tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post7451543414612496943..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: साहेब, यूरिया पर सब्सिडी बढा देते तो......Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-35403862386203897682009-07-11T18:32:06.439+05:302009-07-11T18:32:06.439+05:30मानव शरीर ईश्वर की बनाई हुई मशीन है कोई PWD का पुल...मानव शरीर ईश्वर की बनाई हुई मशीन है कोई PWD का पुल नहीं जी .अपने आप एडजस्ट कर लेगी . सब ऑटोमैटिक चलेगा !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-26962711510423268822009-06-15T21:36:51.484+05:302009-06-15T21:36:51.484+05:30uttar bharat mein? kya dakshin bharat me aisa nahi...uttar bharat mein? kya dakshin bharat me aisa nahin hota? yahan doodh hi sabse sasta hai, to ham khushi khushi pi rahe the, kheer kha rhae the...post padhne ke bad soch rahe hain ki wo jo tetrapack me refined ho ke germproof wastu laaye hain ham, kahin itni khatarnaak to nahin ki usmein germ paida hi na ho sakein?<br />chintajanak post!Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-15269140204006125392009-06-08T01:17:08.267+05:302009-06-08T01:17:08.267+05:30मिश्र जी कोलकता में ऐसिड डाल कर दूध फाड़ा जाता है औ...मिश्र जी कोलकता में ऐसिड डाल कर दूध फाड़ा जाता है और इस प्रकार तैयार हुए छेने के हमलोग रसगुल्ले बड़़े मजे ले ले कर खाते हैं । <br />इस पोस्ट ने तो दूधवालों के ट्रेड सीक्रेट खोल कर रख दिये । मुझे पूरा यकीन है कि आपका दूध वाला इस पोस्ट को पढ कर आपसे नाराज जरूर हो जायेगा और दूध का भाव भी बढा देगा ।कृष्ण मोहन मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14783932323882463991noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-80773371720172236942009-06-07T21:35:04.320+05:302009-06-07T21:35:04.320+05:30बढिया व्यंग पर इससे हमारी सरकार के कान पर जूँ तक न...बढिया व्यंग पर इससे हमारी सरकार के कान पर जूँ तक नही रेंगेगी । पहले भी तो एक बार दूध मे डिटरजेन्ट मिलाने का हंगामा हो चुका है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-60013037071986074422009-06-07T20:45:05.484+05:302009-06-07T20:45:05.484+05:30दुनिया में सब कुछ पांच तत्वों से मिलकर बना है। क्ष...दुनिया में सब कुछ पांच तत्वों से मिलकर बना है। <b>क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा/पंच तत्व यह रचा शरीरा।</b> इसलिये चिंता नको करो जी! मस्त ऐसेइच लिखते रहो।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-49838229882376606142009-06-07T20:45:04.401+05:302009-06-07T20:45:04.401+05:30दुनिया में सब कुछ पांच तत्वों से मिलकर बना है। क्ष...दुनिया में सब कुछ पांच तत्वों से मिलकर बना है। <b>क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा/पंच तत्व यह रचा शरीरा।</b> इसलिये चिंता नको करो जी! मस्त ऐसेइच लिखते रहो।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-4930630065551225022009-06-06T23:41:14.650+05:302009-06-06T23:41:14.650+05:30खाद से जब पौधे जल्दी बढ जाते है तो बच्चे क्यों नही...खाद से जब पौधे जल्दी बढ जाते है तो बच्चे क्यों नहीं? आखिर देश को जल्दी परगति देना है कि नै!:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62696487567974913092009-06-06T16:51:39.588+05:302009-06-06T16:51:39.588+05:30जब कक्षा ५-६ में पढ़्ते थे तो सुबह बरनी ले दुध लेन...जब कक्षा ५-६ में पढ़्ते थे तो सुबह बरनी ले दुध लेने जाया करते थे.. और जिद होती की हमारे सामने दुहो... फिर भी ग्वालन कुछ पानी तो मिला ही देती.. आपने सही कहा शुक्र है वि केवल पानी होता था.. अब तो न जाने क्या क्या.. <br /><br />मिलावट वालों कुछ तो रहम करो.. कोई तो चिज छोड़ तो..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-65964530094368773772009-06-06T14:44:07.328+05:302009-06-06T14:44:07.328+05:30हमने तो दूध पीना बहुत पहले ही छोड़ दिया था।वैसे जब ...हमने तो दूध पीना बहुत पहले ही छोड़ दिया था।वैसे जब से यूरीया वाला दूध बाजार में आया है तब से आज तक सरकार इस के बारे मे क्या कर रही है किसी को शायद ही पता हो।कि उसने इसे रोकने के लिए क्या किया है?सिर्फ बातों के सिवा...परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-33672609863892328162009-06-06T13:23:58.326+05:302009-06-06T13:23:58.326+05:30अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देकर हमें ल...अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देकर हमें लगता है कि हमने अपने दायित्वों को अच्छे से निभाया है । क्योंकि शिक्षा उन्हे अच्छा भविष्य व संस्कार उन्हे सही गलत का निर्णय करने की क्षमता देता है । अब सभी अपने दायित्वों में अपने बच्चों को शुद्ध आहार सुनिश्चित करने का उपक्रम भी जोड़ लें । यदि आपका बच्चा ’मिलावटी तिलिस्म’ से सकुशल निकलकर स्वस्थ रहा तो शिक्षा और संस्कार दोनों ही काम आयेंगे, नहीं तो सब निरर्थक है । <br />हमारा समस्त ’एण्टी मिलावटी तन्त्र’ कहाँ है जी ? क्या इनके भी संस्कारों और विचारों मे मिलावट हो गयी है । इनके दिमाग का यूरिया कौन धोयेगा ?प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-14008367268091389132009-06-06T02:52:09.882+05:302009-06-06T02:52:09.882+05:30http://www.youtube.com/watch?v=tYpafipJyDE&fea...http://www.youtube.com/watch?v=tYpafipJyDE&feature=relatedab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-47746439984246618112009-06-05T19:37:35.514+05:302009-06-05T19:37:35.514+05:30सच कहूँ तो ऐसे अपराधो पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधा...सच कहूँ तो ऐसे अपराधो पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए ताकि लोग दूसरे की जान से खिलवाड़ न कर सके ...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-32180281513449423812009-06-05T18:26:55.537+05:302009-06-05T18:26:55.537+05:30आप पोस्ट के अंत में कहते हैं:
"सोचिये तब क्या...आप पोस्ट के अंत में कहते हैं:<br />"सोचिये तब क्या होगा?<br /><br />कैसा सवाल है बंधू...?? होना क्या है...??पहले ठीक हो जाया करती थी अब ढूध पी के एसीडीटी हो जाया करेगी...सीधा जवाब है...आप ढूध के पीछे पड़े हैं मुझे ये बताईये की मिलावट कहाँ नहीं है... और तो और मैंने पंकज जी से मिल कर शायरी तक में मिलावट कर डाली है...<br /><br />बंधू समझा करो ये जो ढूध वाला तब कर रहा था और अब कर रहा है ये मिलावट नहीं है...प्रयोग है...<br /><br />गांधी जी की तरह हो सकता है वो भी कभी एक किताब लिख मारे..."माई एक्सपेरिमेंट्स विद मिल्क" <br /><br />इंतज़ार करें. <br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-1562482595798102722009-06-05T17:58:04.659+05:302009-06-05T17:58:04.659+05:30अजी असली पी लिया तो अपच हो जायेगी.. अब तो जो आता ह...अजी असली पी लिया तो अपच हो जायेगी.. अब तो जो आता है आने दो..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-10401671660948739672009-06-05T17:00:46.492+05:302009-06-05T17:00:46.492+05:30यूरिया में दूध भी मिलाना होता है कि विशुद्ध ही मिल...यूरिया में दूध भी मिलाना होता है कि विशुद्ध ही मिलता है आजकल ? <br />बड़ी समस्या है !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-8479694402305569192009-06-05T16:52:53.795+05:302009-06-05T16:52:53.795+05:30सही बात है,गायों को पालने और दूध निकालने से ज्यादा...सही बात है,गायों को पालने और दूध निकालने से ज्यादा प्रोफिटेबल है गायों को बूचड़खाने में बेचना....<br />दूध का क्या है...यूरिया शैंपू डिटर्जेंट और पता नहीं क्या क्या तो हैं ही...इनसे भी सस्ते विकल्पों की रोज खोज और ईजाद हो ही रहे हैं...<br /><br />हमारे भी देश में सरकार चाहती है लोग गायों में दिलचस्पी दूध पीने में नहीं उसे भोजन में खाने के रूप में ले...इसलिए निश्चिंत है......<br /><br />खुश हो जाओ भाई ...बहुत जल्दी हम उन पश्चिमी देशों की बराबरी कर लेंगे जहाँ हट्टी कट्टी गायें फसलों की तरह मांस के रूप में खाए जाने के लिए तैयार की जाती हैं....<br />हमारे यहाँ हट्टी कट्टी न सही,गायों की कोई कमी नहीं....यकीन नहीं.....जाकर देख आओ बूचड़खाने में ????<br /><br />खरगपुर वाले रस्ते में अक्सर ही मुर्गियों की तरह ट्रक में ठूंसे हुए गायों को सरहद पार ले जाने के क्रम में देखा है....<br /><br />जय हे गौ मैया...ढेर तेरे खवैया पर कोऊ न रखवैया......रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-81258292746527277892009-06-05T16:04:36.263+05:302009-06-05T16:04:36.263+05:30आपके विचारो से सहमत हूँ . प्यूरिफ़ाइड करने के नाम स...आपके विचारो से सहमत हूँ . प्यूरिफ़ाइड करने के नाम से दूध से क्रीम भी निकल लेते है . जबलपुर में दूध माफियाओं के खिलाफ सघन आन्दोलन चल रहा है.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-10019909158731814572009-06-05T15:39:21.080+05:302009-06-05T15:39:21.080+05:30सही अवसर पर सही स्थान पर चोट करने से आप नहीं चूकते...सही अवसर पर सही स्थान पर चोट करने से आप नहीं चूकते।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-60256045838343576642009-06-05T13:51:43.113+05:302009-06-05T13:51:43.113+05:30आप कुछ भी क्यों न लिखे.
भाई मिलावट का पैमाना बहुत...आप कुछ भी क्यों न लिखे. <br />भाई मिलावट का पैमाना बहुत सटीक होता है, और इसमें ईमानदारी भी बहुत है. क्या मजाल की इसके पैमाने पर थोडा भी हेरा फेरी हो. चाहे आप दूध लें या फिर और कुछ ..... आपको ईमानदारी शत-प्रतिशत मिलेगी. <br /><br />मैं तो श्यामल सुमन जी से एक दम सहमत है. मंत्रालय, कार्यालय, कानून नए नियुक्ति इसमें सभी की जरूरत है ताकि मिलावट का धंधा ईमानदारी से हो सके. रही बात बढती हुई महंगाई की तो जनाब मेरे समझ से इसके लिए भी शंखियंकी विभाग को भी आगे आना पड़ेगा जो की मंत्रालय को सही डाटा दे सके और इसका सही इम्पैक्ट प्रोडक्ट पर, जी डी पी पर, समाज आदि पर सही दे सके. खैर देखते है, यह सरकार इस पर क्या करती है. <br /><br />वाकी आपका और आपके लेखनी जबाब नहीं हैंसंजय सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02047632624034296801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-36010071864777497012009-06-05T11:37:21.253+05:302009-06-05T11:37:21.253+05:30मैंने भी आजतक पर यह कार्यक्रम देखा था, अंदर तक सिह...मैंने भी आजतक पर यह कार्यक्रम देखा था, अंदर तक सिहर गया। पर किया भी क्या जा सकता है।<br /><br /><a href="http://alizakir.blogspot.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://tasliim.blogspot.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sciblogindia.blogspot.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-49768163611161662072009-06-05T10:42:40.413+05:302009-06-05T10:42:40.413+05:30यह भारतवासी भी कमाल का जीव है, सब कुछ हजम कर जाता ...यह भारतवासी भी कमाल का जीव है, सब कुछ हजम कर जाता है, रंग, यूरिया, साबुन, शैम्पू....संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-50300657289759889592009-06-05T08:35:32.686+05:302009-06-05T08:35:32.686+05:30आईडिया किंग मि.शिव कुमार मिश्रा-इस अवार्ड के लिए म...आईडिया किंग मि.शिव कुमार मिश्रा-इस अवार्ड के लिए मैडेम को लिख दिये हैं. और तो क्या कहें इस आलेख पर टिप्पणी में. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-25589314283414762082009-06-05T06:15:03.089+05:302009-06-05T06:15:03.089+05:30और कितना अच्छा होता जो आने वाले दिनों में "मि...और कितना अच्छा होता जो आने वाले दिनों में "मिलावट मंत्रालय" विभाग बनाकर मंत्री नियुक्त कर दिये जाय ताकि मिलावट के नये नये प्रयोग करने में आसानी हो। <br /><br />लाजबाब पोस्ट। <br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.com