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Monday, August 3, 2009

दुर्योधन की डायरी - पेज १३६९


@mishrashiv I'm reading: दुर्योधन की डायरी - पेज १३६९Tweet this (ट्वीट करें)!

कहते हैं फ्रेंडशिप डे की शुरुआत अमेरिका में हुई. अब आप तो जानते ही हैं कि पश्चिम के देशों में उन्नीसवीं और बीसवीं सदी में जो भी आविष्कार हुए, वे हमारी संस्कृति में हजारों साल पहले ही हो गए थे. परमाणु संरचना के बारे में विकसित देश हाल ही में बता पाए लेकिन हमलोगों के कणादि ऋषि ने सबकुछ पहले ही निबटा दिया था. इसके अलावा और भी बहुत कुछ है जो हमारे पूर्वज पहले ही निबटा चुके हैं.

ऐसे में मैं भी साबित कर सकता हूँ कि फ्रेंडशिप डे का अविष्कार अमेरिका ने नहीं किया. इस मामले में अमेरिका वाले झूठे हैं. अपनी संस्कृति में पांच हज़ार साल पहले से मनाया जाता रहा है. आपको विश्वास न हो तो दुर्योधन की डायरी के वह पेज पढ़िये जो उन्होंने फ्रेंडशिप डे के दिन लिखा था....:-)

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आज फ्रेंडशिप डे है. आज सुबह जब से नींद से जागा, एस एम एस आते जा रहे हैं. न जाने कहाँ-कहाँ से. अवन्ती के राजकुमार का एस एम एस तो सबसे मजेदार था. लिखा था;

"मित्रता धोतिका में सूसू की तरह होती है. अन्य जन केवल इसे देख सकते हैं लेकिन तुम इसकी उष्णता को महसूस कर सकते हो. अब मित्रता की उष्णता को महसूस करने के लिए धोतिका में सूसू मत कर देना. (स्माइली).

फ्रेंडशिप डे की हार्दिक शुभकामनाएं."


कैसे-कैसे एस एम एस? दुशासन सुबह से ही सेल लिए बैठा था. आज किसी काम को हाथ नहीं लगाया उसने. केवल एस एम एस रिसीव कर रहा हैं और भेज रहा है. न जाने कितनी गर्लफ्रेंड हैं इसकी. सन्देश भी ऐसे-ऐसे कि पढ़कर समझ नहीं आता कि मनुष्य हँसे कि रोये?

आज तो ऐसे लोग भी मेसेज भेज रहे हैं जिनसे मेरा झगड़ा चल रहा है.

सुबह-सुबह केशव ने भी एस एम एस करके फ्रेंडशिप डे मना डाला. फ्रेंडशिप हो या नहीं, मेसेज भेजकर लोग फारिग हो ले रहे हैं.

अवंती के राजकुमार का मेसेज कर्ण को फॉरवर्ड कर दिया मैंने. पढ़कर बिदक गया. तुंरत दूरभाष करके बोला; "ये किस तरह का अहमकपना है मित्र? मित्रता को सूसू बता रहे हो? अरे मित्रता क्या किसी एस एम एस की मोहताज है?"

समझ में नहीं आया कि क्या कहूँ? वैसे भी ये बंदा इतना सीरियस रहता है. मैंने सोचा कि मेरा एस एम एस देखकर थोड़ा मुस्कुरा लेगा लेकिन ये ठहरा जन्मजात सीरियस आदमी. किसी बात का असर ही नहीं पड़ता इसके ऊपर.

आज जयद्रथ और विकर्ण खूब खुश हैं. किसी कंसल्टेंट्स के कहने पर दोनों ने आठ-दस एस एम एस बनवाकर दो-चार लोगों को फॉरवर्ड कर दिया था. उसके बाद तो लगा कि प्रजा जन को और कोई काम ही नहीं है. न तो कोई अपनी दूकान पर अपनी ड्यूटी कर रहा है और न ही कोई आफिस में. सब जयद्रथ और विकर्ण के फॉरवर्ड किये मेसेज भेजने में लगे हुए हैं.

विकर्ण इस बात से खुश है कि फ्रेंडशिप डे पर हस्तिनापुर टेलिकम्यूनिकेशन्स लिमिटेड की एस एम एस से ही कमाई बहुत होगी. बता रहा था कि फ्रेंडशिप डे पर मेसेज से इसबार कंपनी की कमाई पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना ज्यादा होगी.

उधर जयद्रथ ने अपने किसी चमचे की पार्टनरशिप में ग्रीटिंग कार्ड्स और फ्रेंडशिप बैंड का धंधा कर लिया है. बता रहा था कि फ्रेंडशिप बैंड की बिक्री पिछले चार दिनों से खूब हुई. कार्ड्स और बैंड की दूकान के सामने ही उसने तीन-चार तथाकथित शायरों और कवियों को बैठा दिया है जो कार्ड पर चवन्नी शायरी मुफ्त में लिख रहे हैं.

शायद इसी वजह से उसका धंधा इस बार खूब जोर हुआ है.

जयद्रथ ने सुझाव दिया कि मैं एक मेसेज एकलव्य को भेजकर उससे फ्रेंडशिप कर लूँ. बता रहा था कि एकलव्य के साथ फ्रेंडशिप आगे आने वाले समय में बहुत लाभदायक होगी. एक बार तो मन में आया कि उसके साथ मित्रता कर लूँ फिर सोचा कि गुरु द्रोण ने अंगूठा तो पहले ही कटवा लिया है. ऐसे में क्या तो वो धनुष-वाण चलाएगा?

यही सोचकर मैंने जयद्रथ का यह सुझाव खारिज कर दिया.

खैर, दुशासन और जयद्रथ ने आज रात को फ्रेंडशिप डे पर पार्टी का आयोजन किया है. सुबह से ही राजमहल में लाऊड स्पीकर पर फ़िल्मी गाने बज रहे हैं. "यारी है ईमान मेरा यार मेरी ज़िन्दगी से लेकर ये दोस्ती हम नहीं तोडेंगे" तक कोई भी गीत छूटा नहीं है.

चलता हूँ अब. पार्टी के लिए परिधान के सेलेक्शन में ही बहुत समय लग जाएगा. उसके बाद माला, परफ्यूम वगैरह के लिए और समय.....

आज तो पार्टी में मज़ा आ जाएगा.

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फुटनोट:
आज पार्टी में जाने से पहले ही डायरी लिख डाली. क्या पता पार्टी में कोल्ड ड्रिंक्स और पिज्जा खाने के बाद डायरी लिखने का होश रहेगा या नहीं.

23 comments:

  1. अच्छा अच्छा !

    तो दुर्योधन जी दोपहर के समय डायरी लिखते थे !

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  2. बड़ी उष्ण पोस्ट है जी। झकास!

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  3. ये दोस्ती हम नहीं तोडें-गे
    तोडें-गे दम मगर.. तेरा साथ ना छोडें-गे

    दुर्योधन यदि आज पैदा होता तो दोस्ती की नहीं दोस्ताना की बात करता.. उसकी उष्णता और भी उष्ण होती है :)

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  4. मुझे तो घुन्नन की याद आ रही है। उसका मोबाइल नम्बर ही नहीं मालुम - एस.एम.एस. कैसे करूं! :)

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  5. @ ज्ञान जी,

    आपके लिए कबूतर सही रहेगा !

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  6. ओय..होय..होय..हैप्पी फ्रिंडशीप डे...मुबारक हो...बड़ा अनर्थ हो गया..किसी को एस एम एस तक ना किया...


    बहुत दिनों बाद डायरी दिखी...दूर्योधन भी ना...कोई "इवेंट" होती है तभी लिखता है :)

    मजा आया जी....

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  7. चलो जी दुर्योधन ने कम से कम कोई तो अच्छा काम किया. वरना वो तो हमेशा ही लड़ने की जुगाड़ में रहता है.

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  8. ये किस तरह का अहमकपना है मित्र? मित्रता को सूसू बता रहे हो?


    -हैप्पी फ्रिंडशीप डे! :)

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  9. आजकल दुर्योधन भाईसाहब लिखने के मामले बडे चूजी हो गये हैं. पहले तो जब इच्छा आई लिख दिया करते थे और आजकल तो बस खास खास मौके पर ही दर्शन देते हैं जनता के बीच. कहीं कोई और महाभारत की जोगाड मे तो नही हैं?:)

    रामराम.

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  10. एकलव्य को तो एसएमएस करने में भी समस्या होती होगी । अँगूठा नहीं रहने से मोबाइल की प्रोडक्टिविटी तो आधी रह जायेगी ।

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  11. आलेख कुछ अधिक एसेमेसिया गया।

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  12. -हैप्पी फ्रिंडशीप डे! :)शिवकुमार G. Without any SU Su
    Agar Duryodhan ne ek SMS Pandavon ko bhi Bheja hota to Mahabharat Na hota.

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  13. "इस मामले में अमेरिका वाले झूठे हैं." वैसे भी, किस मामले में वे सच्चे हैं। अब धोतिका को ही लीजिए, वे साथ में अण्डरवेट की बात करेंगे:)

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  14. झकास ! हमको तो कौनो एसेमेस नहीं आया. दुई चार स्क्रैप और ईमेल जरूर आये, वैसे कर्ण का कोई एसेमेस नहीं आया. सच्ची दोस्ती तब भी एसेमेस की मोहताज नहीं थी लगता है.
    समीरजी फ़ोन किये तो और बोल दिए की अमेरिका-कनाडा में पहली बार किसी ने कॉलर ट्यून लगाई है. अब जिंदगी भर कॉलर ट्यून को गरियाते रहे और यहाँ पता नहीं कौन गाना 'ऑफर' में लगा दिया है. अब तो किसी को नंबर देने में भी सोचना पड़ेगा :) पता चला ऑफर हटाने के किये फ़ोन करुँ और उसके पैसे काट ले तो !

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  15. सही है.. ये तो हिन्दुस्तान की देन है..

    देर से सही पर आपको ये दिन मुबारक

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  16. एक दिन दोस्‍ती के नाम :)

    आपने आज कर्ण को याद अच्‍छा लगा।

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  17. मैंने पत्नी से कहा- अजी सुनती हो, आज मैने सौ रुपये बचाये।
    पत्नी: अच्छा, ये तो बहुत कमाल की बात है। लेकिन ये कैसे किया?
    मैं: मैने आज सैकड़ो sms नहीं किए।
    पत्नी: वो तो तुम कभी नहीं करते हो।
    मैं: लेकिन आज फ्रेण्डशिप डे था।
    पत्नी: फिर तो हमारे पाँच सौ रूपये बच गये होते जो मुझे भी पहले बताया होता।

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  18. Happy friendship day, Duryodhan jee. Bataiyega party kaisee rahee.

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  19. परम आदरणीय सेवा में नम्र निवेदन है की दुर्योधन ने अपनी डायरी में चाहे जितने पन्ने लिख कर रंग डाले हों लेकिन अवन्ती के राजकुमार के जुमले सा मजा कभी नहीं ला पाए...मित्रता की ऐसी विलक्षण परिभाषा न कभी पढ़ी न कभी सुनी...वाह...जीवन धन्य हो गया हमारा तो...दुर्योधन ने अवन्ती के राज कुमार का नाम अमर ना हो जाये इस डर से उसका नाम अपनी डायरी में नहीं दिया... लेकिन उनके एक जुमले से सिद्ध हो गया की अवन्ती के लोग हस्तिनापुर के लोगों से अधिक कुशाग्र बुद्धि के थे...
    नीरज

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  20. sach kaha sir ji

    aajkal dosti sirf sms par tik gayi hai , aapne to bahut acchi tarah se peedha ko warnit kiya hai .. badhai ..

    aabhar

    vijay

    pls read my new poem "झील" on my poem blog " http://poemsofvijay.blogspot.com

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  21. हमारे यहाँ से बिसराए कितने ही रिवाजों/उपयोगी बातों से ये पश्चिम देश हमें फिर से परिचित करा रहे हैं,इसके लिए तो हमें दिल से आभारी होना ही चाहिए,नहीं ?

    अब देखो,तुमने दुर्योधन जी की डायरी पढी थी तो तुम्हें भले पता था की मित्रता दिवस की परंपरा पांच हजार वर्ष पहले हमारे देश में थी , लेकिन हमने तो यह बात पांच छः साल पहले जब पश्चिमी सभ्यता के स्टार प्रचारक भारतीय मिडिया ने बताया तभी न जान सके......तो हमें तो अमेरिका का ऋणी होना ही चाहिए....

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  22. हूं! सही जा रहे हैं गुरू! ई सब ससुरा फ्रेंड को शिप बनाने वालों के जमाते है. इनका का पता फ्रेंड्शिप केके कह्ते हैं.

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टिप्पणी के लिये अग्रिम धन्यवाद। --- शिवकुमार मिश्र-ज्ञानदत्त पाण्डेय