Thursday, October 21, 2010

कश्मीर समस्या महत्वपूर्ण है...

यह युग कलियुग होने के साथ-साथ पैनल डिस्कशन का युग है. समस्याओं को सुलझाने की नई योजना के अनुसार भारत की हर समस्या को आजकल टीवी पर पैनल डिस्कशन करके सुलझाने का प्रयास किया जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि ये डिस्कशन कोई भी कर सकता है. हम बाबा रामदेव को अयोध्या मुद्दे पर डिस्कशन करते देख सकते हैं. स्वामी अग्निवेश को नक्सलवाद के मुद्दे पर बात करते पाते हैं. मैंने देखा तो नहीं लेकिन किसी ने मुझे बताया कि हाल ही में प्रभु चावला ज़ी ने राखी सावंत ज़ी के साथ गिरते हुए डालर और बढ़ते हुए रूपये पर एक चर्चा की जिसमें राखी ज़ी का मानना था कि डॉलर गिर रहा है और रुपया बढ़ रहा है.

इसी से प्रेरित होकर हमरे ब्लॉग पत्रकार चंदू चौरसिया ने हमें सुझाव दिया कि क्यों न वे भी एक पैनल डिस्कशन करवाएं.

मैंने कहा; "किस मुद्दे पर पैनल डिस्कशन करवाना चाहते हो?"

चंदू ने कहा; "सरकार की तरह कश्मीर मुद्दे को मैं भी बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा मानता हूँ. ऐसे में क्यों न इस मुद्दे पर एक डिस्कशन आयोजित किया जाय."

मैंने पूछा; "पैनल पर कौन-कौन होंगे? कोई नाम है दिमाग में?"

चंदू ने कहा; "सोच रहा था कि नौ-दस लोगों को बुला लूँ."

मैंने कहा; "नौ-दस लोग़? इतने लोगों का क्या करोगे? कैसे संभालोगे इतने लोगों को?"

चंदू ने कहा; "क्यों? अरनब गोस्वामी भी तो कम से कम ८ लोगों को एक ही मुद्दे का डिस्कशन के लिए बुलाते हैं. टीवी पर जितने विंडो बन सकते हैं और जितने चेहरे घुस सकते हैं उतने लोगों को बुलाते हैं."

मैंने कहा; "तुम ऐसा मत करो. दो-तीन लोगों को बुलाओ जिससे सबको बोलने का मौका मिले. अरनब के शो में बहुत सारे पैनेलिस्ट को बोलने का चांस ही नहीं मिलता."

चंदू बोला; "तो फिर तीन लोगों को बुलाते हैं. राखी सावंत, खली और अब्बास काज़मी कैसे रहेंगे?"

मैंने कहा; "पाकिस्तान से भी तो किसी को लाना चाहिए."

काफी बातचीत करके जिस नाम पर सहमति हुई वह था वीना मलिक. पिछले कई वर्षों में वीना ज़ी सबसे फेमस पाकिस्तानी महिला के रूप में उभरी हैं.

तो आप बांचिये कि चंदू चौरसिया द्वारा मॉडरेट किये गए पैनल डिस्कशन में क्या-क्या कहा गया और क्या-क्या सुना गया?

"नमस्कार, मैं हूँ चंदू चौरसिया. आज हम एक ऐसे मुद्दे पर बात करेंगे जिसे सरकार के साथ-साथ लगभग पूरा देश महत्वपूर्ण मानता है. और सब की देखा-देखी मैं भी उसे महत्वपूर्ण ही मानता हूँ. यह मुद्दा आज से नहीं बल्कि पिछले ६३ वर्षों से महत्वपूर्ण है. आपको लगे हाथ यह भी बता दूँ कि मैं यानि चंदू चौरसिया खानदानी पैनल डिस्कशन मॉडरेटर हूँ. मेरा खानदान इस मुद्दे पर कई पैनल डिस्कशन करवा चुका है. मेरे दादा रमाकांत चौरसिया ने सन १९६३ में श्री कृष्णा मेनन और सर्वपल्ली राधाकृष्णन के साथ इस मुद्दे पर पैनल डिस्कशन करवाया था. तब सारे पैनेलिस्ट इस बात पर सहमत थे कि १३ साल पुराने मुद्दे को सॉल्व करने के लिए सरकारों को कुछ समय तो देना ही पड़ेगा. मेरे पिताज़ी श्री रतिराम चौरसिया ज़ी ने १९९३ से लेकर २००५ तक शोकसभा टीवी पर करीब सत्ताईस पैनल डिस्कशन मॉडरेट किया. तब भी पैनेलिस्ट इस बात पर सहमत थे कि करीब पचास साल पुराना मुद्दा सॉल्व करना आसान नहीं है. आज जब हम इस मुद्दे को देखते हैं तो आसानी से कहा जा सकता है कि तिरसठ साल पुराना मुद्दा सॉल्व करने के लिए सरकारों को कुछ समय देना ज़रूरी है.

चलिए आज देखते हैं कि हमारे आज के पैनेलिस्ट क्या कहते हैं? कश्मीर की समस्या का एक सामजिक समस्या है? या फिर यह एक आर्थिक समस्या है? कुछ लोग़ इसे राजनीतिक समस्या मानते हैं तो कुछ इसे अंतर्राष्ट्रीय समस्या मानते हैं. लेकिन मुझे लगता है मामला कहीं इनके बीच है.

इस मुद्दे पर बात करने के लिए हमारे साथ हैं पिछले दशक की सबसे प्रसिद्द भारतीय हस्तियों में से एक और अपने इन्साफ के लिए मशहूर राखी सावंत ज़ी. और साथ ही हैं नूराकुश्ती के लिए मशहूर महाबली खली ज़ी. पाकिस्तानी नज़रिए को रखने के लिए हमारे साथ हैं पाकिस्तानी राखी सावंत के नाम से मशहूर वीना मलिक ज़ी....."

चंदू की बात पर रखी सावंत ज़ी ने ऐतराज जताया. बोलीं; "मेको स्ट्रोंग ऑब्जेक्शन है. हर किसी को आप राखी सावंत नहीं कह सकते. हिंदुस्तान का हो या पाकिस्तान, राखी एक ही है. हर किसी ऐरे-गेरे को राखी सावंत मत कहिये. प्लीज."

राखी की बात सुनकर चंदू सकपका गया. बोले; "चलिए मैं अपनी बात वापस लेता हूँ. वैसे राखी ज़ी यह बताएं कि कश्मीर की समस्या को आप कैसे देखती हैं? क्या मानती हैं इसे? क्या आप इसे सामजिक समस्या मानती हैं?"

"देखिये चंदू ज़ी, मैं कोई पोलीटिशीयन नहीं हूँ. मैं एक कलाकार हूँ. मैं जो कहती हूँ दिल से कहती हूँ. मेको लगता है कश्मीर की प्रॉब्लम एक आर्थिक प्रॉब्लम है"; राखी ज़ी ने बताया.

चंदू: "कश्मीर समस्या को देखने का एक नया नजरिया पेश किया आपने. वैसे यह समस्या आपको आर्थिक क्यों लगती है?"

राखी: "देखिये मैं मानती हूँ कि कश्मीर की समस्या चाहे जैसी हो लेकिन इसको दिल से ही सॉल्व किया जा सकता है. हम कलाकारों के ऊपर छोड़ दीजिये. हम सॉल्व कर देंगे. अभी रखी का इन्साफ में कल के एपिसोड में मैंने सकीना और महमूद का केस कैसे सॉल्व किया आपने देखा ही होगा. राखी जो करती है वह दिल से करती है."

वीना मलिक: "मेरा मानना है कि दोनों देशों के प्राइम मिन्स्टर टेलीफोन अपर बातचीत कर रहे हैं. कश्मीर प्रॉब्लम का कुछ न कुछ होकर रहेगा."

चंदू: "लेकिन आपको कैसे पता कि दोनों देश के प्राइम मिनिस्टर टेलीफोन पर बातचीत कर रहे हैं? उनलोगों ने कहीं कुछ कहा नहीं?"

वीना मलिक: "मेरे को मालूम है. मेरे पास टेलीफोन काल्स के रेकॉर्ड्स हैं. ये जो पेपर देख रहे हैं वो मैंने खुद निकलवाया है. इसमें रेकॉर्ड्स है कि पाकिस्तानी प्राइम मिन्स्टर ने इंडियन प्राइम मिन्स्टर को सोलह बार फोन किया. तेरह बार मेसेज किया है. ये रेकॉर्ड्स है मेरे पास."

चंदू: "वैसे क्या लगता है आपको? यह समस्या इतने सालों से क्यों चल रही है? क्या रीजन हो सकता है इसका?"

वीना मलिक: "मैंने अपनी कजिन से बात की थी इस बारे में. मेरे को तो पहले से ही लगता था उसको भी यही लगता है कि ये सारी प्रॉब्लम सेब की वजह से हुई है."

चंदू: "सेब की वजह से?"

वीना मलिक: "हाँ, सेब की वजह से. कश्मीर के सेब सबसे अच्छे होते हैं. दोनों मुल्क कश्मीरी सेब पर कब्ज़े के लिए इस प्रॉब्लम को चला रहे हैं."

चंदू: "वैसे खली ज़ी, आपका क्या मानना है? कश्मीर समस्या सीरियस समस्या है?"

खली: "हाँ. कश्मीर समस्या सीरियस है."

चंदू: "क्या आपको भी लगता है कि इसे सॉल्व करना मुश्किल है?"

खली: "हाँ, इसे सॉल्व करना मुश्किल है."

राखी: "कुछ मुश्किल नहीं है. दोनों देश अगर राखी का इन्साफ में ये प्रॉब्लम लेकर आयें तो राखी सावंत इन्साफ कर देगी."

चंदू: "राखी जी, आपको लगता है कि इतना ईजी है कश्मीर की प्रॉब्लम सॉल्व करना?"

राखी: "दिल से कोई भी काम किया जाय तो वो होगा ही. जीजस कहते हैं एक-दूसरे से प्यार करो. एक-दूसरे से दिल लगाकर रहो."

चंदू: "लेकिन राखी ज़ी, अगर ऐसा ही है तो आपने राखी के स्वयंवर में किसी पाकिस्तानी को क्यों नहीं बुलाया?"

राखी: "मैंने रोका थोड़े न था. कोई भी कहीं से भी आ सकता था. खुद कश्मीर से एक कंटेस्टेंट आया था. लेकिन कोई बात नहीं. अगले साल जब मैं स्वयंवर करूंगी तो ट्राई करूंगी कि कोई पाकिस्तान से भी आये."

चंदू: "वीना ज़ी, अगर राखी के स्वयंवर में मोहम्मद आसिफ आने चाहें तो आप उन्हें रोकेंगी?"

वीना मलिक: "मैं कौन होती हूँ रोकने वाली. आसिफ स्पॉट पर क्या करेगा उससे मुझे क्या? मैंने तो उसे छोड़ दिया है."

चंदू: "खली ज़ी, आपको भी लगता है कि आसिफ को राखी के स्वयंवर में आना चाहिए."

खली: "हाँ, आसिफ को राखी के स्वयंवर में आना चाहिए."

चंदू: "क्या ऐसे में दोनों देशों के सम्बन्ध मधुर होंगे?"

खली: "हाँ, इससे दोनों देशों के सम्बन्ध मधुर होंगे."

राखी: "मैं तो आसिफ और वीना मलिक के झगड़े में भी इन्साफ करने के लिए राजी हूँ."

चंदू: "लेकिन राखी ज़ी, कहीं आसिफ ने स्पॉट पर फिक्सिंग कर दी तो?"

राखी: "मेरे शो में कोई कुछ नहीं कर सकता. मेरे शो में राखी बॉस है. राखी सावंत नाम है मेरा."

चंदू: "लेकिन वीना जी, आप ये जो रिकॉर्ड दिखा रही हैं उससे लोगों का मानना है कि आप ये सब पब्लिसिटी के लिए कर रही हैं."

वीना मलिक: "मुझे पब्लिसिटी की ज़रुरत नहीं है. मैं खुद पाकिस्तान की नंबर वन हीरोइन हूँ. नंबर वन मॉडल हूँ."

चंदू: "लेकिन आपको महेश भट्ट ने तो किसी फिल्म में काम नहीं दिया."

वीना मलिक: "महेश ज़ी मुझे लॉन्च करना चाहते हैं. इमरान हाशमी के अपोजिट एक फिल्म की बात चल रही है."

चंदू: "तो आप काम करेंगी हिंदी फिल्म में?"

वीना मलिक: "महेश ज़ी तो नवाजिश बेगम से भी बात कर रहे हैं. वे उन्हें भी लॉन्च कर सकते हैं. पाकिस्तानी आर्टिस्ट की कितनी इज्ज़त करते हैं वे."

राखी: "चंदू ज़ी, मेको लगता है कि हम लोग़ टोपिक से अलग हो गए हैं."

खली: "हाँ, हमलोग टोपिक से अलग हो गए हैं."

चंदू: "चलिए कोई बात नहीं. हर पैनल डिस्कशन टॉपिक से भटक ही जाता है. वैसे आशा है कि एक दिन आपलोग कश्मीर की समस्या सॉल्व करने में दोनों देशों को हेल्प करेंगे. वैसे इतनी पुरानी समस्या का हल निकलना ईजी नहीं है. हमें सरकार को कुछ समय तो देना ही पड़ेगा...हम अपना डिस्कशन यहीं ख़त्म करते हैं..."

16 comments:

  1. राखी सावन्त एक कलाकार हैं - यह पढ़ते ही मेरे पेट में तेज दर्द हुआ। उबकाई भी आयी। एक ग्लास ईनो पी कर बड़ी मुश्किल से यह कमेण्ट धर्म का पालन कर रहा हू!

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  2. अन्दर की खबर ये है कि पैनल डिस्कशन को इसलिए ख़त्म किया गया कि राखी सावंत का बॉय फ्रेंड अभिषेक बाहर फूल लेकर उनसे माफ़ी मांगने आ गया था..

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  3. मेको तो पूरा विस्वास है...कश्मीर समस्या का हल ये तीनो ही निकाल सकते हैं..दोनों देशों की सरकार अगर सचमुच गंभीर है इस समस्या का हल निकलने को तो उसे इस इसू को जिसु को इतने सिद्दत से प्यार करने वाली राखी संवंत की अदालत के हवाले कर देना चाहिए और उस अदालत में वकील के रूप में ख़ली जी और गेटकीपर वीणा मालिक जी जो बना देना चाहिए,जो गेट पर तबतक मुस्तैदी से पहरा देंगी जबतक की इन्साफ होकर वह व्यावहारिक रूप से लागू नहीं हो जाता.

    मेको तो पोस्ट झक्कास लगी..ईसू कसम !!!

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  4. कुश के कमेन्ट को लाइक करने का ऑप्शन दिया जाये ....फेस बुक ने आदत ख़राब कर रखी है ....

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  5. क्या हल है भाईसाहब ...वाह ..मान गए चंदू चौरसिया को ....पर अगर इस पैनल में महेश भट्ट होते तो वो भी अपनी राय रखते ...आखिर काफी "अंदरूनी जानकारियां" रखते है दोनों मुल्कों की..!!

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  6. पैनल डिस्कसन बहुत सार्थक रहा क्योंकि कोई निष्कर्ष नहीं निकला। अगर निकल जाता तो कश्मीर का कचूमर भी निकल जाता।

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  7. `यह युग कलियुग होने के साथ-साथ पैनल डिस्कशन का युग है'

    यह युग जी ओ एम का है [ हां जी ग्रूप आफ़ मिनिन्स्टर नहीं, भूली बिसरी गोस्वामी आफ़ मेमोरी] मेरा मतलब है बिंदिया गोस्वामी : )

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  8. जीओएम, कैग से जांच, जेपीसी, एक आयोग, उसकी रिपोर्ट पर चार आयोग, पैनल डिस्कशन और बाकी ३६ तरीकों से हल निकल ही आयेगा..

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  9. इस चंदू चौरसिया को तो पत्रकारिता का 'डिगाडिगा डमडम' पुरस्कार देना चाहिए। बहुत सही जा रहा है चंदू चौरसिया :)

    मस्त पोस्ट है।

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  10. इस देस की येइज प्रोब्लम है. एक समस्या हल करते करते दूसरी समस्या आ खड़ी होती है.
    ..अब करवाइए पैनल डिस्कशन ज्ञान जी की पेट की समस्या पर.

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  11. मुझे लगता है कि कश्मीर समस्या इतनी बड़ी है कि इसे पूरी की पूरी एक साथ हल कर पाना मुश्किल हो गया है । अतः इसे टुकड़ों में बाँटकर इसका हल निकाला जाना चाहिये ।
    पहले कश्मीर समस्या को कश्मीर और समस्या में बाँट लें फिर इनका अलग अलग हल कर लें । निर्णय कर लें कि कश्मीर और समस्या में ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है । चाहें तो इन दोनों को भी पुनः छोटे हिस्सों में बाँट सकते हैं लेकिन एसा करने में फिर एक समस्या आ जाएगी क्योंकि कश्मीर तो अविभाज्य है ।

    वैसे देखने वाली बात यह है कि इस कार्यक्रम में एक भी कमर्शियल ब्रेक नहीं हुआ ।

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  12. chandu chorasiya ki reporting sorasiya wali hai.... pramot kiya jai.......


    pranam.

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  13. मस्त पैनल डिस्कसन. वैसे अर्नब को एक जज वाला हथौड़ा देने का आपका आईडिया इम्प्लेमेंट हुआ कि नहीं. ?

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  14. ये तो अच्छा हुआ जो राखी सावंत ब्लॉग नहीं पढ़तीं...वर्ना ज्ञान भैया के अंग-अंग में दर्द पैदा कर देतीं...
    बकौल चुलबुल पांडे: "कमाल करते हो पांडे जी अगर राखी कलाकार नहीं हैं तो कौन है...???उन जैसी कला है क्या किसी में, वो क्या कश्मीर से कम हैं ?वो तो अपने लिए अपनी समस्या खुद ही खड़ी कर लेती हैं."

    खली जी ने कश्मीर समस्या को निपटाने का बहुत अच्छा सुझाव दिया था...लेकिन उनकी बोली कुछ ऐसी है के किसी को समझ नहीं आया के सुझाव क्या था...अगर समझ आ जाता तो अबतक इस समस्या का अंत हो गया होता...दुर्भाग्य वश वो जो एक बार बोल देते हैं उसे तुरंत भूल जाते हैं उसे रीपीट नहीं कर सकते...उनकी ये समस्या कश्मीर समस्या से अधिक बड़ी है...

    वीना मालिक जी की बात छोड़ दें, जब से पाकिस्तानी क्रिकेटर आसिफ ने उनसे पल्ला झाड़ा है उसके बाद से वो क्या कहती हैं उन्हें खुद नहीं मालूम...अभी बिग बॉस में जो उनके सामने शिव सेना समस्याएं पैदा कर रही हैं वो क्या कश्मीर समस्या से कम है?

    चंदू चौरसिया जी की तो इस डिस्कशन के बाद चाँद निकल आई है...सारे बाल हवा हो गए है...उन्हें अपनी चाँद पर बाल उगाने की समस्या कश्मीर से अधिक महत्वपूर्ण लग रही है...

    इतनी अलग अलग समस्याओं के चलते कश्मीर समस्या है किस खेत की मूली के उस पर विचार किया जाए...

    नीरज

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टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद। --- शिवकुमार मिश्र-ज्ञानदत्त पाण्डेय