:45:23.435+05:30लिहाजा रोज टिफिन देने वाली पत्नी को समर्पित करता ह...लिहाजा रोज टिफिन देने वाली पत्नी को समर्पित करता हूं इस पोस्ट का पढ़ना और मेरा इस पर टिप्प्णी करना.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-26647095369174660292011-06-16T00:44:04.437+05:302011-06-16T00:44:04.437+05:30पत्नी जी का योगदान मुझे तो अमूल्य लगता है. प्रारम्...पत्नी जी का योगदान मुझे तो अमूल्य लगता है. प्रारम्भ में कैद सी लगती थी और पत्नी जेलर सरीखी लेकिन अब लगता है कि पत्नी बिना भी कोई जिन्दगी होती है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-76072162967708735612011-06-15T22:42:06.167+05:302011-06-15T22:42:06.167+05:30एक दूसरे से जूझते रहने में ही यहआं जीवन को निर्वाण...एक दूसरे से जूझते रहने में ही यहआं जीवन को निर्वाण मिलता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-81544727944137226982011-06-15T22:11:03.821+05:302011-06-15T22:11:03.821+05:30पीपीपी.... ओह हम समझे ये कोई पाकिस्तान की आतंकवादी...पीपीपी.... ओह हम समझे ये कोई पाकिस्तान की आतंकवादी पार्टी होगी जो ओसामा की तरह कह रही है-<br /> "दफ्न करदो मुझे कि सांस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है"चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-81646386941331980892011-06-15T20:42:00.774+05:302011-06-15T20:42:00.774+05:30Ha ha very funny! वैसे मेरे पतिदेव भी मेरा टिफिन ब...Ha ha very funny! वैसे मेरे पतिदेव भी मेरा टिफिन बहुत उम्दा तरीके से पेक करते हैं!!Giribalahttps://www.blogger.com/profile/11481010044909052232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-64639955394798864302011-06-15T18:36:10.690+05:302011-06-15T18:36:10.690+05:30बहुत खूब! गजब का मानवीकरण है!
मजे आ गये बांचकर! ...बहुत खूब! गजब का मानवीकरण है! <br /><br />मजे आ गये बांचकर! जय हो!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-51466080737249308712011-06-15T17:27:14.497+05:302011-06-15T17:27:14.497+05:30मेनेजमेंट के गुरु है शारू रागणेकर ( हो सकता है कि ...मेनेजमेंट के गुरु है शारू रागणेकर ( हो सकता है कि नाम लिखने में कुछ गलती हो) उन्होंने एक पुस्तक लिखी है पत्नी से प्रबंधन सीखो। उनका एक लेक्चर मैंने भी सुना था, उन्होंने विस्तार से बताया था कि किस प्रकार पत्नियां प्रबंधन में कुशल होती हैं और उनसे ही बारीकियां सीखनी चाहिए।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-82665818980938450412011-06-15T15:40:14.746+05:302011-06-15T15:40:14.746+05:30इससे ज्यादा स्किल्स मेरी पत्नीजी दिखाती हैं जब वे ...इससे ज्यादा स्किल्स मेरी पत्नीजी दिखाती हैं जब वे मेरे ब्रीफकेस नुमा सूटकेस में तीन दिन की यात्रा का सामान संजोती हैं। रोटी तो तुड़ मुड़ जाती है सब्जी और अचार के साथ। पर मेरी पैण्ट-बुश शर्ट कभी ऐसी नहीं लगी कि हंडिया में से निकाली हो!<br /><br />पत्नियों को तो इतने नोबल पुरस्कार देने होंगे कि <a href="http://nobelprize.org/nobel_organizations/org_structure.html" rel="nofollow">नोबल फाउण्डेशन</a> कंगाल हो जाये! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-1788588437572086082011-06-15T15:38:08.686+05:302011-06-15T15:38:08.686+05:30बंधू आपका ये लेख हिंदी व्यंग लेखन के इतिहास में मी...बंधू आपका ये लेख हिंदी व्यंग लेखन के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा ये हमसे आप चाहे जहाँ लिखवा लो. कोई टिफिन बाक्स की पैकिंग उसमें रखी सब्जी रोटी अचार पर भी लिख सकता है और वो भी ऐसा विलक्षण यकीन नहीं होता. आप हिंदी व्यंग लेखन की उस पीढ़ी के नेता बनने जा रहे हैं जो ज्ञान चतुर्वेदी जी से आगे की है. इस लेख को पढ़ कर हम धन्य हुए.<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-43986789840777099482011-06-15T14:39:52.264+05:302011-06-15T14:39:52.264+05:30ओह....जबरदस्त मानवीयकरण किया है...सटीक उदहारण चिपक...ओह....जबरदस्त मानवीयकरण किया है...सटीक उदहारण चिपकाएँ हैं हर जगह...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-87614514859691125212011-06-15T14:28:47.134+05:302011-06-15T14:28:47.134+05:30बहोत बढ़िया मजा आ गया...ऐसा लग रहा था जैसे की शर्...बहोत बढ़िया मजा आ गया...ऐसा लग रहा था जैसे की शर्मा जी की कहानी का जीवंत उदहारण देख रहा हू.om shivhttps://www.blogger.com/profile/12817410752567407322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-66320987687812770042011-06-15T14:27:59.879+05:302011-06-15T14:27:59.879+05:30बहोत बढ़िया मजा आ गया...ऐसा लग रहा था जैसे की शर्...बहोत बढ़िया मजा आ गया...ऐसा लग रहा था जैसे की शर्मा जी की कहानी का जीवंत उदहारण देख रहा हू.om shivhttps://www.blogger.com/profile/12817410752567407322noreply@blogger.com