शिव कुमार मिश्र ने बतौर व्यंगकार अपना टेण्ट जमा लिया है। पुराणिक इससे किलकित मुदितश्च हैं. उनकी ***टोली में लोग बढ़ रहे हैं। यह सब उसी प्रकार है जैसे कई कम्पनियों का मर्जर/एक्वीजीशन/कॉंसोलिडेशन (merger/acquisition/consolidation) होता हो।
मजे की बात यह है कि दोनो आर्थिक निवेश के क्षेत्र से सम्बन्ध रखते हैं. पुराणिक स्मार्ट निवेश नामक ब्लॉग चलाते हैं और शिवकुमार मिश्र के पास मुख्य काम आर्थिक सलाहकार का है।
अंग्रेजी में बहुचर्चित ब्लॉग है प्रोब्लॉगर (Problogger)| यह अपनी वर्षगांठ मनाते हुये $54000 के ईनाम जो 115 स्पॉंसरों ने दिये हैं, बांट रहा है। $54000 का अर्थ है रुपये 21-22 लाख। मित्रों अगर ब्लॉगिंल से भी इतने सारे ईनाम बंट सकते हैं, तो यह जबरदस्त आर्थिक गतिविधि बन सकता है। तब इसके लिये मर्जर/एक्वीजीशन/कॉंसोलिडेशन जैसे शब्द सटीक बन जाते हैं। मुझे यह नहीं मालुम की हिन्दी ब्लॉगिंग में यह कब और कैसे होगा। पर यही है जो मेरी इस पोस्ट की कल्पना को ईन्धन प्रदान कर रहा है। (प्रोब्लॉगर की पोस्ट पर जाने के लिये बाजू के चित्र पर क्लिक करें)
ब्लॉगों की बढ़ती संख्या इस जरूरत को रेखांकित करती है कि लाइक-माइण्डेड ब्लॉगों का मर्जर/एक्वीजीशन/कॉंसोलिडेशन निकट भविष्य में एक उभरती हुयी आर्थिक सम्भावना बन जायेगी. मेरे विचार से एक टीम जिसमें एक सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ, एक व्यंगकार, एक कवि और एक अन्य क्षेत्र का विशेषज्ञ हो; एक लीथल टीम साबित होगी। बस जरूरत यही है कि इस टीम के सदस्य पूरे तालमेल से चलें और सक्रिय हों ब्लॉगरी में। उदाहरण के लिये अगर नीरज गोस्वामी, शिवकुमार और मेरे साथ अगर एक सॉफ्टवेयर जानने वाले सज्जन जुड़ जायें और नीरज तथा शिव कुमार अपनी ब्लॉग सुषुप्तावस्था में कुछ कमी करदें तो ब्लॉगरी में दुकान बहुत जम सकती है।
मैं तो लाउड थिंकिंग कर रहा हूं। कुछ और लोग तो इस दिशा में कार्य कर ही रहे होंगे। लोगों की M&A के बारे में क्या सोच और सुगबुगाहट है - लोग बतायेंगे क्या?
बड़ी चिंतनीय संभावना है। अगर यहां भी एम एंड ए होने लगा तो व्यक्तिगत मौज का क्या होगा। फिर वही सामूहिक संपादकीय नियंत्रण। इसलिए ऐसा एम एंड ए ब्लॉगिंग की दुनिया में न आए तो ही अच्छा है।
ReplyDeleteलाइक माइंडेंड लोग साथ आयें, तो हर्ज नहीं है। जैसे कोई ज्योतिष का ब्लाग और आलोक पुराणिक का कालोबोरेशन हो सकता है, इस दावे के साथ, आइये हमरे ब्लाग पर और मुफ्त में भविष्य देखिये। या कुछ इस टाइप का कालोबेरेशन किसी फिल्मी ब्लाग के साथ, आइये मल्लिका का लेटेस्ट फोटू देखिये और साथ इनको पढ़िये। संभावनाएं अनंत है। जल्दी कुछ होगा।
ReplyDeleteबात तो सही है जी.लेकिन अपने साथ सम्स्या है कि हम लाइक माइंडेड नहीं ..लाइट माइंडेड हैं.लाइट मने प्रकाश.
ReplyDeleteवैसे आई टी अपना पेशा भी है.बोलें तो मर्जर वर्जर की बात सोचें क्या.वैसे कभी कभी व्य़ंग्य भी लिख लेते हैं,कविता भी,बीच बीच में मधुशाला भी जारी रहेगी.
सच संभावनाऎं अनंत हैं.
(इसे गुंडी के ऊपर भी टिप्पणी मान लें वो भी पढ़ ली है)
संभावनायें अनंत हैं,
ReplyDeleteफ़संत ही फ़संत है।
शिव भाई
ReplyDeleteसाहित्य का सौतनिया संगठन किसके साथ होगा...अगर कोई संभावना बनती दिखे तो संदेश दे....
@ बोधि भाई
ReplyDeleteबोधि भैया,
ये कल्पना तो ज्ञान भैया की है.लेकिन उन्होंने अच्छी लाईन पकड़ा दी है. अब तो मुझे भी लग रहा है की दो-चार और ब्लॉग खोल लूँ. .........
क्या पता भविष्य में कोई अम्बानी या टाटा ब्लॉग के बिजनेस में आयें, तो मेरा ब्लॉग भी टेकओवर टारगेट हो सकता है.इसी बहाने शायद कुछ पैसे-वैसे भी मिल जाएँ..
ज्ञान भैय्या
ReplyDeleteलाइक माईंडेड या लाईट माईंडेड की बात तो बाद मैं होगी पहले तो ये ही शोध का विषय है की ब्लॉग लिखने वालों का माईंड होता भी है ? आप ने मुझ जैसे ब्लोगिये को अपनी यूनियन मैं शामिल करने की बात लिख के अपना झंडा तो पहले ही आधा झुका लिया है.
वैसे आपका ख्याल बुरा नहीं है बल्कि विचारनिये है.
मुझे कोई आपत्ति नहीं है मगर शिव को इसके लिए मनाना आप का काम होगा.
नीरज