tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post5874501172574884682..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: कोई तो बताये ये है माज़रा क्या....Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-69269837833105146322008-09-02T14:40:00.000+05:302008-09-02T14:40:00.000+05:30vaise pata nahin...aap ke liye comment karne ke ma...vaise pata nahin...aap ke liye comment karne ke main layak hoon ya nahin...par fir bhi himmat to karni hi padegi...<BR/><BR/>kavita bahot hi gehri aur sochne par majboor karnve wali hain...<BR/><BR/>par ye sher....mashallah...kya kahoon...zabardast...<BR/><BR/>आसमाँ गर्दिश में था तो पुरशुकूं थी ज़िन्दगी<BR/>जब से घूमी है ज़मीं, हर आदमी चक्कर में हैShishir Shahhttps://www.blogger.com/profile/04589370008758205138noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-85451013573172054452008-08-31T21:12:00.000+05:302008-08-31T21:12:00.000+05:30जब नहीं थी ब्लॉगरी तो पुरशुकूं थी ज़िन्दगी।जबसे ठे...<B>जब नहीं थी ब्लॉगरी तो पुरशुकूं थी ज़िन्दगी।<BR/>जबसे ठेलम-ठेल है, हर आदमीं चक्कर में है॥</B><BR/><BR/>आपने गाड़े यहाँ थे व्यंग के झण्डे बहुत,<BR/>ब्लॉगरी में आजमाए यूँ नये फण्डे बहुत,<BR/>फिर अचानक फिर गये अतुकान्त कविता की तरफ़<BR/>माजरा क्या है, बताएं बढ़ रही उलझन बहुत...सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-55766946146642312102008-08-31T20:38:00.000+05:302008-08-31T20:38:00.000+05:30Sher aur najm dono pasand aaye. Thanks.Sher aur najm dono pasand aaye. Thanks.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-15954253319004234532008-08-29T22:58:00.000+05:302008-08-29T22:58:00.000+05:30आसमाँ गर्दिश में था तो पुरशुकूं थी ज़िन्दगीजब से घ...आसमाँ गर्दिश में था तो पुरशुकूं थी ज़िन्दगी<BR/>जब से घूमी है ज़मीं, हर आदमी चक्कर में है<BR/><BR/>आपके इस टंके शे'र को <BR/>हम तो टकटकी लगाए देखते रह गए. <BR/>बहुत खूब !<BR/>==========<BR/>चन्द्रकुमारDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-23597958310915620622008-08-29T21:16:00.000+05:302008-08-29T21:16:00.000+05:30हमेँ तो ये बहुत पसँद आई ~~~सुरसती की जाई कविता, उस...हमेँ तो ये बहुत पसँद आई ~~~<BR/>सुरसती की जाई कविता, <BR/>उससे चिढते हर कोई,<BR/>क्यूँ ? अब कोई तो बताये.<BR/>...माजरा क्या है ?<BR/>सुदर्शन साहब को शुभकामनाएँ दीजियेगा जी -<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62699185644781411492008-08-29T20:12:00.000+05:302008-08-29T20:12:00.000+05:30सुदर्शन नन्दीग्राम/सिंगूर की यात्रा से आये प्रतीत ...सुदर्शन नन्दीग्राम/सिंगूर की यात्रा से आये प्रतीत होते हैं।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-88744500073563755562008-08-29T20:09:00.000+05:302008-08-29T20:09:00.000+05:30आपकी तबीयत के बारे में समझा. मन खट्टा हो गया. जवान...आपकी तबीयत के बारे में समझा. मन खट्टा हो गया. जवान उम्र में ये बिमारी-खुदा न करे. पहले ही मन किया था कि बालमुकुन्द से दूर रहो. मगर जो सुनो, तब न!! अब भुगतो- इसका तो इलाज भी नहीं है.<BR/>फिर भी:<BR/>कोई तो बताये ये है माज़रा क्या!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-69506949067181927282008-08-29T19:00:00.000+05:302008-08-29T19:00:00.000+05:30जब म्हारे गुरुदेव कै ही माजरा पल्लै नही पड्या त म्...जब म्हारे गुरुदेव कै ही माजरा पल्लै नही पड्या त म्हारे के पडैगा ?<BR/>फ़िर तैं बांच कै देखेन्गे , समझ आया त टिपणी की जुगाड़ भिडायेन्गे !<BR/>फिलहाल तो राम राम गुरुओं को !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-29150648143081742852008-08-29T18:10:00.000+05:302008-08-29T18:10:00.000+05:30.अरे कोई मुझे भी तो बताओ,यार माज़रा क्या है ?.<BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><I>अरे कोई मुझे भी तो बताओ,<BR/>यार माज़रा क्या है ?</I>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-17932119625531168692008-08-29T17:21:00.000+05:302008-08-29T17:21:00.000+05:30वाह..मैं भी माजरा समझने की फिराक में हूं.आता रहूंग...वाह..<BR/>मैं भी माजरा समझने की फिराक में हूं.<BR/>आता रहूंगां...<BR/>शेष शुभ..योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-4088566125644664842008-08-29T14:44:00.000+05:302008-08-29T14:44:00.000+05:30aap apni kavitaayen bhi padhvaiyeaap apni kavitaayen bhi padhvaiyeपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-40042934390623926422008-08-29T13:31:00.000+05:302008-08-29T13:31:00.000+05:30व्यंग से कविता तक का सफर ....बढ़िया माजरा है पसंद ...व्यंग से कविता तक का सफर ....बढ़िया माजरा है पसंद आया :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-89869058427793958892008-08-29T12:44:00.000+05:302008-08-29T12:44:00.000+05:30बंधू एक ठो प्रार्थना है...सुदर्शन से कहिये की वो अ...बंधू एक ठो प्रार्थना है...सुदर्शन से कहिये की वो अपना ब्लॉग न बनाये , क्यूंकि जब बालकिशन जी की कविताओं से ही हमारा इन्द्र के सिंहासन रुपी ब्लॉग डोलने लगता है तो सुदर्शन जी की विलक्षण प्रतिभा की आंधी के समक्ष तो वो किसी तिनके सा उड़ जाएगा...उनसे कहिये अपनी प्रतिभा का उपयोग हमें डराने के लिए ना करें...हम उनकी प्रतिभा को नमन करते हुए उन्हें अध्यापन के क्षेत्र में नई ऊचाईयां छूने की कामना करते हैं...<BR/>उनकी इन पंक्तियों: <BR/>वो, कल जिसका चर्चा था सारे शहर में <BR/>मिला आज मुझको तो तनहा बहुत था<BR/>जो मशहूर है, वो अकेला भी है क्यूं<BR/>कोई तो बताये ये है माज़रा क्या<BR/>से मिलता जुलता अपना एक अदना सा शेर प्रस्तुत करने की धृष्टता करते हैं:<BR/>आलमे तन्हाई(अकेले पन का) का दोज़ख(नर्क) है क्या <BR/>पूछ उससे जो बहुत मशहूर है <BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-17058819088651172682008-08-29T12:22:00.000+05:302008-08-29T12:22:00.000+05:30ये क्या हो गया है, जुबानें हैं खामोशसभी पर हैं पहर...ये क्या हो गया है, जुबानें हैं खामोश<BR/>सभी पर हैं पहरे, सभी हैं डरे से<BR/>वो जब चाहें, जो चाहें, करके निकल लें <BR/>कोई तो बताये ये है माज़रा क्या<BR/>" good to read, liked it"<BR/><BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-16686140445598628272008-08-29T11:55:00.000+05:302008-08-29T11:55:00.000+05:30अच्छे भले थे ज्ञानी-शिव करते चिट्ठाकारी, लिखते व्य...अच्छे भले थे ज्ञानी-शिव <BR/>करते चिट्ठाकारी, लिखते व्यंग्य.<BR/><BR/>ठेल रहे अब कविता ओ'नज़्म<BR/><BR/>कोई बताए माजरा क्या है?संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-70392925780819212792008-08-29T11:02:00.000+05:302008-08-29T11:02:00.000+05:30-जब पेडॊ पे फ़ुदकते थे,तो पुरशुकूं थी ज़िन्दगीजब से...-जब पेडॊ पे फ़ुदकते थे,तो पुरशुकूं थी ज़िन्दगी<BR/>जब से कपडे पहने है. हर आदमी चक्कर में है<BR/><BR/><BR/>:) तो कविता फ़िर से ठेल दी है तुमने <BR/> चलो खुश रहो लो झेल ली है हमने <BR/> पर जब हर कोई पूछेगा मेरी प्रतिज्ञा को ?<BR/> शिव को कैसे छॊड दिया ?<BR/> या इलाही ये माजरा क्या ?<BR/> बोया तो चना था ?<BR/> उग गया बाजरा क्या ?Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.com