पण्डित शिवकुमार मिश्र को याद नहीं तो आत्मप्रचार खुदै करना होगा। आज से उनतीस साल पहले यह पारम्परिक जोरा-जामा-मुकुट पहन कर रीता के साथ मैं विवाह सूत्र में बंधा।
उस समय के हिसाब से भी मैं बड़ा कंजरवेटिव था। अन्यथा इस जोकरई पोशाक को उस समय भी स्वीकार नहीं करते थे युवा लड़के!
ज्ञान जी और रीता भाभी को बधाई हो शादी की सालगिरह की!
ReplyDeleteपोशाक बुरी तो नहीं है, बस वाजिद अली शाह की याद दिला रही है। हाँ रीता भाभी अधिक आधुनिक लग रही हैं।
ReplyDeleteशादी के सालगिरह पर हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई....पोशाक परम्परा के हिसाब से थी...तो चलता है...
ReplyDeleteपंद्रह साल पहले मैं भी ये पहन चुका हूँ। कम्बख्त पीले रंग का एक जोकराधिराज लग रहा था।
ReplyDeleteआज सोचता हूं तो हंसी आती है और एक प्रकार का सूकून भी कि चलो मैंने यह भी कर के देख लिया है :)
उस समय अच्छी पोशाक चलती थी और दूल्हे राजा किसी मुगलेआजम से कम नहीं दिखते थे .
ReplyDeleteशादी के सालगिरह पर हार्दिक बधाई
ज़ालिम तेरी चाह ने क्या से क्या बना दिया..
ReplyDeleteबड़े बुज़ुर्गों का मान रखने के बहाने से में जो न हो जाय, वह थोड़ा है !
अपने मन में तो लड्डू फोड़ रहे और हमें भले ही आप न खवायें मिठाई
बाँधें जाने की सुस्मृतियों के इस अवसर पर बधाई !
शुभचिन्तक पाठको को आज मोडरेशन से राहत देने हेतु ही शिवभाई ने अपना स्थान रिक्त किया होगा !
ReplyDeleteयह एक टेन्टेटिव डायग्नोसिस मात्र है ।
शादी की सालगिरह पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहमारी भी बधाई व शुभकामनायें स्वीकार करें।
ReplyDeleteहमने इस तारीख को यहाँ जोड़ लिया है।
भैया और भाभी को बधाई हो बधाई !
ReplyDeleteवैसे आप बड़े भोले और पढाकू टाइप के हुआ करते थे. दिनेशजी की बात बिलकुल सही है... भाभीजी ज्यादा आधुनिक लग रही हैं. और जोर-जामा के तो क्या कहने !
शादी की सालगिरह की हार्दिक बधाई और आप दोनो ही बडे जंच रहे हो साहबजी इस ड्रेस मे तो.
ReplyDeleteरामराम.
भैया, सच में भूल गया.
ReplyDeleteआपको विवाह के सालगिरह की हार्दिक बधाई. सच बात है कि उन दिनों से ही लोगों ने जोरा-जामा को डिस्कार्ड करना शुरू कर दिया था. लेकिन आपने पहना. यह अपनी संस्कृति के प्रति निष्ठां की बात है. कंजर्वेटिव होना या न होना तो अलग बात है.
शादी की सालगिरह मुबारक .....परम्पराओं को मानने का भी अपना ही मज़ा है ,हांलांकि ये देखने वाले को मानने वाले की अपेक्षा ज्यादा मज़ा देता है ...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई। मैंने यह वस्त्र कभी नहीं देखा था।
ReplyDeleteघुघूतीबासूती
चिरजीवै जोरी जुगल,क्यों न सनेह गम्भीर-शतशः बधाई।
ReplyDeleteज्ञान जी, आप दोनों को विवाह की वर्षगाँठ की अनेकानेक बधाई!
ReplyDeletebadhai aur dher saari shubh kaamnaayein
ReplyDeleteCongratulations ...:)
ReplyDeleteहमारी भी बधाई व शुभकामनायें स्वीकार करें सर जी ,जोड़ा -जामें का आनंद ही कुछ और था .
ReplyDeleteहमारी भी बधाई व शुभकामनायें स्वीकार करें।
ReplyDelete.....और वाजिद अली शाह वाली कमेन्ट मजेदार है :)
dheron subhkamanaye hamari bhi ..
ReplyDeleteशादी के सालगिरह पर हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteशादी की सालगिरह पर हार्दिक बधाई
ReplyDeletebahut bahut badhai
ReplyDeleteहम लोग तो अपनी संस्कृति और संस्कार भूल कर बिदेसिया बनते जा रहे है। शोचनीय तो यह है कि हम अपनी हर चीज़ का मखौल उडाने को मॊडर्न का जोरा-जामा पहनाते है:)
ReplyDeleteहमारी भी बधाई व शुभकामनायें
ReplyDeleteपर मिठाई किधर है जी
न मुस्कराने का ये शौंक आप तभी से पाले है.........खैर जब बता ही दिया तो एक ठो रसगुल्ले का डब्बा अपनी ट्रेनवा से इधर भिजवा दे....हम बधाई कम्पूटर से ठेल रहे है....आदरणीय भाभी जी को भी.
ReplyDeleteशादी की सालगिरह पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteदेर से सूचन मिल पाई. माफ़ करिएगा.
ReplyDeleteबहरहाल भाभी जी को उनके विजय पर्व की वर्षगांठ पर बधाई और आपके औपनिवेशीकरण दिवस पर आपके प्रति गहरी सहानुभूति.
वैसे जोरे-जामे में आप जम रहे हैं.
भला हो भाई अनूप सुकुल जी का "चिठ्ठा चर्चा " से यहाँ आये और आप व सौ. रीता भाभी जी की शादी के अवसर की तसवीर भी देख ली और खूब मुस्कुराये ;-)
ReplyDeleteशिव भाई, ..का साझा ब्लोग आज खूब जँच रहा है आपको शादी की सालगिरह की बधाई व शुभकामनाएँ ..
- लावण्या
बनी रहे जोड़ी दूल्हा दुल्हन की रामजी . ठीक २१ साल बाद डायमंड जुबली की प्रतीक्षा मे . हम सब
ReplyDeleteडायमंड जुबली इसे कहते हैं, शायद आपका तात्पर्य गोल्डन जुबली से था। हम तो बधाई देते हुये इतना ही कहेंगे कि ये जोड़ा प्लेटिनम जुबली मनाये
ReplyDeleteदेर से आने का अफसोस है पाण्डेय साब....शादी की साल्गिरह बहु-बहुत मुबारक हो!!
ReplyDeleteऔर इस जोरा-जामा का जिक्र खूब भाया, हमारी पीढ़ी तो शायद इसका नाम तलक न जानती हो....
ज्ञानजी हमने पहली बार दूल्हे की ऐसी वेशभूषा देखी... वैसे आप दोनो की जोड़ी खूब लग रही है... सालगिरह पर आप दोनो को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteअपने बड़े भाई की शादी (२७अप्रैल)की २५वीं सालगिरह (सिल्वर जुबिली) के जश्न में गोरखपुर चला गया था। इसी बीच आपकी सालगिरह भी हो ली। देर से ही सही, मेरी बधाई भी स्वीकारें।
ReplyDeleteमिठाई खाने बहुत जल्द हाजिर होते हैं।
बधाई तो बनती ही है जी.. वो तो ले लीजिये पर मिठाई भी तो बनती है वो कैसे ली जाये?
ReplyDeleteबार बार ये दिन आये...मेनी हेप्पी रिटर्न ऑफ़ द दे"
ReplyDeleteये जोड़ी सदा यूँ ही जवान...मुस्कुराती रहे....( और कभी खोपोली चली आये)...आमीन...
नीरज