tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post5623548073113162004..comments2024-03-05T08:08:12.202+05:30Comments on शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग: नारे ने काम किया, देश महानता की राह पर अग्रसर है।Gyan Dutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-66433399206660340632007-08-24T12:22:00.000+05:302007-08-24T12:22:00.000+05:30बंधुआप का नाम बिल्कुल सही है "शिव" याने भोले नाथ ....बंधु<BR/>आप का नाम बिल्कुल सही है "शिव" याने भोले नाथ . आप भोले ही तो हैं जो आज के युग मॆं अनुशासन जैसे चुक गए विषय पर सोचते और लिखते हैं. जय हो. <BR/>अब जो कीकर के पेड़ से आम की उम्मीद रखे उसे सभ्य भाषा मॆं भोला और सीधी भाषा मॆं मूर्ख कहा जाता है. <BR/>बंधु क्यों अपना और हमारा समय ऐसे विषयों पे लिख के बरबाद करते हैं जो जीवन मॆं किसी काम नहीं आने वाले. लिखने के लिए क्या और विषय नहीं बचे हैं? अभी तो इश्वर की कृपा से राखी सावंत जिंदा है उस पर लिख के ही वाह वाही लूटो. आप भी ना लगता है मोहन्जोदारो और हराप्पा की खुदाई मॆं से निकले लगते हैं.<BR/>हम तो टट पूंजिये टाईप के शायर हैं , आप के नायाब लेख की तरह जिसे कोई नहीं पढता <BR/>हम भी आप को अपनी कुछ लाईने सुना के भडास निकल लेते हें<BR/><BR/>"है खेल सियासत का हमने तो यही देखा<BR/>कौव्वे ये आजकल के कोयल से गीत गायें<BR/><BR/>बेशर्म कौम सारी अब बन गयी मदारी <BR/>तेह्जीब को सड़क पे बंदर सा ये नचाएं "<BR/><BR/>नीरजUnknownhttps://www.blogger.com/profile/18097499466532888478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-85536552426811110182007-08-24T12:15:00.000+05:302007-08-24T12:15:00.000+05:30बंधुआप का नाम बिल्कुल सही है "शिव" याने भोले नाथ ....बंधु<BR/>आप का नाम बिल्कुल सही है "शिव" याने भोले नाथ . आप भोले ही तो हैं जो आज के युग मॆं अनुशासन जैसे चुक गए विषय पर सोचते और लिखते हैं. जय हो. <BR/>अब जो कीकर के पेड़ से आम की उम्मीद रखे उसे सभ्य भाषा मॆं भोला और सीधी भाषा मॆं मूर्ख कहा जता है. <BR/>बंधु क्यों अपना और हमारा समय ऐसे विषयों पे लिख के करते हैं जो जीवन मॆं किसी काम नहीं आने वाले. लिखने के लिए क्या और विषय नहीं बचे हैं? अभी तो इश्वर की कृपा से राखी सावंत जिंदा है उस पर लिख के ही वाह वाही लूटो. आप भी ना लगता है मोहन्जोदारो और हराप्पा की खुदाई मॆं से निकले लगते हैं.<BR/>हम तो टट पूंजिये टाईप के शायर हैं , आप के नायाब लेख की तरह जिसे कोई नहीं पढता <BR/>हम भी आप को अपनी कुछ लाईने सुना के भडास निकल लेते हें<BR/><BR/>"है खेल सियासत का हमने तो यही देखा<BR/>कौव्वे ये आजकल के कोयल से गीत गायें<BR/><BR/>बेशर्म कौम सारी अब बन गयी मदारी <BR/>तेह्जीब को सड़क पे बंदर सा ये नाचायें "<BR/><BR/>नीरजUnknownhttps://www.blogger.com/profile/18097499466532888478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-79906655428792944152007-08-07T06:16:00.000+05:302007-08-07T06:16:00.000+05:30बहुत खूब! मजा आ गया पढ़कर! मन खुश हो गया। फोटो शानद...बहुत खूब! मजा आ गया पढ़कर! मन खुश हो गया। फोटो शानदार है। आलोक पुराणिक की टिप्पणी भी मौजूं है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-7830505403537517672007-08-06T10:27:00.000+05:302007-08-06T10:27:00.000+05:30उम्मी्द पर दुनिया तो बाद में पहले भारत की सरकार का...उम्मी्द पर दुनिया तो बाद में पहले भारत की सरकार कायम रहती है सरकार तो फ़िर आपका आशा करना बिलकुल ज़ायज़ है!!<BR/><BR/>रही सही कसर आलोक जी ने टिपिया कर पूरी कर दी है!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-20705291116946777812007-08-06T07:34:00.000+05:302007-08-06T07:34:00.000+05:30जो गजब लेख वो अजब आलोक भाई की टीप,वाह, क्या गजब जु...जो गजब लेख वो अजब आलोक भाई की टीप,वाह, क्या गजब जुगल बंदी है. बहुत खूब.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8266441011250183695.post-8889666121419499662007-08-06T06:41:00.000+05:302007-08-06T06:41:00.000+05:30नारों की नाली में देश में लुटिया डूब रही है। पर लु...नारों की नाली में देश में लुटिया डूब रही है। पर लुटिया की चिंता अब करना बेकार है। भाई लोगों का मानना है कि लुटिया डूब ले, तो हम अमेरिका से मग इंपोर्ट कर लेंगे। इधर दिल्ली की दीवारों पर कुछ नारे इस तरह के हैं-डेंगू के मच्छरों को अपने घर में जमा न होने दें। जिस घऱ में मच्छर पाये जायेंगे, उन पर जुर्माना। मैंने नगर निगम के एक अधिकारी से पूछा कि गुरु ये नोटिस मच्छर तो न पढ़ पायेंगे। और पब्लिक के लिए तो ये नोटिस बेकार है कोई मच्छर पालो अभियान तो चलाता नहीं है। बैंक-ऊक लोन भी नहीं ना देते, मच्छर पालन स्कीम के लिए। नगर निगम अफसर हंसने लगा, बोला कि बजट है करीब बीस करोड़ का, मच्छरों के बारे में चेतना फैलानी है। सो साहब नारे फैल रहे हैं,नारों का बजट फैल रहा है, उन्हे लागू करने वाले अफसर फैल रहे हैं।<BR/>वैसे रेलों में लिखा एक नारा मजेदार है-और काम का है उन अफसरों के लिए जो रिश्वत खाते -पीते हैं और जिन पर स्टिंग आपरेशनों की तलवार मंडराती रहती है। <BR/>रेल में नारा लिखा होता है-कुछ खिलाने वालों से सावधान। <BR/>सारे रिश्वत खोर अफसर इसे सूत्रवाक्य बना लें, तो कभी स्टिंग आपरेशन में नहीं फंसेगे, कुछ खिलाने वालों से सावधान,स्टिंग आपरेशन में धरपकड़ हो सकती है। <BR/>खायें, इस तरह से खायें कि पकड़ में ना आयें। जिससे भी खायें उसकी नंगाझोली इस तरह से लें कि उसके शरीर पर बनियान तक न बचे, लेटेस्ट खबर के मुताबिक बनियान तक में छिपे हुए कैमरे आते हैं। <BR/>इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जिससे खायें, उसके कपड़े तक धऱवा लें, कर बेट्टा कैसे करेगा स्टिंग आपरेशन। यानी कम पर संतोष करने वाला अफसर फंस जाता है, पर सामने वाली पार्टी के पूरे कपड़े उतरवा कर रखने वाला अफसर कभी भी स्टिंग आपरेशन में नहीं ना फंसता।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.com