करीब पंद्रह दिन हो गए जब इंग्लैंड के एक बुकी मज़हर मजीद ने एक अखबार के साथ मिलकर पाकिस्तान के तीन निर्दोष खिलाड़ियों को फिक्सिंग में फँसा दिया. ये खिलाड़ी निर्दोष हैं बेचारे. साथ ही टैलेंटेड भी हैं. निर्दोष और टैलेंटता के अद्भुत संगम वाले इन तीन खिलाड़ियों में से दो ने नो-बॉल फेंकी थी और एक ने फिंकवाई.
आप पूछ सकते हैं कि पुरानी घटना पर मैं आज क्यों लिख रहा हूँ? तो मैं आपको बता दूँ कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने इंग्लैंड में नो-बॉल फिक्स किया. जिस अखबार ने बेचारे निर्दोष खिलाड़ियों को फंसाया वह इंग्लैंड का था. ऐसे में यह एक ग्लोबल घटना हुई कि नहीं?
तो ग्लोबेलाइजेशन के इस युग में ग्लोबल घटना पर लोकल बात करना जायज है क्या? नहीं न? इसीलिए मैंने अपने ब्लॉग पत्रकार चंदू चौरसिया को दुनियाँ भर में भेजकर लोगों की प्रतिक्रिया लेनी चाही. आप बांचिये कि लोगों ने क्या कहा?
हिलेरी क्लिंटन, यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट्स : "वी री-टरेट आर पोजीशन दैट इंडिया इज ऐन एमर्जिंग इकॉनोमिक सुपरपॉवर इन साउथ एशिया. वी वुड आल्सो लाइक टू स्टेट दैट पाकिस्तान इज आर नेचुरल-अलाई ह्वेन इट कम्स टू एलिमिनेटिंग दिस मेनेस ऑफ नो-बॉल नॉट ओनली फ्रॉम एशिया बट शुड आई से, फ्रॉम होल वर्ल्ड ...वी विल वर्क क्लोजली विद पकिस्तान टू डिस्मैन्टेल द फोर्सेस बिहाइंड बाउलिंग नो-बॉल. दिस सॉर्ट ऑफ एक्टिविटीज...वी अवेट अ रिपोर्ट फ्रॉम आर नेटो अलाई, यूनाइटेड किंगडम टू लुक इन टू ह्वाट ट्रान्स्पायर्ड फॉर दीज यंग नो-बॉल बॉलर्स..."
आसिफ अली ज़रदारी, टेन परसेंट प्रेसिडेंट, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान: "ओ ज़ी ये कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. ये लड़के टैलेंटेड हैं इसलिए नो-बॉल कर दिया. और मैं आपसे पूछता हूँ कि कितनी परसेंट नो-बॉल फेंकी है बच्चे ने? अब छ बॉल का एक ओवर होता है. उसमें से एक नो-बॉल फेंक ही दे तो करीब १६ पारसेंट होती है नो-बॉल....मैं आपकी बात मानता हूँ कि बच्चों को नो-बॉल का पारसेंट कम कर के करीब दस तक लाना चाहिए. मतलब ये कि हर दास बॉल में एक नो-बॉल चलेगा. मैं खुद भी इस बात को मानता हूँ कि कोई भी काम दस पारसेंट तक ठीक है..."
एजाज बट, प्रेसिडेंट, पकिस्तान क्रिकेट बोर्ड एंड चीफ कांस्पीरेसी थेओरिस्ट, एजाज बट स्कूल ऑफ क्रिकेट मैनेजमेंट : "ये ज़ी, हमारे बच्चों को फंसाया गया है. नो-बॉल फिक्सिंग सरासर झूटी बात है. ये पाकिस्तान के खिलाफ साजिश है. कल ही एक बुकी ने मुझे बताया कि दारसल अम्पायर ने क्रीज की सामने वाली लाइन को पीछे खिसका दिया था इसलिए नो-बॉल हो गया. क्रीज की सामने वाली लाइन को पीछे खिसकाने में अम्पायर के साथ इंग्लैंड के खिलाड़ी भी इन्वोल्व हैं. इस काम के लिए अम्पायर को डेढ़ लाख पाउंड पेमेंट किया गया है. आई सी सी के पास कोई सुबूत नहीं है कि हमारे बच्चे फिक्सिंग में इन्वोल्व हैं. वहीँ मेरे बुकी के पास सुबूत है कि अम्पायर ने क्रीज -लाइन को पीछे खिसका दिया था...."
रहमान मलिक, इन्टेरियर मिनिस्टर एंड चीफ एविडेंस सीकर, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पकिस्तान: "हामने जांच की है और मैं आपको गारंटी से बता सकता हूँ कि न्यूज़ ऑफ ड वर्ल्ड के एविडेंस काफी नहीं हैं. हामने पता लगाया है कि ये पाकिस्तान टीम के खिलाफ साजिश है और इसमें हिन्दस्तान का रा ही सही लेकिन हाथ ज़रूर है. हिन्दस्तान जब पकिस्तान को बॉल में नहीं फँसा ससका तो फिर साजिश करके नो-बॉल में फंसाने की कोशिश कर रहा है. हामने चार और डोस्सियर मांगे हैं इंग्लैंड से....."
मुल्लाह ओमर, स्पिरिचुअल लीडर, तालिबान स्कूल ऑफ स्पिरिचुअलिटी: "आल्लाह ने हमें एक और तरीका दे दिया दिया है अमेरिकियों से लड़ने का. पहले जब हम ख़ुदा के सिपाही कहीं बॉल-बम रखने जाते थे तो 'स्क्यूरिटी' की वजह से पकड़ लिए जाते थे. अब पाकिस्तानी साइंस-दानों की मदद से हम नो-बॉल बम बनायेंगे. हमारे साइंस-दान और पाकिस्तानी साइंस-दान मिलकर काम कर रहे हैं और ख़ुदा के करम से हम जल्द ही नो-बॉल बम बना लेंगे. नो-बॉल बम का फायदा ये होगा कि वो दिक्खेगा ही नहीं. फिर हमें अमरीकी 'स्क्यूरिटी' वाले कैसे पकड़ेंगे...."
शाह महमूद कुरैशी, फ़ारेन मिनिस्टर एंड एड रिजेक्टर, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पकिस्तान: "हम इंडिया से कहेंगे कि हम उनके साथ मिलकर इस नो-बॉल को ख़त्म करना चाहते हैं. हम ये भी कहेंगे कि इंडिया हमारे साथ नो-बॉल पर इंटेलिजेंस शेयर करे.....हाल ही में अपने वाशिंगटन 'टूर' में मैंने प्रेसिडेंट ओबामा से डिमांड की है कि अमेरिका पकिस्तान को एंटी नो-बॉल मिसाइल दे जिससे हम नो-बॉल को कंट्रोल कर सकें...हमारी कोशिश रहेगी कि नो-बॉल को अफगानिस्तान में फैलने से रोका जाय लेकिन उसके लिए हमारी फ़ौज का नॉर्थ-वेस्टर्न बोर्डर पर रहना जुरुरी है...."
श्री मनमोहन सिंह, ऑनेस्टी पर्सानफाइड एंड लोंगेस्ट सर्विंग ऑनेस्ट प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया : "ये नो-बॉल की प्रॉब्लम कोई प्रॉब्लम नहीं है. पकिस्तान को चाहिए कि नो-बॉल से हटकर अपनी इकोनोमी के बारे में कुछ करे. केवल चार परसेंट ग्रोथ है पकिस्तान की. उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि वे कम से कम टू थाऊजैंड एलेवेन से नौ परसेंट ग्रोथ रेट ले आयें. और नो-बॉल की प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए तो ज़ी क्रिकेटिकल विल चाहिए....क्रिटिकल नहीं क्रिटिकल नहीं...मैंने कहा क्रिकेटिकल...क्रिकेटिकल...जैसे पोलिटिकल वैसे ही क्रिकेटिकल..हैं ज़ी? और फिर वे एक ज़ीओएम भी तो बना सकते हैं...ज़ीओएम से कोई भी प्रॉब्लम सॉल्व हो सकती है...."
दलेर मेहँदी, फार्मर सिंगर एंड प्रजेंट डे रिअलिटी शो जज: "मैं तो मोहम्मद आमिर से यही कहूँगा ज़ी कि पुत्तर तुझे रब्ब ने, उस मालिक ने, उस ख़ुदा ने टैलेंट दिया है नो-बॉल फेंकने का. तू तो पुत्तर ऐसे ही नो-बॉल फेंकता रह. रब राखां पुत्तर...चक दे फट्टे.."
अमिताभ बच्चन, एक्टर, मॉडल, ट्वीटर, ब्लॉगर एंड अ फादर-इन-ला : "अब देखिये मैं तो एक कलाकार हूँ. मैं इसके बारे में क्या कहूँ? वैसे अगर कुछ कहना ही है तो मैं कहूँगा कि भाई साहब, माना कि आपकी टीम प्रचंड है लेकिन नो-बॉल फेंकने की वजह से खंड-खंड है....आईं? लगी..लगी मिर्ची लगी. और फिर देखिये आप क्रिकेटर हैं. आप बालिंग कीजिये, अपना पारिश्रमिक लीजिये और घर जाइए. नो-बॉल फेंककर क्या मिलेगा आपको? कुछ एक्स्ट्रा पाऊंड? पूज्यनीय बाबूजी कहा करते थे कि जो एक बार नो-बॉल फेंककर अपनी गलती न दोहराए वही असली खिलाड़ी है.....मैंने इस नो-बॉल वाली घटना पर कल ही मधुशाला में एक रुबाई जोड़ी है...हाँ, सुनिए
बालिंग पथ पर बालिंग करने चलता है बालर आला
जोर से दौड़े या फिर धीरे दुविधा में है मतवाला
कोच बताते राहें कितनी पर मैं यह बतलाता हूँ
धीरज के संग कदम धरो तो फेंकोगे फिर नो-बॉला
बाबा रामदेव, ब्रीदिंग एक्सपर्ट, आंटरप्रेनर एंड पोलिटिसियन-इन-मेकिंग: "हे हे हे. लोग पाकिस्तान से फोन करके पूछते हैं बाबा जी, ये अपने नौजवान क्रिकेटर इतना नो-बॉल क्यों फेंक रहे हैं. मैं कहता हूँ ये नो-बॉल फेंके जाने का कारण है कि एम् एन सी का आटा. पकिस्तान लीवर जो आटा पकिस्तान में बेंच रहा है उसको खाकर ही बालर नो-बॉल फेंक रहे हैं. एम् एन सी कम्पनियाँ पाकिस्तान में करीब एक लाख करोड़ का आटा और तेल बेंचती हैं. अब कोई क्रिकेटर इन कंपनियों का आटा और तेल खायेगा तो वह जो है नो-बॉल तो फेंकेगा ही. यह बात हमारे राष्ट्र के लिए एक सन्देश है कि एम एन सी के बनाये खाद्य पदार्थों को अगर न रोका गया तो हमारा भी एक-एक क्रिकेटर नो-बॉल फेंकने लगेगा. यह जो है वह पूरे राष्ट्र के लिए बहुत ही खराब होगा. इसीलिए पतंजलि योगपीठ ने चावल, बाजरा, गेंहू और जौ को मिलाकर एक आटा बनाया है जिसकी रोटी खाने से बोलर कभी भी नो-बॉल नहीं फेंकेगा. हम तो राष्ट्र निर्माण करते हैं. उसके लिए हम कटिबद्ध हैं. आज ज़रुरत है......."
चन्दन सिंह हाठी, मैनेजर गंगोत्री यन्त्र प्रतिष्ठान: "क्या आप अपने बालिंग रन-अप से परेशान हैं? क्या आप इन-स्विंगर करते हैं और वो आउट-स्विंगर हो जाता है? क्या आप जब भी नो-बॉल फेंकना चाहते है तब नहीं फेंक पाते? क्या आपकी एल बी डब्ल्यू की अपील पर अम्पायर बैट्समैन को आउट दे देता है? क्या आप विश्व के सबसे बड़े नो-बॉलर बनना चाहते हैं? क्या नो-बॉल फिक्स करने की वजह से आप बार-बार पकड़े जाते हैं? तो पहली बार गंगोत्री यन्त्र प्रतिष्ठान लाया है नो-बॉल सुरक्षा रुद्राक्ष. यह पहनने के बाद आप जब भी चाहें नो-बॉल फेंक सकते है और पकड़े भी नहीं जायेंगे. हमारा दावा है ...."
प्रणब मुख़र्जी, फिनांस मिनिस्टर एंड पोलिटिकल मैनेजर, यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस : "दीस ईभेंट हुविच हैपेण्ड ईन इंग्लैंड शूड नाट हैभ हैपेण्ड...उई फार्मली बिलीभ दैट पकिस्तान शूड ट्राई एंड ब्रिंग डाउन दा नो-बाल बोल्ड टू आंडर एट पारसेंट...आल्दो उई आर कोंसोटेंटोली मोनिटोरिंग दा सिचुयेशान एमार्जिंग फ्रॉम...."
यह था हमारे ब्लॉग-पत्रकार चंदू चौरसिया की विश्व के तमाम बड़े नेताओं और लोगों से नो-बॉल फिक्सिंग पर बातचीत. चंदू चौरसिया का अगला असाइंमेंट है कि वे युवा-नेता, युवराज, भावी प्रधानमंत्री श्री राहुल गाँधी का इंटरव्यू लेंगे. हम जल्द ही वह इंटरव्यू अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करेंगे. तब तक हम आपसे विदा लेते हैं.
Wednesday, September 22, 2010
"..अमेरिका पकिस्तान को एंटी नो-बॉल मिसाइल दे."
@mishrashiv I'm reading: "..अमेरिका पकिस्तान को एंटी नो-बॉल मिसाइल दे."Tweet this (ट्वीट करें)!
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बड़ा ही परिश्रमी व ईमानदार पतरकार लगता है चौरसिया. कभी सम्पादक, सांसद या भारत भुषण सॉरी पद्म भुषण नहीं बन पाएगा, लिखवा लो.
ReplyDeleteसारी दुनिया घूमें मगर घरेलू प्रचंड विद्वानों को छोड़ दिया. शिव-खड़ा, प्रकाश-कातर, विथ मल्टिपल "श्री" रविशंकर, पाक-प्रेमी महेश लठ... ऐसे तो भोत है. कलमाड़ी को भी न भूलें.
वैसे यह हमारी लालसा है. कृपया अपने विवेक से काम लें. :)
आनन्ददायी पोस्ट!
ये नोबाल ही तो ग्लो बाल हो गया :)
ReplyDeleteहमारे राष्ट्र के लिए एक सन्देश है कि एम एन सी के बनाये खाद्यान पदार्थों को अगर न रोका गया तो हमारा एक-एक क्रिकेटर नो-बॉल फेंकने लगेगा और यह राष्ट्र के लिए बहुत ही खराब दिन होगा. इसीलिए पतंजलि योगपीठ ने चावल, बाजरा, गेंहू और जौ को मिलाकर एक आटा बनाया है जिसकी रोटी खाने से बोलर कभी भी नो-बॉल नहीं फेंकेगा."
ReplyDeleteoonhe pantjali yogpith ka ata bhijwaee jaye.
dekha jai to begani ji ka paramarsh
bhi thik hi hai...bakiya jaisi aap ki eeksha....
pranam.
बच्चों ने नो बाल फेंक कर पैसे कमा लिये तो दाँय मची है, लोग तो बिना कुछ फेंके ही इतना कमा रहे हैं।
ReplyDeleteआपका पत्रकार अधिक परिश्रमी नहीं है शिरिमान जी. युवराज और महारानी जी के पास पहले जाना चाहिये था...
ReplyDeleteइत्ती बढ़िया पोस्ट कि आश्चर्य से मुंह खुला का खुला है। डर है कि कोई मुंह में ही नो-बॉल न फैंक दे! :)
ReplyDeleteहा हा... बहुत बढ़िया. अमिताभ का नाम देखते ही समझ गया था कि पूजनीय बाबूजी तो आयेंगे ही.
ReplyDeleteSimply great post.....Sir ji mazaa aa gayaa...tussi great ho
ReplyDeleteये तो कालजयी लेख हो गया!
ReplyDeleteकह दिया था न शिव भैया मेल भेजकर मैंने, कि पढ़ी नहीं है झ्लक भर देखी है अभी, लेकिन पक्का है कि एक और मास्टरपीस पोस्ट है।
ReplyDeleteशुरू से आखिर तक हँस हँस कर पागल हो गया हूँ। अच्छा है कि अकेला बैठा हूँ नहीं तो कोई देखे तो पता नहीं क्या सोचेगा।
भारत से फ़िर्फ़ सत्ता पक्ष को प्रतिनिधित्व दिया आपके चौरसिया जी ने, अगली बार भी भावी सत्ताधारी को ही, कुलदीप नैय्यर जी, जसवंत सिंह, आडवाणी जी और लालू जी का भी इंटरव्यू लेने को सुझाईयेगा पत्रकार जी को, बेशक एकाध पोस्ट और डालनी पड़े।
फ़िर कहता हूँ, मजा आ गया और मधुशाला की रूबाई बहुतै जानदार।
आप्रूभाल आप्लीकेशन हाम पाहीला हि मेल शे पाठा दीया हाय, ईश फ़ायक्ट को रायटर नोटीस कोरेगा के.. शुर्रर्र..र्रर्र
ReplyDeleteडीस पोस्ट डीज़र्भ टू बी एनाउँस्ड दा बेस्ट पोस्ट आफ दा यीयर, आई मास्ट कान्ग्राचुलेट दा राइटर शीब कूमार मिशिरा फ़ार हैभिंग आ ब्रीलीएन्ट फ़ानी भिज़न !
चौरसिया जी से कहिये की जरा जल्दी से बाकि लोग का भी इंटरव्यू ले कर आ जाये इन सब लोगों के उतम विचार जान कर अब सबका विचार जानने की इच्छा हो रही है | एक सवाल है क्या चौरसिया जी किसी ब्लोगर का भी इंटरव्यू लेंगे ?
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लेख पढ़ कर मजा आया हम तो अगली कड़ी का इंतजार करेंगे |
Very nice...
ReplyDeleteनंदू चौरसिया की रिपोर्ट बहुत जानदार , और शानदार रही ..बहुत करीने से किया व्यंग ..
ReplyDeleteओह...जय हो...जय जय हो चौरसिया जी की !!!
ReplyDeleteसचमुच मास्टरपीस है यह...
जियो...
क्या लपेटा है सबको...लाजवाब !!!!
से पत्रकार चौरसिया जी तो बहुत ज्ञानी हैं, पता नहीं कहाँ-कहाँ की खबर रखते हैं। हमने तो इतने नाम भी नहीं सुने थे। इनकी सिफारिश भारत रत्न के लिए किए देते हैं।
ReplyDeleteबहुत ही धांसू लिखा है ...चंदू तो वाकई कमाल का निकला ...
ReplyDeleteकमाल की प्रतिभा है गुरु ...शायद ही कोई छोड़ा है जिसे उसी की भाषा में न समझा दिया हो आनंद आ गया ! शुभकामनायें आपको !
ReplyDeleteयह पत्रकार तो बड़े काम का है...सबकी ख़बरें उठा लाया.
ReplyDelete______________
'शब्द-शिखर'- 21 वीं सदी की बेटी.
Nice compilation... Its great someone called Baba Ramdev "entrepreneur" !!
ReplyDeleteपत्रकार चंदू चौरसिया ने खासी मेहनत की है जी विॆश्व के नामी गिरामी लोगों के विचार इकठ्टा करके । एकदम गलोबल पोस्ट ।
ReplyDeleteहँस हँस के पगला गए गुरुदेव!
ReplyDeleteमुल्ला ओमर के साइंस-दानो के साँझा इजाद सुझाव से हम दंग रह गए. सुझाव से नहीं, पर सुझाव कैसे दिए जाते हैं, ये सुनके. नो बाल दिखेगी नहीं! वाह!
और अमित जी के बाबूजी तो पता नहीं उनके कान में क्या क्या कह गए! कुछ उनसे सुनते हैं, कुछ आपके ब्लॉग पे. और ठहाकों के साथ वाह वाह करते हैं!
दलेर मेहँदी कंसिस्टेंट हैं, हमेशा की तरह.
कितना डीपली स्टडी किये हैं आप इन् सियासतदारों को, आप 'एक' इंसान नहीं लगते!
एकदम नमन!