गतांक से आगे...
जै माता दी की चिंघाड़ सुनकर लोग भौचक्के हो एक-दूसरे को देखने लगे. अचानक लोगों ने देखा कि हाथ में माइक और सिर पर बाल रखे हुए हिमेश रेशम्मैया जी खड़े हैं. लोगों को समझते देर नहीं लगी कि जै माता दी नामक नारा उन्होंने ही लगाया है. वे अनु मलिक से गले मिले. पता नहीं चला कि किसने किसे गले लगाया. सरोज खान के पाँव छू लिए. उसके बाद एंकर ने तीनो को बताया कि उन्हें अपनी-अपनी कुर्सी संभाल लेनी चाहिए.
तीनो जब कुर्सी पर बैठ गए तो एंकर ने कहा; "कैसा लग रहा है आप लोगों को? अनु जी यह बताएं कि ये कांसेप्ट कैसा लगा आपको? मेरा मतलब अगर आप जैसे गुनी लोग इस तरह से देश की सेवा करेंगे तो एक तरह से अच्छा ही है?"
एंकर की बात सुनकर वे बोले; "लेट मी टेल यू हुसैन कि टैलेंटेड कलाकार कुछ भी कर सकता है. अगर वह सिंगिंग कम्पीटीशन जज कर सकता है तो वह कुछ भी जज कर सकता है. आज हम यहाँ हैं तो अपने टैलेंट के बूते पर हैं और जैसा कि मैंने कहा कि टैलेंटेड कलाकार कुछ भी कर सकता है. यहाँ तक कि देश सेवा भी."
उनका जवाब सुनकर एंकर हुसैन ने जनता से ताली पिटवा दी. उसके बाद तीनों जज स्टेज की तरफ देखने लगे. वे शायद कंटेस्टेंट लोगों के दर्शन करना चाहते थे. जब उन्हें लगा कि वे लोग वहां अभी तक नहीं आये हैं तो अनु मलिक नाराज हो गए. बोले; "ये लोग अभी तक यहाँ क्यों नहीं आये? किसे इंतज़ार करवा रहे हैं ये लोग मालूम है इन्हें? आई टेल यू हुसैन दे आर प्लेयिंग विद देयर लाइव्स. अनु मलिक ने आजतक किसी का इंतज़ार नहीं किया."
उनकी बात सुनकर हुसैन नामक एंकर बोले; "बस आ जायेंगे अनु जी."
तब तक लोगों ने देखा कि पाँचों कंटेस्टेंट रूपी मुलजिम स्टेज पर आ खड़े हुए.
पाँचों लोग बहुत मज़े में खड़े हुए थे. उनके चेहरे पर ख़ुशी व्याप्त थी. पता नहीं किस बात की ख़ुशी थी? सेलेब्रिटी जजों को देखने की या फिर वे यह सोच कर खुश हो रहे थे कि यहाँ बैठे जज उन्हें रिहा करके ही मानेंगे. एंकर हुसैन ने वहां के नियम वगैरह बता दिए. पता चला कि मुलजिमों से जज लोग ही पूछताछ कर लेंगे. सवाल-जवाब वही लोग करेंगे और उसके हिसाब से फैसला सुना देंगे.
सवाल-जवाब के लिए सबसे पहले राठौर साहब को चुना गया. उन्हें चांस मिला तो वे स्टेज पर आये. आते ही अनु मलिक से बोले; "सर, मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूँ. आपका वो गाना 'एक गरम चाय की प्याली हो उसे कोई पिलाने वाली हो' मुझे बहुत पसंद है."
उनकी बात सुनकर अनु मलिक बोले; "लेट मी टेल यू राठौर कि आप मेरे फैन हैं, इसका मतलब यह नहीं कि मैं आपको मुंबई आने का टिकेट...सॉरी सॉरी मैं आपको जमानत दे दूंगा. आई एम अ टैलेंटेड सेल्फ मेड मैन...मैं हमेशा सच्चाई का साथ देता हूँ. मैं जो सवाल करता हूँ आप केवल उसका जवाब दीजिये."
राठौर साहब को लगा था कि अनु मलिक उनसे वही गाना यानि एक गरम चाय की प्याली हो वहीँ गवा लेंगे. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो वे मुँह लटकाए बोले; "समझ गया सर. मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूँ. आप सवाल पूछिए मैं जवाब दूंगा."
अचानक एक फिर से हिमेश चिल्ला पड़े; "जै माता दी, लेट्स रॉक."
इतना सुनकर अदालत की कार्यवाई शुरू हो गई.
अनु मलिक ने राठौर साहब से पूछा; "हाँ तो ये बताओ राठौर कि आपके ऊपर जो आरोप हैं, उनमें कितनी सच्चाई है?"
सवाल सुनकर राठौर साहब बोले; "जरा भी सच्चाई नहीं है सर. जरा भी सच्चाई नहीं है. ये तो मेरे दुश्मनों की साजिश है. मुझे अनायास ही फंसाया जा रहा है."
"लेकिन कौन फंसा रहा है आपको?"; अनु मलिक ने दूसरा सवाल दागा.
उनका सवाल सुनकर राठौर साहब बोले; "मुझसे लोग जलते हैं सर. ये मीडिया वाले जलते हैं. सारे पत्रकार जलते हैं. मैं कहता हूँ सर कि पूरा देश जलता है मुझसे. पूरे देश ने मिलकर मेरे खिलाफ साजिश रची है."
अनु मलिक ने सवालों का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए पूछा; "लेकिन उस लड़की ने तो आपकी वजह से आत्महत्या की. आरोप है कि आपने उसे मोलेस्ट किया था."
"झूठ है सर. सरासर झूठ है. वह लड़की तो मलेरिया की वजह से मरी थी. आपको तो मालूम ही है. वह लड़की टेनिस खेलती थी. घास में मलेरिया के एक मच्छर ने उसे काट लिया जिसकी वजह से उसे मलेरिया हो गया. मैंने तो डॉक्टर से कहा था कि उसके मलेरिया से मरने का एक सर्टिफिकेट बना दो. वो बोला आप इतने बड़े पुलिस अफसर हैं. आप कह देंगे कि वह मलेरिया से मरी तो मरी"; राठौर साहब ने जवाब दिया.
"लेकिन आपने उसे स्कूल से निकलवा दिया था. और आपने उसके भाई को भी अपनी ऑथोरिटी का इस्तेमाल करके पुलिस से पिटवाया. क्या यह सब झूठ है?"; अनु मलिक ने फिर से पूछा.
"सरासर झूठ है सर. मैंने उसे स्कूल से नहीं निकलवाया. मैंने उसके भाई को पिटवाया था लेकिन वह इसलिए कि वह एक दिन ट्रैफिक सिग्नल तोड़कर भाग रहा था. मुझे जब इसका पता चला तो मुझे उसी समय वह बात याद आई जो पुलिस ट्रेनिंग में सिखाई गई थी कि अगर पॉवर पास में है तो उसका इस्तेमाल भी करना चाहिए. मैंने तो केवल पॉवर का इस्तेमाल किया सर. अब मेरी पावर की वजह से उसका भाई पिट गया तो...."; राठौर साहब बोलते जा रहे थे.
"लेकिन आपके ही डिपार्टमेंट के अफसर ने इन्क्वाइरी करने के बाद रिपोर्ट दी थी कि आप दोषी हैं"; अनु मलिक ने कहा.
"डिपार्टमेंट की बात है सर. डिपार्टमेंट में लोग तो एक-दूसरे से जलते हैं न. आप डिपार्टमेंट में नहीं थे न इसलिए आपको यह बात पता नहीं रहेगी"; राठौर साहब ने अपनी सफाई दी.
"आपको क्या लगता है? आपको जमानत मिल जायेगी?"; अनु मलिक ने उनसे ही पूछ लिया.
"सर मुझे इस देश की न्याय-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. और अब तो आपके ऊपर भी यकीन हो चला है. आप सच्चे इंसान हैं और मैं भी एक सच्चा इंसान हूँ. मुझे मालूम है कि आप मेरी सच्चाई की क़द्र करेंगे"; राठौर साहब ने अपनी सच्चाई का बखान कर डाला.
जब राठौर साहब से सवाल-जवाब का दौर ख़तम हुआ तो एंकर स्टेज पर आ धमका. मामले को आगे बढाते हुए उसने अनु मलिक से पूछा; "अनु जी, क्या कहना चाहेंगे आप राठौर साहब के बारे में? कैसा लगा आपको?"
अनु मलिक बोले; "मैं तो यही कहना चाहूँगा कि; 'राठौर तेरा अंदाज़ निराला है, तूने हमसब को घायल कर डाला है. गजब की तेरी मुस्कान है, तूने चश्मा भी पहन रखा काला है."
अनु मलिक की बात सुनकर सबने ताली बजाई. उसके बाद एंकर सरोज खान से मुखातिब हुआ. बोला; "मास्टर जी, क्या कहना चाहेंगी आप? कैसा लगा आपको?"
"एक्सेलेंट. आपका 'प्रफार्मेंस' बहुत बढ़िया था. आप मुझे सीधा सेवेंटीज में ले गए. फिलिम विश्वनाथ की याद ताजा कर दी आपने. आपको याद हो तो उस फिलिम में प्राण साहब थे. गोलू गवाह के क्रिदार में. उनका प्रोफेशन ही गवाही का था. और वे कितनी सफाई से झूठ बोल जाते थे कि.....आपने वह याद ताजा कर दी. यू आर माई 'सी थ्री'. इधर आइये और अपना ईनाम ले जाइए." सरोज खान ने राठौर साहब के परफार्मेंस के बारे में बताया.
राठौर साहब दौड़ के सरोज खान के पास गए. उन्होंने राठौर को १०१ रुपया ईनाम दिया. ईनाम लेकर वे कूदने लगे. तीन-चार बार हवा में पंच मारा. उसके बाद बोले; "यस...यस...यस...आई न्यू इट..."
उसके बाद बोले; "थैंक यू मैम."
इतना कहकर वे चुप हो गए लेकिन लोगों के मन में एक बात आई कि ये सी थ्री क्या है? एंकर हुसैन बोला; "मास्टर जी, ये आपका सी थ्री क्या है?"
उसकी बात सुनकर सरोज खान ने क्लेरिफिकेशन दिया. बोलीं; "सी थ्री का मतलब है चिरकुट चरित्र, चिरकुट झूठ और चिरकुट बेहयाई. जिन भी कंटेस्टेंट के पास ये तीनों होंगे, ही विल बी माय सी थ्री.."
अचानक एंकर हुसैन बोले; "और अनु जी आज हमारे बीच में हैं राठौर साहब के चाचाजी जो सीधा पानीपत से आये हैं."
उसके इतना कहते ही कैमरा घूमते हुए एक बुजुर्ग के ऊपर जाकर ठहर गया. लोगों को पता चल गया कि वही राठौर साहब के चाचाजी थे. हुसैन ने उनसे पूछा; "नमस्कार चाचाजी. कैसा लग रहा है यहाँ आकर?"
वे बोले; "राम राम जी. बहुत बढ़िया लग रहा है..... मैं सरोज खान जी का बहुत बड़ा फेन हूँ. वो जी इनका कोरियोग्राफ किया गाना था मेरा पिया घर आया ओ राम जी वो मुझे बहुत पसंद है."
उनकी बात सुनकर सरोज खान खुद से थोड़ा और प्यार करने लगीं. अभी वे कुछ कहती तभी हुसैन ने चाचाजी से सवाल किया; "अच्छा ये बताइए चाचाजी कि राठौर साहब क्या शुरू से ही ऐसे थे?"
"हाँ जी शुरू से ही ऐसा था यह तो.लड़कियों को छेड़ने के मामले में बहुत मेहनती था. जब बारहवीं में पढ़ता था तो अपने कोलेज से तीन किलोमीटर पैदल चलकर जाता था दूसरे कोलेज में लड़कियों को छेड़ने के लिए. तब हम उतने पैसे वाले नहीं थे..... बस का किराया नहीं रहता था लेकिन ये पैदल चलकर दूसरे कोलेज जाता था. बहुत स्ट्रगल किया है जी इसने लड़कियों को छेड़ने के लिए....... स्ट्रगल का असर है कि एक दिन ऐसे मोकाम पर पहुँचा जब ये चेंबर में बैठकर लड़कियों को छेड़ने लायक बना. बहुत स्ट्रगल किया है जी....."; इतना कहते-कहते चाचाजी जी की आँखों में आंसू आ गए.
उनके आंसू देखकर राठौर जी की आँखें भी भर आईं. उसके बाद हुसैन ने चाचाजी से सवाल किया; "अच्छा ये बताइए चाचाजी कि जब राठौर साहब लड़कियों को छेड़ते थे तो घर पर शिकायत नहीं आती थी?"
वे बोले; "आती थी. मेरे फादर यानि इसके दादाजी इसे डाटते थे. जब तक यह उनके पास रहता था तब तक तो सिर झुकाकर सब कुछ सुनता था लेकिन जब उनके घर से बाहर निकलता था तो यह मुस्कुराता था. इसकी मुस्कराहट से लोग और नाराज़ हो जाते थे. लेकिन इसके ऊपर....इस मामले में इसने बड़ा स्ट्रगल किया है जी.."
उनकी बात सुनकर हिमेश रेशम्मैया बोले; "बिना स्ट्रगल के कुछ होता नहीं है. मुझे ही देख लीजिये. मैंने कितन स्ट्रगल किया तब जाकर आज इस मोकाम पर पहुँचा हूँ कि इंडिया का नंबर वन सिंगर बना हूँ....सब कहते हैं सलमान भाई ने मुझे आगे बढाया लेकिन यह बकवास है. हुसैन मैं बताता हूँ...मेरे फादर अपने समय के सबसे बड़े म्यूजिक डायरेक्टर थे. लेकिन जब मेरे भाई........तब मैंने अपने फादर से प्रोमिज किया कि मैं आपका बेटा एक दिन आपके सपने पूरा करूंगा. और आज मैं यहाँ हूँ. आज मैं जो कुछ भी हूँ अपने डैड की वजह से. आई लव यू डैड.."
अनु मलिक को हिमेश की बात सुनकर जम्हाई आने लगी थी. साथ ही वहां बैठी जनता भी मुँह बाए जम्हाई ले रही थी. शायद यह इस बात का असर था कि पिछले तीन सालों में कम से तीस बार सभी हिमेश की यह कहानी सुन चुके थे.
......जारी रखा जाय?
जारी रखा जाय...
ReplyDeleteचाचाजी की बात पर आँसू आ गए. हँसते हँसते भी आँसू आ जाया करते है.
ReplyDeleteमाननीय न्यायालय की जिस पर अपराधियों को पूरा भरोसा है कि कार्यवाही जारी रहे....
कार्यवाही जारी रहनी चाहिये, अभी तो अफज़ल, एंडरसन भी लाइन में है...
ReplyDeleteवैसे भी इन सबके ऊपर अदालती कार्यवाही एक फार्स ही तो थी.
एक घटिया फार्स के बजाय आपका अच्छा फार्स क्यों नहीं चुनेंगे. 26 एपीसोड तक तो आराम से चलाईये
इसी प्रम्परा का निर्वाह इनके मातहत अहलावत ने किया है और पुलिस ने भी मात्र आठ साल में इनके रिटायर होने के बाद रिपोर्ट दर्ज कर ली..
ReplyDeleteअमित की बात पर भी गौर फरमायें.
बिलकुल जारी रखा जाये… लेकिन खबरदार जो एकता कपूर बनने की कोशिश की…,
ReplyDeleteयदि इस सीरिज को आपने बन्द किया, तो मैं आपको अनु मलिक और हिमेश का संयुक्त रूप से कम्पोज़ किया हुआ गाना सुनने की "भीषण सजा" भी दे सकता हूं… :)
जारी रखा जाय.
ReplyDeleteआप तो जल्दी से जल्दी राठौर और एंडरसन का कोड बताओ.
और बताओ की किस नंबर पर एस एम् एस करना है?
जारी रखा जाय ?????
ReplyDeleteअरे ,यह भी कोई पूछने वाली बात है......
आदेश और अनुरोध दोनों है....एकदम जारी रखा जाय...
हुसैन साहब वापस इण्डिया आ गए क्या..?
ReplyDeleteजारी रख जाए के आगे ( ? ) देखकर हमें आपके साथी श्री ज्ञानदत्त जी की याद आ रही है .. वे भी इसी तरह अपने पाठको से ओपिनियन लेते रहते है.. पोस्ट पढ़ते हुए पिक्चर बनती जा रही थी.. हु ब हु कोई रियेलिटी शो ही था ये तो.. हमारी राय में जारी रखा जाए किस नंबर पे एस एम् एस करना है ये भी बताया जाए..
इतना स्ट्रगल को क्या देश की जनता समझ पायेगी ? या सास बहू के सीरियलों में सर खपायेगी, देखते हैं अगले कड़ी में ।
ReplyDeleteसंजयदत्त को स्टार गेस्ट के रूप में भी बुलाया जाये ।
जारी रख्खा जाये बहुत शालीन शब्द है...राठौर साहब अन्नू जी सरोज जी हुसैन जी और हिमेश जी का सीरियल है इसलिए पूछिए कब तक थोपा जाए? जवाब है
ReplyDelete1."जब तक है जान....जाने जहाँ मैं देखूंगा...."
2."ये जान चली जाए रोका नहीं जाय...रोका जाए तो फिर सोचा नहीं जाय..."
3.तूने इस्कू रोका तुझको मैंने ठोका... ठाएँ...इसको सनम लाखों जनम चलने ही दे तू ऐसे...हो हो...
(एक दम सालिड चल रेला रे बाप...इस्कू रोकने का नहीं चालू रखने का समझा क्या?.)
नीरज
जारी रखा जाय?
ReplyDeleteअब इतने स्पोंसर मिल गए तो फिर क्या सोचना .....वैसे बेक ग्रायुंड म्यूजिक ओर कैमरे के आगे पीछे के मोवमेंट भी ब्रेकेट में बताते चले ....
jai mata di........
इंग्लिश बोलता है क्या !!!!
नेकी और पूछ-पूछ!
ReplyDeleteबिल्कुल ज़ारी रखा जाए। अगले इपीसोड से एस.एम.एस. भी करवाया जाए।
आप तो इसे जारी ही रखो, मुझे बस एक बात का खतरा दिखायी दे रहा है। वो खतरा यह है कि आप कुछ दिनों बाद ब्लागर नहीं रहेंगे। अब पूछिए क्यों नहीं रहेंगे तो बात यह है कि आपको शीघ्र ही एकता कपूर या कलर्स चैनल वाले स्क्रिप्ट राइटिंग के लिए उठाकर ले जाने वाले हैं। फिर भला आपको कहाँ समय मिलेगा ब्लागिंग करने का। इसलिए इस सीरिज को तो फटाफट लिखकर रख दो जिससे इसमें व्यवधान उपस्थित ना हों। बड़ी ही हिट सीरीज साबित होने वाली है।
ReplyDeleteare boss, ekdam hi jari rakha jaaye, rapchik, dhansu hai ye to........bole to ekdam jhakkaas.
ReplyDeletebaki bole to ajit gupta ji se sehmat hone ka apun,
aur baki bole to jor se bolo jai mata di, lets rock....
;)