tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post5871641626737852304..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: स्टिंग ऑपरेशन से दिशा नहीं मिलतीGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-17744334739416720932007-06-16T05:58:00.000+05:302007-06-16T05:58:00.000+05:30अच्छा तो यह जॉइन्ट वेनचर है।अच्छा तो यह जॉइन्ट वेनचर है।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-47051683841902153582007-06-10T23:30:00.000+05:302007-06-10T23:30:00.000+05:30खुफिया पत्रकारिता एक नयी विधा है पत्रकारिता की.जब ...खुफिया पत्रकारिता एक नयी विधा है पत्रकारिता की.<BR/>जब विडिओ कैमरे नही होते थे ,तब यह खुफिया पत्रकारिता अलग रूप मेँ होति थी. मुझे याद है इंडिअन एक्स्प्रेस मेँ अरुन शौरी के कार्यकाल मेँ गुंडूराव का इंटेर्व्यू. फिर मुख्यमंत्री हेगडे की बात चीत का टेलीफोन टेप का प्रकाशन. <BR/>इन सबकी अपनी उपयोगिता है. इसे बिल्कुल नकारा नही जा सकता.<BR/>अरविन्द चतुर्वेदी <BR/>भारतीयमडा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/01678807832082770534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-47661211375622172502007-06-10T13:06:00.000+05:302007-06-10T13:06:00.000+05:30आपके POV से काफी हद तक एग्रीमेंट में हूँ। आपका कहन...आपके POV से काफी हद तक एग्रीमेंट में हूँ। आपका कहना भी सही है। हमारा approach "elephant in the room" जैसा है. कई ऐसे issues हैं जिनको हम "जानते" हैं। पर सिर्फ जानने से काम नही चलता है। जब तक कोई बोलेगा नही तब तक कोई मानेगा ही नही कि हाथी है कमरे में। जैसे "hostile witness" के बारे में हम "जानते" तो हमेशा से रहे हैं, पर जब कैमरे पर मुंशी जीं को झूठ बोलते देखा तभी इसकी रियलिटी समझ में आयी. ऐसे तो कोई भी शयन मुंशी से पूछता तो कह देता कि पुलिस झूठी हैं, मेरा स्टेटमेंट गलत रेकॉर्ड किया etc. इस बार तो फिर भी सबों ने बड़ी मछली पकड़ी है। इन वकीलों को बार से भी निकाल दिया गया है. शायद जेस्सिचा लाल कि तरह इस केस में भी कनविक्शन मिल जाएगा। इसीलिये मुखे लगता है कि स्टिंग ऑपरेशन blunt ज़रूर हो गयी है पर पूरी तरह से useless भी नही है. अब भी एक टूल है हाथी को acknowledge करने के लिए.<BR/><BR/>पर मीडिया को भी इतनी जल्दी अपनी पीठ नही थाप थापनी चाहिऐ। हर issue को dumb down करके एक "येस ओर नो" कि पोल बनाना भी ठीक नही है।Mogambohttps://www.blogger.com/profile/16518446397473845263noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-83880100344985832652007-06-10T11:06:00.000+05:302007-06-10T11:06:00.000+05:30सही है! लोग घोटालों घपलों की खबरें सुनने के आदी से...सही है! लोग घोटालों घपलों की खबरें सुनने के आदी से हो गये हैं।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-38826805841692758072007-06-10T10:31:00.000+05:302007-06-10T10:31:00.000+05:30"हां मीडिया खुद किस तरह खबर बनाता या मरोड़ता है – उ..."हां मीडिया खुद किस तरह खबर बनाता या मरोड़ता है – उसपर अगर स्टिंग ऑपरेशन हो तो मजा आये.<BR/>पर किसी कीड़े को खुद को डंक मारते देखा है?!"<BR/><BR/>हा हा!<BR/>अपन ने तो नहीं देखा किसी कीड़े को खुद डंकमारते हुए।<BR/>बढ़िया !Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.com