जुलाई २००८ में विश्वास मत के बाद की पोस्ट है.
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देश में आजकल दो ही बातों पर चर्चा हो रही है. एक है अमर सिंह और दूसरा है स्टिंग आपरेशन. पिछले कुछ सालों में स्टिंग आपरेशन इस तरह से फ़ैल चुका है जैसे पहले हैजा और प्लेग जैसी बीमारियाँ फैलती थीं. ऊपर से संसंद में हुए विश्वास प्रस्ताव समारोह ने स्टिंग आपरेशन को एक अलग ऊंचाई प्रदान कर दी है. आज हालत यह है कि कबाड़ चुनते-चुनते अगर किसी कबाड़ी को कोई सीडी मिल जाती है तो वह उस सीडी को धो-पोंछ कर डीवीडी प्लेयर पर चढ़ा लेता है. इस आशा के साथ कि अगर सीडी में किसी नेता का स्टिंग आपरेशन स्टोर्ड होगा तो सीडी को किसी न्यूज चैनल को बेंचकर कुछ पैसा कमाया जा सकता है.
कल सुदर्शन से बात हो रही थी. सुदर्शन ने कहा; "अरे सर, ये उमा भारती तो फंस गई. उन्होंने जिस सीडी का उदघाटन इतने ताम-झाम के साथ किया उसमें तो पोस्टर दिखने की वजह से सब गड़बड़ हो गया."
मेरे मुंह से निकला; "कोई बात नहीं. उस पोस्टर को दीवार से हटाकर फिर से शूटिंग कर लेंगे ये लोग."
मेरी बात सुनकर सुदर्शन हंसने लगा. लेकिन मुझे लगा कि ये भी अजीब बात है. कितना सरल हो गया है 'स्टिंग आपरेशन' करना. फिर मन में आया कि अगर आज से कुछ सालों बाद रि-डिस्कवरी चैनल पर अगर भारत में स्टिंग आपरेशन के इतिहास पर एक डाक्यूमेंट्री दिखाई जायेगी तो कैसे होगी? शायद कुछ ऐसी;
भारत में स्टिंग आपरेशन का इतिहास पुराना है. स्टिंग आपरेशन के पुरातन होने की पुष्टि इस बात से होती है कि भागलपुर में हुए आँख-फोडू काण्ड का भेद सबसे पहले स्टिंग आपरेशन के चलते ही खुला था. इसके आलावा इंडियन एक्सप्रेस नामक समाचार पत्र ने एक स्टिंग आपरेशन की मदद से राजस्थान में लगने वाली औरतों की एक मंडी का पर्दाफाश किया था. शुरू में स्टिंग आपरेशन में स्टिल कैमरे और टेप रिकॉर्डर का उपयोग किया जाता था लेकिन बाद में विडियो शूटिंग के प्रयोग की वजह से स्टिंग आपरेशन में एक क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला.
इक्कीसवीं शताब्दी के आरम्भ में तहलका ने स्टिंग आपरेशन के जरिये ढेर सारे क्रिकेट खिलाड़ियों और नेताओं के भ्रष्ट होने के सुबूत इकठ्ठा किए. हथियारों में दलाली की बात हो या फिर क्रिकेट में पैसा लेकर न खेलने का साहसिक कार्य, सबकुछ स्टिंग आपरेशन की मदद से सामने लाये गए. स्टिंग आपरेशन को नई ऊंचाई तब मिली जब तमाम टीवी न्यूज चैनल स्टिंग आपरेशन के धंधे में उतर गए. पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का कार्यक्रम हो या फिर शारीरिक शोषण के जरिये हिन्दी फिल्मों में हिरोइन का रोल दिलाने के वादे, सब स्टिंग आपरेशन करके जनता के सामने लाये गए.
स्टिंग आपरेशन का विकास कुछ इस तरह से हुआ कि इसके जरिये बहुत सारे लोगों को सताने की प्रथा भी चल निकली. हालत यह हो गयी कि जो समाजशास्त्री पहले स्टिंग आपरेशन को इलाज समझते थे, साल २००८ आते-आते उन्ही समाजशास्त्रियों ने स्टिंग आपरेशन को एक बीमारी मानना शुरू कर दिया. साल २००८ में तत्कालीन सरकार द्बारा विश्वास मत प्राप्ति हेतु लेन-देन के मामले को स्टिंग आपरेशन करके सामने लाने की कोशिश हुई.
स्टिंग आपरेशन के फैलते प्रभाव की वजह से बहुत सारी विदेशी कम्पनियों को भारत एक नए बाज़ार के रूप में दिखने लगा. साल २००८ में संसद में विश्वास मत प्राप्ति कार्यक्रम में स्टिंग आपरेशन के रोल ने विदेशी उद्योगपतियों को बहुत प्रभावित किया. वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार साल २००८ के सितम्बर महीने में विदेशी पूंजी निवेश के कुल अट्ठारह प्रस्ताव आए जिनमें से आठ सीडी निर्माण, तीन स्पाई विडियो कैमरा निर्माण और चार स्टिंग आपरेशन की शिक्षा हेतु कालेज स्थापना के थे. सरकार ने विदेशी पूँजी निवेश के इन प्रस्तावों को बड़े उत्साह के साथ पास कर दिया. साल २०११ तक विदेशी तकनीक को और आगे बढाते हुए भारतीय उद्योगपतियों ने स्टिंग आपरेशन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों में क्रांतिकारी बदलाव किया.
साल २००९ तक लगभग सभी राजनैतिक दलों ने अपने-अपने दल में माईनोरिटी सेल, इकनॉमिक सेल, सोशल जस्टिस सेल की तर्ज पर स्टिंग आपरेशन सेल भी स्थापित किए. इन पार्टियों ने अपने इस सेल में काम करने के लिए उन नेताओं को लगाया जिन्हें स्टिंग आपरेशन में फंसने का गौरव प्राप्त था. इन राजनैतिक पार्टियों का मानना था कि स्टिंग आपरेशन में फंसा हुआ नेता ही ऐसे सेल की अध्यक्षता करने का पर्याप्त अनुभव रखता था. कुछ राजनैतिक दलों ने तो विज्ञापन के जरिये अपने स्टिंग आपरेशन सेल के लिए स्क्रिप्ट राईटर्स और कैमरा मैन की भर्ती भी की.
साल २०१० तक लगभग सारे राजनैतिक दल इस बात बार सहमत हो चुके थे कि स्टिंग आपरेशन की पढाई को देश में हाई स्कूल से अनिवार्य कर दिया जाय. नतीजा यह हुआ कि स्टिंग आपरेशन की पढाई करने वाले छात्रों को सरकार की तरफ़ से वजीफे देने का कार्यक्रम शुरू हुआ. विशेषज्ञों का मानना था कि साल २०२० तक रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर स्टिंग अपारेशन की पढाई करने वाले छात्रों के लिए ही उपलब्ध होने वाले थे.
स्टिंग आपरेशन की सफलता ने हिन्दी फ़िल्म उद्योग के पुराने निर्देशकों और पटकथा लेखकों को रोजगार के अवसर दिए. कुछ पुराने निर्देशक जिन्हें कोई काम नहीं था, उन्होंने स्टिंग आपरेशन के निर्देशन में हाथ आजमाया और उनमें से कुछ तो काफी सफल भी हुए. इन लोगों को सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर टीवी न्यूज चैनल ने उपलब्ध करवाए.
आज भारत में स्टिंग आपरेशन उद्योग का कारोबार करीब सत्तर हजार करोड़ रूपये तक पहुँच चुका है. भारतीयों द्बारा किए गए स्टिंग आपरेशन की ख्याति दुनियाँ भर में फैली हुई है. यही कारण है कि अमेरिका, यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देश स्टिंग आपरेशन की आउटसोर्सिंग के लिए भारतीय आपरेटरों पर सबसे ज्यादा विश्वास दिखाते हैं. साल २०४५ तक भारतीय स्टिंग आपरेशन उद्योग का कारोबार बढ़कर एक लाख आठ हज़ार करोड़ रूपये तक पहुँच जाने की संभावना है.
Wednesday, March 23, 2011
स्टिंग ऑपरेशन की चिरकुटई
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ये साला पोस्टर भी ना....
ReplyDeleteसन २०४५ [राय्टर]: ताज़ा समाचार में कहा गया है कि अब इन स्टिंग ट्रेनिग कालेजों में पोस्टरों और बैनरों का खास खयाल रखने की ट्रेनिंग दी जा रही है :)
बंदा जो न करना चाहे, करवा डालते हैं ये स्टिंगधारी।
ReplyDeleteइस विषय में कहीं कोई प्रोफेशनल कोर्स वोर्स है कि नहीं... बताइये तो उधर ही चला जाए.. भविष्य उज्जवल दिख रहा है ;)
ReplyDeleteArey aap Menka Gandhi dwara karaya gaya Babu Jagjeevan Ram ke betey ka sting operation kaisey bhool gaye. Wo to har sting ki Maa hai.
ReplyDeletemamla itna 'clear' na kijiye........
ReplyDeletestingwa is bilog ki bhi ho sakta hai.........
pranam.
आज भारत में स्टिंग आपरेशन उद्योग का कारोबार करीब सत्तर हजार करोड़ रूपये तक पहुँच चुका है. भारतीयों द्बारा किए गए स्टिंग आपरेशन की ख्याति दुनियाँ भर में फैली हुई है. यही कारण है कि अमेरिका, यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देश स्टिंग आपरेशन की आउटसोर्सिंग के लिए भारतीय आपरेटरों पर सबसे ज्यादा विश्वास दिखाते हैं. साल २०४५ तक भारतीय स्टिंग आपरेशन उद्योग का कारोबार बढ़कर एक लाख आठ हज़ार करोड़ रूपये तक पहुँच जाने की संभावना है.
ReplyDeletesambhawnaen jordar hain is karobar men.
हम भी तैयार हैं सतीश चन्द्र सत्यार्थी के साथ ज्वाइन करने को ! पैसा एक स्टिंग ओपरेशन के बाद चूका देंगे ! आप गारंटी तो दे ही दोगे ! :-))
ReplyDeleteसत्य बात है...स्टिंग आपरेशन व्यवसाय का ग्रोथ रेट अपने देश के ब्रश्ताचार के ग्रोथ रेट से भी ऊपर चल रहा है...निस्संदेह यही भविष्य का " द बिजनेस " है...
ReplyDeleteस्टिंग आपरेशन केवल राजनितिक ही कहाँ रहा है...पति पत्नी,प्रेमी प्रेमिका धड़ल्ले से एक दुसरे के लिए यह सुविधा ले रहे हैं और जो टी वी चैनल इसका सीधा प्रसारण करते हैं,उनकी टी आर पी देखिये......