अभी तक फोन का 'उचित' उपयोग करके हिन्दी फिल्मों में ही भ्रम च गलतफहमी पैदा की जाती थी. आज से नहीं, सालों से. हम फिल्मों से बहुत कुछ सीखते ही हैं. इसलिए फ़ोन के इस कंट्रीब्यूशन को असली ज़िन्दगी में भी उतारने की कोशिश चलती रहती है.
अभी तक हुई तमाम कोशिशों में हाल के दिनों में एक अंतर्राष्ट्रीय कोशिशें भी जुड़ गई. सुनने में आया कि किसी अति टैलेंटेड बन्दे ने फोन का सदुपयोग करते हुए प्रणव मुख़र्जी बनकर पकिस्तान के राष्ट्रपति को धमका दिया. बोला; "हम आपके देश पर हमला कर देंगे."
फोन की माया देखिये कि पकिस्तान के राष्ट्रपति भी युद्ध की तैयारी करवाने लग गए. दुनियाँ को बता डाला कि भारत के विदेशमंत्री फ़ोन करके धमकियाते हैं.
मैं तो कहूँगा जी कि जिसने भी ये फ़ोन किया होगा, बड़ा ही टैलेंटेड बन्दा होगा जी. आजतक सुनते आए हैं कि लोग नेताओं और अभिनेताओं की नक़ल का काम स्टेज पर हँसाने के लिए करते हैं. लेकिन फ़ोन करके दूसरे देश के राष्ट्रपति को युद्ध की धमकी का काम पहली बार हुआ है.
वैसे भी नक़ल करने के लिए मिमक्री आर्टिस्ट बड़े लोगों को चुनते हैं. कोई अमिताभ बच्चन की नक़ल करता है तो कोई बाजपेयी जी की. खैर, वे लोग इस तरह से बोलते हैं कि उनकी नक़ल करना आसान है. लेकिन प्रणव मुख़र्जी की नक़ल!
उनकी नक़ल करने के लिए अद्भुत टैलेंट चाहिए. बड़ा कलेजे वाला बन्दा होगा जी. कलेजे वाला नहीं होता तो प्रणव मुख़र्जी की नक़ल कैसे करता? उनकी आवाज़, उनकी ग़लत हिन्दी, उनकी ग़लत अंग्रेजी और न जाने क्या-क्या. पता नहीं कैसे बोला होगा जी प्रणव मुख़र्जी की आवाज़ में?
मैंने तो एक बार सुना था कि मुख़र्जी बाबू ने अमेरिका में अंग्रेजी में भाषण दिया. भाषण ख़त्म हुआ तो किसी अमरीकी नेता ने लिखित अर्जी दी. ये लिखते हुए कि; "इन्होने जो अपने भाषण में कहा उसका अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध करवाया जाय."
अब कोई बन्दा ऐसे नेता की नक़ल कर ले तो अति टैलेंटेड होगा ही. कितनी बार बन्दे को "वी" की जगह "उई" बोलना पड़ा होगा. बोला होगा; "उई उविल रेड इयोर कान्ट्री."
बड़ी मेहनत का काम किया होगा बन्दे ने.
एक तरफ़ तो कोई नकली प्रणव मुख़र्जी बनकर फ़ोन करता है और उसे सच मान लिया जाता है. वहीँ दूसरी तरफ़ असली बराक ओबामा किसी कांग्रेस वूमेन को फ़ोन करते हैं तो वो फ़ोन उठाकर रख देती हैं. ये कहते हुए कि; "मुझे मालूम है कि तुम बराक ओबामा नहीं हो."
खैर, अब भाई लोगों ने ट्रेंड सेट कर ही दिया है. आशा है लोग इसे आगे बढायेंगे.
कल को सुनने में आ सकता है कि कोई भारत का सांस्कृतिक मंत्री बनकर पाकिस्तानी सांस्कृतिक मंत्री को फोन कर देगा. बोलेगा; " हमारे मन में इच्छा जागी है कि आपके साथ होली खेलें. आ जाइये."
पाकिस्तान का मंत्री तुंरत हवाई जहाज पकड़कर भारत में. होली खेलने. ऐसे में सांस्कृतिक सहयोग के नए-नए द्वार खुल जायेंगे.
और तब तक खुले रहेंगे जबतक अगला आतंकवादी हमला नहीं होता.
Monday, December 8, 2008
आशा है फोन का सदुपयोग होता रहेगा...
@mishrashiv I'm reading: आशा है फोन का सदुपयोग होता रहेगा...Tweet this (ट्वीट करें)!
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bahut shaandar.. maine to socha hi nahi tha ki pranav mukharji ki nakal kaisi hogi.. :)
ReplyDeleteप्रणव मुखर्जी 'वी' की जगह 'उई' बोल देते हैं तो थोडा मुलायम ही बना देते हैं वरना 'भी' बोलते .
ReplyDeleteबहुत अच्छा! फोन पर बहुत बात हो रही है। पर फोन भी हुआ कि नहीं। पाकिस्तान से ठोस सबूत क्यों न मांगे जाएँ।
ReplyDeleteभेरी भारी ईंटा-रेस्टिंग.. ओ किम्बा ईंटा थ्रोईंग?
ReplyDeleteवाह, फोन करने के बाद पोस्ट भी ठेल दी!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया. एक नकली फोन काल ने ही पूरे पाकिस्तान में "आपातकाल' सा लगा दिया.
ReplyDeleteजय हो फोन करने वाले की.
"कोई भारत का सांस्कृतिक मंत्री बनकर पाकिस्तानी सांस्कृतिक मंत्री को फोन कर देगा. बोलेगा; " हमारे मन में इच्छा जागी है कि आपके साथ होली खेलें. आ जाइये."
ReplyDeleteइशारा करती हुई पंक्तियाँ . कई बार ऐसी कोशिशों से हम अपने भीतर का जज्बा संयमित करने का प्रयास करते हैं . अच्छा लगा पढ़कर .
सही है फो़न की माया... लेकिन जरदारी भी गजब डरपोक है.. फर्जी फोन से डर गया...
ReplyDeleteअरे अरे यह क्या हो रहा है ? सरे ब्लॉग ज्ञान जी सारा ठीकरा हमारे गुरु जी के सिर फ़ोड रहे हैं . जिस समय पाकिस्तान फोन हुआ गुरु तो हमसे बात कर रहे थे .
ReplyDeletedhyan rakhe kahi lalu bhi phone na karde.......................
ReplyDeleteज्ञानजी ने सही पकड़ा है। दुबारा पाकिस्तान फोन लगाया जाय। शिव जी, आपका होमवर्क बढ़िया था इसीलिए वे समझ नहीं पाए। कलकत्ते में रहने का फायदा मिला आपको :)
ReplyDelete'वी' की जगह 'उई' बोल देते हैं....
ReplyDeleteइतनी डिटेल्ड जानकारी तो फोन करने वाले के सिवाय किसी के पास हो ही नहीं सकती!!!
ये तो सच है मुखर्जी बाबु की नक़ल करना तो आसान नहीं भाई !
ReplyDeleteहा हा हा , वैसे ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं कई बार.
ReplyDeleteअब मालूम पड़ा कि फुनवा से भी पकिस्तान को दम दी जा सकती है . कमाल कि बात है हा हा
ReplyDeleteअखून बुझते पारलाम....प्रणव बाबू आमाके फोन कोरे जिगिस कोरे छिलेन...जे ताऊ... उई... तुमि पोता कोरो..एई फोन टा के कोरे छिलो ? शिव बाबू आमी बुझे गाछी.....एइखुन ही प्रणब भाभू ( बाबू) के फोन कोरते होबे .. जे एई सोब गोंडोगोल शिव बाबू कोरे छिलेन....!:)
ReplyDeleteहमारा भी मन कई फोन करने का हो रहा है क्या करें कोई ढंग का फोन नही मिल रहा है
ReplyDeleteहमारे समझ में नहीं आया कि ये कैसे हो गया. सभी प्रकार के प्रोटकोल्स को तोड़कर. क्या कॉलर आईडी नहीं रही होगी. बहरहाल सुंदर प्रस्तुति के लिए शुक्रिया.
ReplyDeleteबंधू कमाल की पोस्ट लिखें हैं आप...कहाँ से बात शुरू की और होली तक ले आए...आप की लेखनी या की बोर्ड को नमन...
ReplyDeleteनीरज
भई यह जरदारी साहब को नकली फ़ोन से डर गये?? अगर कोई असली फ़ोन कर देता तो???
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखा आप ने...
परवेज साहब को भी एक समय अमेरिका ने फ़ोन पे ही धमकी दी थी, शायद पाठको को याद हो??
धन्यवाद, इस सुंदर व्यंग भरी फ़ोन के लिये
good writing sir
ReplyDeleteफोन बडे ही काम कि चीज है। अच्छे अच्छे महारथियो कि पेन्ट ढीली कर देती है। बेचारे जरदारी साहब कि तो>>>>>>?
ReplyDeleteमेरा एक मित्र है वो मजाक मे फरमाते है फोन का अवीष्कार किसी औरत ने किया है अपने पतियो पर नजर रखने के लिये। महाशय ऑफिस से बहार गुर्सले तो नही उडा रहे है। कहॉ हो ? कब तक पहुचोगे घर? तुम्हारे साथ कोन है ? तुम झुठ बोल रहे हो मुझे पिछे से गाने कि आवाज आ रही है कही बियर बार मे तो नही?
मिश्राजी आपने बहुती अच्छा लिखा है। पाकिस्थानी राष्ट्र्पति कि बॉत बेतुकि लगती है क्यो कि हमारे रक्षामन्त्री तो बेहद ही नेक व्यक्ति है। बेनजीर जी होती तो फोन पर बतियॉ लेते।
:)
ReplyDeleteमैं तो कहूँगा जी कि जिसने भी ये फ़ोन किया होगा, बड़ा ही टैलेंटेड बन्दा होगा जी.
पाकिस्तान में टेलेंट की कहाँ कमी है? :)
मजा आया पढ़ कर.
और तब तक खुले रहेंगे जबतक अगला आतंकवादी हमला नहीं होता.
ReplyDeletebahut umda
हा हा हा ...... सही कहा. मजा आ गया पढ़कर.
ReplyDeleteई फुनवा भी कमाल की चीज है - ससुर बिहार को नाहि लगत हे दूर पाकिस्तावा में जा ठेलत हो।
ReplyDeleteलग रहा है फोटू नहीं टी शर्ट बदली है बस . वही स्टाइल :)
ReplyDeleteबच्चा में हम लोग भी मिठाई का दुकान में बाबु जी ke ऑफिस का नाम से आर्डर दे देते थे घरे मिठाई आ जाता था लेकिन पैसा बाबु जी का ही लग जाता था
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