Saturday, October 11, 2008

'रीटेल इन्वेस्टर' की 'री-टेलिंग' - एक माईक्रो पोस्ट हमरी भी

"जनवरी में जब सेंसेक्स २१००० था तब ये शेयर १४० रुपया में एक खरीदे थे. आज ११ रुपया में एक बिक रहा है."

बेचारा ग्रेटर फूल सॉरी 'ग्रेटर भूल थ्योरी' का शिकार हो गया.

21 comments:

  1. बेचारा ग्रेटर फूल सॉरी 'ग्रेटर भूल थ्योरी' का शिकार हो गया.

    'ha ha ha ha bhut shee pechana aapne, magar ab kya ho....'

    regards

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  2. क्या मासूमियत है साहब !

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  3. क्या कहें? हमारी संवेदनाएं आपके साथ है :(

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  4. वाकई दर्दनाक है- micro की सीमा में macro का असीम दर्द समाहि‍त हो गया है। मेरे साथ भी यही हुआ है, बस गि‍रावट का अंतर कम है और शेयर भी ज्‍यादा नहीं खरीदे थे।

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  5. क्या सामयीक बेहतरीन माइक्रो पोस्ट लिखी है ! शुभकामनाएं !

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  6. माफ करे , पिछली टिपणी में शुभकामनाए की जगह संवेदनाएं पढा जाए ! :)

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  7. अभी ग्‍यारह रुपये मिल रहे हैं न.. जब कीमत रुपये भर रह जायेगी तब, ससुर, शेयर क्‍लीयर करेंगे?

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  8. sateek. shortcut se ameer to ho nahi paye ha diwalaa short sorry microcut se nikal gaya.

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  9. शेयर मार्केट का दर्द " शेयरिया " ही समझें..माइक्रो पोस्ट का असर उनके लिए मेक्रो है. शेष के लिए माइक्रो ....हा हा.!! अब तो ज्यादातर सवाल ये किए जाते हैं, भइया ! जुए के खेल में कभी हारोगे नहीं.

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  10. रीटेल इन्वेस्टर की टेल ही बची है, बॉडी गायब हो गयी है!:(

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  11. कल Rediff मे एक शख्स को दिखाया गया था कि वो शेयर बाजार के बाहर सेंसेक्स देख रहा है बडी हैरत की नजर से, हाथ मे उसके छतरी है और सिर लगभग खंभे से टिका हुआ है.....आज वही व्यक्ति नवभारत टाईम्स मे दिख रहा है ..... ये क्या हो गया कहते हुए उसके हाथ ......सबकुछ कह रहे थे..... और हाँ......आज उसके हाथ मे छतरी नहीं थी।

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  12. अच्छा लगा आप की माइक्रोपोस्ट को पढ़ कर। अधिक लोगों को पढ़ा और टिपियाया जा सकता है।

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  13. हमारी फसल बरबाद हो जाती है..या उपज की कीमत कम मिलती है..शायद कुछ वैसी ही अनुभूति हो रही होगी शेयरधारकों को..।
    हम तो पहले से ही वेदना में हैं, संवेदना तो होगी ही :)

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  14. क्या बोलें? बस शुक्र मना रहे हैं कि हमने कोई शेयर कभी नहीं खरीदे और अब अब तो ऐसी हिमाकत बिलकुल नहीं करेंगे!

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  15. आपकी मार्गदर्शी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यबाद आपका आगमन नियमित बनाए रखें मेरी नई रचना पढ़े http://manoria.blogspot.com/2008/10/blog-post_11.html

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  16. जल्दी से उसे भी बेच दें नहीं तो रोने लायक भी नहीं बचेंगे.. :)

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  17. हमारे एक बुजुर्ग दोस्त ने एक बार ४० हजार युरो के शेयर खरीदे थे, उन दिनो बहुत चढ रहै थे, कुछ समय बाद ४० के उन्हे ४हजार मिल रहै थे, फ़िर पता नही क्या हुआ, लेकिन उन्होने नसीयत हम सब को दी कभी भी लालच मत कर, क्योकि लालच बुरी बात है, ओर हम तो देखते भी नही उस तरफ़
    राम राम जी की

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  18. इकोनोमिक्‍स शुरू नहीं हुई कि फिलोसॉफी का आगमन भी होने लगता है. °ग्रेटर भूल थ्‍योरी°

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  19. आर्थिक मसलों पर और भी पोस्ट्स की आशा करते हैं आपसे.

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  20. मेरी संवेदनाएं!
    (माइक्रो जवाब)

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  21. जल्दी बेंच डालिए नही तो कहीं अगली बार पोस्ट खाली न छोड़नी पड़ जाए

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टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद। --- शिवकुमार मिश्र-ज्ञानदत्त पाण्डेय