tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post503274333701879309..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: ब्लॉगर प्रोफाइल - लालमुकुंद जी के विचारGyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-27252993842806198992008-08-13T23:26:00.000+05:302008-08-13T23:26:00.000+05:30:)अगर सब टिपियाने वाले कह रहे हैं कि बच गये हम नही...:)अगर सब टिपियाने वाले कह रहे हैं कि बच गये हम नही थे तो ये लालचंद किसका प्रोफ़ाइल देख आये जनाब, मस्त पोस्ट और सटीक कटाक्ष, शिव भाई आज तो हमरा भी मन कह रहा है जमाये रहिएAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-53336954125096291082008-08-12T02:48:00.000+05:302008-08-12T02:48:00.000+05:30Bahut accha likha haiBahut accha likha haiसचिन मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07382964172201827333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-32530114405991183022008-08-12T01:48:00.000+05:302008-08-12T01:48:00.000+05:30.आदरणीय भाई शिवकुमार जी,आज अबहिन अपने प्रोफ़ाइल को....<BR/><BR/><I>आदरणीय भाई शिवकुमार जी,<BR/>आज अबहिन अपने प्रोफ़ाइल को संपादित करने ही जा रहा था<BR/>कि आपके प्रोफ़ाइल पोस्टमार्टमी पोस्ट पर दृष्टि पड़ गयी, पढ़ा <BR/>भी..अतएव उचित जान पड़ा कि अपने प्रोफ़ाइल का संशोधित<BR/>संस्करण निकालने की अनुमति दी जाये । अपने में नित्य ही <BR/>कुछ नया स्वतः ही अन्वेषित होता रहना है, मज़बूरी है क्योंकि<BR/>अंदर की छिपी प्रतिभा, विनम्रता की ज़ंज़ीरें तोड़ आज़ाद हुआ<BR/>चाहती हैं । श्रीमान जी से निवेदन है कि लालमुकुंद सर की ओर<BR/>से एक स्वीकृति संस्तुति जारी करवाने की महती कृपा करें ।</I><BR/><BR/><I><B>पोस्ट तो भईया एकदमै नाड़ाखोल लिखी है,</B></I> लेकिन लेबलवा से <BR/>थोड़ा आपत्ति उत्पन्न होने का भान हो रहा है..<BR/>ई हम बाद में बतायेंगे !डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-61243233546490254762008-08-12T01:40:00.000+05:302008-08-12T01:40:00.000+05:30हमारी प्रोफाइल किसी लाल या नीले मुकुन्द को परेशान ...हमारी प्रोफाइल किसी लाल या नीले मुकुन्द को परेशान नहीं करती । वह तो मूक है। शायद हमें पता था कि एकदिन आप यह लेख लिखेंगे।<BR/>घुघूती बासूती.ghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-67846365707846099622008-08-12T01:12:00.000+05:302008-08-12T01:12:00.000+05:30सच कहा है लाल मुकुंद जी (?) अक्सर ब्लॉगर एसी ही प्...सच कहा है लाल मुकुंद जी (?) अक्सर ब्लॉगर एसी ही प्रोफाइल लिकते हैं पर हमें तो ये लेक पढ कर बडा मजा़ आया ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-71580923014843179352008-08-12T00:32:00.000+05:302008-08-12T00:32:00.000+05:30sanjeev aur sanjeet dono hi mujhse milkar gaye aur...sanjeev aur sanjeet dono hi mujhse milkar gaye aur apna profile check kar ke khush ho gaye,magar dono ne mujhse nahi kaha ki aap bhi check kar lo,khair abhi dekh raha hun aur mujhe bhi aisa lagta hai ki main bhi bach gaya hun shaayadAnil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-81728185446510832162008-08-12T00:13:00.000+05:302008-08-12T00:13:00.000+05:30लालमुकनदन की "लाली" जित देखूँह तित "लाल ":-)- लावण...लालमुकनदन की "लाली" <BR/>जित देखूँह तित "लाल "<BR/>:-)<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-66529075820785299942008-08-11T23:44:00.000+05:302008-08-11T23:44:00.000+05:30अरे संजीव भैया प्रेस क्लब से आपको फुटा के अपन भी अ...अरे संजीव भैया प्रेस क्लब से आपको फुटा के अपन भी अपने घर आए और देखा कि कहीं हमरी ही प्रोफाईल का भांडाफोड़ तो नही है न यह।<BR/><BR/>अरे क्या शिव भैया, हमका तो छोड़ दिया करो जी इस टांग खींचाई से ;)<BR/><BR/><BR/>एकदम मस्त टॉपिक पे एकदम ही मस्त लिखा है आपनेSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-20644307802593949412008-08-11T23:22:00.000+05:302008-08-11T23:22:00.000+05:30अहाााााााााा......... रायपुर के प्रेस क्लब से दौड...अहाााााााााा......... <BR/>रायपुर के प्रेस क्लब से दौडते भागते सीधे दुर्ग अपने घर, फिर लेपटाप पर आपके पोस्ट पर आ रहे हैं, वहां चहुंओर चर्चा है कि शिव भईया नें हमारी प्रोफाईली टोपी उछाल दी है । अब सुकून है, हा हा हा ! हमारा नहीं है ।36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-27285340939100927502008-08-11T23:12:00.000+05:302008-08-11T23:12:00.000+05:30कविता - हिन्दी और उर्दू में रूचि. परसाई और दिनकर क...<B>कविता - हिन्दी और उर्दू में रूचि. परसाई और दिनकर के भीषण प्रशंसक....तुम्हें क्या लगता है? दिनकर और परसाई का नाम लेकर दूसरों को इम्प्रेस कर लोगे क्या? पढ़कर लगता है जैसे किसी कस्बे के छुटभैया नेता ने किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के साथ खिचाई अपनी तस्वीर को ड्राईंग रूम में लगा रखा है जिससे सबको इम्प्रेस कर सके."</B> हम इसी से इम्प्रेस हो गये।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-14403345011965071932008-08-11T22:26:00.000+05:302008-08-11T22:26:00.000+05:30शिव - वो क्या कहते हैं - जे हुई न बात - जबरदस्त -...शिव - वो क्या कहते हैं - जे हुई न बात - जबरदस्त - आज जो भी खाया - नियमित रूप से खाईये - मज़ा आ गया - मनीष [पुनश्च - प्रांजल परिधियों के व्योम को फोड़कर प्रस्फुटित हुई इस ज्वलंत दैदीप्य आलोकित लेखनी की प्रखर नोक को शत शत नमन :-) - अद्भुत, उम्दा, बेहतरीन से भी तीन गुना ]Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-80891314109313136152008-08-11T22:20:00.000+05:302008-08-11T22:20:00.000+05:30बहुत ही प्रभावकारी और रोचकतापूर्ण लेख।बहुत ही प्रभावकारी और रोचकतापूर्ण लेख।Prabhakar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04704603020838854639noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-28649671241685935122008-08-11T22:10:00.000+05:302008-08-11T22:10:00.000+05:30हमारी प्रोफ़ाइल तो ब्लॉग के साइड कालम में लग ही नही...हमारी प्रोफ़ाइल तो ब्लॉग के साइड कालम में लग ही नहीं पा रही है। इसी लिए हमें लालमुकुन्द या सुदामा टाइप आत्मा से कोई खतरा नहीं है।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-45327540684906804982008-08-11T20:39:00.000+05:302008-08-11T20:39:00.000+05:30अनुराग जी का कमेंट तो बढ़िया रहा..अनुराग जी का कमेंट तो बढ़िया रहा..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-37405884919848207882008-08-11T20:25:00.000+05:302008-08-11T20:25:00.000+05:30बालमुकुंद को हम जानते हैँ. लालमुकुंद के बारे में अ...बालमुकुंद को हम जानते हैँ. लालमुकुंद के बारे में अब कन्फ्यूजिया गये हैं-कोउन है भई ये?<BR/><BR/>आप तो अपनी प्रोफाइल में लिख दो-मैं सी ए हूँ कृप्या सोच समझ कर पढ़िये. :)<BR/><BR/>ज्ञान जी को इसमें बिजनेस आईडिया नहीं दिखा कि प्रोफाइल लिख कर नये ब्लागर को बेची जाये?<BR/><BR/>सेम्पल:(On sale for Rs.500/-, one time fees)<BR/><BR/><B>मेरा परिचय: बस इतना सा:</B><BR/><BR/>शब्द न हिन्दु होते हैं और न ही मुसलमान. वो न वाम पंथी होते हैं न कांग्रेसी. न अगड़े न पिछड़े!! शब्द एक मासूम बच्चे की तरह हैं जिसे जैसा ढालोगे, ढल जायेंगे. उसी ढालन प्रक्रिया में जुटा मैं- एक सिपाही!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-75910268438307205832008-08-11T20:15:00.000+05:302008-08-11T20:15:00.000+05:30भइया तुम्हारी पोस्ट पढ़कर सबसे पहले अपनी प्रोफाइल ...भइया तुम्हारी पोस्ट पढ़कर सबसे पहले अपनी प्रोफाइल देखी मैंने.<BR/>तुमने ठीक ही लिखा है. हमसब को प्रोफाइल पर कुछ काम करने <BR/>की जरूरत है. लेकिन लाल मुकुंद ने तुम्हें भी ढेर कर दिया...बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-91868598907897765742008-08-11T20:02:00.000+05:302008-08-11T20:02:00.000+05:30सही लिखा ..इसको पढ़ कर हमने अपनी प्रोफाइल दुबारा पढ़...सही लिखा ..इसको पढ़ कर हमने अपनी प्रोफाइल दुबारा पढ़ी है :) वैसे सब प्रोफाइल मिला कर एक बढ़िया सीरियल का प्लाट बन सकता है .क्या विचार है आपका इस बारे में :)क्यूंकि हर प्रोफाइल कुछ कहती है :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-61946195932701462912008-08-11T19:59:00.000+05:302008-08-11T19:59:00.000+05:30हम अभी छै पैग चढा चुके है , सुबह देखेगे कौन हमारी ...हम अभी छै पैग चढा चुके है , सुबह देखेगे कौन हमारी प्रोफ़ाईल से पंगा लेता है.Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-34833538331659893622008-08-11T19:03:00.000+05:302008-08-11T19:03:00.000+05:30हमें .... भी ललंुकंद आज टकरा गये तो हमने पूछा भाई...हमें .... भी ललंुकंद आज टकरा गये तो हमने पूछा भाई क्या देख रहे हो तो बोले उर्दू मे कुछ अश्लील ढूँढ रहा हूँ ....हमने पूछा उर्दू मे क्यू ?तो वे बोले एक साहेब है कहते है हिन्दी ओर ओर अँग्रेज़ी मे अश्लील ना पढ़ने की कसम खा रखी है इसलिए उर्दू मे ढूँढ के लायो .....सुना है ये मंटो बहुत अश्लील लिखता था ..मैने कहा लालमुकुंद जी अगर मंटो को अश्लील कहा तो इस गली मे से सही सलामत नही जा पायोगे <BR/>मैंने पुछा तुम्हारे साहेब रुदिवादी किस्म के लगते है ..ऐसी कसमे कोई खाता है भला ?...वो बोला नही भाई साहब क्या बात करते हो ....वे विचारो से बड़े स्वतन्त्र आदमी है.<BR/>हमने कहा ये कलकत्ता वाले तो नही......बोला हा साहेब वही है ....हमने कहा ..फ़िर अंग्रेजी की किताब ले जायो बुरा नही मानेगे .विविधता के पक्षधर जो ठहरे ....<BR/>बालमुकंद तब से गायब है......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-15908047964336494662008-08-11T17:27:00.000+05:302008-08-11T17:27:00.000+05:30मेरी प्रोफाइल: हर विषय में प्रश्न करने - उत्तर चा...मेरी प्रोफाइल: हर विषय में प्रश्न करने - उत्तर चाहे मिले या न मिले - की आदत रखते हैं.(इसी ब्लॉग के बायें बाजू से)।<BR/>मेरे आदतन प्रश्न: <BR/><B>लालमुकुन्द मुझे क्यों न मिले? इतनी बढ़िया पोस्ट मैने क्यों न लिखी?</B>Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-40721809838467803072008-08-11T17:20:00.000+05:302008-08-11T17:20:00.000+05:30अच्छा और प्रभावी लिखा है। बधाई स्वीकारें।अच्छा और प्रभावी लिखा है। बधाई स्वीकारें।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-40613648637870536862008-08-11T15:28:00.000+05:302008-08-11T15:28:00.000+05:30भालो आछे!भालो आछे!अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-83599306650511712192008-08-11T15:15:00.000+05:302008-08-11T15:15:00.000+05:30hua yun ki ham bhi bhage pahle apni profile ki or ...hua yun ki ham bhi bhage pahle apni profile ki or aur apna about me padh ke hasi aa gayi. kya kare aakhir dil hi to hai. ab lal mukund ji thoda raham khayenAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-67102115431928786082008-08-11T14:23:00.000+05:302008-08-11T14:23:00.000+05:30shiv ji. ye gulzar vala..kahin hamara profile to n...shiv ji. ye gulzar vala..kahin hamara profile to nahi padhliye? :)पारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-58368955571577978142008-08-11T14:22:00.000+05:302008-08-11T14:22:00.000+05:30बंधूआप का कलकत्ता या आस पास का परिवेश या दोनों ही,...बंधू<BR/>आप का कलकत्ता या आस पास का परिवेश या दोनों ही, ख़राब है जिसमें सुदामा, बाल मुकुंद, लाल मुकुंद ,निंदक जी, रतिराम जैसे ना ना विध प्रकार के विचित्र किंतु सत्य प्रकार के मानव स्वछन्द विचरण करते हैं...और आप भी क्षमा करें...(हालाँकि क्षमा बडन को चाहिए...) कम उत्पाती नहीं हैं जो नित नए इनसे पंगे लेते हैं या देते हैं...जिसके फलस्वरूप ब्लॉग जगत में सुनामी आ जाता है...जिसे देखो वो ही इसके लपेटे में नजर आता है...(ताजा उधाहरण सुदामा का है, जो कमबख्त हमारे ब्लॉग पे भी कमेन्ट कर गया है) <BR/>लाल मुकुंद जी से कहिये की अपना मुहं लाल करें और दूसरों के प्रोफाइल पे नाराज होने की बजाय अपना प्रोफाइल लिख कर बताएं तब जाने उनको...अरे प्रोफाइल लिखने में कितनी ऊर्जा खर्च होती है क्या वो जानते हैं? ये कोई पोस्ट थोड़े ना है जिसमें जो चाहो जितना चाहो लिख दो...बहुत सोच विचार के लिखना पढता है...ये उस सी.वी. की तरह है जिसको पढ़ कर ही किसी को नौकरी के लिए या शादी के लिए बुलावा आता है...<BR/>पोस्ट छपने और किताब छपने में अन्तर है इसीलिए दोनों जगह लेखक का अलग ढंग से प्रोफाइल लिखा जाता है...पोस्ट से सूखी टिप्पणी हाथ आती है और किताब से धन...समझे आप?<BR/><BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com