मैं शिव की पिछले कुछ महीनों में ब्लॉग सक्रियता और लोकप्रियता में बढ़त से बहुत प्रभावित हूं। आज जब फीडबर्नर का आंकड़ा-ग्राफ देखा तो वास्तव में बहुत प्रसन्नता हुई। आप जरा यह ग्राफ देखें:
इसमें लाल लकीरें मैने इण्टरपोलेट की हैं। इसमें मुझे पहले कई प्लॉटॉओ (plateau -उच्च तल पर समतल) दीखते हैं:
सितम्बर’०७ से नवम्बर’०७ये प्लॉटॉओ बताते हैं कि विभिन्न दौरों में शिव ने काफी ब्लॉग-नींद निकाली!
जनवरी’०८ से मार्च’०८
मार्च’०८ से मई’०८
मई’०८ से जुलाई’०८ से कुछ पहले तक
पर उसके बाद तो पाठक/सबस्क्राइबर गतिविधि में तेज बढ़त नजर आती है। और उसके लिये मैं शिवकुमार मिश्र को बधाई देता हूं।
आप जरा इस ब्लॉग की सबसे अधिक पढ़ी गयी पोस्टों पर नजर डालें, जो फीडबर्नर ने बताई हैं:
यह मैं फीडबर्नर की साइट के चित्र से प्रस्तुत कर रहा हूं।
पोस्टों के लिंक निम्न हैं:
http://shiv-gyan.blogspot.com/2008/04/blog-post_25.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2008/05/blog-post_22.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2008/02/blog-post.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2008/04/blog-post_24.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2008/05/blog-post_17.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2008/05/blog-post_15.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2007/09/blog-post_24.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2007/10/blog-post_12.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2008/08/blog-post_28.html
http://shiv-gyan.blogspot.com/2008/05/blog-post_29.html
यह पोस्ट ज्ञानदत्त पाण्डेय ने प्रस्तुत की है। शिवकुमार मिश्र से बिना सलाह के। और इसे मेरी शिवकुमार की ब्लॉग-प्रगति पर मुग्धता का प्रतीक माना जाये!
बधाई। कुछ लड्डू-बड्डू का प्रायोजन कीजिए।
ReplyDeleteहार्दिक बधाईयाँ सर जी ! ग्राफ उतरोतर और
ReplyDeleteऊँचाइयों की तरफ़ बढे इन्ही शुभकामनाओं
के साथ ! ताऊ रामपुरिया !
कुछ ऐसा सा लगा कि बड़ा साहब दौरे पर आये और प्रगति दे्खकर संतुष्ट हुये। शिवकुमार मिश्र धांसू
ReplyDeleteलिखते हैं। उनको पढ़कर कुछ-कुछ वाक्य बहुत दिन तक याद रहते हैं- यथा, कामरेड माने जो काम की रेड़ लगा दे।
ब्लागर मित्रों की जनप्रियता देख कर खुशी होती है!
ReplyDeletebadhai ho mishra ji
ReplyDeleteशिव भाई को बहुत बधाई..पार्टी की घोषणा की जाये. अनेकों शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteशिव जी के लेखन का तो ऐसा कायल हुआ हूं कि एक पत्रिका ने मुझसे लेख मांगा छापने के लिए तो मैने फौरन शिव जी का ई मेल आई डी थमा दिया।
ReplyDeleteबधाई हो जी !
ReplyDelete- लावण्या
बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteबधाई हो बडे भाई, हमें विश्वास है कि 'दुर्योधन की डायरी' को तो अभी और उंचाईंयों पर जाना है एवं आपकी निरंतरता व लेखन क्षमता से ऐसे कई रिकार्ड बनने वाले हैं ।
ReplyDeleteबधाई हो जी, ग्राफ के बड़े बड़े शिखर बनें.
ReplyDeleteबहुत -बहुत बधाई।
ReplyDeleteबधाई और भविष्य की ढेर सारी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteShivji ko bahut badhai ki aap jaise hain unke bhai. pragati jari rahe yahi shubhechcha
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