tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post1439941930748268547..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: दिल्ली में बन्दर - कुछ उतरे सडकों पर कुछ घर के अन्दरGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-55416340141383324222008-01-30T23:19:00.000+05:302008-01-30T23:19:00.000+05:30अरे भैया तुम दिल्ली से और हम जयपुर से परेशान है,यह...अरे भैया तुम दिल्ली से और हम जयपुर से परेशान है,यहां के बन्दर नही रिक्शेवाले शैतान है,जयपुर नगर व्यवस्था बडा दिमागी काम,रिक्शे में घन्टी नही भिडते लोग तमाम,क्या करें दाहिने चलना छोडो? मिर्जा और इस्माइल की मिर्जा इस्माइल रोड,मिर्जा इस्माइल या मिर्जा वीप,बडा भयंकर लोड,टंगडी आखिर तुडवा बैठे?वसु अन्ध रा का फ़ोटो देखा,सुख और चैन नही,बन्गाल आन्ध्रा का रा पटक कर,बीजेपी को चैन नही,ठंड में रडुआ फ़ोटो सेंकें? वैश आली में वो रहती हैं,मान सर ओवर में मैं,सडक का कूकर कुचल गया है,निकली केवल टें,गली में कुत्ता रोते?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-53285697791415856312007-11-18T18:38:00.000+05:302007-11-18T18:38:00.000+05:30कवित निश्चित रूप से बेहतरीन थी पर कुछ संदेश देने म...कवित निश्चित रूप से बेहतरीन थी पर कुछ संदेश देने में असफल रही.<BR/>आप जैसे परिपक्व लेखक से सभी को कुछ ज्यादा अच्छे की उम्मीद बनी रहती है. खैर ये हलके-फुल्के तौर पर काफ़ी अच्छा लगा. थोड़ा इस पर भी प्रकाश डालते की बंदरों की जिस देश में पूजा होती है, वहाँ बंदरो से निपटना कितना दुष्कर है. मार आप सकते नही क्यूंकि भगवान् के तुल्य है..<BR/><BR/>गौरव त्रिपाठी.तेज़ धारhttps://www.blogger.com/profile/00938204724304517573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-31734260462759270512007-11-16T10:45:00.000+05:302007-11-16T10:45:00.000+05:30बंधू बधाई बहुत लपेट के मारे हैं आप बन्दर सी हरकतों...बंधू <BR/>बधाई <BR/>बहुत लपेट के मारे हैं आप बन्दर सी हरकतों वाले इंसानों को. कहीं असली बंदरों ने आप का ब्लॉग पढ़ लिया तो लेने के देने पड़ जायेंगे सोच लीजियेगा. सच कहते हैं आप हमारी तबियत झक कर दिए हैं.<BR/>यूं ही लिखिए और लिखते जाईये.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-59602213617629326272007-11-14T23:11:00.000+05:302007-11-14T23:11:00.000+05:30मस्त!!मुझे तो लगता है कुछ दिन बाद दिल्ली को कहीं "...मस्त!!<BR/>मुझे तो लगता है कुछ दिन बाद दिल्ली को कहीं "बंदरधानी" न घोषित कर दिया जाए!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-13859247202467868642007-11-14T23:10:00.000+05:302007-11-14T23:10:00.000+05:30गुड् है जी! बंदर की जगह ब्लागर लिखें तो कैसा रहे?गुड् है जी! बंदर की जगह ब्लागर लिखें तो कैसा रहे?अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-26396484791752098032007-11-14T21:22:00.000+05:302007-11-14T21:22:00.000+05:30पता नही दिल्ली वाले बन्दरों से परेशान हैं या बन्दर...पता नही दिल्ली वाले <BR/>बन्दरों से परेशान हैं <BR/>या बन्दर दिल्ली वालों से।<BR/>दिल्ली वालों ने <BR/>बन्दरों के जंगल काटे<BR/>इसी लिए यह बन्दर<BR/>दिल्ली वालों को <BR/>आए दिन काटे<BR/>अब दिल्ली वालों का दुख<BR/>कौन बाँटें!!!???परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-45734860282351162452007-11-14T20:50:00.000+05:302007-11-14T20:50:00.000+05:30भाई दिल्ली के राजनीतिक बन्दर तो सारे देश को हलकान ...भाई दिल्ली के राजनीतिक बन्दर तो सारे देश को हलकान कर रहे है कुछ उन पर भाई लिखे. कविता वैसे सामायिक हैसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-9817742439832776052007-11-14T18:49:00.000+05:302007-11-14T18:49:00.000+05:30शिव भाई ये क्या बात हुई गद्य लिखते लिखते पद्य लिखन...शिव भाई ये क्या बात हुई गद्य लिखते लिखते पद्य लिखने लग गए पर व्यंग्य आपसे छुटता नही है. दिल्ली क्या इन बंदरों ने तो पूरे देश को आतंकित कर रखा है.हां ये जरूर है इनकी मुख्य कर्मस्थली दिल्ली होने के कारण वंहा ज्यादा आतंक है. अब कुछ इन बंदरो के प्रकार, जाती,प्रजाति गुणवत्ता पर भी लिखा जाय.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.com