शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय, ब्लॉग-गीरी पर उतर आए हैं| विभिन्न विषयों पर बेलाग और प्रसन्नमन लिखेंगे| उन्होंने निश्चय किया है कि हल्का लिखकर हलके हो लेंगे| लेकिन कभी-कभी गम्भीर भी लिख दें तो बुरा न मनियेगा|
||Shivkumar Mishra Aur Gyandutt Pandey Kaa Blog||
Tuesday, September 18, 2007
ब्लॉगरों में बढत – सब तरफ
शिवकुमार मिश्र हिन्दी ब्लॉगरों की बढ़ती संख्या का भविष्य दर्शन कर रहे हैं. उनकी तीन "भविष्य में लिखी वर्तमान के इतिहास" की पोस्टें आ चुकी हैं और पाठक इस कड़ी को समाप्त नहीं करने देना चाहते.
ब्लॉगिंग में बूम केवल हिन्दी का फिनॉमिना नहीं है. आप टेक्नोरेती के Sifry's Alerts के 5 अप्रैल की इस पोस्ट का अवलोकन करें. इसमें ब्लॉगिंग यातायात के बहुत से चार्ट हैं. मैं यहां पर दो चार्ट प्रस्तुत कर रहा हूं. पाठक कृपया नोट करें कि यह सामग्री टेक्नोरैती की है और चार्ट में उसका चिन्ह भी है.
इस चार्ट में टैक्नोरैती द्वारा मार्च 2003 से मार्च 2007 के बीच ट्रैक किये गये चिठ्ठों की संख्या दर्ज है. और जैसा दिखता है - यह संख्या मार्च 2005 से गति पकड़ कर एक्स्पोनेंशियल बढ़ती नजर आती है. हिन्दी के विषय में हम 2 वर्षों का फेज़ लैग मान कर चल सकते हैं. यहां भी बढ़त प्रारम्भ हो गयी है पर अभी भी हम ब्लॉगिंग के "भारतेन्दु या आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी युग" में ही हैं.
इस दूसरे पाई-चार्ट में भाषा के आधार पर ब्लॉगों की संख्या बताई गयी है ( सन 2006 के अंतिम तीन महीनों के आंकड़े के आधार पर). इसके अनुसार जापानी भाषा में 37%, अंग्रेजी में 36% और चीनी भाषा में 8% ब्लॉग हैं. फारसी में भी एक प्रतिशत ब्लॉग हैं - शायद अब और बढ़े हों. अन्य (जिसमें हिन्दी भी है) 5% हैं. एक कोण से देखें तो हिन्दी का प्रतिशत नगण्य है. पर दूसरे कोण से देखें तो आगे बहुत बढ़ोतरी की सम्भावनायें हैं. समग्र रूप से ब्लॉग जिस रेट से बढ़ रहे होंगे; हिन्दी ब्लॉगों में बढ़त मेरे अनुमान में उनसे तीन गुना ज्यादा है.
प्रोब्लॉगर ब्लॉग (फीडबर्नर फीड संख्या > 31,000!) ने एक इण्टरनेट सर्वेक्षण किया है. यह प्रो-ब्लॉगर के इस पन्ने पर उपलब्ध है. इसके निम्न पाई चार्ट का अवलोकन करें. (कृपया नोट करें कि यह सामग्री प्रोब्लॊगर की है और चार्ट में उसका चिन्ह भी है.)
इस सर्वेक्षण के अनुसार उस साइट पर जाने वाले और/या ब्लॉग रखने वाले जो 2151 लोग सर्वेक्षण में शामिल हुये उसमें से 58% या तो बिना ब्लॉग के हैं या उनका ब्लॉगिंग 1 वर्ष से कम उम्र का है. कुल मिला कर कहा जाये तो यह कि अंग्रेजी में भी ब्लॉगिंग अभी नर्सरी अवस्था में है और लोग तेजी से जुड़ रहे हैं.
अत: शिवकुमार मिश्र हिन्दी ब्लॉगिंग में जिस तेज बढ़ोतरी की बात कहते हैं - उसे मात्र कल्पना की उड़ान न माना जाये. मेरे ख्याल में वे हिन्दी ब्लॉगों की संख्या के विषय में जूल्स वर्ने छाप कल्पना कर रहे हैं - जो देर सबेर प्रगटित होगी! वह दिन दूर नहीं जब प्रत्येक हिन्दी लेखन में सक्षम व्यक्ति के पास अपनी नेट आइडेण्टिटी के लिये एक ब्लॉग होगा.
आप चिठ्ठाजगत पर लॉग-इन कर इस पन्ने पर पिछले चार माह के आंकड़े देखें. आप अन्दाज लगा पायेंगे कि हिन्दी ब्लॉगों और ब्लॉग पोस्टों में जबरदस्त उछाल है!
अब आप ने पीठ ठोंकी है तो और बढे़गा..
ReplyDeleteयकीनन ये सिलसिला तेजी से बढ़ेगा। सात-आठ साल पहले कौन जानता था कि दिहाड़ी मजदूर और खोमचे वाले के भी हाथ में मोबाइल होगा।
ReplyDeleteधांसू च फांसू रिसर्च है।
ReplyDeleteआप भी रिसर्च में लग लिए !!
ReplyDeleteअनिल रघुराज जी की बात से सहमत!
अच्छा विष्लेषण किया है. जल्द ही हिन्दी ब्लॉगिंग सम्मानजनक आँकड़ों पर होगी, यही शुभकामनायें हैं और आपके लेख के बाद विश्वास भी. :)
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