tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post7801806726547496155..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: जनता एक बार मेहनत करके अपना नेता चुनेगी क्या?Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-20068002363534749842008-11-10T00:04:00.000+05:302008-11-10T00:04:00.000+05:30अब ये लोग इस्तीफा-इस्तीफा खेल रहे हैं. अपनी करतूतो...अब ये लोग इस्तीफा-इस्तीफा खेल रहे हैं. <BR/>अपनी करतूतों पर इस्तीफा देना बड़ा टुच्चा किस्म का काम होता है. भ्रष्टाचार और हत्या के मामले में पकड़े जाते हैं तो यह कहकर इस्तीफा देने से मना कर देते हैं कि अदालत ने उन्हें अभी तक दोषी नहीं माना है. <BR/>मार्मिक और सजीव चित्रण .<BR/>लेकिन आप तो लगता है चाहते ही नहीं कि देश तरक्की करे और अगली बार ओलम्पिक में इस्तीफे के खेल में गोल्ड मैडल लायेअनुपम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/14259746714891353242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-51998761319444729482008-11-09T22:50:00.000+05:302008-11-09T22:50:00.000+05:30हमेशा की तरह बढ़िया व्यंग्य। बधाई।हमेशा की तरह बढ़िया व्यंग्य। बधाई।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-77800210071282581522008-11-09T03:19:00.000+05:302008-11-09T03:19:00.000+05:30चुनाव करीब हो तो इस्तीफा देने का अपना ही मज़ा है. ...चुनाव करीब हो तो इस्तीफा देने का अपना ही मज़ा है. शहीद होने के लिए बदन पर लाल रंग भी नहीं लगाना पड़ता है - खून की तो बात ही क्या है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-123550599366027902008-11-08T19:33:00.000+05:302008-11-08T19:33:00.000+05:30bahut khoob shiv ji. anand aa gaya.bahut khoob shiv ji. anand aa gaya.Neeraj Badhwarhttps://www.blogger.com/profile/15197054505521601188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-17950337924400920542008-11-08T18:55:00.000+05:302008-11-08T18:55:00.000+05:30अरे ज्ञानदत्त जी ने नया फोटो कब लगा दिया ? मतलब वो...अरे ज्ञानदत्त जी ने नया फोटो कब लगा दिया ? मतलब वो ऐक्टिव हैं साझे में ? हमें तो पता ही नहीं चला . इतनी बडी गलती पर तो कल तक ब्लॉगिंग से इस्तीफा देना बनता ही है . दे दूँ ?विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-55890996364099577012008-11-08T18:31:00.000+05:302008-11-08T18:31:00.000+05:30वाह ! वाह ! वाह ! जियो बचवा,क्या खूब लिखा है....बह...वाह ! वाह ! वाह ! जियो बचवा,क्या खूब लिखा है....बहुत बहुत बढ़िया......एकदम करारा,धाँसू......<BR/>ऐसे ही व्यंग्य के तलवार से सबको कलम करते चलो.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-40350062760028397312008-11-08T17:15:00.000+05:302008-11-08T17:15:00.000+05:30६० साल में यह जनता सही से नेता चुनना नहीं सीख पाई ...६० साल में यह जनता सही से नेता चुनना नहीं सीख पाई . इसी कारण नेता रूपी जीव आज भी इसी जनता का रुधिरपान कर रहा है और जनता इनको अपना आदर्श मानती हैdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-52636825698557607292008-11-08T13:58:00.000+05:302008-11-08T13:58:00.000+05:30वाह क्या धांसु लेख लिख मारा है.. ब्लॉग जगत से भी ल...वाह क्या धांसु लेख लिख मारा है.. ब्लॉग जगत से भी लोगो ने इस्तीफ़े लिए है.. पर वापस आ गये.. और ब्लॉगरो के सामने इन नेताओ की क्या बिसात.. ?कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-86355520121473721532008-11-08T12:12:00.000+05:302008-11-08T12:12:00.000+05:30रेल की दुर्घटनाएं न हो इस पर कार्य करना कठीन काम ह...रेल की दुर्घटनाएं न हो इस पर कार्य करना कठीन काम है, इस्तिफा दे कर महान बनना आसान है. हम भी तो इस्तीफा देने वाले को ही काम करने वाले से ज्यादा महान मानते है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-30174548248739093262008-11-08T12:01:00.000+05:302008-11-08T12:01:00.000+05:30यहाँ तो टुकडों में ही राजनीति होती है... कभी इंसान...यहाँ तो टुकडों में ही राजनीति होती है... कभी इंसानों की लाश, कभी रोटी के , कभी संप्रदाय के , कभी धर्म , कभी जाति, कभी नैतिकता तो.. कभी अनैतिकता.....कुल मिलाकर देश के टुकड़े.....पर . एक मिसाल खूब दी जाती रही कि रेल एक्सीडेंट होने पर तत्कालीन रेल मंत्री शास्त्री ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया था.....फ़िर पता नहीं किस किस बात पर इस्तीफा माँगा गया...और किस-किस बात पर इस्तीफा दिया..गया. कलमकारों का नजर हमेशा इन पर तिरछी रही फ़िर भी.... अजी छोडिये.....कौन किस बात पर क्या कर रहा...?? नेताओं के आदर्श आचरण...पर मैं भी ...एक सिलसिलेवार.".नेताजी का मोबाइल.".पोस्ट " मनोरथ-- http://manorath-sameer.blogspot.com/ " में लिख रहा हूँ.समीर यादवhttps://www.blogger.com/profile/07228489907932952843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-7674733992844180182008-11-08T02:05:00.000+05:302008-11-08T02:05:00.000+05:30बिलकुल सही कहा आप ने, धन्यवादबिलकुल सही कहा आप ने, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-62311934570311182842008-11-07T23:45:00.000+05:302008-11-07T23:45:00.000+05:30बिहार के लोगों के साथ मुम्बई में जो कुछ हुआ उसके ल...बिहार के लोगों के साथ मुम्बई में जो कुछ हुआ उसके लिए तो इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं लेकिन बिहार में बिहार के लोगों के साथ वे जो कुछ करते रहते हैं, उसपर इस्तीफा नहीं दे सकते. अपनी करतूतों पर इस्तीफा देना बड़ा टुच्चा किस्म का काम होता है. भ्रष्टाचार और हत्या के मामले में पकड़े जाते हैं तो यह कहकर इस्तीफा देने से मना कर देते हैं कि अदालत ने उन्हें अभी तक दोषी नहीं माना है. <BR/><BR/>बहुत सच्ची बात कही आपने ! धन्यवाद !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-58913424776550461652008-11-07T23:44:00.000+05:302008-11-07T23:44:00.000+05:30सही है-इस्तीफा देने मेँ भी बहुत मेहनत लगी होगी..तभ...सही है-इस्तीफा देने मेँ भी बहुत मेहनत लगी होगी..तभी तो इतने दिन से देना चाहते चाहते अब दे पाये. आप भी अपनी मेहनत कर चुके लिखकर. अब जनता की ,मेहनत की बारी है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-25683919669999440392008-11-07T22:08:00.000+05:302008-11-07T22:08:00.000+05:30कहा से ढुंढेगे जी वो नेता भी तो हमारे बीच से ही पै...कहा से ढुंढेगे जी वो नेता भी तो हमारे बीच से ही पैदा होता है जैसी प्रजा वैसा राजा !दीपकhttps://www.blogger.com/profile/08603794903246258197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-84658559167383684342008-11-07T22:02:00.000+05:302008-11-07T22:02:00.000+05:30जानते हुए भी कि इस्तीफे का सिर्फ नाटक हो रहा है, अ...जानते हुए भी कि इस्तीफे का सिर्फ नाटक हो रहा है, अगली बार देखियेगा, यही लोगों को खोज-खाज कर जनता वोट देगी और कहेगी कम से कम उसने इस्तीफा तो दिया। <BR/> बाकी लोग तो वह भी नहीं देते। <BR/> अच्छी पोस्ट।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-16294960844443515562008-11-07T21:38:00.000+05:302008-11-07T21:38:00.000+05:30खूब कही बंधू...जनता पिछले साठ सालों में ढंग का नेत...खूब कही बंधू...जनता पिछले साठ सालों में ढंग का नेता ना चुन पायी अब क्या चुनेगी....जनता तमाशबीन है छाँट छाँट के नेता चुनती है और फ़िर आराम से बैठी तमाशा देखती है... दिवा स्वप्न देखना छोडो..<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-87307402326333872612008-11-07T21:05:00.000+05:302008-11-07T21:05:00.000+05:30जय गंगा मैया की! गंगा तो मैली भई, इस्तीफा गंगा स्न...जय गंगा मैया की! <BR/>गंगा तो मैली भई, <BR/>इस्तीफा गंगा स्नान हो गया।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-72835748642449139562008-11-07T21:02:00.000+05:302008-11-07T21:02:00.000+05:30सटक लिया जाय! इस्तीफा-इस्तीफा तो वज्र कलेजे वाला ह...सटक लिया जाय! इस्तीफा-इस्तीफा तो वज्र कलेजे वाला ही खेल सकता है। :) <BR/>यहां तो "<B>हम भी इस्तीफा दें, तुम भी इस्तीफा दो, इस्तीफियाती रहे जिन्दगी</B>" का गायन कर रहे हैं बड़े लोग!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-42220325108375774422008-11-07T19:41:00.000+05:302008-11-07T19:41:00.000+05:30जूता भींगा-भींगा कर मारे हैं आप.. :)जूता भींगा-भींगा कर मारे हैं आप.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-5226624423964541922008-11-07T19:37:00.000+05:302008-11-07T19:37:00.000+05:30अब इस्तीफा जबरन लिया जाता है मिश्रा जी .....आदमी भ...अब इस्तीफा जबरन लिया जाता है मिश्रा जी .....आदमी भी सोचता है की बस बटोर लूँ जितना बटोर सकता हूँ..अगली बार मौका मिले ना मिले .वैसे दो चीजे जनता की खास है...एक तो याददाश्त की कमजोर होती है दूसरे ...वोट स्थल पर आते आते अपने जात वाले की हो जाती हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com