तमाम घटनाएं किसी न किसी काल-खंड का हिस्सा बन कर रह जाती हैं. यह जो महीना चल रहा है इसके भाग्य में लिखा था कि इसी समय पूरा देश शीला के जवान होने की बात पर अपनी प्रतिक्रिया दे. परन्तु शीला की जवानी के अलावा और भी बातें हैं जिनपर इस काल-खंड का अधिकार है.
विकिलीक्स को ही ले लीजिये. विकिलीक्स ने भी साल २०१० के इस महीने को महत्वपूर्ण बना दिया है. उधर लीक्स होते जा रहे हैं और इधर यह महीना महत्वपूर्ण होता जा रहा है. विकिलीक्स के महत्व का इस बात से पता लगता है कि कुछ लोगों ने इसे यू एस ओपन भी कहना शुरू कर दिया है. हर वर्ष अगस्त महीने में होने वाला यू एस ओपन इस साल दिसम्बर में भी हो रहा है. वहीँ ये लीक्स पहले होने वाले क्रिकेट सीरीज केबिल एंड वायरलेस सीरीज की भी याद दिला गए.
वैसे मुझे एक बात से ही शिकायत है. विकिलीक्स वालों ने जब अमेरिकी दूतावासों के दस्तावेज लीक करने शुरू किये तो उन्हें हर लीक के साथ यह चेतावनी भी लिख देनी चाहिए थी कि नक्कालों से सावधान. या फिर हमारी कोई शाखा नहीं है. ऐसा नहीं करने से गड़बड़ हो गई न. पाकिस्तान के कुछ अखबारों ने नकली दस्तावेज लीक कर दिए जिसके अनुसार दिल्ली मिष्ठान्न भण्डार ने वित्तवर्ष २००९-१० के लिए जितनी मिठाई बनाने का दावा किया था उससे करीब ढाई किलो मिठाई कम बनाई. बाद में ब्रिटेन के एक अखबार ने यह बताया कि पाकिस्तानी अखबारों का यह दावा बिलकुल गलत है और दिल्ली मिष्ठान्न भण्डार के बारे में अमेरिकी दूतावासों से कोई भी टिप्पणी नहीं हुई थी.
वहीँ दूसरी तरफ ब्रिटेन के अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ने एक स्टिंग ऑपरेशन करके बताया कि इन नकली दस्तावेजों के पीछे मजीद मज़हर और सलमान बट्ट का हाथ है.
हाथ से याद आया कि पिछले बीस दिनों में पूरे देश में इस बात पर चर्चा हो रही है कि टेलिकॉम मिनिस्टर 'ये' राजा ने अपनी ईमानदारी का दावा करने के बावजूद इस्तीफ़ा क्यों दिया? इसके पीछे किसका हाथ है? तमाम अटकलें चल ही रही थीं कि विकिलीक्स से लीक हुए एक केबिल के अनुसार राजा के इस्तीफे के पीछे करूणानिधि का हाथ है. इस केबिल के अनुसार हालाँकि पहले तो करूणानिधि तैयार नहीं थे लेकिन जब उन्हें मनाने के लिए दिल्ली से कांग्रेसी नेता करीब डेढ़ दर्जन शॉल लेकर चेन्नई पहुंचे तब करूणानिधि जी राजा बाबू के इस्तीफे के लिए राज़ी हो गए.
अमेरिकी दूतावास की एक महत्वपूर्ण सूचना के अनुसार शॉल की खेप चेन्नई पहुँचने के बाद स्वयं सोनिया गाँधी जी ने चेन्नई जाकर श्री करूणानिधि को शॉल लपेट दिया और उसके बाद वे राजा के इस्तीफे के लिए राज़ी हो गए. एक अनुमान के अनुसार श्री करूणानिधि के पास अब करीब सत्तावन हज़ार दो सौ शॉलें हैं.
जैसा कि विदित ही है कि राजा के ऊपर बहुत बड़ी धनराशि के हेर-फेर का आरोप है.
धनराशि से याद आया कि हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति में अपनी आदत के अनुसार प्रश्न पूछने वाले श्री अमिताभ बच्चन ने श्री राजा से पूछा; "क्या करना चाहेंगे आप इस धनराशि से?" जिसके जवाब में श्री राजा ने उन्हें बताया कि; "दिस्स यिज्ज याल ल्लीडार्स मणी."
उनके इस जवाब से करूणानिधि ने राहत की साँस ली.
मणी से याद आया कि मणिशंकर ऐय्यर पिछले करीब एक महीने से इस बात से नाराज़ हैं कि तमाम और स्कैम के आ जाने से कॉमनवेल्थ स्कैम कहीं खो गया और उसकी वजह से उन्हें पैनल डिस्कशन के लिए किसी टीवी चैनल से निमंत्रण नहीं आ रहा है. पिछले करीब डेढ़ महीने से कोई स्टेटमेंट न दे सकने के कारण श्री ऐय्यर का हाजमा खराब होने के चांस बढ़ गए हैं. तीन दिन पहले ही उन्होंने बताया कि वे तो कारावास में बंद चीन के नेता लिऊ जिअयाबो को नोबेल दिए जाने पर भी स्टेटमेंट दने के लिए तैयार हैं लेकिन कोई चैनल उनकी बाईट ले ही नहीं रहा.
चीन के इस विद्रोही नेता को शांति का नोबेल देने की बात पर याद आया कि चीन ने तमाम देशों को यह कहते हुए चेतावनी दी कि जो भी देश इस समरोह में जाएगा उसके साथ चीन के सम्बन्ध बिगड़ सकते हैं. यह चेतावनी भारत के लिए भी थी. चीन की इस बात पर भारत ने यह कहते हुए कान नहीं दिए कि; "कश्मीर का मुद्दा ही केवल बाइ-लैटरल है. जहाँ तक नोबेल समारोह की बात है तो वह एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है और भारत यह समारोह अटेंड करेगा."
नोबेल समारोह में भारत की शिरकत के बाद चीन ने भारत से कहा कि; "हम अपना यह अपमान नहीं भूलेंगे. भविष्य में जब भी अरुंधती राय को 'भूगोल' के लिए और आसिफ अली जरदारी को 'फिजिक्स' के लिए नोबेल पुरस्कार मिलेगा तो चीन भी वह समारोह अटेंड करके बदला ले लेगा."
भारत सरकार ने चीन के इस वक्तव्य की जांच सीबीआई को सौंप दी है.
सी बी आई से याद आया कि टेलिकॉम घोटाले की जांच कर रही सी बी आई ने अपनी एक गुप्त रिपोर्ट में नीरा राडिया की तारीफ़ की है. सी बी आई का मानना है कि नीरा ज़ी की वजह से ही देश में चल रहे दलाली के लेटेस्ट रेट्स सामने आये हैं. अखिल भारतीय दलाल महासंघ ने भी एक धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर नीरा राडिया के प्रति आभार व्यक्त किया है. दलाल संघ के सदस्यों का मानना है कि पिछले सात सालों से वे एवरेज रेट्स ग्यारह परसेंट पर काम कर रहे थे लेकिन थैंक्स टू नीरा ज़ी अब यह रेट पंद्रह परसेंट हो जाएगा.
ज्ञात हो कि नीरा राडिया ज़ी पीआर फर्म वैष्णवी कम्यूनिकेशंस की मालकिन हैं.
मालकिन से याद आया कि बिहार के मोतिहारी जिले के डुगडुगा गाँव की रेनू कुमारी ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि वे सूर्य की असली मालकिन हैं. सूर्य की रजिस्ट्री के दस्तावेज दिखाते हुए रेनू ज़ी बताया कि उन्होंने सन १९७८ में ही सूरज की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली थी. रेनू ज़ी के इस क्लेम की वजह से स्पेन की महिला अन्जेल्स डुरान के क्लेम को गहरा झटका लगा है. ज्ञात हो कि मिस डुरान ने पूरी दुनिया को यह कहते हुए चौंका दिया था कि उन्होंने सूर्य की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली है और अब से सूर्य उनकी प्रापर्टी है.
मिस डुरान और रेनू ज़ी के अलावा दुनिया भर के तमाम लोग समय-समय पर यह दावा करते आये हैं कि वे सूर्य, चन्द्रमा, वृहस्पति, मंगल और ऐसे ही तमाम ग्रहों के मालिक हैं. हाल ही में येल यूनिवर्सिटी ने ऐसे क्लेम पर पी एचडी करने के लिए अपने स्टुडेंट्स को प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया.
वैसे भारतीय समाचार चैनलों में इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि सूरज के असली मालिक अरिंदम चौधरी हो सकते हैं.
अरिंदम चौधरी से याद आया कि.....
नोट: मैंने यह पोस्ट न्यूज दैट मैटर्स नॉट के लिए लिखी थी.न्यूज दैट मैटर्स नॉट बहुत बढ़िया फेक न्यूज साईट है. इसके एडिटर तनय सुकुमार डेलही कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) के छात्र हैं. तनय का अपना ब्लॉग भी है और मैंने उनका लिखा हुआ जितना भी पढ़ा है, उसको देखते हुए कह सकता हूँ कि मुझे वे एक बहुत परिपक्व लेखक लगे.
न्यूज दैट मैटर्स नॉट पर कंट्रीब्यूट करने वाले ज्यादातर लेखक इंजीनीयरिंग स्टुडेंट्स हैं. न्यूज दैट मैटर्स नॉट फेक न्यूज और सटायर के ऊपर भारतवर्ष की दूसरी सबसे पॉपुलर साईट है.
Wednesday, December 15, 2010
हाँ, याद आया....
@mishrashiv I'm reading: हाँ, याद आया....Tweet this (ट्वीट करें)!
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The 'GHAJNI' effect....post :)
ReplyDeleteअच्छी फेंक आइ मीन टू से फेक फेंकी है. करूणा के निधि की निधि पर पढ़ कर मजा आया मगर उनकी पुत्री पर नजर (?) न डालने पर आप पर मानहानी का दावा किया जा सकता है. राजा का जिक्र बिना रानी के? >:
ReplyDeleteवाह ...क्या याद आया आपको...
ReplyDeleteअपने याद का पंखा ऐसे ही घुमाते रहिये और लाजवाब पढ़वाकर हमारे कलेजे को ठंडक पहुंचाते रहिये...
का लिखे हैं आप....ओह....बेजोड़ !!!!
much needed satire
ReplyDeleteयाद आते रहने की बहती धारा है यह। धारा ने लो कैलोरी का तेल बनाया है। तेल के कुयें पर राजनीति हो रही है। राजनीति में याददाश्त कम होती है। आगे कुछ याद नहीं आ रहा है, काहे कि लूप बना दिया है।
ReplyDelete` इसी समय पूरा देश शीला के जवान होने की बात पर अपनी प्रतिक्रिया दे'
ReplyDeleteहाय! वो भी क्या दिन थे जब लोग ‘रेशमा जवां हो गई’ कह कर सडकों पर नाचते थे :)
desh ka durbhagya hai ki in sabko ddhone ke liye ham majboor hain..
ReplyDeleteजो भी याद आया, मजेदार याद आया शिव भाई !..सामयिक और रुचिकर, अंत तक पढने को वाध्य रहा !
ReplyDeleteअरिंदम चौधरी से याद आया शिव भाई कि पिछले जन्म दिन पर मेरी बेटी ने चाँद पर एक एकड़ जमीन,मय रजिस्ट्री के मुझे गिफ्ट की थी सो चाँद के एक टुकड़े का मालिक मैं भी हूँ ! यहाँ लिख दिया ताकि आप गवाह रहें
बढ़िया याद किया आपने, कुछ तो फेसबुक पर भी दिखा था इनमें से.
ReplyDeletefannatedar.....
ReplyDeletepranam.
इतना कुछ आपको याद आया लेकिन पढते पढते हमारी तो यादाश्त ही चली गयी। बुरा हो विक्लीस और शीला का। रोचक पोस्ट के लिये बधाई।
ReplyDeleteअज नेट पर आते ही याद आया कि अपनी यादाश्त यहीं छोड गयी थी वो लेने आयी हूँ। देखा न भूल गयी थी कि ये पोस्ट पढ चुकी हूँ ।शुभकामनायें।
ReplyDeleteहम लोग तो टोपी पहनाने की ही बात करते थे, यहां सोनिया जी हैं कि शाल ही लपेट आईं.
ReplyDeleteक्या अन्तरराष्ट्रीय समाचार है? एकदम ज्ञान की प्राप्ति हो गयी। ऐसे ऐसे समाचार तो देखने सुनने में ही नहीं आते जी। बधाई।
ReplyDeleteमजा आ गया जी.....
ReplyDelete"अरुंधती राय को 'भूगोल' के लिए और आसिफ अली जरदारी को 'फिजिक्स'.. हाहाहा
फिर तो अपने लालू यादव को भी 'साहित्य' वाला मिलना चाहिए...
अरुंधती राय को भूगोल पर नोबेल इनाम मिलने का इंतजार है जी अपन को तो।
ReplyDeleteप्रश्न - "टेलिकॉम मिनिस्टर 'ये' राजा ने अपनी ईमानदारी का दावा करने के बावजूद इस्तीफ़ा क्यों दिया?"
ReplyDeleteउत्तर- सभी ईमानदार नेताओं की क़िस्मत अच्छी नहीं होती न.
nice
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