चुनाव के मौसम में लगता है रतीराम जी का लेख ही छापना पड़ेगा. इतना सारा लेख छापने के बाद लग रहा है कि चुनाव तक अपने ब्लॉग पर रतीराम जी का ही डंका बजने दें. तो लीजिये उनका लिखा हुआ एक अउर लेख बांचिये. आज मामला प्रधानमंत्रित्व का है.
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चुनाव का मौसम सबको पागल कर देता है.
आज बेटा बोला; "बाबू, आपसे एगो काम था."
हम सोचे इसका अइसा कौन काम जो हम कर सकते हैं. सोचते-सोचते पूछ लिए; "ससुर, तोहरा भी कोई काम है जो हम कर सकते हैं? आज सूरज पच्छू से उग गया है का?"
बात सुनकर हंसने लगा. बोला; "आपका ही इंटेरेस्ट का काम है."
हम बोले; "तुम हमरा इंटेरेस्ट का बारे में कब से सोचने लगा? आ, सोचता ही होता त कक्षा सात में दू साल से फेल नहीं होता."
ऊ बोला; "हमको शंका का निगाह से हमेशा ही देखते हैं आप. काहे नहीं विशबास रखते कि हम भी कुछ कर सकते हैं. ऊ भी आपका खातिर. आपका इंटेरेस्ट का बास्ते."
हारकर आखिर पूछना पड़ा कि काम का है?
ऊ बोला; "बाबू, ऊ राम बरन उकील का रिश्तेदरवा है न...अरे ओही जो जो सीसीटीवी न्यूज़ चैनल में काम करता है."
हम बोले; "ऊ महेशवा?"
बेटा बोला; "हाँ हाँ..ओही."
हम बोले; "ऊ से तोहरा का काम पड़ गया?"
बेटा बोला; " बाबू उसको कहिये न कि एक बार हमरा इंटरव्यू ले ले."
हम बोले; "तुम्हरा इंटरव्यू! तुम का बोलेगा रे?"
बेटा बोला; " हम देश को बताएँगे कि हमरे बाबू ही देश के लिए सबसे बढ़िया प्रधानमंत्री साबित हो सकते हैं."
एक बार सुनकर लगा कि पागल त नहीं हो गया. ओइसे भी कलकत्ता में चार-पांच दिन से एतना गरमी पड़ रहा है कि पब्लिक सब का पागल होने का चांस बढ़ गया है. बिजली ऊपर से रोजे गायब रहती है.
फिर भी हम बोले; "लेकिन ई बात तोरे दिमाग में काहे आया रे?"
बेटा बोला; "काहे नहीं आएगा? राहुल का सिस्टर प्रियंका कहती है कि उसका ब्रदर प्रधानमंत्री बनने लायक है. पवार का डाटर कहती हैं कि ओनका डैड में प्रधानमंत्री बनने का सारा गुन है. अब त मनमोहन सिंह जी का मिसेज आ डाटर भी कह रहा है कि सिंह साहब ही देश के सबसे बढ़िया प्रधानमंत्री साबित होंगे.....हम सोचे हमहू कह दें कि हमरे बाबू ही देश के सबसे अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे."
सुनकर लगा कि दू तमाचा गिफ्ट कर दें. पढाई-लिखाई में मन नहीं लग रहा है बाकी पालिटिक्स में ज़रूर लगता है. फिर भी गुस्सा संभाल लिए.
हम बोले; "लेकिन हम त लोकसभा के लिए खड़े भी नहीं हुए हैं. तेरा इंटरव्यू देखकर पब्लिक सब हंसेगा कि नहीं?"
ऊ बोला; "त मनमोहन सिंह जी भी लोकसभा के लिए कब खड़े हो गए? अउर फिर, आपको का लगता है, ई राहुल का सिस्टर अउर सिंह जी का डाटर सब का बात सुनकर पब्लिक रो रहा है? ओनका बात सुनकर भी पब्लिक हँसिये रहा है. हमरा बात सुनकर भी हँसेगा."
बुझाया नहीं कि बोलें का? आपको कुछ बुझाया हो त आपे कुछ कहिये.
इसमें भुजाना का है...रति राम का बिटवा पहली बार तो ढंग का बात किये हैं...उका शाबाशी देने का...तमाचा नहीं...का समझे...उसको मालूम है की उसका बाप जब इतना बढ़िया ढंग से चूना पान को लगा सकता है तो देश को कितना बढ़िया ढंग से लगायेगा...एही बिटवा रति राम का फयूचर बना सकता है...हम तो कहें भगवान् ऐसा पूत सबको दे...
ReplyDeleteनीरज
बहुत ही सुन्दर लिखा है। आभार
ReplyDeleteदादा (शिवजी) आपका व्यग ने मेरे मे भी जोर भर दिया इसलिए मै "हे प्रभु" के ब्लोग मे होली मे प्रकाशित कुछ सम्बन्धित व्यन्ग आपकी थाली मे परोस रहा हू आप भी स्वाद ले ।
ReplyDelete++++++++++++++++++++++
राहुल गान्धी
चापलूस काग्रेसियो ने दिखाया ख्वाब
सब कहते है, बन जाऐ पीएम राहुल साहब
भले मदर हो विदेशी
मगर है बेटा देशी
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शरद पवार
पीएम कि कुर्सी दिखे सपने मे हर रात
पिछवाडे मेरे खडी सेना कि बरात
कोई घोडि चढवा दो
कोई दुल्हा बनवा दो।
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लालु प्रसाद यादव
हमे जेल तक ले गया घोटाले का खेल
पीएम की कुर्सी तक जाए कोनसी रेल
कोई तिकडम भिड जाए
राबडी रबडी खाए।
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लालकृष्ण आडवाणी
जिन्ना से श्री राम तक मेरे कितने रन्ग
पर मोदी और शेखावत करे रन्ग मे भन्ग
है इच्छा अन्तिम कायम
बनू एक बार मै पीएम।
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मनमोहनसिहजी
बाईपास के बाद दिल कहता है दिन रात
पास फैल का फैसला है मैया के हाथ
कि माता भाग जगा दे
कि फिर पीएम बना दे।
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उदर आडवाणी का भगवा बी
लाल है और कृष्ण भी लाल है।
बीजेपी पुछ रएली है काग्रेस से,
बोले तो तुम्हारे पीएम का क्या
हाल है, तो लाल पे अम्मा निहाल है,
बोले तो आन्टी बोलने कू लगी,
राहुल का सवाल है"
बिटवा कोई दिन झूठ बोले है का? खूब वेंग किये हो.
ReplyDeleteरतिराम जी को एक ठो भोट हम हू देई. चुनाव में खड़े नहीं हो रहे है का? तो राजसभा के लिए सेटिंग करवा देंगे.
बिटिवा की बात मान जाओ, उसी में भलाई है. :) बेहतरीन आलेख और "हे प्रभु" के अढईय्या भी गजब सेट हैं.
ReplyDeleteएक ठौ पार्टी का जुगाड करबाईये ना सिव बाबू . जे प्रधानमंत्री हम आपको बनवाऊंगा हम तो खाली किंग मेकर बनना चाहता हू सोनिया जी की तरह :)
ReplyDeleteरतिराम जी का एक ऑटोग्राफ वाला फोटो सोलह मई के पहले भिजवा दें। उसके बाद क्या पता, प्रधानमन्त्री बन गये तो हाथ नहीं आयेंगे।
ReplyDeleteबैक ग्राउण्ड में उनकी पान की दुकान जरूर रहे! :-)
@ हे प्रभु
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है आपने. पढ़कर मज़ा आ गया.
बाप सेर तो बेटा सवा सेर..
ReplyDeleteबहुत बढिया लिखा ..
ReplyDeletehujoor, main bhi is daud me shaamil hoon. baaki ratiraam ji to badhiya baat karte hi hain, lekin tippanni aur badhhiya hain.
ReplyDeletehujoor, main bhi is daud me shaamil hoon. baaki ratiraam ji to badhiya baat karte hi hain, lekin tippanni aur badhhiya hain.
ReplyDeleteबहुत ही बढिया रहा.....लेकिन लगता है कि आप मायावती को भूल गये.ऊ बी.एस.पी. वाले भी तो चिल्ला रहे हैं कि हमरी बहिन जी तो प्रधानमंत्री बनने के सबसे ज्यादा लायक हैं.
ReplyDeleteगजब के लिखे हैं. रतिराम जी और उनका बेटवा से हमरी बात किये हैं कि नाहीं? हम तो उन्का जबरदस्त फ़ैन हुं जी.
ReplyDeleteहे प्रभु आपको नमन..क्या मजेदार अढैया पढवाये हैं. बहुत धन्यवाद,
रामराम.
यही तो प्रजातंत्र है - क्या पनवाडी, क्या घसियारा... सभी आज के नेता के श्रेणी में ही तो आते हैं:)
ReplyDeleteरतिराम के त बनाना ही चाहिए प्रधानमंत्री... और पार्लियामेंट में एक ठो पान का दूकान भी खुलना चाहिए. बिलकुल ठीक कहा है उनका बेटा.
ReplyDeleteएमे बुझाना का है जी! बतिया त ऊ ठीके कह रहा है. आप लोग झुट्ठे में बात का बतंगड़ बनाते हैं. कौनो ज़रूरी है कि पीएम बनने के लिए एमपी क चुनाव लड़ा जाए. महात्मा गन्धी के देस में रह के आप लोग के ई लड़ाई-झगड़ा वाला बात सोच शरम नईं आता? हमरे इहां कइसन-कइसन लोग त परधानमंतरी हो चुका है. ई सब त सोचने वाला है, जरुर एका पास कौनो न कौनो ऐडिया होगा देस चलाने का. चाहे ऊ ऐसहीं काहे न देस चलाए जैसे गोरू चराता है. अपाने देस में त ऐसन-ऐसन लोग परधान्मंतरी हो गय जो कबो सोचबो नईं किया था आ उहो पां साल चला ले गया. तब? ऐसन कौन दिक्कत है परधानमंतरी बनने में?
ReplyDeleteखोबै बूझाया...
ReplyDeleteऔऊर ककरो भोटबा दैब कि ना रतिराम कै तो पक्का
हा हा आहा ...हा हा हा
ReplyDeleteहमें तो डर लग रहा है कि कहीं बेचारे रतिराम मजाक मजाक में सच्ची में प्रधानमंत्री न बन जायें। बेचारे की दुकान चौपट हो जाये!
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