कल शाम को टीवी पर खबर देखा कि २००८ का कैश फॉर वोट स्कैम का केस तीन साल बाद फिर से खुल गया है. एक आदमी अमर सिंह का और एक बीजेपी का अरेस्ट हो चुका है. मन में आया कि दोनों के एक-एक आदमी अरेस्ट करके गवर्नमेंट ने बैलेंस ऑफ अरेस्ट सीनैरियो बनाये रखा है. अब अमर सिंह से भी पूछताछ होगी. मेरे मन में बात आई कि अगर सरकार यह केस पहले ही सीआईडी टीम को दे देती तो अब तक तो केस एक हज़ार बार सॉल्व हो जाता.
सोचा सी आई डी टीम से बात करूं. एसीपी प्रद्युमन के पास गया. जब मैंने पूछा तो वे बोले; "मैंने तो पहले ही कहा था कि यह केस हमारी टीम को दिया जाना चाहिए. हमारी टीम ने तो शुरुआती जांच भी कर ली थी. मामला चूंकि पार्लियामेंट का था और दया से पार्लियामेंट का दरवाजा तोड़वाना ठीक नहीं होता इसलिए मैंने उसको बोलकर नोटों के ही चार-पाँच बण्डल तोड़वा लिए थे. डॉक्टर सालुंके ने तो बण्डल देखकर ही पता लगा लिया था कि उन नोटों पर किसीकी उँगलियों के निशान थे."
एसीपी प्रद्युमन की बात के सपोर्ट में डॉक्टर सालुंके बोले; "नोट पर जो उँगलियों के निशान थे मैंने तो उसी से अपराधी का डीएनए सैम्पल निकाल लिया था. ये तो बाद में गवर्नमेंट ने केस दिल्ली पुलिस को दे दिया इसलिए हमने केस छोड़ दिया."
समझ में नहीं आया कि जब हमारे पास सी आई डी टीम है तो फिर यह केस दिल्ली पुलिस को क्यों दिया गया?
बाद में खबर आई कि अमर सिंह अंडरग्राऊंड हो गए हैं. मैंने सोचा कि अमर सिंह जी अंडरग्राऊंड होकर कहाँ जायेंगे? होंगे किसी शूटिंग स्थल पर. बाद में पता चला वो फिल्म के सेट पर शूटिंग कर रहे थे. देखा जयाप्रदा जी के साथ थे.
मैंने कहा; "अमर सिंह जी, ऐसा सुनने में आ रहा है कि कैश फॉर वोट स्कैम में एम पी लोगों को खरीदने के लिए आपने पैसा दिया था?"
मेरी बात सुनकर बोले; "मिश्रा जी, यह सब विरोधियों की साजिश है. मैं एम पी लोगों को पैसा दे रहा हूँ इसकी सीडी कहाँ है? जब तक कोई सबूत सी डी पर नहीं होगा, मैं उसे सबूत नहीं मानता."
बाद में मैंने सोचा कि ये तो सीधा-सीधा मुकर गए लेकिन बाकी के लोग़ क्या कहेंगे इस बारे में? मैंने अपने ब्लॉग पत्रकार चंदू चौरसिया को और लोगों के स्टेटमेंट लाने को भेजा. वे ले आये. पढ़िए कि लोगों ने क्या कहा;
मनमोहन सिंह जी, प्रधानमंत्री: "कैश फॉर वोट स्कैम क्या है? पहली बार सुन रहा हूँ. किसने किया यह स्कैम? राजा ने? कलमाडी ने? हो सकता है यह "स्कैम धर्मं" का पालन करने के चक्कर में हो गया हो. उस समय कांफिडेंस वोट में क्या हुआ था, मुझे नहीं पता. हाँ, यह याद है कि मैंने वोटिंग के बाद दो तरह से फोटो खिचाई थी. एक विक्टरी साइन वाली और दूसरी ठेंगा दिखाते हुए.विक्टरी साइन वाली फोटो का मतलब था कि हमारी सरकार जीत गई और ठेंगा वाली फोटो का मतलब था कि अब हम जीत चुके हैं और तुमलोग हमारा कुछ नहीं कर सकते.
"
ऋतिक रोशन; "कैश फॉर वोट में जो लोग़ इन्वोल्व हैं, उनसे मैं यही कहना चाहता हूँ कि सबकुछ भुलाकर जस्ट डांस."
हैरी पॉटर जी; "आई हैड सीन मिस्टर लालू प्रसाद स्पीकिंग ऑन द फ्लोर ऑफ योर पार्लियामेंट ऐट द टाइम ऑफ वोटिंग एंड आई कैन वेल रिमेम्बर ह्वाट आई हैड टोल्ड हिम. आई हैड टोल्ड हिम दैट विट बियांड मेजर इज मैन्स ग्रेटेस्ट ट्रेजर."
रघु राम, एम टीवी प्रोड्यूसर; "मैं इन बीप बीप नेताओं को दिन-रात देखता हूँ. मैं कहता हूँ कि ये बीप कुछ नहीं कर सकते. कोई टास्क परफ़ॉर्म नहीं कर सकते ये बीप बीप. इनसे अच्छे तो मेरे रोडीज हैं. आई ऐम प्राऊड ऑफ माई रोडीज. ये एमपी पार्लियामेंट में एक दूसरे की बीप बीप करते रहते हैं. इन्हें और कुछ करना बीप बीप बीप बीप. इसलिए मैंने रोडीज में वोटिंग नहीं रखी क्योंकि मुझे पता था कि अगर वोटिंग रखूँगा तो मेरे प्रोग्राम की बीप बीप हो जायेगी."
रवि शास्त्री; "देयर इज नो हाफ मेजर हीयर. आई गेट द फीलिंग दैट ऑल गवर्नमेंट इज वरीड अबाउट, इज अ विन. ऐट द एंड ऑफ डे, इट डजंट मैटर हाउ इट कम्स. बट नोइंग अमर सिंह, आई कैन टेल यू, ही इज अ ग्रेट कम्पीटीटर एंड ही विल कम हार्ड. इट्स अ काइंड ऑफ गेम ह्वेयर एनिथिंग कैन हैपेन. स्टिल होप, इन द एंड पोलिटिक्स इज द विनर."
एस पी तुलस्यान, ग्रेटेस्ट इक्विटी एनालिस्ट; "आल आई कैन से उदयन इज, सॉरी सॉरी......मुझे पता नहीं कि पार्लियामेंट में जो पैसे दिखाए गए थे उनका क्या हुआ? लेकिन अगर कैश फॉर वोट स्कैम में किसी ने पैसा कमाया है तो मैं उनसे यही कहूँगा कि ही शुड इन्वेस्ट इन रिलायंस बीकॉज रिलायंस इज अ गुड कंपनी. उसके अलावा सुगर सेक्टर में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं स्टिल आई कैन से दैट रिलायंस इज अ गुड कंपनी."
योगेन्द्र यादव, "मैं आपको अस्योर कर सकता हूँ कि तमिलनाडु में जो इलेक्शन हुआ उसका इस कैश फॉर वोट स्कैम के दोबारा खुलने में कोई हाथ नहीं....हाँ, यह जरूर कहा जा सकता है कि अगर अमर सिंह से पूछताछ हुई तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजपूत वोट उनके हाथ से चले जायेंगे. इसका असर यह हो सकता है कि पूर्वांचल के राजपूत वोट जो पहले भाजपा को जाते थे वो अमर सिंह के खाते में जा सकते हैं. देखने वाली बात यह है कि उन्हें दलितों और यादवों का समर्थन एक बार फिर से मिल सकता है....ओह आपने अच्छा याद दिलाया. उनकी तो कोई राजनीतिक पार्टी ही नहीं है. ऐसे में वोट की बात करना ठीक नहीं होगा."
मायावती जी; "संसद में उस समय नोट दिखाए गए थे? कहाँ दिखाए गए थे? नोट का कोई हार तो किसी ने देखा नहीं....नहीं-नहीं आप गलत कह रहे हैं. वे नोट नकली होंगे. मेरा ऐसा मानना है कि असली नोट केवल हार में ही रहते हैं. जो नोट हार में नहीं रहते वे असली नहीं होते...प्रन्तू एक मिनट..हार की बात करते-करते मैं भूल गई कि उस समय संसद में जो वोटिंग हुई थी उसमें जीत किसकी हुई थी?"
बाबा रामदेव; "हे हे हे बाबा कभी झूठ बोलता है क्या? मैंने कहा कि पाँच सौ और हज़ार के नोट बंद करवाना चाहिए तो लोगों ने कहा कि बाबा को क्या पता है इकॉनोमी के बारे में. मैं कहता हूँ कि अगर ये पाँच सौ और हज़ार के नोट नहीं होते तो सांसदों को घूस नहीं दिया जा सकता. चरित्रवान सांसदों की कमी है अपने देश में. बाबा योग भी सिखाएगा और अच्छे सांसद भी देगा इस देश को. मेरा यह कहना है कि संसद में वोट के लिए पैसे लेनेवालों को फाँसी की सजा देने का प्रावधान हो तो यह देश एक बार फिर से सोने की चिड़िया हो जाएगा."
अनु मलिक; "कैश फॉर वोट के बारे में अपने अंदाज़ में कुछ कहना चाहता हूँ कि;
कैश लेकर वोट दे कैसा है ये जलवा तेरा; अर्ज किया है
कैश लेकर वोट दे कैसा है ये जलवा तेरा, और;
पुलिस इतना डंडा मारे कि टूट जाए तलवा तेरा.
स्पाइडर मैन जी; "ओह, यू आर टॉकिंग अबाउट दैट कैश फॉर वोट स्कैम..आई नो अबाउट इट. आई आल्सो नो अबाउट द परसन, हू इज इनवोल्व्ड इन इट...ही इज नोन ऐज सीडी मैन इन योर कंट्री...आई हैव हर्ड अबाउट दैट सॉंग व्हिच सम ब्लॉगर हैज रिटेन...
सीडी मैन सीडी मैन
डज ह्वाटएवर अ ब्रोकर कैन
मेक सीडीज ऑफ एनी साइज
ट्विस्ट स्टोरीज टू बेनेफिट अलाइज
लुकआउट हीयर कम्स
द सीडी मैन
और कोई कुछ कहेगा तो बाद में लिख दूंगा.
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Thursday, July 21, 2011
कैश फॉर वोट री-विजिटेड
@mishrashiv I'm reading: कैश फॉर वोट री-विजिटेडTweet this (ट्वीट करें)!
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bemisal
ReplyDeleteHAHAHAHAHAHAHAHAHA
ReplyDeleteBahut badhiya hai mishraji
ReplyDeleteएकदम बढ़िया .. कुछ पात्रो से अनभिघ्य हूँ ..वहा पर सिग्नल तोडा कमजोर पड जा रहा है (मेरा)
ReplyDeleteचूँकि पुरानी घटना फिर से ताजा हो गयी है ...घाव फिर से ताजा हो गया है ...अमर भैया को आगे
आप की वाणी से सुनने का इंतजार रहेगा ...भवदीय : गिरीश
इस पोस्ट का नाम एपिक पोस्ट होना चाहेये था | हा हा हा, अब क्या लिखूं मैं भी |
ReplyDeleteहे हे हे! बाबा ने यह भी कहा कि ऐसी पोस्टें आती रहीं तो हिन्दी ब्लॉगजगत सोने की चिड़िया बन जायेगा!
ReplyDeleteस्पाईडी वाला गीत सबसे बढ़िया है...
ReplyDeleteआदरणीय पाण्डेय जी कि टिप्पणी में मै कुछ सुधार करना चाहता हूँ,उन्होंने लिखा है कि ऐसी पोस्टें आती रहीं तो हिन्दी ब्लॉगजगत सोने की चिड़िया बन जायेगा.इस पर मै ये कहना चाहता हूँ कि आप जैसे विद्वानों के सानिध्य में हिंदी ब्लॉग जगत सोने की चिड़िया बन गया है....
ReplyDeleteप्रन्तू मज़ा आ गया।
ReplyDeleteपूरी पोस्ट में अगर कहीं आरडीएक्स था तो वह "प्रन्तू" में था.... हँसी का जोरदार धमाका हुआ, सबकी आँखे मुझे घूर रही थी...
ReplyDeleteकैसे कैसे लोग कैस के मामले में कैसे कैसे बयान देते है यह तो क़ैस भी लैला को नहीं बता पाएगा :)
ReplyDeleteतुम्हारे दिमाग की उर्वरता ........उफ़....
ReplyDeleteकहाँ कहाँ पहुँच,क्या क्या निकाल लाते हो.....
प्रन्तु जो भी निकालते हो न कमाल निकालते हो....
जियो !!!!
कल्पना के घोड़े अमर सिंह पूछताछ स्थल तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हूँ...क्या सीन चल रहा होगा ???
पूछताछ अधिकारी क्या पूछ रहे होंगे ????
अमर सिंह क्या बता रहे होंगे ????
शायद यही न---
क्या सर, आपने पैसे दिए ????
नहीं जी, बिलकुल नहीं...चाहो तो मनमोहन सर और सोनिया मैडम से पूछ लो...
सॉरी सर, क्या करें..ये सब नाटक तो करना ही पड़ता है पब्लिक को दिखाने के लिए....
वैसे आप क्या लेना चाहेंगे...चाय ,ठंडा ,काफी ....
अरे वाह! इस बार तो कई नए किरदारों ने चर्चा में भाग लिया है.
ReplyDeleteअंडरग्राउंड होके शूटिंग देखने गए थे? हमे लगा कहीं बेसमेंट में जाना पड़ता है.
मममोम सिंह जी ने हमेशा की तरह बड़े पते की बात की. हृतिक और रघु जी तो बड़े ही भोले हैं.
किसे कोट करे किसे ना करें, सबकी सुनके हस्ते हस्ते लोटपोट हो गए.
बहुत बढ़िया मनोरंजन!
फ्राईडे इंटरटेंमेंट के लिए बहोत बहोत धन्यवाद!
मुझे पता नहीं कि पार्लियामेंट में जो पैसे दिखाए गए थे उनका क्या हुआ? लेकिन अगर कैश फॉर वोट स्कैम में किसी ने पैसा कमाया है तो मैं उनसे यही कहूँगा कि ही शुड इन्वेस्ट इन रिलायंस बीकॉज रिलायंस इज अ गुड कंपनी. उसके अलावा सुगर सेक्टर में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं स्टिल आई कैन से दैट रिलायंस इज अ गुड कंपनी."
ReplyDeleteye wala mast raha... desh hit me bhi hai...
अनूप जी की चर्चा से आपका लिंक मिला...सुभानल्लाह...मजा आ गया....
ReplyDelete.कमाल की नक़ल करते हो शिव भाई ! मज़ा आ गया ..
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें आपको !
अपनी अपनी प्रकृति है, अपना अपना चाव।
ReplyDeleteक्या बात है सीडी मैन की । बढिया व्यंग । बीच बीच में सरकार और अपोझीशन दोनों ही सो जाते हैं ये अच्छा है जनता नया तडका पाकर पुरानी डिश चखने लगती है और बाद के कांड भूल जाती है और होता जाता कुछ नही है ।
ReplyDeleteअगर किसी को हँसते हँसते लोटपोट कैसे हुआ जाता है देखना होता तो मुझे आपकी इस पोस्ट को पढ़ते हुए देखता...बंधू आप नहीं न जानते आप क्या लिख दिए हैं...मानी कमाल कर दिए हैं आप इस बार...आप की भाषा में कहूँ तो "अद्भुत"
ReplyDeleteनीरज
Ha ha great!! This is Jhunjhunwala-style picturesque post :-)
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