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Sunday, September 16, 2012

वंस अपॉन अ टाइम ऑन केबीसी...


@mishrashiv I'm reading: वंस अपॉन अ टाइम ऑन केबीसी... Tweet this (ट्वीट करें)!

बी बी पी यानि ब्लॉगर-ब्लॉगर पार्टनरशिप की एक और ब्लॉग पोस्ट. यह ब्लॉग-पोस्ट मैंने और विकास गोयल जी ने मिलकर लिखा है. पढ़कर देखिये.

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कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर. अमिताभ बच्चन साहब अपनी दोनों हथेलियों का गठबंधन लिए हुए आते हैं और आते ही शुरू हो जाते हैं; "वेलकम वेलकम वेलकम...अ वेरी गुड एवेनिंग टू आल ऑफ यू...नमस्कार, आदाब, सत श्रीअकाल...देवियों और सज्जनों, मैं अमिताभ बच्चन आपसब का इस अद्भुत खेल में स्वागत करता हूँ जिसका नाम है कौन बनेगा करोड़पति...जैसा कि कल आपने देखा, मुंबई के बाबूराव गणपतराव आप्टे यहाँ से बारह लाख पच्चास हज़ार रूपये जीत कर गए.... और एकबार फिर से यह सिद्ध हुआ कि ज्ञान जो है, वही आपको आपका सही स्थान दिलाता है...और आज हमारे साथ दस नए कंटेसटेंट्स हैं. आइये उनका परिचय जान लेते हैं........तो फिर आइये शुरू करते हैं फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट..आपसब को पता है कि क्या करना है...और फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट के लिए आपका प्रश्न है;

इन भारतीय अभिनेताओं को उनकी अभिनय क्षमता के अनुसार नीचे से ऊपर के क्रम में लगायें..प्रश्न एक बार पुनः सुन लें...इन भारतीय अभिनेताओं को उनकी अभिनय क्षमता अर्थात ऐक्टिंग स्किल्स के अनुसार नीचे से ऊपर के क्रम में लगायें...और आपके ऑप्शंस हैं..

ए) डीनो मोरिया
बी) तुषार कपूर
सी) अर्जुन रामपाल और
डी) हरमन बावेजा.

ऑप्शंस एकबार फिर से देख लें...ए) डीनो मोरिया... बी) तुषार कपूर... सी) अर्जुन रामपाल और डी) हरमन बावेजा...

कंटेस्टेंट्स ने जवाब दिए और कम्यूटर की स्क्रीन देखते हुए अचानक बच्चन साहब ठीक वैसे ही चिल्लाने लगे जैसे फिल्म हम में सुदेश भोंसले की आवाज़ में चिल्लाते हुए उन्होंने जुम्मा जी को पुकारा था; "और सबसे पहले सही जवाब दिया है मुंबई के इक्कीस वर्षीय विकास गोयल ने... बहुत खूब! विकास जी, आपने केवल ढाई सेकंड्स में ही फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट पूरा किया...ओह! आह! वैसे इतने कठिन प्रश्न का आपने न केवल सही उत्तर दिया बल्कि बहुत ही कम समय में दिया... इस बात पर मैं यह अवश्य कहूँगा कि बहुत तेज़ दिमाग है आपका. क्या आप डाबर च्यवनप्राश का सेवन करते हैं?"

विकास; "नहीं सर, च्यवनप्राश नहीं, हाँ मैं हाजमोला खाता हूँ. वैसे तो सर क्वेश्चन रियली बहुत टफ था ...इन एक्टर्स में कौन ऊपर और कौन नीचे, यह बताना आम इंसान के बस की बात नहीं....फिर भी यह दिमाग की बात नहीं है सर, यह तो अँगुलियों को चलाने की बात...और सर, अगर आप चौबीस घंटों में से सोलह घंटे स्मार्टफोन पर फेसबुक और ट्विटर करेंगे तो आप भी ढाई सेकंड्स में यह कर लेंगे..."

अमिताभ बच्चन; "हा हा हा ...परन्तु आपने कोशिश की..जो हिम्मत दिखाई, उसके लिए आप बधाई के पात्र हैं. ...बिना कोशिश के यह कर पाना असंभव होता. इस बात पर मुझे बाबूजी की कविता याद आती है कि; लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती...."

विकास; "..कोशिश करने वालों की हार नहीं होती..सर, पिछले एपिसोड में आप यह कविता सुना चुके हैं."

अमिताभ बच्चन; "हा हा हा..तो चलिए फिर हम और आप मिलकर खेलते हैं कौन बनेगा करोड़पति. तो देवियों और सज्जनों आपने देखा कि किस तरह से मुंबई से आये विकास गोयल जी ने......."

हॉट सीट पर बैठने के बाद...

अमिताभ बच्चन; "तो विकास जी, आप हमें और हमारे दर्शकों को अपने बारे में कुछ बताइये.."

विकास; "सर, मैं मस्स्त.. आई लाइक रीडिंग...पढ़ना मुझे बहुत पसंद है."

अमिताभ बच्चन; "ओ..आपको पढ़ना पसंद हैं..बहुत खूब! वैसे क्या पढ़ना पसंद करते हैं आप? मेरा तात्पर्य है कि किस तरह की किताबें..?"

विकास; "सर, मैं बॉम्बे टाइम्स पढ़ता हूँ. बहुत पढ़ता हूँ. इसके अलावा मुझे पोलिटिक्स, क्रिकेट, सिनेमा..बहुत रूचि है मेरी..और आय ऐम अ बिग फूडी..आय लव ट्रैवेलिंग.."

अमिताभ बच्चन; "ओह, यह सब चीज़ें भी आपको बहुत पसंद हैं! बहुत खूब! वैसे आपकी पसंद ट्विटर सेलेब्रिटी जैसी है... तो क्या आप भी ट्विटर पर..."

विकास; "सर, बिलकुल सही पहचाना आपने. मैं ट्वीटर ही हूँ. और सर, आप भी तो ट्विटर पर..."

अमिताभ बच्चन; "हाँ, मैं भी ट्विटर पर हूँ..और अब तो मैं फेसबुक पर भी...वैसे आपने कभी ट्विटर पर मुझे फालो नहीं किया."

विकास; "सर, आप भी तो कहाँ मुझे फालो करते हैं?"

अमिताभ बच्चन; "हा हा हा..और अपने जीवन के बारे में कुछ बताइए."

विकास; "बताना क्या है सर, मैं बिलकुल मस्त...

अमिताभ बच्चन; "मेरे कहने का तात्पर्य यह था कि अपने आरंभिक जीवन के बारे में कुछ बताइए..मेरा मतलब बचपन में जब घर वालों को पैसे की तंगी...जैसे जब आप स्कूल में अपने पैसेवाले मित्रों को खर्च करते हुए देखते थे और आपके पास पैसे नहीं होते थे तो आपको कैसा लगता था?"

विकास; "पैसे की कमी कभी रही ही नहीं..अपने स्कूल में मैं ही सबसे पैसेवाला था सर. ..हमेशा मैं ही खर्च करता था. ...मॉम-डैड भी बिलकुल कूल हैं. "

यह सुनकर अमिताभ बच्चन के साथ-साथ ऑडिएंस का चेहरा भी उतर जाता है. वे यह सुनकर दुखी हो जाते हैं कि हॉटसीट पर एक ऐसा कंटेस्टेंट बैठा हैं जिसके पास बहुत पैसा है. जिसे पैसे की कमी की वजह से पिज्जा न खा पाने का दुःख कभी नहीं रहा और न ही मनचाही पढ़ाई न कर पाने का.

अमिताभ बच्चन; "तो फिर चलिए हम और आप मिलकर खेलते हैं कौन बनेगा करोड़पति. खेल के नियम तो आपको पता ही होंगे....."

विकास; "सर, पिछले १२ सालों से देख रहा हूँ...मैं ही क्यों पूरे इंडिया को गेम के रूल्स मालूम हैं. आप तो बस सवाल कीजिये."

अमिताभ बच्चन; "हा हा हा..तो फिर यह रहा पाँच हज़ार रुपयों के लिए आपका पहला प्रश्न; इन फिल्मों में से कौन सी फिल्म अभिषेक बच्चन की एक प्रसिद्द फिल्म है? प्रश्न एक बार फिर से सुन लें...इनमें से कौन सी मूवी अभिषेक बच्चन की एक प्रसिद्द मूवी है? और आप के ऑप्शंस हैं;

ए) बोल खान
बी) बोल कपूर
सी) बोल बच्चन और
डी) बोल देवगन.

विकास को लगा जैसे बच्चन साहब ऑप्शंस में "सी बोल बच्चन" कहकर मूवी देखने का इशारा कर रहे हैं. फिर उसके मन में आया कि चार की जगह अगर पाँच ऑप्शंस होते तो बोल कुमार को भी अकॉमोडेट किया जा सकता था.. सोचते-सोचते अचानक बोल पड़ा; "सर, मैं लाइफ-लाइन यूज करना चाहूँगा.."

अमिताभ बच्चन; "ओह! पहले ही प्रश्न में लाइफ-लाइन का प्रयोग ...वैसे आप चाहें तो प्रश्न को फिर से देख सकते हैं, हमें कोई जल्दी नहीं है. बहुत प्रसिद्द यह जो है फिल्म अभिषेक की...आपको एक हिंट दे दूँ कि इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ रूपये कमाये हैं..."

विकास; "सर, मैं सिर्फ अच्छे एक्टर्स की मूवी देखता हूँ.."

अमिताभ बच्चन; "तो फिर आप लाइफ लाइन इस्तेमाल करना चाहते हैं...जनता जनार्दन, विकास जी को आपके मदद की आवश्यकता है...आप उनकी मदद कीजिये...वे अपनी लाइफ-लाइन का इस्तेमाल करना चाहते हैं. अपने-अपने वोटिंग मीटर्स तैयार रखिर..और आपका समय शुरू होता है अब.."

कहते हुए बच्चन साहब ने अपने दाहिने हाथ की तर्जनी को हवा के ऊपर पटक दिया.

वोटिंग समाप्त ..रिजल्ट आते ही अमिताभ बच्चन; "ओह, जनता ने तो आपका काम काफी आसान कर दिया..हालाँकि करीब उनत्तीस प्रतिशत लोगों का मानना है कि सही जवाब है डी) "बोल देवगन" परन्तु वहीँ पर पैंसठ प्रतिशत लोगों का का मानना है कि सही जवाब है सी) "बोल बच्चन" ..और अपने पुराने अनुभवों से मैं कह सकता हूँ कि बहुत कम मौके ऐसे आते हैं जब जनता इतनी भारी मात्रा में एक-दूसरे के साथ सहमत होती है. तो आप जनता के साथ जाना चाहेंगे? लॉक कर दूँ सी) बोल बच्चन? "

विकास; "नहीं सर."

सुनकर स्टूडियो ऑडिएंस में खुसर-पुसर शुरू हो जाती है. कई लोग़ जिन्होंने सी) बोल बच्चन को वोट दिया था, उन्हें भी अपने ज्ञान पर शंका होने लगी. शायद प्रोडक्शन वालों में से किसी ने इशारा किया होगा कि ऑडिएंस चुप हो गई. अमिताभ बच्चन जी बोले; "ओह, विकास जी, आश्चर्य की बात है कि पैसठ प्रतिशत जनता सी) कह रही है फिर भी आप जनता के साथ नहीं जाना चाहते."

विकास; "सर, अगर जनता को सही गलत का पता होता तो ऐसी फिल्में सौ करोड़ कमा पाती क्या? और सर, सच कहूँ तो जनता को अगर सही-गलत का पता होता तो देश का जो हाल है, वह भी नहीं होता."

अमिताभ बच्चन; "तो फिर आप क्या करना चाहेंगे?"

विकास; "सर, मैं एक्सपर्ट एडवाइज यूज करना चाहूँगा."

अमिताभ बच्चन; "बहुत खूब! कम्प्यूटर जी, विकास जी एक्सपर्ट एडवाइज यूज करना चाहते हैं...आज की हमारी एक्सपर्ट हैं विख्यात अभनेत्री कटरीना कैफ जी. कम्प्यूटर जी, कटरीना जी से हमारा संपर्क स्थापित करवाइए."

अभी संपर्क स्थापित हो ही रहा था कि विकास बोल पड़ा; "सर, मैं कटरीना के साथ जाना चाहता हूँ."

अमिताभ बच्चन; "परन्तु अभी तक तो कटरीना जी ने जवाब भी नहीं दिया."

विकास; "सर मैं जवाब के साथ जाने की बात नहीं कर रहा हूँ, मैं कटरीना के साथ घर जाने की बात कर रहा हूँ."

अमिताभ बच्चन; "हा हा हा...कम्यूटर जी, कटरीना कैफ जी से संपर्क स्थापित करवाया जाय."

बहुत कोशिश के बाद भी संपर्क स्थापित नहीं हो सका. अमिताभ बच्चन जी ने कहा; "भाई साहब, लगता है कटरीना जी ने आपकी उनके साथ घर जाने की बात सुन ली और उन्होंने लाइन डिस्कनेक्ट कर दिया है. तो अब आपके पास सिर्फ दो ऑप्शंस बचे हैं. एक है फोन अ फ्रेंड और दूसरा है डबल डिप. आप कौन सा ऑप्शन इस्तेमाल करना चाहेंगे?"

विकास ; "सर, मैं फोन अ फ्रेंड करना चाहूँगा."

अमिताभ बच्चन; "कम्यूटर जी, विकास गोयल जी द्वारा फोन अ फ्रेंड ऑप्शन के लिए दी गई इनके मित्रों की सूची दिखाई जाय."

कम्यूटर जी स्क्रीन पर चार लोगों की सूची दिखाते हैं.

अमिताभ बच्चन; "इन चार में से आप किसे फोन कर करना चाहेंगे?"

विकास; "सर, शिव कुमार मिश्रा को."

अमिताभ बच्चन; "मित्र हैं आपके? आपके साथ कॉलेज में पढ़ते थे? क्या करते हैं शिव कुमार जी?"

विकास ; "नहीं सर, कॉलेज वॉलेज में नहीं थे, ट्विटर से फ्रैंडशिप हुई इसके साथ. और करेगा क्या? दिन भर ट्वीट करता रहता है.... ये लिस्ट में आपने जो चार फ्रेंड्स देखे हैं, इन सभी से सोशल मीडिया पर ही फ्रैंडशिप हुई. रीयल लाइफ के फ्रेंड मेरे हैं ही नहीं. जो हैं, सारे नेट फ्रेंड्स हैं."

अमिताभ बच्चन; "ओह, तो आपके सारे मित्र जो हैं, वह सोशल मीडिया की वजह से बने...यह बहुत अच्छी बात है कि तकनीकि ने पूरी दुनियाँ के लोगों को एक-दूसरे के साथ मिला दिया है. मित्रता करवा दिया है. तो कम्प्यूटर जी, शिव कुमार मिश्रा को कोलकाता में फोन लगाया जाय. "

कम्प्यूटर जी ने शिव कुमार मिश्रा को फ़ोन लगा दिया. जैसे ही उन्होंने फ़ोन उठाया अमिताभ बच्चन जी बोले; "हेलो, शिव कुमार जी..?"

उधर से आवाज़ आई; "जी, बोल रहा हूँ."

अमिताभ बच्चन; "शिवकुमार जी, नमस्कार, मैं अमिताभ बच्चन बोल रहा हूँ कौन बनेगा करोड़पति से."

उधर से आवाज़ आई; "हाँ बोलिए."

अमिताभ बच्चन; "शिव कुमार जी, मैं अमिताभ बच्चन बोल रहा हूँ कौन बनेगा करोड़पति से."

उधर से आवाज़ आई; "मैं आपको पहचान गया हूँ सर. आप आगे भी कुछ बोलना पसंद करेंगे?"

अमिताभ बच्चन; "हा हा हा..इस समय आपके मुंबईवासी मित्र विकास गोयल जी हमारे सामने हॉटसीट पर बैठे हैं."

उधर; "अच्छा! कुछ जीत भी लिया है क्या उसने?"

अमिताभ बच्चन; "नहीं, अभी यह उनका पहला ही प्रश्न है और उसका सही जवाब देने के लिए उन्हें आपके मदद की जरूरत है. अगली आवाज़ जो आप सुनेंगे, वह आपके मित्र विकास जी की आवाज़ होगी. आपको इसके लिए तीस सेकंड्स मिलेंगे. और आपका समय शुरू होता है अब."

कहकर अमिताभ बच्चन जी ने एकबार फिर अपने दाहिने हाथ की तर्जनी को हवा पर दे मारा. हवा को फिर से चोट लग गई.

विकास; "अबे, आखिर मिल ही गया न तू. सवाल जवाब ऑप्शंस गए भाड़ में पहले तू ये बता कि मेरे पचीस हज़ार रूपये और आई-फोन का चार्जर कब देगा बे? तीन महीने से जब भी तुझे फोन करता हूँ, तू मुंबई का नंबर देखकर उसको काट देता है. आज पहले तू बता कि मेरा पैसा वापस कब करेगा?......"

अमिताभ बच्चन; "ओह, विकास जी, आपका समय समाप्त हो गया. आपके हाथ से यह मौका जाता रहा. वैसे ये बताइए कि कितने महीने हो गए इन्हें आपसे उधार लिए हुए?"

विकास ; "अरे सर, पूछिए मत. चार महीने हो गए हैं. कितनी बार फोन किया, फोन ही नहीं उठाता. मेल किया, उसका भी जवाब नहीं दिया. डी एम तक का जवाब नहीं देता है. ऊपर से पिछले तीन महीने में तीन बार मुंबई आकर वापस जा चुका है. वापस गया और फेसबुक पर मुंबई की पिक्स लगाई तब मुझे पता चला...."

अमिताभ बच्चन; "परन्तु आपके हाथ से प्रश्न के सही जवाब देने का एक और मौका चला गया."

विकास ; "अरे सर, आपका क्वेश्चन तो पाँच हज़ार का था. मेरा तो यहाँ इस बन्दे ने पचीस हज़ार लिया हुआ है."

अमिताभ बच्चन; "तो फिर अब क्या करना चाहेंगे आप? आपके पास सिर्फ एक लाइफ-लाइन है और वह है डबल डिप. इसके बारे में मैं आपको बता दूँ. आप कोई भी ऑप्शन चुन सकते हैं. अगर वह गलत हुआ तो फिर आपको एक और मौका दिया जाएगा कि आप दूसरा ऑप्शन चुन सकते हैं."

विकास; "सर, कितना अच्छा होता कि भारत में इलेक्शंस भी ऐसे ही होते. हम एक सरकार चुनते और अगर वह हमारी उम्मीद पर खरी न उतरती तो हम बटन दबाकर दूसरी पार्टी को चुन लेते और अपनी गलती सुधार लेते."

अमिताभ बच्चन; "हा हा हा ..कौन बनेगा करोड़पति के इस ऑप्शन से देश की दिशा और दशा सुधर सकती है. चूँकि पूरा भारत उनकी बात सुनता है इसलिए मैं आमिर खान जी से अनुरोध करूँगा कि वे देश के लिए हमारी इस सौगात को भारत के चुनाव आयोग के पास.....वैसे विकास जी, अब आप क्या करना चाहेंगे?"

विकास; "सर, अब मैं क्विट करना चाहता हूँ. मुझे देर हो रही है. आज मेरा एम टीवी रोडीज का ऑडिशन है."

इतना कहकर विकास उठा खड़ा हुआ. जैसे ही वह बाहर गया अमिताभ बच्चन जी फिर शुरू हो गए; "ओह्ह, तो अभी अभी आपने देखा देवियों और सज्जनों कि एकमात्र ज्ञान ही ......"

20 comments:

  1. बहुत दिनों बाद ऐसा मजेदार ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के लिए मिला है. ट्विटर पर ROFL कहते ही हैं बस. मैं सचमुच ही लोटपोट होकर हँस रहा हूँ. यह तो कालजयी पोस्ट हो गई और यह भी पता चल गया कि लोन चुकाने में आपका रिकार्ड ठीक नहीं है. मेरा सौभाग्य कि पहला टिपण्णी टिपिया रहा हूँ.

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  2. Mishraji ke haath aur kalam mein jadoo hai.

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  3. गज़ब भैया ... गज़ब .... सत्य में आनंद आ गया ... "हा हा हा.." कर कर के अमिताभ जी का मुँह दुःख जाता होगा (खैर , पैसे भी तो वही पा रहे हैं) ... कसम से धो के रख दिया ...

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  4. वाह भैया ... पहली नज़र में मैंने ब्लॉग की लम्बाई नापी ... सोचा चलो बाद में पढेंगे ... फिर कहा- नहीं पढ़ ही लेते हैं ... और अंततः यह लगा की आपने इतना छोटा क्यों लिखा ...
    "हा हा हा" की "प्लास्टिकियत" और आज के आडिएंस की "भूखे नंगे" के प्रति "ग्लिसरिनी अश्रु" बहाने की तत्परता पर आपका यह अद्भुत कटाक्ष है ...

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  5. "अपने दाहिने हाथ की तर्जनी को हवा पर दे मारा. हवा को फिर से चोट लग गई."

    सबको लपेट दिया एक ही बार में में, आप धन्य हैं !!! :)

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  6. "सर, अगर जनता को सही गलत का पता होता तो ऐसी फिल्में सौ करोड़ कमा पाती क्या? और सर, सच कहूँ तो जनता को अगर सही-गलत का पता होता तो देश का जो हाल है, वह भी नहीं होता."
    हा हा हा, पर विकास जी चाहते तो 25 हजार आपसे लडने के बजाय सोनी टीवी से ही कमा लेते पर फिर अमिताभ जी की खिंचाई .........

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  7. ये विकल्प राजनीति में भी लाये जायें..

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  8. काश ऐसा ही कोई बन्‍दा हॉट-सीट पर आए तो आनन्‍द आ जाए। खूब लिखा है आपने।

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  9. घुमा के कहूँगा तो टिपण्णी पोस्ट से लम्बी हो जाएगी...सीधे शब्दों में कहूँ तो बहुत ही धाँसू पोस्ट है...कमाल किये हैं आप...अद्भुत...वाह

    नीरज

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  10. इस तरह तो आपका ब्लॉग चलेगा और अमिताभ का कार्यक्रम बन्द हो जाएगा :)

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  11. एक एक लाइन जबरदस्त। मजा आ गया, बहुत ही शानदार। पढ़ते ही साथ अपने एक सहकर्मी को इसका लिंक फॉरवर्ड किया।

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  12. बहुत धाँसू मज़ा आ गया

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  13. बहुत बहुत लाजवाब कटाक्ष...

    सचमुच.... क्या ही बढ़िया होता जो इलेक्शन में भी डबल डिप का ऑप्शन होता जनता के पास...

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  14. मेरा उधार भी ऐसे ही बराबर करेंगे क्या? साल भर हो गया अब तो :)

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  15. हा हा.
    दोस्ती कायम रहे :)

    कैटरीना के साथ जाना चाहते हैं - बेस्ट :)

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  16. अच्छा, ये अमिताभ बच्चन कौन हैं?

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  17. बहुत दिन से धरे थे इसे पढ़ने के लिये। आज बांच के मजा आया। जय हो।

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  18. दर्देबल साहित्य से अरुचि उत्पन्न होती है, ऐसे में एकमात्र उपाय आपका ब्लॉग है...
    ठहाकों से भरपूर, व्यंग्य और हास्य का सम्पूर्ण सम्मिलन... उत्तम

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  19. हम तो हंस हंस कर लोटपोट हो गये... बहोत खूब लिखते है आप|

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टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद। --- शिवकुमार मिश्र-ज्ञानदत्त पाण्डेय