सुभद्रा कुमारी चौहान से अग्रिम क्षमायाचना के साथ.
सौ ग्राम तुकबंदी युक्त पैरोडी;
आ रही है दिल्ली से पुकार,
प्रेष्यागण पूछें बार-बार,
दे दे कर अक्षर पर हलंत
भारत का कैसा हो बसंत?
जे एन यू से आएगी क्रांति,
भारत भर फैले यही भ्रांति,
हम बेंचे किस्से मनगढ़ंत,
भारत का ऐसा हो बसंत।
फैलाओं उत्पादित डिबेट,
बढ़ता ही जाए मेरा रेट,
गिरते ही जाएँ हम अनंत,
भारत का ऐसा हो बसंत,
सबकुछ कण्ट्रोल करे मीडिया,
वापस आ जाए फिर रडिया,
फिर से फंस जाएँ साधु-संत,
भारत का ऐसा हो बसंत,
इन-टॉलेरेंस मिलकर बेंचे,
सब मोदी की धोती खेंचे,
दुर्गति का दिक्खे नहीं अंत
भारत का ऐसा हो बसंत।
टीवी स्क्रीन कन्हैया का,
बस इटली वाली मैया का,
सब पाप हो उनके छू-उडंत,
भारत का ऐसा हो बसंत।
मिलकर सब खेलें यही दांव,
पाए असत्य सैकड़ों पाँव,
धंसते जाएँ विषयुक्त दंत
भारत का ऐसा हो बसंत।
वाह। सभी रास्ट्रबादी मरन्त। भारत का ऐसा हो बसन्त।
ReplyDeleteहम कापी कर लिये है
ReplyDeleteक्या रंग है बसंत का! हटाये जाएँ लुट्यन के महंत भारत का ऐसा हो बसंत ।
ReplyDeleteउत्तम! अति उत्तम!!
ReplyDeleteखाँग्रेस और उनकी इटली वाली माता पप्पू को देश खिलाने के लिए कुछ भी कर सकती हे।
ReplyDeleteजो लोग सुप्रीम कोर्ट को हत्यारा कह रहे हे वो अभी भी बाहर घूम रहे हे और देश में आजादी माग रहे हे।
दुर्जनों का हो अंत,
ReplyDeleteऐसा हो भारत का सच्चा वसंत।
वाह वाह वाह
ReplyDeleteसौ सौ बार बोलो असत्य
ReplyDeleteतो वही बने सत्य चिरंत
भारत का ऐसा ही वसंत।
बहुत अच्छा है। लिखते रहिये।👍👍🙏🙏
ReplyDeleteमुकेश नागर
वाराणसी/अजमेर
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