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शाहिद आफरीदी हैं न. अरे वो पाकिस्तान वाले. अरे वही जो यंग हैं. अरे यार, वही विश्व के नंबर एक खिलाड़ी.... अरे गजब हो.... नंबर एक क्या केवल तेंदुलकर ही हो सकते हैं? अरे वही यार, जिनको आई पी एल में नहीं लेने पर झमेला हो गया.
हाँ वही-वही. दो दिन पहले आस्ट्रेलिया की आस्ट्रेलियाई पिच पर क्रिकेट की बाल चबाते हुए देखे गए. आफरीदी को बाल चबाते देख, पाकिस्तानी टीम मैनेजमेंट को बहुत गुस्सा आया. उन्होंने प्लान बनाया कि वे इस बात की शिकायत आई सी सी से करेंगे. वे उन्हें बताएँगे कि आस्ट्रेलिया में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को ढंग से खाना नहीं खिलाया जाता. खाना नहीं मिलने की वजह से खिलाड़ी भूखे रहते हैं और बाल चबाने लगते हैं. यही कारण है कि पाकिस्तानी टीम आस्ट्रेलिया में एक भी मैच नहीं जीत पाई.
अभी मैनेजर साहब शिकायत ड्राफ्ट कर ही रहे थे कि किसी ने उन्हें बताया कि जिसे वे भूख बताने पर आमादा हैं, असल में उसे बाल टेम्पेरिंग कहते हैं. मतलब बाल के साथ छेड़-छाड़. उन्हें इस बात पर विश्वास ही नहीं हुआ. पिछले कई वर्षों से पाकिस्तानी टीम के साथ रहकर उन्होंने यही जाना था कि छेड़-छाड़ केवल महिलाओं के साथ हो सकती है. खुद आफरीदी भी एक बार हवाई जहाज में लड़की से छेड़-छाड़ करते धर लिए गए थे.
जितना ड्राफ्ट किया गया था, उसे सेव कर के छोड़ दिया गया. बाद में अम्पायर लोगों ने बताया कि आफरीदी तो बाल के साथ सचमुच छेड़-छाड़ कर रहे थे. अब तो छेड़-छाड़ का ये मामला मैच रेफरी तक जाएगा.
यह सब सुनकर मैनेजर बोले; "मैं मान ही नहीं सकता जी. अल्ला-ताला के फज़ल से बाल टेम्पेरिंग वो होती है जो कोक की बोटल कैप से की जाय. इमरान भाई ने इसी को बाल टेम्पेरिंग बताया था. वे खुद भी ऐसे ही बाल टेम्पेरिंग करते थे."
किसी ने कहा; "उसी अल्ला-ताला के फज़ल से अब जमाना बदल गया है. अब बाल टेम्पेरिंग ऐसे भी होती है जैसे आफरीदी ने किया है. बाल को ही चबा जाओ. काहे कोक की बोटल का एहसान लो?"
मैनेजर साहब इस बात पर आश्वस्त हुए कि पाकिस्तानी क्रिकेट सही तरक्की कर रहा है.
बाद में शाहिद आफरीदी ने माना कि जो उन्होंने किया उसे बाल टेम्पेरिंग ही कहते हैं. टीम मैनेजमेंट के ह्रदय में क्रैक हो गया. टीम मैनेजमेंट ने सोचा था कि मीडिया-वीडिया में हल्ला मचा देंगे और इस बात को नहीं मानेंगे कि शहिद आफरीदी ने टेम्पेरिंग जैसी कोई हरकत की है.
लेकिन आफरीदी जी ने क़ुबूल करके सब गड़बड़ कर दिया.
आफरीदी जी ने क़ुबूल भी बड़े मस्त अंदाज़ में कहा. बोले; "इल्लीगल तो है जी. लेकिन वो क्या है न कि फ्रस्ट्रेशन थी जी. पाकिस्तान टीम एक भी मैच जीत नहीं पा रही थी." इतना कहने के बाद शायद उन्हें लगा होगा कि ये क़ुबूल करना तो एक तरफ़ा हो रहा है इसलिए फट से बोले; "और वैसे भी जी, दुनियाँ की हर टीम करती है जी, बाल टेम्पेरिंग."
कहने का मतलब यह कि मुल्क के लिए जो करें कम है जी.
बाल टेम्पेरिंग करके उन्होंने बता दिया कि टीम के न जीतने की दशा में कुछ न कुछ किया जा सकता है. पिच को स्पाइक से खोदने का काम वे पहले ही कर चुके थे. गाली-वाली देकर भी टीम को जिताने का प्रयास कर ही लिया था. अब बाल टेम्पेरिंग भी आजमा लिया.
आगे अगर इसे बढ़ाएंगे तो क्या-क्या आजमा सकते हैं?
अब पाकिस्तान में तो वैसे भी कोई खेलने नहीं जाता. इन्हें खेलना होगा तो किसी और देश में जाना ही पड़ेगा. देखेंगे कि किसी दौरे पर पकिस्तान टीम मैच नहीं जीत पा रही है. कप्तान की समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाय? कौन सा दांव खेला जाय? डेढ़ सौ रन बनाकर खेल रहे बैट्समैन को आफरीदी अचानक बाल मारकर घायल कर देंगे.
अम्पायर पूछेगा कि यह क्या कर रहे हो तो आराम से बोल देंगे; "फ्रस्ट्रेशन है जी. मुल्क जीत नहीं पा रहा है जी. क्या करें जी? मानता हूँ इल्लीगल है लेकिन जीतने के लिए... मुल्क के लिए कुछ करना तो पड़ेगा जी...."
इन्ही वर्ल्ड नंबर वन के न खरीदे जाने पर अपने देश में इतना बड़ा बवाल हो गया. मीडिया ने आई पी एल को गाली दी. शाहरुख़ खान को शिवसेना वालों ने गाली दी. बुद्धिजीवियों ने टीम के मालिकों को गाली दी.मीडिया, सरकार, शाहरुख़, पत्रकार, बुद्धिजीवी और न जाने कौन-कौन हलकान हुए जा रहे थे.
Tuesday, February 2, 2010
इन्ही के लिए सब इतना हलकान है???
@mishrashiv I'm reading: इन्ही के लिए सब इतना हलकान है???Tweet this (ट्वीट करें)!
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अब सब लोग अपने यहाँ के लोगों जैसे थोड़े न होते हैं की किसी भी फ्रंट पर हार कर मुस्कुराते नजर आयेंगे....वे देशभक्त लोग हैं...ऐसे कैसे सस्ते में हार जायेंगे...और कुछ नहीं तो गेंद तो कुतर ही सकते हैं....
ReplyDeleteया फिर यह भी हो सकता है की हार की जलन से उन्हें जबरदस्त अपच हो जाती है,पेट अफ़र जाता हो और बेचैन बेचारे गेंद को हाजमोला का पर्याय बनाने को मजबूर हो जाते हों...
ऐसे आफरीदी तो इधर भी घोम रहे है जी.. जो फ्रस्ट्रेशन दूर करने के लिए इल्लीगल काम भी किये जा रहे है.. मैं तो कहता हूँ बाल टेम्पेरिंग के लिए इस पर केस कर दिया जाना चाहिए.. आखिर बाल की भी तो कोई भावना रही होगी.. और भावनाए तो आहत हो ही सकती है.. कुछ गलत तो नहीं कहा?
ReplyDeleteमीडिया, सरकार, शाहरुख़, पत्रकार, बुद्धिजीवी और न जाने कौन-कौन आप पर गलत बात लिखने के लिए मुकदमा कर सकते है.
ReplyDeleteक्या है महान खिलाड़ी वो भी नम्बर वन, कोई ऐरागेरा नहीं, उस पर आपने बॉल से छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया? ना जी ना आपको पता नहीं है. अफरीदी दाँत माँज रहा था. सुबह ब्रश करना भूल गया था. सारा ध्यान खेल पर रहेगा तब ब्रश करना कैसे याद रहेगा. तो मेदान पर दाँत माँज रहा था. आपको लगा बॉल खा रहा है. अभी पाक में इतनी भूखमरी भी नहीं आयी है. मालिक डालर देता है दाम में.
दाम में = दान में.
ReplyDelete@ कुश
ReplyDeleteबाल की भावना आहत होती होगी ज़रूर. सुना है इन्ही आहत भावनाओं के चलते आईसीसी एक नया रूल बना रही है जिसके तहत बाल को अधिकार दिया जाएगा कि वो उसके साथ छेड़-छाड़ करने वालों के कान के नीचे उछल कर एक कंटाप दे दे. कंटाप अगर असरदार न रहा तो फिर बाल को अधिकार दिया जाएगा कि वह अपनी आहत भावनाएं लेकर अदालत चली जाए और आफरीदी टाइप लोगों के ऊपर केस फाइल कर दे. हाँ, केस फाइल करने से पहले आफरीदी टाइप लोगों को नोटिस भेजना अनिवार्य है.
सुनता हूँ एक भूतपूर्व प्लेयर रो रहे थे के आज का टी वी है वर्ना पाकिस्तानियों के पास उस जमाने में अम्पायर के साथ बड़ी वाली रिवर्स स्विंग थी .
ReplyDeleteबाल से छेड़छाड़ ! यह कानून-व्यवस्था का मामला है ।
ReplyDeleteया फिर कहीं यह चूहों वाली हरकत तो नही़? आब वो क्रिकेट के मैदान में शेर तो रहे नहीं।
मीडिया, सरकार, शाहरुख़, पत्रकार, बुद्धिजीवी और न जाने कौन-कौन हलकान हुए जा रहे थे
ReplyDelete--ब्लॉगवाले भी. :)
देखो जी बात साफ़ है आफरीदी के पास लगातार हारने के बाद बाल बाल बचने के सिर्फ दो ही रास्ते थे जी...पहला ये के या तो वो अपने बाल नोच लेता और दूसरा ये के वो बाल टेम्परिंग कर देता...अब जी पहला चुनता तो उसका हुलिया ख़राब हो जाता उसकी लेडी फैन फालोइंग कम हो जाती...इसलिए उसने दूसरा वाला चुन लिया तो क्या गुनाह कर दिया...??? हैं जी? दूसरी बात ये भी थी के जी अगर बाल वो नोचता तो पकिस्तान में लोग उसे नोंचने लगते और कहते ओये तेरे से बाल नहीं टेम्परिंग होती थी जो सरे आम मैदान में अपने बाल नोचने लग गया...मुल्क की आबरू मिटटी में मिला दी....क्यूँ की बाल नोंचने के बाद क्या गारंटी थी की उसमें से जुएँ नहीं गिरतीं?...अफ़रीदी बिचारा...उसके वास्ते इधर कुआ था उधर खाई थी....उसने खाई में कूदना बेहतर समझा क्यूँ की वो कुएं से कम गहरी होती है...बिचारा...च च च च च...मारा गया ब्रहमचारी...(अगर शादीशुदा होता तो उसकी बीवी टी. वी. केमरे के सामने रो रो कर मुल्क की उन औरतों को तो जिनके नालायक खाविंद पी.सी.बी. के आला अफसर हैं, अपनी तरफ कर ही सकती थी, जो बाद में पी.सी.बी. में बैठे अपने खाविन्दों को "मेरी बात मान लो वर्ना देखो मैं रूठ जाउंगी...." का नाटक करके अफरीदी को माफ़ी दिलवा देतीं...काश ऐसा होता...टीम अब ये गीत गा रही है...." मगर ये हो न सका...मगर ये हो न सका और अब ये आलम है की हे आफरीदी तू नहीं तेरी जुस्तुजू भी नहीं...हार जायेंगे हम बिना तेरे हमें अब तेरे सहारे की आरज़ू भी नहीं....")
ReplyDeleteनीरज
जी अफ़रीदी ने कोई गलत काम नहीं किया है, उन्होंने तो जो अपने बड़ों से सीखा उसी को फ़ॉलो कर रहे थे… शाहरुख ने IPL में उनके प्रेरणास्रोत वसीम अकरम को बॉलिंग कोच बनाया है यानी अफ़रीदी की कमी नहीं खलेगी उन्हें…, बाकी जावेद मियांदाद, सरफ़राज़ नवाज़, इमरान खान (जो पॉलिटिक्स में टेम्परिंग करने से वंचित रह गये) की परम्परा निभाई है अफ़रीदी ने…। आप उन्हें दोष न दें… :)
ReplyDeleteबेचारे अफरीदी ने क्या बुरा किया ब्रेक फास्ट नहीं मिला था इसीलिए उसने गेंद खा ली .
ReplyDeleteकम से कम अफरीदी ने यह तो जता दिया की बाल टेम्पेरिंग का काम पहले से किया जाता रहा है . अभी तक लोग नाखूनों से बाल टेम्पेरिंग करते थे उसने बाल को मुंह से क़तर कर क्रिकेट जगत में एक नया अध्याय जोड़ दिया है .
ReplyDeleteमुझे आईपीएल टाइप मैच शुरू हुए तभी से क्रिकेट में भले लोगों ने दिलचस्पी छोड़ दी. हैरत है, आप अभी भी रुचि लेते हैं?
ReplyDeleteअब पता चला कि पाकिस्तानी बालर गेंद क्यों कुतरते थे. आशा है कि आप ऐसे ही भेद खोलते रहेंगे.
ReplyDeleteबाल नोचने के साथ खाने भी लगे... बताइए तो क्या ज़माना आ गया है ! सरे आम छेड़-छाड़... हद हो गयी.
ReplyDeleteपकड़ाये तो चोर वरना वन मे नाचे मोर्।
ReplyDeleteएक "बाल" अधिकार कानून की सख्त दरकार है :)
ReplyDeleteअफरीदी जी को बाल अपराध में अन्दर कर देना चाहिये | वैसे भी बुद्धि का स्तर बच्चों से बड़ा नहीं है अतः बच्चो की ही जेल में रखना ठीक रहेगा | पता नहीं बेईमानी करने की आदत कब जाएगी |
ReplyDeleteमिश्रा जी,
ReplyDeleteचलो, अच्छा हुआ कि बाल टेम्परिंग ही की है, बैट टेम्परिंग नही.
Ye gali kam dete hain, dusron ki publicity jyada karte hain. Rajniti-Film-Cricket men sab golmal hai bhai.
ReplyDeleteइन्ही (बॉल चाबू) वर्ल्ड नंबर वन के न खरीदे जाने पर अपने देश में इतना बड़ा बवाल हो गया. मीडिया ने आई पी एल को गाली दी. शाहरुख़ खान को शिवसेना वालों ने गाली दी. बुद्धिजीवियों ने टीम के मालिकों को गाली दी.मीडिया, सरकार, शाहरुख़, पत्रकार, बुद्धिजीवी और न जाने कौन-कौन हलकान हुए जा रहे थे.
ReplyDeleteसही कहा बंधू ।
इस खबर से कुछ अचम्भा नहीं हुआ!
ReplyDeleteजैसा देश वैसे खिलाड़ी.