Sunday, March 6, 2016

भारत का कैसा हो बसंत

सुभद्रा कुमारी चौहान से अग्रिम क्षमायाचना के साथ.

सौ ग्राम तुकबंदी युक्त पैरोडी;

आ रही है दिल्ली से पुकार,
प्रेष्यागण पूछें बार-बार,
दे दे कर अक्षर पर हलंत
भारत का कैसा हो बसंत?

जे एन यू से आएगी क्रांति,
भारत भर फैले यही भ्रांति,
हम बेंचे किस्से मनगढ़ंत,
भारत का ऐसा हो बसंत।

फैलाओं उत्पादित डिबेट,
बढ़ता ही जाए मेरा रेट,
गिरते ही जाएँ हम अनंत,
भारत का ऐसा हो बसंत,

सबकुछ कण्ट्रोल करे मीडिया,
वापस आ जाए फिर रडिया,
फिर से फंस जाएँ साधु-संत,
भारत का ऐसा हो बसंत,

इन-टॉलेरेंस मिलकर बेंचे,
सब मोदी की धोती खेंचे,
दुर्गति का दिक्खे नहीं अंत
भारत का ऐसा हो बसंत।

टीवी स्क्रीन कन्हैया का,
बस इटली वाली मैया का,
सब पाप हो उनके छू-उडंत,
भारत का ऐसा हो बसंत।

मिलकर सब खेलें यही दांव,
पाए असत्य सैकड़ों पाँव,
धंसते जाएँ विषयुक्त दंत
भारत का ऐसा हो बसंत।

9 comments:

  1. वाह। सभी रास्ट्रबादी मरन्त। भारत का ऐसा हो बसन्त।

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  2. हम कापी कर लिये है

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  3. क्या रंग है बसंत का! हटाये जाएँ लुट्यन के महंत भारत का ऐसा हो बसंत ।

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  4. उत्तम! अति उत्तम!!

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  5. खाँग्रेस और उनकी इटली वाली माता पप्पू को देश खिलाने के लिए कुछ भी कर सकती हे।
    जो लोग सुप्रीम कोर्ट को हत्यारा कह रहे हे वो अभी भी बाहर घूम रहे हे और देश में आजादी माग रहे हे।

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  6. दुर्जनों का हो अंत,
    ऐसा हो भारत का सच्चा वसंत।

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  7. सौ सौ बार बोलो असत्य
    तो वही बने सत्य चिरंत
    भारत का ऐसा ही वसंत।

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  8. बहुत अच्छा है। लिखते रहिये।👍👍🙏🙏
    मुकेश नागर
    वाराणसी/अजमेर
    Https://brahmanuvach.blogspot.com

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टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद। --- शिवकुमार मिश्र-ज्ञानदत्त पाण्डेय