tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post6243367515166660600..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: एक सशक्त ब्लॉग लेखन पर फुटकर विचारGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-33436199703733743832007-06-29T21:19:00.000+05:302007-06-29T21:19:00.000+05:30चलो अच्छा हुआ सफलता के राज पता चले. अब हम भी इन्हे...चलो अच्छा हुआ सफलता के राज पता चले. अब हम भी इन्हें आजमाने का प्रयास करते हैं.<BR/><BR/>-आपका बताया एक एक सूत्र संपूर्ण है सफलता हासिल करने के लिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-87338436699351124432007-06-29T19:06:00.000+05:302007-06-29T19:06:00.000+05:30बहुत सही!!इ जौन निरंतरता नाम की चीज है ना इसे हमका...बहुत सही!!<BR/>इ जौन निरंतरता नाम की चीज है ना इसे हमका सबसे पहले लाग़ू करना बहुतै जरुरी है अपन आप पर इहां!! बहुतै आलसी हूं हम, पर का करें इहां सब लोगन लिखतै इतना अच्छा है कि पढ़त पढ़त ही सारा टाईमे निकल जात है!!<BR/><BR/>आभार!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-18526893564613998612007-06-29T12:51:00.000+05:302007-06-29T12:51:00.000+05:30"..परोसने का गुण. भोजन कैसा भी स्वादिष्ट बना हो; अ...<B>"..परोसने का गुण. भोजन कैसा भी स्वादिष्ट बना हो; अगर सर्विस बेकार तो सब बेकार..."</B><BR/><BR/>ये बात आपने सही कही.<BR/><BR/>कुछ बड़ी खबरों और ब्लॉग प्रविष्टि को कुछ लोग ले उड़ते हैं और बढ़िया लपेट कर फिर से परोस देते हैं (अंग्रेजी में) और मूल सामग्री तो हजार हिट को तरसती है, मसाले में लिपटा माल लाखों हिट जुटा लेता है. और ये अकसर होता रहता है!रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-22381901181127021592007-06-29T09:47:00.000+05:302007-06-29T09:47:00.000+05:30जानकारी काफ़ी कारगर दिख रही है.... सत्य का पता तो इ...जानकारी काफ़ी कारगर दिख रही है.... सत्य का पता तो इस्तेमाल के बाद ही होगा.. :-)Gaurav Prataphttps://www.blogger.com/profile/03777092483108808550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-47161536135009954352007-06-29T07:56:00.000+05:302007-06-29T07:56:00.000+05:30बहुत बढ़िया, जब आपकी जुगलबन्दी के बारे में शीर्षक ...बहुत बढ़िया, जब आपकी जुगलबन्दी के बारे में शीर्षक में पढ़ा तो मुझे भी गैरी-पास्नर ब्लॉग का ख्याल आया। सही है। वैसे कॉलेज में एक गेम खेलते थे नाम था Volte Face एक ही बंदा एक ही बाद को दो अलग अलग पहलूओं से बताता था।<BR/><BR/>पंकजमिर्ची सेठhttps://www.blogger.com/profile/11680187727394305360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-55607349222835522002007-06-29T07:42:00.000+05:302007-06-29T07:42:00.000+05:30सही है। आपने सफ़ल ब्लागर के सूत्र बता ही दिये। अब ल...सही है। आपने सफ़ल ब्लागर के सूत्र बता ही दिये। अब लोग इनको आत्मसात करके आगे बढ़ें। यह जुगलबंदी देखने-सुनने का इंतजार है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com