पिछले एक वर्ष में भारत एक बहस प्रधान देश बनकर उभरा है. ज्यादा पीछे जाने की ज़रुरत नहीं. भट्टा परसौल को ही ले लें. सत्तर फीट लम्बी राख(?) या सत्तर फीट ऊंची राख में सत्तर लोगों की लाशें समा सकती हैं या नहीं उसपर बहस हो ही रही थी कि विद्वानों ने इस बात पर बहस छेड़ दी कि कनीमोई को महिला होने के नाते बेल मिल जाना चाहिए या नहीं? कुछ लोगों ने उसके उलट यह बहस शुरू कर दी कि क्या यूपीए ने कनीमोई को महिला होने के नाते फँसा दिया? ऐसे विद्वानों की बात काटने का काम दूसरी तरफ के विद्वानों ने यह कह कर किया कि यूपीए में महिलाओं की बहुत इज्ज़त है. उदहारण के तौर पर श्रीमती सोनिया गाँधी का नाम लिया गया.
उसके बाद यूपीए-दो के दो वर्षों के शासनकाल की उपलब्धियों पर बहस शुरू हुई ही थी कि जयराम रमेश ने यह बहस छेड़ दी कि आईआईटी और आईआईएम वर्ल्ड क्लास हैं या नहीं? रमेश जी का मतलब शायद यह था कि जब वे पढ़ते थे तब ये संस्थाएं वर्ल्ड क्लास थीं लेकिन अब चूंकि जमाना ख़राब हो गया है इसलिए अब ये संस्थाएं वर्ल्ड क्लास नहीं रहीं.
आईआईटी और आईआईएम के क्लास की जानकारी देते श्री जयराम रमेश
जयराम रमेश की बात पर लालू प्रसाद यादव जी बहुत नाराज़ हुए. एक संवाददाता सम्मलेन में श्री रमेश की आलोचना करते हुए लालू जी ने कहा; "ई जो है हमें बदनाम करने का साजिश है. आज हम सरकार में नहीं हैं, आ एही बास्ते हमको नीचा दिखा रहा है लोग़. काहे से कि हम आईआईएम में पढ़ाने गए थे इसीलिए उसके बारे में अईसा कह रहा है सब. आ अच्छा हुआ हम बिहार का किसी प्राइमरी इस्कूल में नहीं पढाये. हम जदी आईआईएम में न पढ़ाकर बिहारे के कोई प्राइमरी इस्कूल में पढ़ाते त एही लोग़ ऊ प्राइमरी इस्कूल के बारे में भी कह देता कि ऊ भल्ड क्लास नै है. बाकी हमको ई बात भी कहनी है कि ई सब संस्था को भल्ड क्लास का न बताने से देश का सेकुलर ताकत कम होगा. हम ई बात का भंडाफोड़ करेंगे कि ई बयान देने से पहिले रमेश जी जो हैं ऊ नितीश कुमार से मिले थे. इसमें कहीं न कहीं जो है नितीश का हाथ है."
जयराम रमेश के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते श्री लालू प्रसाद जीलालू जी की इस बात का खंडन करते हुए नितीश कुमार जी ने मुस्कुराते हुए एक प्रेस कांफेरेंस में कहा; "आ ऊ पगला गए हैं."
कुछ विशेषज्ञों ने श्री रमेश के इस बयान को दलित विरोधी करार दिया. जब देश के प्रसिद्द विश्लेषक श्री योगेन्द्र यादव से जयराम रमेश के बयान पर उनकी राय के लिए सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि; "जयराम रमेश का यह बयान दलित विरोधी नहीं है."
योगेन्द्र यादव इस बात की पुष्टि करते हुए कि जयराम रमेश का बयान दलित विरोधी नहीं है
श्री यादव के इस विश्लेषण का असर यह हुआ कि देश के कई शहरों में जयराम रमेश का विरोध प्रदर्शन करने के लिए तैयार दलित युवकों ने फिलहाल अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है.
उधर इन संस्थानों के वर्ल्ड क्लास होने या न होने की बहस टीवी स्टूडियो से भी दूर नहीं रह सकी. कल सीएनएन-आईबीएन पर एक विश्लेषण में राजदीप सरदेसाई के साथ बात करते हुए योगेन्द्र यादव ने जयराम रमेश के इस बयान पर उनके सहयोगियों द्वारा किये गए ओपिनियन पोल का खुलासा करते हुए बताया; "राजदीप, फिफ्टी परसेंट लीडर्स इन यूपीए थिंक दैट व्हाटेवर मिस्टर रमेश हैज सेड इज करेक्ट. ह्वेयरऐज थर्टी टू परसेंट लीडर्स ऑफ एनडीए थिंक दैट मिस्टर रमेश इज राइट. ओनली एटीन परसेंट लीडर्स ऑफ द अदर पार्टीज लाइक सीपीआई, सीपीआई (एम), एआईएडीएमके, टीडीपी थिंक दैट जयराम रमेश इज करेक्ट ह्वेन ही सेज दैट दीज इंस्टीच्यूशंस आर नॉट वर्ल्ड क्लास."
इस ओपिनियन पोल के बारे में अपनी राय देते हुए प्रसिद्द इतिहासकार श्री रामचंद्र गुहा ने याद दिलाया कि कैसे एक बार गाँधी जी ने भी विश्वभारती की आलोचना की थी और उसे बड़ा संस्थान मानने से इन्कार कर दिया था.
राजदीप सरदेसाई के साथ अपने ओपिनियन पोल का विश्लेषण करते योगेन्द्र यादवराजदीप सरदेसाई के कम्पीटीटर अरनब गोस्वामी ने भी अपने चैनल टाइम्स नाऊ पर अपने प्रोग्राम न्यूज-आवर में एक पैनल डिस्कशन के दौरान कहा; "ह्वेन योर चैनल केम अप विद द प्रूफ दैट स्टैण्डर्ड इन दीज इंस्टीच्यूशंस हैज बीन डिक्लाइनिन्ग सिंस पास्ट कपुल ऑफ डिकेड्स, पीपुल्स लाइक कलमाडी, जयराम रमेश एंड राजा हैड क्रिटीसाइज्ड अस. नाऊ दोज सेम पीपुल्स आर सेयिंग ह्वाट योर चैनल हैज बीन सेयिंग फोर सो मेनी ईयर्स."
अरनब गोस्वामी ने जयराम रमेश के इस बयान को टाइम्स नाऊ इफेक्ट बताते हुए कहा; "वी स्टैंड विंडिकेटेड अगेन."
मुद्दे पर बहस के दौरान टाइम्स नाऊ के स्टूडियो में अरनब गोस्वामी
खबर यह भी है अरनब गोस्वामी ने न्यूज आवर पर इस पैनल डिस्कशन में बोलने के लिए रेणुका चौधरी को भी इनवाइट किया था लेकिन वे इसलिए नहीं आईं क्योंकि उन्हें यह शक था कि अरनब गोस्वामी उनसे हसन अली द्वारा उन्हें भेंट किये गए एक करोड़ बीस लाख रूपये के हीरों की बाबत कोई सवाल न पूछ लें.
परेशान रेणुका चौधरी
आज सुबह से यह खबर भी है कि द हिंदु में छपे एक विकिलीक्स केबिल के अनुसार साल २००७ में अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी के साथ अपनी बातचीत में जयराम रमेश ने आईआईटी और आईआईएम को विश्वस्तरीय बताया था.
चूंकि यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इसपर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने भी अपनी राय दी. ममता जी ने मीडिया के सामने एक महिला को प्रस्तुत किया जिसके बेटे का एडमिशन फीस न देने के कारण आईआईटी में नहीं हो पा रहा था. ममता जी ने उस महिला को चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड से पाँच लाख रूपये देने का एलान करते हुए जयराम रमेश के बयान के बारे में कहा; "लुक आई ऐम ए पीपुल्स चीफ मिनिस्टोर. अगर पीपुल चाहेगा तो हम इसका बारे में केंद्र सोरकार से बात करुँगी. हमको तो लगता है कि जोदि आई आई टी औउर आई आई एम का अस्तोर गिरा है तो इसमें बाम फ्रोन्ट का हाथ है."
पत्रकारों को एक माँ से मिलवाते हुई सुश्री ममता बनर्जीकल शाम आईपीएल में खेले जा रहे तथाकथित क्रिकेट के बारे में अपने एक्सपर्ट कमेन्ट के बीच जब नवजोत सिंह सिद्धू से जयराम रमेश के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा; "देख सुन ले गुरु, जयराम रमेश क्या हैं? एक नेता हैं. और नेता कौन होता है? गुरु नेता वो होता जो लोगों को आपस में जोड़ सकता है. उन्हें तोड़ सकता है. हाथ जोड़ सकता है तो गर्दन भी मरोड़ सकता है. नेता मासूम है तो नेता माजीद भी है. कभी दिलदार है तो कभी बत्तमीज भी है. नेता की गहराई को समझना उतना आसान नहीं गुरु, ये वो खुजली है जो नुक्कड़ की पान दुकान से लेकर संसद तक फैली है. जो बन्दों को उलझा दे ऐसी चम्बल की वैली है और कुल मिलाकर गुरु राम तेरी गंगा मैली है."
स्टूडियो में बैठे भूतपूर्व क्रिकेटर अरुण लाल ने हमेशा की तरह इस बात पर भी नवजोत सिद्धू का विरोध किया.
श्री रमेश के बारे में अपनी राय देते हुए श्री सिद्धूइस मुद्दे पर अपने बयान में राहुल गाँधी ने कहा; "आज अगर नेहरु-गाँधी परिवार का कोई मेंबर देश का प्रधानमंत्री होता तो आईआईटी और आईआईएम का स्टैण्डर्ड नहीं गिरता."
कुछ टीवी चैनलों और अखबारों ने हमेशा की तरह श्री गाँधी के बयान की सराहना करते हुए उनके अन्दर देश के भविष्य का दर्शन कर डाला. एक अखबार ने इसी मौके पर एक सर्वे छापते हुए बताया कि उनके इस बयान की वजह से देश की छिहत्तर प्रतिशत जनता राहुल जी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है.
उधर कर्णाटक के मुख्यमंत्री श्री येदुरप्पा, जो फिलहाल दिल्ली के दौरे पर हैं, से मीडिया ने जब जयराम रमेश के बयान पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने छूटते ही मीडिया वालों से यह सवाल किया कि; "एक आईआईटी बनाने के लिए कितनी ज़मीन लगती है?"
चूंकि किसी पत्रकार के पास इस बात का जवाब नहीं था इसलिए बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई.
आज दोपहर बंगलुरु में एक भवन का उद्घाटन करने के बाद बातचीत के दौरान कर्णाटक के राज्यपाल श्री हंसराज भारद्वाज ने श्री रमेश के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा; "श्री रमेश ने जो कहा है वह मुझे शत-प्रतिशत सही लगता है और मैं आपसब को बता दूँ कि अगर मैं मानव संसाधन विकास मंत्री होता तो देश के आईआईटी और आईआईएम की सरकारों को गिरा देता...सॉरी सॉरी मेरा मतलब मैं उनके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को डिशमिश कर देता."
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को डिशमिश करने की बात करते श्री भारद्वाजश्री रमेश के बयान की वजह से केन्द्रीय सरकार के सभी मंत्रियों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. जब वित्तमंत्री प्रनब मुखर्जी से एक पत्रकार ने श्री रमेश के बयान के बारे में बोलने को कहा तो उन्होंने पहले सोचने के लिए करीब पंद्रह मिनट माँगा और फिर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा; "उइ होप दैट दीस फालिंग स्टेंडोर्ड आफ दीज ईंसीट्यूशोंस उविल नॉट आफेक्ट आभर जीडीपी ग्रोथ ऐंड इंडिया उविल कांटिन्यू टू ग्रो बाइ एट एंड आ हाफ पारसेंट."
अपने विचार व्यक्त करने से पहले सोचते हुए वित्तमंत्री श्री प्रनब मुखर्जीवित्तमंत्री श्री प्रनब मुखर्जी की बात का समर्थन प्रधानमंत्री ने भी किया. अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले जब पत्रकारों ने प्रधानमंत्री से श्री रमेश के बयान के बारे में पूछा तो उनका जवाब था; "इंडिया इज फास्टेस्ट ग्रोविंग इकॉनोमी इन द वर्ल्ड. दिज शोज दैट आई आई टी एंड आई आई एम आर वर्ल्ड क्लास इंस्टीच्यूशंस."
तिहार जेल में रह रही अपनी बेटी कनीमोई से मिलने आये तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री श्री करूणानिधि ने श्री जयराम रमेश के इस बयान को समर्थन करते हुए कहा; "आईआईटी यई पत्ती तंबी जयरामइन करुत्तु~ एनक्कु~ मुनकुट्टी आग्वे थेरियुम अड्नाल थान नान~ एन~ मगन~ अड़गीरी अंग पडिक्क~ अनुप्प~~विल्लइ~"
(जो लोग़ यह सोचकर आश्चर्य कर रहे हैं कि श्री करूणानिधि के कहने का तात्पर्य क्या है मैं उन्हें बताना चाहूँगा कि उनके कहने का मतलब है कि वे श्री जयराम रमेश के बयान का समर्थन करते हैं और उन्हें पहले से ही पता था कि आईआईटी और आईआईएम वर्ल्ड क्लास नहीं हैं. इसीलिए उन्होंने अड़गिरी को वहाँ पढ़ने के लिए नहीं भेजा.)
श्री जयराम रमेश की बात का समर्थन करते श्री करूणानिधिबहस जारी है अगर कोई नई खबर मिलेगी या कोई और अपना बयान जारी करेगा तो मैं यहाँ ऐड कर दूंगा. फिलहाल तो इतना ही.
बहस जारी रखना चाहिए और इसमें यह भी तय किया जाना चाहिए कि क्या कानीमोइ महिला है और क्या हमारे मिनिस्टर भर्ल्ड क्लास हैं :)
ReplyDeleteचकाचक!
ReplyDeleteअरनब को सरदेसाई का प्रतिस्पर्धि बताना, अरनब का अपमान है. हमारा विरोध दर्ज करें.
बयान से लगता है राहुल गाँधी का आई.क्यु बढ़ा है. वरना कहा जाता कि युपी में ये संस्थान है इसलिए स्तर गीरा हुआ है. :)
वाह.....छील डाला सबको......
ReplyDeleteबहुत बहुत जरूरी था यह .....
ढेर सारा थैंक्स...एकदम दिल से..
सर, क्या मोदी ने इस बयान को गुजरात की अस्मिता से नहीं जोडा? क्या मोदी का ऐसा बयान नही आया कि रमेश का यह बयान गुजरात विरोधी है क्योंकि सबसे अच्छा आईआईएम इधर ही है?
ReplyDeleteबहुत ही रोचक पोस्ट...
ReplyDeleteसबका अंदाज-ए-बयाँ समेट लिया है...
नितीश कुमार जी ने मुस्कुराते हुए एक प्रेस कांफेरेंस में कहा; "आ ऊ पगला गए हैं."
ReplyDeleteBAMPILAT.......JAI HO...
PRANAM.
dho dala...
ReplyDeleteVery nice. Reactions from Manish Tiwari, Brinda karat, Mahesh Bhatt, Poonam Pandey, Prakash Javdekar , Chandu and Gajodhar bhaiya are needed too.
ReplyDeleteआपने तो करूणानिधि को भी नहीं छोड़ा! वो सोच रहे थे शायद बच जायेंगे.
ReplyDeleteहमे लगता है. नहीं नहीं यकीन है.. अबके बाद ये सब मनोज कुमार पोज़ में फोटू खिंचवायेंगे.
गुरुदेव! आपकी लिप रीडिंग-टेलेंट से सब सच सामने आ जाता है!
सारदेसाई जी के ओपिनियन पोल से अभी तक सर हिला हुआ है.
यह पोस्ट नहीं गुरुदेव, बी.बी.सी. की डोक्युमेंटरी है.
बढ़िया मध्य-सप्ताह इंटरटेनमेंट!
धन्यवाद!
अपनी अपनी प्रकृति है, अपना अपना चाव।
ReplyDeleteगजब कर डाला आपने। मस्त...
ReplyDeleteनितिन व्यास जी की फरमाइश पूरी करें।
मायावती जी का बयान न छापने के कारण आपके ऊपर दलित विरोधी व मनुवादी होने का आरोप लगना तय है। जल्दी गलती सुधारें।
हम बीस मिनट देर से पहुंचे, त्रिपाठी जी बाजी मार गये। खैर हमारा भी विरोध दर्ज करें, भट्ठा पारसौल की बात की, और बहनजी की बात नहीं की। आप ब्राहणवादी, मनुवादी और दलित विरोधी हैं।
ReplyDeleteवैसे असली गुस्सा तो इसलिये आ रहा है कि रेणुका जी की तस्वीर नहीं लगाई गई। या तो नाम भी नहीं लिखना था, लिखा तो फ़िर तस्वीर भी लगानी चाहिये थी। हमारा विरोध दर्ज किया जाये।
@संजय भाई,
ReplyDeleteआपकी डिमांड पर फोटो लगा दी गई है. मुझे शायद पहले ही लगा देना चाहिए था क्योंकि रेणुका जी को लोग़ फोटो से ज्यादा पहचानते हैं:-)
मैं समझ नहीं पा रहा कि जयराम रमेश की जेब में जो दिख रहा है वह कलमों का सेट है या कुछ तमगा टाईप वस्तु है।
ReplyDeleteयदि कलम हैं तो जानना दिलचस्प होगा कि वो इतने सारे कलमों का करते क्या हैं ;)
पोस्ट तो राप्चिक हैइए है :)
तगड़ी रिपोर्टिंग की है सर जी। मजा आ गया।
ReplyDeleteवैसे वाकई आप दलित विरोधी हैं जी जो आपने मायावती का बयान नहीं छापा।
खबर मिली है कि मायावती ने माँग की है कि आइआइटी और आइआइऍम को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिये उनमें दलित अध्यापकों और छात्रों को 50% आरक्षण दिया जाय।
बहस-प्रधान देश के बहस-वादी नेता! नेता लोग तो वर्ल्ड क्लास हैं--सबके पास आँख, कान, नाक और दिमाग है--परन्तु बहस के टोपिक थर्ड क्लास हैं!
ReplyDeleteबहुत ही शानदार बहस, बहुत खूबसूरत अंत,के साथ फिर से प्रारंभ होने वाली बहस, इतने बड़े बेशर्मों को भारतीय संविधान ही छुपा सकता है, किन्तु आपसे बच ना सके..
ReplyDeleteहा हा ...गज्जब...इसको कहते हैं "बरसाती चप्पल भिंजा के मारना" ..एकदम गर्दा रिपोर्टिंग :D
ReplyDeleteऔर कुल मिलाकर गुरु ये तो भल्ड क्लास है ही.
ReplyDeleteइस बार तो आप बंधू कमाल किये हैं...शानदार रिपोर्टिंग....समझ नहीं आ रहा के आप फोटू देख कर रीपोर्ट लिखे हैं या फोटू रीपोर्ट पढ़ कर लोग खिचवाये हैं...एक दम से बोले तो चकाचक पोस्ट है...पालटिक्स हमारी समझ के बाहर की चीज़ है फिर भी आपकी पोस्ट पढ़ कर खूब आनंदित हुआ हूँ हम...सच्ची...
ReplyDeleteनीरज
read it
ReplyDelete@ स्तुति - बहुत दमदार शब्द मिला - गर्दा रिपोर्टिंग!
ReplyDeletekripya bahas jaari rakhe....vaise puri bahas majedaar lagi...lekin Siddhuji ke line hame bahut aachi lagi.. "नेता की गहराई को समझना उतना आसान नहीं गुरु, ये वो खुजली है जो नुक्कड़ की पान दुकान से लेकर संसद तक फैली है."...
ReplyDeleteउड़ी बाबा.. भिशोण रिपोर्टिंग
ReplyDeleteएक शब्द याद आ रहा है- धांसू। एक-एक की अच्छी खबर ली है। बहुत ही आनन्ददायक व्यंग्य, बधाई।
ReplyDeleteउत्तम कोटि का व्यंग.
ReplyDeleteहा हा बहुत आनन्द आ रहा है इन सभी महानुभावों के विचार पढ़कर...
ReplyDeleteVery Interesting.
ReplyDeleteइस व्यंग्य को पढ़्ते वक़्त हमेशा चेहरे पर मुस्कान तैरती रहती है।
ReplyDelete@ मनोज कुमार की बात से सहमत! :)
ReplyDelete:-) world class reporting..
ReplyDeletesoniya ji ki pratikriya??
ReplyDeleteखतरनाक रिपोर्टिंग :) :)
ReplyDeleteLOL,one of the best satires I have read...Like we ask the music directors ki pehle gaana likhwaaye ki music banaaye...aapne pehle tasveer collect kiye ki lekh likhaa...so so perfect.And the language of each of them is so awesomely like theirs that we would think its those guy's actual words.Would love this debate to continue with others whom you have missed...esp.Digg(ing}y and Em{p}tyTiwari...On a serious note,the vyang is on us for digesting this BS for so long....
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