tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post9057670200801587520..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: दुखीराम ज़ी का इंटरव्यूGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-47178417280396337552011-05-01T06:27:50.803+05:302011-05-01T06:27:50.803+05:30दुखीराम जी को chocolate की सख्त ज़रूरत है, मगर फिर...दुखीराम जी को chocolate की सख्त ज़रूरत है, मगर फिर मैं सोचता हूँ कि कहीं chocolate खा कर वह सुखी न हो जाएं| अब मैं दुखी हूँ|Prateek Bagrihttps://www.blogger.com/profile/12194295045033921434noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-54001275333042809642011-04-30T10:52:03.163+05:302011-04-30T10:52:03.163+05:30दुख में रमने में जिसे आनन्द आ रहा हो, वह दुखीराम। ...दुख में रमने में जिसे आनन्द आ रहा हो, वह दुखीराम। एक से निकले, दूसरे में कूद लिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-78866486640273041672011-04-30T10:06:46.755+05:302011-04-30T10:06:46.755+05:30वाह, आनंद ही आनंद!यदि दुखीराम के इंटरव्यू में इतना...वाह, आनंद ही आनंद!यदि दुखीराम के इंटरव्यू में इतना आनंद है तो सुखीलाल के में क्या होगा?<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-59788515645989578492011-04-29T14:01:00.378+05:302011-04-29T14:01:00.378+05:30आपके दर्शन पाकर कोई दुखी-राम दुखि नहीं रह सकता.
दु...आपके दर्शन पाकर कोई दुखी-राम दुखि नहीं रह सकता.<br />दुखि-राम के दुःख की ऐसे छुट्टी कर दी की अब उन्हें कुछ नए दुखियो से मिलके नोर्मल होना पढ़ेगा.<br /><br />ऐसे दुखियो से मित्रता बढ़ी भारी पढ़ती है. लाख उपाय कर लो, दुनिया की हर अच्छी बुरी बात समझा दो, उसमे से भी दुःख निकाल लेते हैं.<br />कुछ हमारे पल्ले भी पढ़े हुए हैं. अब दोस्ती की है तो निभानी तो पढेगी.. पर कोशिश करके ये दुखि-राम जी का interview उन्हें दिखायेंगे. क्या पता हंस पढ़े! कहीं और इंस्पायर हो गए तो लेने के देने पढ़ जायेंगे..<br />जैसी प्रभु की इच्छा!<br />बढ़िया है!mepretentioushttps://www.blogger.com/profile/08330058555798814638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-15374442969104668782011-04-29T10:17:27.675+05:302011-04-29T10:17:27.675+05:30दुखी होने की लत तो महिलाओं में सर्वाधिक पायी जाती ...दुखी होने की लत तो महिलाओं में सर्वाधिक पायी जाती है। घर-भर में राज करती हैं लेकिन कविता लिखेंगी कि इनके जितना कोई दुखियारा नहीं और शोषित नहीं। इसलिए किसी महिला का भी साक्षात्कार ले ही लीजिए।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-85548359340053462482011-04-29T08:21:29.559+05:302011-04-29T08:21:29.559+05:30अभी स्कूल के दिनों की पढ़ी ये पंक्तियां याद आयीं-
...अभी स्कूल के दिनों की पढ़ी ये पंक्तियां याद आयीं-<br /><br />" अवर स्वीटेस्ट सांग्स आर दोज व्हिच टेल अस द सैडेस्ट थाट्स!<br /><br />दुखीराम जी इसी से प्रेरणा लेते होंगे।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-49085565549001311642011-04-29T05:13:57.530+05:302011-04-29T05:13:57.530+05:30आजकल तो ऐसे दुखियारों की बाढ़ आई है, कम्बख्त जब तब ...आजकल तो ऐसे दुखियारों की बाढ़ आई है, कम्बख्त जब तब दुखी होने के नाम पर कवित्त ठेलते रहते हैं, और जनता है कि उसके दुख को देख खुद भी दुखी हो लेने का मौका नहीं छोड़ना चाहती। <br /> उपर से उन कविताओं में जिस अंदाज में कवि अपने को निकृष्ट और गिरा हुआ समर्पित 'पद-दंहजित' दर्शाता है उसे पढ़कर आश्चर्य होता है कि इंसान इतना गिरा और 'लतियाया' होने पर भी अब तक कविता कैसे कर पा रहा है ।<br /><br /> एक दुखियारे से साक्षात्कार कराकर आपने तो राप्चिक मन मस्त कर दिया । मस्त राप्चिकात्मक पोस्ट।Satish Panchamhttps://www.blogger.com/profile/17579914452924942049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-21900109073913737282011-04-28T23:27:12.151+05:302011-04-28T23:27:12.151+05:30इंटरव्यू पढ़कर मुक्तिबोध की कविता की पंक्ति याद आ ग...इंटरव्यू पढ़कर मुक्तिबोध की कविता की पंक्ति याद आ गयी:<br /><br />दुखों के दागों को तमगों सा पहना! <br /><br />जय हो!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-28922283018028326852011-04-28T22:15:44.450+05:302011-04-28T22:15:44.450+05:30‘इस बात पर दुखी हूँ कि लोग़ एक इंटरव्यू के लिए इतन...‘इस बात पर दुखी हूँ कि लोग़ एक इंटरव्यू के लिए इतना हलकान किये रहते हैं.’<br /><br />ये दुखीराम के इंटरव्यू में हलकान जी कहां से आ गए?चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-22441340600814854562011-04-28T20:14:01.680+05:302011-04-28T20:14:01.680+05:30दुखीराम जी का इन्टरव्य़ू हंसा रहा है. ये ठीक नहीं ह...दुखीराम जी का इन्टरव्य़ू हंसा रहा है. ये ठीक नहीं है. हम देख रहे हैं और हम देखेंगे कि कब दुखीराम सबको दुखी करने वाला इन्टरव्यू कब आता है..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-31552213371988672402011-04-28T20:06:38.531+05:302011-04-28T20:06:38.531+05:30आप भी न, लोगों को ढंग से दुखी भी नहीं होने देंगे :...आप भी न, लोगों को ढंग से दुखी भी नहीं होने देंगे :) सुबह सुबह मूड खुश हो गया. बताइए तो ये भी कोई तरीका है !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-82518815497985939662011-04-28T17:50:27.489+05:302011-04-28T17:50:27.489+05:30दुखी राम का साक्षात्कार वाकई बहुत मज़ेदार है..........दुखी राम का साक्षात्कार वाकई बहुत मज़ेदार है.......Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-90977172149399971502011-04-28T17:42:47.855+05:302011-04-28T17:42:47.855+05:30दुःख का बाज़ार सचमुच बड़ा विराट है...यही फ्यूचर बिज...दुःख का बाज़ार सचमुच बड़ा विराट है...यही फ्यूचर बिजनेस है..जो इसमे अभी से लग गया समझो तर गया..<br /><br />"कुल मिलाकर दुखी होने के लिए भगवान के आशीर्वाद से कम से कम मुझे तो मुद्दों की कमी कभी नहीं रही. और आज जब मैं उम्र के इस पड़ाव पर खड़ा हूँ तो आप कह सकते हैं कि मुझे दुखी होने के लिए किसी बहाने की ज़रुरत नहीं रहती अब. अब दुःख के मामले में मैं आत्मनिर्भर हो गया हूँ. "<br /><br /><br /><br />ओह ...सुखी कर दिया...<br /><br />लाजवाब व्यंग्य...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.com