Friday, September 9, 2011

जसौदा कहाँ कहौं मैं बात.....

आपसे अनुरोध है कि इस ब्लॉग पोस्ट को श्री कृष्ण के खिलाफ लिखा हुआ न मानें. इसे केवल एक पैरोडी के रूप में लिया जाय और कुछ नहीं.



जसौदा कहाँ कहौं मैं बात
तुम्हरे सुत को करतब अब तो
कहौं कहे नहीं जात
जंह-जंह मौका मिले हौं ओकू
इधर-उधर घुसि जात
सखा सबै अब तंह संग मिलि के
चाटि-चाटि सब खात
करौं रपट जौं सीएजी तौं
मारत ओकूं लात
जसौदा कहाँ कहौं मैं बात

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नचावत सबै जसौदा-लाल
पग-पग, नग-नग तंग करत हों
चलत कुसंगति चाल
संग सखा सब कोरस टेरत
नानाविध दै ताल
माया कौ कटि फैंटा बांध्यो
दियो मुलायम माल
ममता संग मिलि सबहि नचावत
करि स्कैम बवाल
गोकुल वासी दुखी सभी जन
कब बदलेगा काल
नचावत सबै जसौदा लाल


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मैया मोरी मैंने ही माखन चुरायो
पंद्रह परसेंट तो मैंने खायो, बाकी तोको खिलायो
मैया मोरी मैंने ही माखन चुरायो

ग्वाल-बाल सब हमरौ संगी, ताको हेल्प भी पायो
मैं नहिं बालक जानौ सब बिधि, विदेश से डिग्री लायो
मैया मोरी मैंने ही माखन चुरायो

जोर भयो ज्यों छूट दियो तौं, हिम्मत भीतर आयो
सबौं मिनिस्ट्री सखा लगाकर, भारी माल कमायो
मैया मोरी मैंने ही माखन चुरायो

तू जननी मन की नहि भोली, पूत को सिर पे बिठायो
सब माखन तू ही खा लेवे, छींको मैं तुड़वायो
मैया मोरी मैंने ही माखन चुरायो

सीएजी तो पकड़े मोकूं, तू तो बचि-बचि जायो
जब-जब भी अकुलाइ उठूं मैं, सुषमा मन हरसायो
मैया मोरी मैंने ही माखन चुरायो

18 comments:

  1. शिव शिव घोर कलजुग ..अब भ्रष्टाचारी कृष्ण भी .....अभ्युत्थानं अधर्मस्य संभवामि युगे युगे !

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  2. तिखो प्रहार कियो शिव भैया ..मानो मेरी बात ...बलिहारी जाऊ सी ऐ जी की ...मोहन मरे लात पे लात
    अध्बुध रचना किया है भैया ...साष्टांग दंडवत ::: गिरीश

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  3. प्रशंसा को शब्द नहीं मेरे paas ....
    जियो....जियो...जियो....
    जुग जुग जियो...

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  4. @ जोर भयो ज्यों छूट दियो तौं, हिम्मत भीतर आयो
    सबौं मिनिस्ट्री सखा लगाकर, भारी माल कमायो
    मैया मोरी मैंने ही माखन चुरायो

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    मस्त, एकदम्मै राप्चिक :)

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  5. ये हो गये कृष्ण देव राय!
    मामा कि कुसंगत का असर लगता है, गोकुल्वासी जिनसे आस लगाये थे वो ही त्रास मचायो।
    एकदम क्लासिक पीस है।
    बीच मे कुछ-कुछ समझ नही आया।
    कुंजी लिखेंगे तो बतैय्येगा :P

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  6. सबैं त्रस्त, कुछ करौ जसोदा।

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  7. सीएजी ने झूठा आरोप लगायो
    राजा ने मोरे होठ माखन चटायो :)

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  8. बस मैया की जगह सोनिया मान लेने की देर है
    बाकी सब सेल्फ एक्सप्लेनेटरी हो जा रहा है

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  9. थ्री चियर्स फ़ॉर जसोदाज़ हैल्थ..

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  10. अच्छा लिखा है!!! कलियुग के कृष्ण तो मैया का पल्लू छोड़ ही नहीं रहे.

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  11. जसौदा की "जय हो..", लाल से मैया की महिमा भारी, कलयुग है....


    बहुते खूब लिखे हैं आप.

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  12. अब कहीं जसौदा मैया बुरा मान गयीं तो.

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  13. आपको साक्षात् दंडवत करने में हम गिरीश के साथ हूँ...आप नहीं न जानते आप क्या लिखे दिए हैं...कई बार आप ऐसा लिख जाते हैं जिसे लिखने में लोग अपने न जाने कितने जनम गँवा देते हैं...और फिर भी नहीं लिख पाते...ये अद्भुत पोस्ट है बंधू...इसका प्रिंट आउट ले कर हम अपना डरेंग रूम में लगाने का सोच रहा हूँ...आप नहीं हम धन्य हुए आप जैसा विलक्षण प्रतिभा के व्यक्ति से जान पहचान कर के...इस बार हम सच्ची कह रहे हैं...सूरदास स्वयं आप में बिराजमान हो कर ये सब लिखवाये हैं...आँखों वाले के लिए ऐसा लिखना असंभव है...आँखों वाले ये सब देख कर आँखें बंद कर लेते हैं लेकिन सूरदास ये सब न देख कर भी मन की आँखें खुली रखते हैं...अब और का कहें...गदगद हैं...

    नीरज

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  14. bhaiya mere aap hi khud tipiyayo
    hum balak lekhan me choto-choto
    kehi vidhi postanurup tipiyaoon
    bhaiya mere aap hi khud tipiyayo


    pranam.

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  15. तू जननी मन की नहि भोली, पूत को सिर पे बिठायो
    सब माखन तू ही खा लेवे, छींको मैं तुड़वायो
    मैया मोरी मैंने ही माखन चुरायो
    जय जय जसौदा मैया जय जय मनमोहन भैया ।

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  16. चकाचक है जी! अब आगे कुछ लिखा जाये! :)

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  17. उड़नखटोलो पे मोको लाल उड़त,देखहिँ मन हर्षायो।मैँ का जानूं तू कब माखन खायो,वो तो पब्लिक ने शोर मचायो।।;-)

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टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद। --- शिवकुमार मिश्र-ज्ञानदत्त पाण्डेय