tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post9211658146150558576..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: 'टोकेनिज्म इंडस्ट्री' को भी मंदी ने धर दबोचा.Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-32479219597467478692011-07-17T02:31:28.992+05:302011-07-17T02:31:28.992+05:30यह चाय की दूकान अब वर्चुअल वर्ल्ड में खुल गयी है, ...यह चाय की दूकान अब वर्चुअल वर्ल्ड में खुल गयी है, बस चाय की ही कमी है.<br />बहुत से चाचे और भतीजे दोनों यहाँ दिखते हैं. उसके अलावा कुछ चाचा-ज्यादा भतीजे-कम एवं भतीजे-ज्यादा चाचा-कम भी. मिश्रित केटेगरीज़ भी है.<br /><br />परन्तु गुरुदेव बढे पते की बात आपने बहुत ही रोचक ढंग से कही.<br />देश तो एकजुट ही रहता है, बस बार बार ऐसा कह के उसके एकजुट न रहने का डर जताया जाता है.<br />समाधान तो अब भी नहीं मिला, पर समाधान ढूढने के कुछ रोढ़े ज़रूर हट गए.<br /><br />यह गहन वार्तालाप पढवाने का धन्यवाद!mepretentioushttps://www.blogger.com/profile/08330058555798814638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-13410026907103898502008-12-08T15:04:00.000+05:302008-12-08T15:04:00.000+05:30लिखते क्या हैं कमाल करते हैंलिखते क्या हैं कमाल करते हैंBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-49359112720074258262008-12-08T12:40:00.000+05:302008-12-08T12:40:00.000+05:30गुरु जी, साझीदार ने फोटू बदल दिया है . आप भी अपडेट...गुरु जी, साझीदार ने फोटू बदल दिया है . आप भी अपडेट कर दो . फायदे में रहोगे . फिर मत कहना कि चेले ने चेताया न था :)विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-64527801693663599572008-12-07T08:06:00.000+05:302008-12-07T08:06:00.000+05:30... लेख बहुत ही प्रभावशाली, रोचक, पठनीय है।... लेख बहुत ही प्रभावशाली, रोचक, पठनीय है।कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-56595469650977445262008-12-07T07:52:00.000+05:302008-12-07T07:52:00.000+05:30'टोकेनिज्म इंडस्ट्री' को भी मंदी ने धर दबोचा. और ब...<B>'टोकेनिज्म इंडस्ट्री' को भी मंदी ने धर दबोचा.</B> और बोली चलो यार जरा चाय पिलाओ रतीराम की दुकान पर!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-78975082434733695852008-12-06T23:58:00.000+05:302008-12-06T23:58:00.000+05:30हम भी मनोहर भैय्या के भतीजे की गैंग के ही हैं।हम भी मनोहर भैय्या के भतीजे की गैंग के ही हैं।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-42488874981955202322008-12-06T20:04:00.000+05:302008-12-06T20:04:00.000+05:30मनोहर भैय्या का दर्द "इन्फेक्शीयस् " है ओर ऐसा ...मनोहर भैय्या का दर्द "इन्फेक्शीयस् " है ओर ऐसा की उन्हें मालूम नही चलता की उन्हें कोई रोग भी है ...ख़ास तौर से उनकी उम्र के लोगो को फ़ौरन पकड़ लेता है ....वे बेचारे हमेशा दुखी रहेगे .... .कि भतीजे ने नमस्ते नही की ?अगर की भी तो दोनों हाथ जोड़कर नही की .....हाथ भी जोड़े तो मुंह से आवाज नही निकाली .....साथ में " सेलेक्टिव कलर ब्लाइंडनेस " मुद्दे खोजेगे ओर चाहेगे की लोग उन्हें फुल मालाये पहनाये .समस्या ये है कोई उन्हें भाव नही दे रहा ....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-27966794495082393202008-12-06T17:24:00.000+05:302008-12-06T17:24:00.000+05:30"लेकिन ये बात हमेशा बताते रहना पड़ेगा न. ऊपर से मै...<B> "लेकिन ये बात हमेशा बताते रहना पड़ेगा न. ऊपर से मैंने जब कहा कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता तो बोला ये तो सभी को मालूम है. मुझे तकलीफ तो तब हुई जब बोला कि मैं केवल आदर्शवादी बातें करता हूँ. कह रहा था कि मैंने टोकेन बेचने की दूकान चला रखी है. कभी समाजवाद का टोकेन, कभी आदर्शवाद का टोकेन तो कभी साम्प्रदायिक सद्भाव का टोकेन बेचता रहता हूँ. ....कह रहा था ज़रूरत नहीं रहती तो भी बेचते रहता हूँ. कभी-कभी ओवरसप्लाई हो जाती है....कहता है मेरे जैसे लोग साठ साल से यही कर रहे हैं....बताईये, ये कोई बात है?"</B><BR/><BR/>मिश्राजी आज तो जबरदस्त व्यंग लिखा है आपने ! तीसरी बार आया हूँ पढने ! अभी भी टिपणी करने के लिए शब्द नही मिल रहे हैं ! अब टिपणी नही सिर्फ़ तारीफ़ ! बस आज मजा आगया ! सिर्फ़ लाजवाब की कह पाउँगा ! मेरे पास तारीफ़ का इससे कोई सुंदर शब्द आज नही है ! बहुत बहुत बधाई !<BR/><BR/>राम राम !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-69281945776916903602008-12-06T17:18:00.000+05:302008-12-06T17:18:00.000+05:30सही है. शायद सबसे बड़ा काम फ़िलहाल यह होगा कि मोह...सही है. शायद सबसे बड़ा काम फ़िलहाल यह होगा कि मोहल्ला-मोहल्ला हर हाउसिंग सोसायटी में लोग अपनी राजनीतिक यूनिट बना लें जिसका पहला काम हो कि पहले से चली आ रही, खा रही राजनीतिक पार्टियों को सिरे से खारिज करें, मुंह पर कहें सालो, तुम्हें वोट नहीं देंगे, किसे देंगे उसे फिर नयी सामूहिकता से तय करें, भले शुरू में वह महज़ नेगेटिव वोटिंग का एक लघु जेस्चर भर बनकर रह जाये, लेकिन दलाली के बने-बनाये विकराल खाजखाये एस्टेबलिशमेंट को बेमतलब करने के शुरुआती तरीके संभवत: इन्हीं रास्तों से निकलेंगे. सबके सोचने की, फिर उसे सीरियसली लागू करने की ज़रूरत है. वर्ना इस देश का राम-नाम सत्य ही समझिये.<BR/> यूएन में रजिस्ट्रेशन खोजने की ज़रूरत होगी- ए कंट्री ऑफ़ पिंप्स. हद है. लात लगाओ सालों को जूतियाओ दलालों को!azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-45637703469962638252008-12-06T16:45:00.000+05:302008-12-06T16:45:00.000+05:30अरे भाई मंदी में विचार कुंद हो जाते हैं। अब देख ले...अरे भाई मंदी में विचार कुंद हो जाते हैं। अब देख लेओ सब बड़े बड़े छंटनी पर उतर आए हैं। मंदी गहरायेगी कि नहीं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-39546094613751975052008-12-06T16:09:00.000+05:302008-12-06T16:09:00.000+05:30भइया तुम जैसे व्यंगकार न होते तो हम तो टेन्सनिया ट...भइया तुम जैसे व्यंगकार न होते तो हम तो टेन्सनिया टेन्सनिया के पगलाय गए होते.सो बहुत बहुत आभारी हैं भइया कि पढ़कर बहुते रिलेक्स हो जाते हैं.<BR/> रतिराम जी तो हइये हैं लाजवाब ,बाकी तुम्हारा सारगर्भित व्यंग्यालेख तो जबरदस्त लाजवाब है.<BR/>इसके साथ साथ ज्ञान भइया और कुश जी की टिपण्णी भी कमाल का है..हमको तो लग रहा है क्यों न लेख और इन दोनों टिप्पणियों को मिक्स कर रिमिक्स बना दिया जाए.............. यह धंधा भी खूब चलेगा .नही ?????रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-51803262104309790772008-12-06T14:38:00.000+05:302008-12-06T14:38:00.000+05:30इसलिए कहते है की दूसरो के फटे में टाँग नही अड़ानी ...इसलिए कहते है की दूसरो के फटे में टाँग नही अड़ानी चाहिए.. इस से आदमी तीसरे के बारे में कुछ जान नही पाता.. जो की हमारी केटेगरी है. हम ना मनोहर भैया है ना रिंकू.. हम ज़रा टिन्कू किस्म के प्राणी है.. पहले तो हम सड़को पर आवारा घूमते ही नही.. की सुस्वाने की समस्या हो.. कभी आ भी जाए तो भला हो मॉल संस्कृति का.. जगह जगह पर मॉल बने है.. अंदर घुसे की चमकते हुए शौचालयो में लघु शंका निवारण करके आ जाते है.. <BR/><BR/>रही बात लाइन तोड़ने की तो टिन्कू केटेगरी के लोग ऑनलाइन हर चीज़ की बुकिंग करवा लेते है.. अजी हम तो सनिमा की टिकटवा भी ऑनलाइन ही करवाते है... <BR/><BR/>मनोहर भैया और रिंकू परेशान हो रहे है.. उनकी परेशानी से साहब लोग परेशान हो रहे है.. <BR/>टिन्कू जी बिंदास जी रहे है.. कॉफी पी रहे है.. माउस को हिला रहे है.. और निश्चिंत है ये सोचकर की देश को राम जी चला रहे है.. <BR/><BR/>कभी परेशानी हुई कुछ तो 'डाईभर्सीफ़ाई' कर देंगे.. <BR/><BR/>वैसे इस 'डाईभर्सीफ़ाई' के लिए आप भोजपुरी स्टाइल में चुम्मे के हक़दार है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-47239593442829491702008-12-06T13:58:00.000+05:302008-12-06T13:58:00.000+05:30मनोहर भैया और उनका भतीजा राकापति (उर्फ रिंकू) दोनो...मनोहर भैया और उनका भतीजा राकापति (उर्फ रिंकू) दोनो मिले थे। छुट्टे बकरों की तरह गन्हा रहे थे। दोनो अलग अलग विचारधारा में काहे सिर भिड़ा रहे हैं। असल में दोनो अ-स्नानवादी हैं। पच्चीस दिन से नहीं नहाये।<BR/>दोनो पीढ़ियां समानता पर क्यों प्रसन्न नहीं होतीं - मसलन दोनो यत्र-तत्र-सर्वत्र पेशाब करने में संकोच नहीं करतीं। दोनो टिकट की लाइन तोड़ने में यकीन रखती हैं। दोनो बड़ा-बड़ा बोलती हैं पर प्राइवेटली करती अपोजिट हैं। <BR/>न मनोहर भैया से देश का कुछ हिला है, न रिंकू से हिलेगा। बाकी देश कैसे चलेगा? हमें नहीं मालुम!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com