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Monday, March 24, 2014

२०१७ में इस वर्ष के भारतीय आम चुनाव सम्बंधित संभावित विकिलीक्स




चुनावों के शुभ अवसर पर एकबार फिर से विकिलीक्स चर्चा में है. विकिलीक्स ने वक्तव्य देकर बताया कि जूलियन असांज ने हल्ला मचाने वाली कोई बात नहीं कही. इस वक्तव्य को लेकर फिर हल्ला मचा. मैं तो कहता हूँ कि चुनाव का मौसम होता ही है हल्ला मचाने के लिए. आखिर इस मौसम में हल्ला नहीं मचेगा तो कब मचेगा? पिछले कुछ वर्षों में विकिलीक्स की वजह से बहुत हल्ला-गुल्ला मचा. जिस तरह के केबिल्स लीक हुए उन्हें पढ़कर यही लगा कि दुनियाँ भर में अमेरिकी डिप्लोमैट की नियुक्त ही इसलिए हुई है ताकि वे केबिल्स लिखकर अमेरिका की विदेशनीति को मजबूत करते रहे और विकिलीक्स उन्हें पूरी दुनियाँ को परोस सके.

चूँकि चार-पाँच साल पहले भेजे गए केबिल्स अब लीक हो रहे हैं, ऐसे में साल २०१७ में विकिलीक्स जो केबल्स लीक करेगा उनमें से महत्वपूर्ण केबल्स इस वर्ष के भारतीय आम चुनाव से सम्बंधित होंगे। आज सोच रहा था कि उन केबल्स में कैसे-कैसे खुलासे हो सकते हैं? शायद कुछ ऐसे;

केबल संख्या ए-१४५७००९ चुनावों को लेकर बीजेपी की नीति;

आज शाम इंडिया हैबिटैट सेंटर में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने शाम की ड्रिंक पर हमारे एक अधिकारी पीटर स्कॉट को बताया कि पार्टी मानती है कि अब एक इतिहासकार की खोज कर ही ली जाय जो पार्टी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हर रैली से पहले उन्हें इतिहास का पाठ पढ़ा सके. इस नेता का मानना है कि बुद्धिजीवियों को यह चिंता सताने लगी है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार अगर इतिहास को उलट-पलट कर सकता है तो सरकार बना प्रधानमंत्री बनकर वो इतिहास का न जाने क्या-क्या कर देगा। भारतीय बुद्धिजीवियों का इसबात में प्रबल विश्वास है कि पीएम कैंडिडेट को वर्त्तमान की जानकारी भले ही न हो, इतिहास कि जानकारी होनी आवश्यक है.

केबल संख्या ए-१४५९२११ चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी की रणनीति;

आज सुबह आम आदमी पार्टी के नेता भगवानदास ने हमारे एक डिप्लोमैट को बताया कि पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल किस साइज की शर्ट पहनकर असली आम आदमी लगेंगे, इसबात को लेकर पार्टी में घमासान मचा है. केजरीवाल को चालीस यानि मीडियम साइज की शर्ट फिट होती है लेकिन वे चाहते हैं कि एक्स एक्स एल साइज की शर्ट पहनने से ही वे परफेक्ट आम आदमी लगेंगे। पार्टी कार्यकारिणी में इसको लेकर मतभेद उभरा क्योंकि कुछ नेताओं का मानना था कि वे लार्ज साइज का शर्ट पहनकर भी आम आदमी लगेंगे। काफी मान-मनौव्वल के बावजूद वे एक्स एल साइज से नीचे आने के लिए तैयार नहीं थे. ऐसे में यह फैसला हुआ कि पार्टी के नेताओं के बीच एक एस एम एस सर्वे के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि अरविन्द केजरीवाल कौन सी साइज की शर्ट पहनेंगे?

केबल संख्या ए-१४६९०२२ चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी की रणनीति;

कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने राहुल गांधी के खिलाफ कविवर कुमार विश्वास के चुनाव लड़ने को लेकर एक गम्भीर और समग्र चिंतन किया। पार्टी के एक नेता ने कल शाम हमारी कॉकटेल पार्टी में हमारे दूतावास के दोनों अधिकारियों, ह्वाइट एंड मैक्के को बताया कि वर्किंग कमिटी यह प्रस्ताव लाना चाहती थी कि कविवर कुमार विश्वास का मुकाबला करने के लिए जरूरी हो गया है कि राहुल गांधी कविता लिखना सीख लें. कुछ सदस्यों ने इसबात पर आशंका जताई कि इतने कम समय में राहुल के लिए कवि बनना ईजी नहीं है और अगर वे कविता करना सीख भी जाते हैं तो उन कविताओं को याद करके जनता में बीच उन्हें सुनाना उनके लिए लगभग असंभव है. बाद में जनार्दन द्विवेदी ने वर्किंग कमिटी को बताया कि राहुल को कवि बनाने और उन्हें कविता रटवाने का जिम्मा वे खुद लेंगे। जनार्दन द्विवेदी वही हैं जिन्होंने सोनिया गांधी को हिंदी सिखाई है.

केबल संख्या ए-१४६९०८५ चुनावों को लेकर कांग्रेस नेताओं की रणनीति;

कांग्रेस के एक नेता ने कल शाम हमारे एक अफसर को बताया कि इस चुनाव में पार्टी की हालत को देखते हुए कुछ नेता राहुल गांधी से नाराज हैं. दरअसल इन नेताओं की नाराजगी का कारण यह है कि राहुल गांधी ने केवल देश की जनता के लिए कानून बनाये या बनाने की कोशिश की और उनका ही ध्यान रखा. ये नेता चाहते थे कि राहुल इनके लिए भी राइट टू डेफ़ेक्शन नामक कानून ले आते जो इन नेताओं को चुनाव के ऐन मौके पर दूसरी पार्टी में जाने के लिए और उकसाता। भारतीय चुनावों की यह खासबात रही है कि चुनावों के आते ही नेता यह मानकर चलता है कि उसे अपनी पार्टी से असंतुष्ट होने का अधिकार है और वह असंतोष का दिखावा करके जिस पार्टी में घुसता है उस पार्टी को उसके असंतोष को उचित मान-सम्मान देने का अधिकार है. इन्हें अपने अधिकारों का पता वर्षों से रहा है, बस वे इसे एक कानूनी कुरता पहनाना चाहते थे.

केबल संख्या ए-१४६९०९८ चुनावों को लेकर दलों की नीति;

एक चुनावी पंडित ने हमारे एक अधिकारी को बताया कि कुछ पार्टियां इसबात पर विचार कर रही है कि वे डिफेक्शन को लेकर एक आम सहमति पर पहुंचें जिससे भारतीय लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की जा सके. इसी कड़ी में कुछ नेताओं की तरफ से यह प्रस्ताव आया कि चुनावों के अवसर पर डिफेक्शन को और सरल बनाने के लिए पार्टियां अपने-अपने बैज बनावाएं। जैसे अगर कोई कांग्रेसी, सपाई, जेडीयुवी या राजदी नेता अपनी पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाए तो पार्टी उसे तत्काल एक बैज प्रदान करे जिसपर "राष्ट्रभक्त" लिखा हो और अगर कोई नेता बीजेपी छोड़कर इन पार्टियों में जाए तो इन पार्टियों की तरफ से उसको एक बैज मिले जिसपर "सेक्युलर" लिखा हो. पार्टियों का मानना है कि अगर ऐसा हो गया तो फिर भारतीय लोकतंत्र की मजबूती पर एक मजबूत मुहर लग जायेगी।

केबल संख्या ए-१४७११६७ चुनाव फंड को लेकर आम आदमी पार्टी का फैसला;

हमारे अफसर को आम आदमी पार्टी के एक नेता ने बताया कि चूंकि पिछले कुछ दिनों में पार्टी को जनता की तरफ से पैसा नहीं मिल रहा है इसलिए पार्टी नेता योगेन्द्र यादव ने सुझाव दिया कि क्यों न सर्दियों में अरविन्द केजरीवाल द्वारा इस्तेमाल किये मफ़लर का ऑक्शन करके पार्टी के लिए कुछ फंड इकठ्ठा किया जाय. इसी नेता ने बताया कि अरविन्द केजरीवाल को मफ़लर लपेटने का सुझाव योगेन्द्र यादव ने ही दिया था और इस प्रयोग का आईडिया उन्हें उनके खुद के ईमेज बनाने में इस्तेमाल किये गए गमछे से मिला था. फोर्ड फाउंडेशन ने पार्टी नेताओं को अस्योर किया है कि फाउंडेशन जल्द ही क्रिस्टीज या सॉथबीज से बातकर ऑक्शन कराने की तारीख तय करेगा।

केबल संख्या ए-१४७११८७ चुनाव को लेकर बीजेपी की रणनीति;

बीजेपी के एक नेता ने हाल ही में बताया कि चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी तो पार्टी का केवल एक मुखौटा हैं. इस बात का किसी पुराने केबल से मिलना महज संयोग है. विद्वान बताते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है.

केबल संख्या ए-१४७११९२ चुनाव को लेकर कुमार विश्वास की रणनीति;

कुमार विश्वास के बेहद करीबी एक नेता ने बताया कि कविवर ऐसा मानते हैं कि वे राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर अगर जीत गए तो संसद जायेंगे ही लेकिन अगर हार भी गए तो भी चिंता की बात नहीं। वे मानते हैं कि वे हार भी गए तो राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने का हवाला देकर वे भविष्य में होनेवाले कवि सम्मेलनों के लिए अपनी फीस करीब सवा सौ प्रतिशत बढ़ा सकेंगे।

केबल संख्या ए-१४७२३३६ अडवाणी की चिंता;

बीजेपी के एक नेता ने हमें बताया है कि अडवाणी पिछले कुछ हफ़्तों से चिंतित हैं. चिंता का कारण उन्हें मिली यह जानकारी है जिसमें पार्टी के नेता एक-दूसरे से मिलते तो है तो कहते हैं कि अडवाणी जी अब पहले वाले अडवाणी नहीं रहे. नेताओं को इसबात पर आश्चर्य है कि अडवाणी पिछले कई महीनों से नाराज नहीं हुए. इसबात को लेकर अडवाणी जी ने फैसला लिया है कि अगर उन्हें गुजरात में गांधीनगर से टिकट मिला तो वे भोपाल से चुनाव लड़ने की बात करेंगे और अगर भोपाल से टिकट मिला तो गांधीनगर से लड़ने की बात करेंगे ताकि नाराज हो सकें और पार्टी नेताओं को विश्वास हो जाए कि आडवाणी अब भी वही पुराने आडवाणी हैं और साथ ही ऐक्टिव भी हैं.

केबल संख्या ए-१४७२७७४ वामपंथी बुद्धिजीवी का विरोध;

हमारे अफसर से मुलाक़ात के दौरान एक वामपंथी बुद्धिजीवी ने बताया कि वे और उनके जैसे कई बुद्धिजीवी नया आंदोलन खड़ा करेंगे जिसके तहत अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ नए सिरे से लड़ाई छेड़ी जायेगी। इन बुद्धिजीवियों का मानना है कि अगर अँगरेज़ अपने साथ भारत में चाय न ले आते तो नरेंद्र मोदी इतने लोकप्रिय नहीं होते जितने वे आज हैं. जैसा कि हमने अपने केबल संख्या ए-१४४७८८१ में बताया था कि मोदी पूरे देश में चाय पर चर्चा कार्यक्रम चलाकर अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

केबल संख्या ए-१४७२८०१ चुनाव प्रचार;

केरल में एक कांग्रेसी उम्मीदवार के चुनावी मैनेजरों ने हमारे अपने देश याने यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका की सबसे बढ़िया हाइवेज में से एक कंसास हाइवे का फ़ोटो कांग्रेस के पोस्टर में लगाकर बताया कि कांग्रेस की नेता सोनिया जी के आशीर्वाद से ही यूपीए सरकार वह सड़क बनवा सकी. जहाँ कांग्रेस पार्टी ने हमारे अपने हाइवे को अपना बताया वहीँ यहाँ के सबसे बड़े स्टेट यूपी में सरकार चलानेवाली समाजवादी पार्टी के चुनाव प्रचारकों ने विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट एल्पाइन रोड का फ़ोटो दिखाकर यूपी की जनता को बताया कि वह रोड वहाँ के यंग चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव ने खुद बनवाया है. बीजेपी वालों ने न्यूजीलैंड के एक हाइवे का फ़ोटो लेकर उसे गुजरात का बता डाला। यह सब देखकर हमारे दूतावास के अधिकारी यही सोच रहे हैं कि गूगल की वजह से अब हाइवेज को कहीं से भी टेलीपोर्ट करके भारत लाया जा रहा है.

भारतीय चुनावों से रिलेटेड हमारे केबल्स हम अगले हफ्ते फिर भेजेंगे।