मेरे एक ब्लॉगर मित्र हैं. अंग्रेजी के मशहूर ब्लॉगर हैं. एक दिन बातचीत के दौरान हिंदी में लिखने की बात पर उन्होंने कहा; "मेरी हिंदी राइटिंग बढ़िया नहीं है. मुझे पहले उसे सुधारना पड़ेगा." मैंने सोचा कि अगर वे हिंदी में कोई पोस्ट लिखते तो कैसे लिखते?
शायद ऐसे;
गमले के साथ अपना करतब दिखाती ज्योति जी
बिहार की ज्योति कुमारी द्वारा गमलों के साथ दिखाए गए उनके करतब की वजह से देश में चारों तरफ बदलाव दिखाई दे रहा है. सबसे पहले तो उनका नाम ही चेंज हो गया. अब उन्हें लोग गमला आंटी कहने लगे हैं. विरोध के उनके इस तरीके पर वे प्रधानमन्त्री का थम्ब्स-अप डिजर्व करती थी इसलिए प्रधानमंत्री ने उन्हें थम्ब्स-अप दिया.
ज्योति कुमारी जी को थम्ब्स अप देते प्रधानमंत्री
लालू प्रसाद जी ने विरोध के इस तरीके पर ज्योति जी को बधाई देते हुए कहा; "लोकतंत्र में विरोध का ई नया तरीका ठीके है. विरोध से लोकतंत्र जो है, ऊ मज़बूत होता है.जेतना ज्यादा बिरोध, ओतना मज़बूत लोकतंत्र. हमको पूरा बिश्बास है कि आनेवाला दिन में एक तरफ तो बिरोध का ई तरीका पापुलर और होगा और दूसरा तरफ भारत का लोकतंत्र. लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए हमारी पार्टी भी ई तरीका अपनाएगी. एही तरीका का सहायता से हम नीतीश कुमार को बिहार से उखाड़ देंगे."
विरोध के नए तरीके के बारे में बात करते लालू प्रसाद जी
लालू जी की बात से प्रभावित होकर कांग्रेस ने फटाफट सी डब्ल्यू सी की एक महत्वपूर्ण मीटिंग बुलाई. उस मीटिंग में दो रिजोल्यूशन पास हुए. पहला यह कि; "पार्टी को जल्द से जल्द विरोध के इस तरीके का का पेटेंट अपने नाम में करवा लेना चाहिए. पहचान के लिए इस तरीके को 'टेकिंग द फ्लावर पाट शाट' का नाम दिया जाय". दूसरा रिजोल्यूशन यह था कि; "ज्योति कुमारी का नाम साल २०१० के पद्म पुरस्कारों के लिए सरकार को भेजा जाय."
कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी को पेटेंट के बारे में सलाह देते वित्तमंत्री
बाद में कांग्रेस के प्रवक्ता और कानूनी सलाहकार मनीष तिवारी ने मीडिया को एड्रेस करते हुए बताया कि; "एक बार विरोध के इस नए तरीके का पेटेंट पार्टी के नाम हो जाएगा तो उसके बाद दूसरी पार्टियों के नेता विरोध के इस तरीके का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. अगर कोई पार्टी इस्तेमाल करना ही चाहती है तो उसे कांग्रेस पार्टी को फीस देनी पड़ेगी."
उधर कामनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाडी ने गमला तोड़ने को कामनवेल्थ गेम्स में एक नए कम्पीटीशन के रूप में शामिल करने के लिए हामी भर दी. सुरेश कलमाडी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि; "अक्टूबर में होनेवाले कामनवेल्थ गेम्स में विधानसभा और लोकसभा के मॉडल बनाये जायेंगे और उसके सामने यह गमला तोड़ खेल का आयोजन होगा. इसमें भाग लेने के लिए सत्रह देशों के विपक्षी नेताओं ने हामी भर दी है."
सुरेश कलमाडी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के बाद देश के शहरों में अखिल भारतीय गमला बचाओ समिति के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. समिति के अध्यक्ष नरोत्तम कालसखा ने कहा; "इस तरह के बर्ताव से देश के सभी गमलों के लिए खतरा पैदा हो गया है. अगर इसी तरह से गमले तोड़े जाते रहे तो एक दिन भारत बिना गमलों का देश होकर रह जाएगा. हम सरकार के ऊपर दबाव डालेंगे कि वह गमलों की सुरक्षा के लिए एक नए अर्धसैनिक बल का गठन करे."
अपनी मांग रखने के बाद कालसखा जी ने आमरण अनशन शुरू कर दिया. करीब तीन दिनों के उनके आमरण अनशन के बाद सरकार ने अखिल भारतीय गमला बचाओ समिति की मांगे मान ली हैं. आज रक्षामंत्री श्री ए के एंटोनी ने घोषणा में बताया कि; "सरकार 'फ्लावर पाट रायफल्स-सिक्सटींथ बटालियन ' का गठन करेगी जिसके ऊपर देश के गमलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रहेगी."
नए अर्धसैनिक बल के गठन की जानकारी देते रक्षामंत्री ए के एंटोनी
वैसे नरोत्तम कालसखा के इस शक को तब और बल मिला जब इंडिया टीवी के ज्योतिषाचार्य श्री इंदु प्रकाश जी ने बताया कि; "उत्तर प्रदेश में अगले सात महीने तक १०:२६ से ११:५३ तक राजधानी लखनऊ में राहुकाल रहेगा. इसका सबसे बड़ा असर विधानसभा के सामने रखे गमलों पर पड़ेगा. प्रदेश की कुंडली देखकर मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि आनेवाला वर्ष प्रदेश के गमलों के लिए अशुभ है."
गमलों का भविष्य और राहुकाल की जानकारी देते ज्योतिषाचार्य श्री इंदु प्रकाश जी महाराज
गमलों की रक्षा के बारे में सुझाव देते हुए उन्होंने बताया कि;"अगर सभी गमलों का मुँह पूरब दिशा की ओर रखा जाय और एक गमले से दूसरे गमले के बीच की दूरी इक्कीस इंच दो सेन्टीमीटर रखी जाय तो गमलों की रक्षा हो सकेगी."
जब उनसे यह पूछा गया कि; "गमलों का मुँह किसे कहते हैं?" तो उन्होंने सवाल के जवाब में कहा कि इसके लिए उन्हें गमलों की कुंडली देखनी पड़ेगी. पूरा देश उनके द्वारा गमलों की कुंडली देखने इंतज़ार कर रहा है.
ज्योतिषाचार्य इंदु प्रकाश की बात को सपोर्ट करते हुए कृषिमंत्री शरद पवार ने कहा; "मैं कोई ज्योतिषी तो नहीं हूँ लेकिन मुझे लगता है कि अगले महीने ही देश में गमलों की कमी हो जायेगी और उसकी वजह से गमलों की कीमत करीब चालीस परसेंट बढ़ जायेगी."
शरद पवार की इस बात से प्रभावित होकर देश के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप रिलायंस ने कंपनी के बिजनेस डाईवर्सीफिकेशन को आगे बढ़ाते हुए गमला मैन्यूफैक्चरिंग में कदम रखने का फैसला किया है. रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अम्बानी ने बताया कि कंपनी पहले चरण में देश में आठ जगह गमला बनाने का कारखाना खोलेगी. उन्होंने यह भी बताया कि; " दूसरे चरण में इस बिजनेस के फारवर्ड इंटीग्रेशन के रूप में कंपनी फूलों की खेती भी करेगी."
अपने मित्र बिल गेट्स को भारतीय गमला सेक्टर में अपने इन्वेस्टमेंट का प्लान समझाते वारेन बफेट
रिलायंस द्वारा गमला मैन्यूफैक्चरिंग में कदम रखने के बाद अमेरिकी राकेश झुनझुनवाला के नाम से मशहूर विख्यात निवेशक वारेन बफेट ने भी भारतीय गमला सेक्टर में निवेश करने का फैसला किया है. वारेन बफेट इस बात से उत्साहित हैं कि सरकार ने गमला सेक्टर में फारेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की सीमा बढ़ाकर ४९% कर दी है. पहले चरण में वारेन बफेट भारत के गमला सेक्टर में करीब पाँच करोड़ डालर का इन्वेस्टमेंट करेंगे.
नेट प्रैक्टिस के दौरान ही गमला सेक्टर में डिस्ट्रीब्यूशन का प्लान बनाते जडेजा और युवराज
एक अनुमान के अनुसार भारत में गमलों का बाज़ार अगले दो साल में बढ़कर कुल पाँच हज़ार करोड़ का हो जाएगा जिसमें रिलायंस के पास कुल बाज़ार का पैंतालीस प्रतिशत हिस्सा रहने की उम्मीद है. इस प्रोजेक्शन की वजह से अन्य क्षेत्रों के लोग भी किसी न किसी तरह से गमलों के व्यवसाय से जुडना चाहते हैं.
कल एक प्रेस कांफेरेंस में क्रिकेटर रविद्र जडेजा ने बताया कि वे युवराज सिंह के साथ मिलकर गमला डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में कदम रखेंगे. ज्ञात हो कि जडेजा और युवराज सिंह पिछले कई मैचों से ख़राब फॉर्म से जूझ रहे हैं और उन्हें चिंता है कि कभी भी उनको टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
कल मुंबई में हुए एक समारोह में प्रसिद्द कमोडिटी ट्रेडर जिम रोजर्स ने इस बात पर बल दिया कि आनेवाले समय में भारतीय कमोडिटी मार्केट में गमलों की फ्यूचर ट्रेडिंग पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि; "इट्स वेरी इम्पार्टेंट फॉर इंडियन कमोडिटीज मार्केट दैट फ्लार पोट्स आर ट्रेडेड ऐट कमोडिटी एक्सचेंजेज..आई वुड अपील टू फारवर्ड मार्केट कमीशन टू इनक्लूड इट ऐज अ कमोडिटी फॉर ट्रेडिंग ऐट कमोडिटी मार्केट्स. इफ डन, इंडियन कमोडिटीज मार्केट्स वुड बीकम एम्पली डाइवर्सीफाइड.."
अब तो मुझे भी यही लगता है कि आनेवाले दिनों में भारत गमलों का देश होकर रहेगा और न केवल भारतीय लोकतंत्र में बल्कि व्यापार में,. राजनीति में, खेलों में, और समाज में गमलों की भूमिका महत्वपूर्ण होती जायेगी. लेकिन मुझे इससे क्या? मैं तो आज भी भारतीय शेयर बाज़ार का बादशाह हूँ और कल भी रहूँगा.